Wednesday, June 18, 2025
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सीएम धामी की प्रेरणा से डीएम ने एक ही स्ट्रोक में 14 अनाथ बौद्धिक अक्षम दिव्यांग बालिकाओं को दिलवाया नया उच्च स्तरीय आशियाना

दिव्यांग अनाथ बालिकाओं के पुनर्वास की जरूरत पड़ी, तो करना पड़ा प्रशासन को दलबल से हस्तक्षेप

उच्च अधिकारियों को बालिकाओं संग रेफल होम भेज विधिवत् सेटल कराया नये घर में।

जिला प्रशासन की सख्ताई का असर प्रत्यक्ष;पूर्ण, प्रभावी 14 दिव्यांग अनाथ बालिकाओं को बंद होने जा रही सत्य साईं आश्रम से राफैल होम संस्था में विधिवत् कराया दाखिल

Specially abled  बालिकाओं को संस्थाओं द्वारा एडमिशन न देने पर डीएम ने बिठाई थी उच्च स्तरीय जांच

डीएम के तेवर सख्त; पंजीकरण, गांरटी, अन्डरटेकिंग यदि प्रशासन की जिम्मेदारी तो, दिव्यांग असहाय अनाथ बच्चों के शोषण, अधिकारों का हनन अग्राहाय,

मानव मूल्य प्रथम; सेवा के नाम पर लिया पंजीकरण, धन उगाई को कुतंत्र न बनाएं संस्थाएं

जो एक दस्तखत इन संस्थाओं के संचालन पालन हेतु करोड़ों का धन दिलवा सकता है तो वही दस्तखत शर्तों का अनुपालन करवाने में भी सक्षमः

संस्थाओं का पंजीकरण धनराशि सहायता की संस्तुति; आपका दस्तखत महज इतिश्री नहीं, उन पर निर्भर है सैकड़ो दिव्यांग असहाय का जीवन

जो नियम कानून नैतिकता से बाहर उन पर प्रशासन जल्द करेगा प्रहार,

देहरादून 16 जून, 2025(सू.वि.), जिलाधिकारी सविन बंसल  एवं  उनकी  कोर टीम के प्रयासों से 14 Specially abled बालिकाओं  को अब उनका नया आशियाना मिल गया है। अब इन बच्चों को सत्य साईं आश्रम से राफेल होम संस्था में शिफ्ट किया गया। ज्ञातब्य है कि सत्य साईं आश्रम अपने निजी एवं आर्थिक कारणों से बन्द हो रहा है तथा बच्चों को संस्था में रखने को असमर्थ था।
मा0 मुख्यमंत्री की प्रेरणा से डीएम ने एक ही स्ट्रोक में 14 अनाथ बौद्धिक अक्षम दिव्यांग बालिकाओं को दिलवाया नया उच्च स्तरीय आशियाना दिव्यांग अनाथ बालिकाओं के पुनर्वास की जरूरत पड़ी, प्रशासन को दलबल से हस्तक्षेप करना पड़ा। उच्च अधिकारियों को बालिकाओं संग रेफल होम भेज विधिवत् सेटल कराया। जिला प्रशासन की सख्ताई का असर प्रत्यक्ष;पूर्ण, प्रभावी रहा 14 दिव्यांग    बालिकाओं को बंद होने जा रही सत्य साईं आश्रम से राफैल होम संस्था में विधिवत् दाखिल कराया Specially abled बालिकाओं को संस्थाओं द्वारा एडमिशन न देने पर डीएम ने बिठाई थी उच्च स्तरीय जांच। डीएम के तेवर सख्त; कहा पंजीकरण, गांरटी, अन्डरटेकिंग यदि प्रशासन की जिम्मेदारी तो, दिव्यांग असहाय अनाथ बच्चों के शोषण, अधिकारों का हनन अग्राहाय। डीएम ने कहा मानव मूल्य प्रथम; सेवा के नाम पर लिया पंजीकरण, धन उगाई को कुतंत्र न बनाएं संस्थाएं। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि जो एक दस्तखत इन संस्थाओं के संचालन पालन हेतु करोड़ों का धन दिलवा सकता है तो दस्तखत शर्तों का अनुपालन करवाने में भी सक्षम है। संस्थाओं का पंजीकरण धनराशि सहायता की संस्तुति; आपका दस्तखत महज इतिश्री नहीं, उन पर निर्भर है सैकड़ो दिव्यांग असहाय का जीवन। जो नियम कानून नैतिकता से बाहर उन पर प्रशासन प्रहार करने की तैयारी में है।
जिलाधिकारी के संज्ञान में आते जिला प्रशासन ने बालिकाओं को स्थानान्तरित करने की तैयारी तेज कर दी थी, जिसके फलस्वरूप Specially abled बालिकओं को जिला प्रशासन के वाहन से उनके नए आशियाने राफेल होम संस्था तक पहुंचाया गया। संस्था द्वारा बच्चों की पढ़ाई एवं भोजन की व्यवस्था संस्था द्वारा वहन की जाएगी। जिलाधिकारी ने अपनी कोर टीम मुख्य विकास अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जो संस्थाएं कार्य कर रही है उनको जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता की जाएगी। उन्होंने संस्थाओं से अनुरोध किया कि संस्थाएं रजिस्ट्रेशन के समय पर जो सुविधा फैसिलिटी स्टॉफ दर्शाते हैं वह हर समय रहना चाहिए, जिला प्रशासन से जो भी सहयोग की अपेक्षा होगी जिला प्रशासन इसके लिए सदैव तत्पर है।
बाल संरक्षण समिति की अध्यक्ष श्रीमती नमिता मंमगाईं ने बताया कि डीएम के प्रयास से जरूरतमंद बच्चों के जीवन को नई दिशा मिल रही है। उन्होंने जिलाधिकारी के असहाय दिव्यांग, बजुर्ग, महिलाओं के उत्थान हेतु किए जा रहे प्रयासों की सरहाना की।
इससे पूर्व समाज कल्याण विभाग में दिव्व्यांग कल्याण को पजीकृत संस्थाओं द्वारा जिले की दिव्यांग बालिकाओं को सेन्टर में दाखिला न दिए जाने का ताजा मामला प्रकाश में आया था। इससे क्षुब्ध होकर डीएम ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए सभी तथ्यों पर 10 बिंदुओं पर जांच करने हेतु उच्च स्तरीय समिति बिठाई है। समिति निर्धारित समयावधि में अपनी जांच आख्या प्रस्तुत करने के कड़े निर्देश दिए हैं मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर संस्थाओं का पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा। वहीं डीएम ने समाज कल्याण अधिकारी एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी को अधिकारियों का पाठ पढाते हुए कहा कि महज हस्ताक्षर, संस्तुति देने तक ही सीमित न रहे अपने अधिकारियों को पहचाने  तथा मानव कल्याण को सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कडे़ शब्दों में कहा कि दिव्यांग असहायों का शोषण व अधिकारों का हनन बर्दाश्त नही किया जाएगा ऐसा करने वालों के विरूद्ध सख्त एक्शन लिया जाएगा। ज्ञातब्य है कि यह संस्थाए दिव्यांग असहायों के कल्याण, शिक्षा एवं उपचार के नाम पर राज्य एवं केन्द्र सरकार सहित विदेशी फंडिंग प्राप्त करती है, जो संसाधन, चिक्सिक, टीचर्स, विशेषज्ञ, मानवश्रम, स्टॉफ आदि  पंजीकरण के दौरान अभिलेखों में दर्शाए जाते हैं वह मौके पर नही होते तथा बच्चों की जो संख्या बताई जाती है वह नही होती है। बाल संरक्षण समिति की अध्यक्ष श्रीमती नमिता ममंगाई, पियो लाल राफैल होम, संदस्य  नीता कांडपाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सहित साई आश्रम के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड-एनसीआर अफीम तस्करी रैकेट का भंडाफोड़, 4.5 किलो अफीम के साथ दो तस्कर गिरफ्तार

मेरठ पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की संयुक्त कार्रवाई में एक अंतरराज्यीय अफीम तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने दो तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 4.5 किलो अफीम बरामद की है। यह अफीम उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और एनसीआर के इलाकों में सप्लाई की जा रही थी।

पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वे लंबे समय से मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल थे और उत्तराखंड के कई जिलों में इनकी नियमित डिलीवरी होती थी। पुलिस अब तस्करी के इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है।

🚓 पुलिस का बयान:

एसएसपी मेरठ ने बताया कि यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई और जल्द ही इस गिरोह के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। बरामद अफीम की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लाखों में आंकी गई है।

📌 मुख्य बिंदु:

  • 4.5 किलो अफीम बरामद
  • दो तस्कर गिरफ्तार
  • उत्तराखंड, यूपी, एनसीआर में सप्लाई
  • STF और मेरठ पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
  • जांच जारी, अन्य आरोपियों की तलाश

👉 राज्य पुलिस ने चेतावनी दी है कि नशे के कारोबार में लिप्त किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हेलीकॉप्टर हादसा: केदारनाथ से गुप्तकाशी जा रहा हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ से गुप्तकाशी की ओर जा रहा एक हेलीकॉप्टर आज अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के वक्त हेलीकॉप्टर में पायलट सहित सात लोग सवार थे, सभी लोग नहीं बच पाए। जानकारी के मुताबिक हादसा लगभग रविवार सुबह 5.17 बजे आर्यन कंपनी से हुआ जिसमे 6 श्रद्धालु और एक पायलट सवार थे जिसमे सभी की मृत्यु हो गई । राहत और बचाव दल मौके पर रवाना कर दिए गए हैं। प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

गौरतलब है कि चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं का व्यापक उपयोग होता है, ऐसे में इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

आईटीबीपी के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर मुख्यमंत्री ने किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत हुए सभी यात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। विमान दुर्घटना में दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आईटीबीपी के वीर जवानों, अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह अभियान न केवल साहस और संकल्प का प्रतीक है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी का 45 सदस्यीय दल इस अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश होते हुए लद्दाख तक लगभग 1032 किलोमीटर की कठिन यात्रा करेगा। यह अभियान न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की निगरानी सुनिश्चित करेगा, बल्कि धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की पहचान तथा स्थानीय परंपराओं को प्रोत्साहित करने में भी सहायक सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि वीरभूमि उत्तराखंड से बड़ी संख्या में सेना और अर्धसैनिक बलों में सेवा करने वाले वीर जवान देश की रक्षा में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, वर्ष 1962 से लगातार देश की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ आपदाओं के समय भी राहत व बचाव कार्यों में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सशस्त्र बलों के सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत ने एक बार फिर साबित किया कि देश की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया गया है, वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली धनराशि में वृद्धि की गई है, और बलिदानियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी में समायोजन की अवधि को दो वर्ष से बढ़ाकर पाँच वर्ष कर दिया गया है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों को सरकारी बसों में निशुल्क यात्रा, संपत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट, और बेटियों के विवाह हेतु विशेष अनुदान जैसी योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।

आईजी आईडीबीपी श्री संजय गुंज्याल ने कहा कि हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान के तहत आईटीबीपी का दल कुल 1032 किमी की दूरी तय करेगी। इसमें दल 27 घाटियों और 27 दर्रों को पार करेगा। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ ही वाइब्रेंट विलेज क्षेत्रों में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस ट्रेकिंग रूट में कुल 84 वाइब्रेंट विलेज आयेंगे। इस दौरान अभियान दल द्वारा स्थानीय लोगों को 3.5 लाख फलदार पौधे भी वितरित किए जाएंगे।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, सचिव गृह श्री शैलेश बगौली, डीजीपी श्री दीपम सेठ, आईजी आईटीबीपी श्री गिरीश चन्द्र उपाध्याय एवं आईटीबीपी के जवान मौजूद थे।

लगभग 900 बीघा भूमि पर जिला प्रशासन ने लिया अपना कब्जा

प्रदेश के बाहर के व्यक्तियों द्वारा देहरादून में बिना अनुमति भूमि क्रय या अनुमति लेकर क्रय भूमि का उचित उपयोग न करने पर जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई।

बीघों के बीघों पर अनुमति विपरित कंस्ट्रक्शन या बंजर करने पर प्रशासन फ्रंटफुट पर

धारा 166,167 अंतर्गत शेष बची 200 बीघा भूमि पर भी कब्जा वापसी शुरूः डीएम

भू नियम की शक्तियों का इस्तेमाल कर भू-कपट दुस्साहस, भ्रष्टता को धराशायी करता जिला प्रशासन

15 जुलाई तक सभी जमीनों पर होगी प्रशासन की परचम।

राज्य की भूमि का जन समृद्धि के लिए ही हो उपयोग; इसके लिए प्रशासन प्रतिबद्धःडीएम

राज्य भू-कानून के उल्लंघन यानि हमारी अधिकारिक जिम्मेदारी का उल्लंघन

राज्य सम्पति का उपयोग राज्य की समृद्धि के मा0 मुख्यमंत्री के संकल्प को धरातल पर उतारता जिला प्रशासन

900 बीघा भूमि ऑलरेडी कर ली हैं निहित

कोर्ट कार्य की गई फास्ट ट्रेकः डीएम

166, 167 की कार्यवाही सिर्फ नोटिस तक सीमित नहीं,

प्रशासन है जनसंपत्ति का अभिरक्षकः डीएम

जिले में लगभग 260 प्रकरणों पर कार्यवाही करते हुए 900 बीघा भूमि सरकार में निहित

लगभग 75 प्रकरण गतिमान 200 बीघा भूमि शेष, जिस पर 30 दिन के भीतर निस्तारण का है लक्ष्य

सरकार लैंडस्केम को लेकर संवेदनशील, उच्च प्राथमिकता पर रखकर कार्य करें अधिकारीः

समन तामिली में ना हो समय बर्बाद, समाचार पत्रों में प्रकाशित कराएं विज्ञप्ति

पर्याप्त सुनवाई का अवसर दे दिया है तो अंतिम आदेश रोकने का कोई अवसर नहींः डीएम

धारा 166,67 के वादों का त्वरित करें निस्तारण लंबित न रखें तिथि लगाकर करें निस्तारित

पटवारी की रिपोर्ट सीधे न भेंजे अपनी संस्तुति लिखे एसडीएम/ तहसीलदारः

सरकारी कार्य में बाधा डालने वाले अधिकारी कार्मिक के विरूद्ध सख्त एक्शन।

देहरादून दिनांक 13 जून , 2025(सू.वि.), जिलाधिकारी सविन बसंल की अध्यक्षता आज ऋषिपर्णा सभागार कलेक्टेªट में उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154, 4(3) क, ख एवं बिना अनुमति के 250 वर्ग मी0 से अधिक भूमि क्रय के उल्लंघन के प्रकरणों में गतिमान धारा 166/167 की कार्यवाही पर अद्यतन प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया कि उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154, 4(3) क, ख एवं बिना अनुमति के 250 वर्ग मी0 से अधिक भूमि क्रय के उल्लंघन के प्रकरणों में गतिमान धारा 166/167 की कार्यवाही पर लगाकर त्वरित निस्तारण कराएं। उन्होंनें कहा कि सरकार लैंडस्केम मामलों संवेदनशील है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि शमन तामिली प्रक्रिया हो त्वरित करें समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित कराते हुए कार्यवाही तामिली कराएं, पर्याप्त अवसर देने तथा सुनवाई करने के उपरान्त निर्णय लें इस कार्यवाही में समय न लगाएं।
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर बाहरी व्यक्ति जिन्होंने नियमों का उल्लंघन करके और तथ्य छुपाकर देहरादून एवं उसके आसपास के इलाकों में भूमि क्रय की है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इन लोगों ने अन्य कार्यों के लिए अनुमति लेकर भूमि का उपयोग होमस्टे या फार्म हाउस आदि बनाकर अपने ऐशोआराम व अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है। जिससे उत्तराखंड के नागरिकों को जहां भूमि नहीं मिल रही है और दूसरी ओर भूमि के दाम आसमान छू रहे है। कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर ऐसे लोगों की भूमि राज्य सरकार में निहित करने की कार्रवाई की जा रही है। देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत को बचाने और पर्यावरण संरक्षण एवं राज्य के नागरिकों के हित में मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशन में उत्तराखंड में नया भू-कानून लागू किया गया है। सख्त भू-कानून लागू होने से अनियंत्रित भूमि खरीद और बिक्री पर रोक लगी है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जिला प्रशासन इसमें पूरी सजगता से काम कर रहा है।
ज्ञातब्य है कि धारा 154, 4(3) क, ख एवं बिना अनुमति के 250 वर्ग मी0 से अधिक भूमि क्रय के उल्लंघन के प्रकरणों में गतिमान धारा 166/167 के मामलों लगभग 260 से अधिक मामलों पर कार्यवाही करते हुए 900 बीघा भूमि राज्य सरकार में निहित कर ली है तथा लगभग 75 से 80 प्रकरण लम्बित हैं जिनमें 200 बीघा भूमि शेष है पर 30 दिन में सुनवाई पूर्ण करते हुए निस्तारण का लक्ष्य रखा गया है। जिले में उत्तराखण्ड उत्तरप्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154 के कुल प्रकरण अन्तर्गत अन्तर्गत 260 प्रकरणों पर कार्यवाही करते हुए 900 बीघा भूमि राज्य सरकार में निहित की गई।
मा0 मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में भू कानून को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय। जिलाधिकारी सविन बसंल ने समस्त उप जिलाधिकारियों को अपनी-अपनी तहसील अन्तर्गत धारा 154 (4)(3)(क) और 154 (4)(3)(ख), 166/167 के उल्लंघन के शेष मामलों पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए गए है।
लगभग 900 बीघा भूमि पर जिला प्रशासन ने लहराया अपना परचम लहरा दिया है। प्रदेश के बाहर के व्यक्तियों द्वारा देहरादून में बिना अनुमति भूमि क्रय या अनुमति लेकर क्रय भूमि का उचित उपयोग न करने पर जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई। बीघों के बीघों पर अनुमति विपरित कंस्ट्रक्शन या बंजर करने पर प्रशासन फ्रंटफुट परधारा 166,167 अंतर्गत शेष बची 200 बीघा भूमि पर भी कब्जा वापसी शुरू कर दी है। भू नियम की शक्तियों का इस्तेमाल कर भू-कपट दुस्साहस, भ्रष्टता को धराशायी करता जिला प्रशासन। 15 जुलाई तक सभी जमीनों पर होगी प्रशासन परचम की तैयार कर ली है। डीएम ने कहा कि राज्य की भूमि का जन समृद्धि के लिए ही हो उपयोग; इसके लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। राज्य भू-कानून के उल्लंघन यानि हमारी अधिकारिक जिम्मेदारी का उल्लंघन है। राज्य सम्पति का उपयोग राज्य की समृद्धि के मा0 मुख्यमंत्री के संकल्प को जिला प्रशासन धरातल पर उतार रहा है। 900 बीघा भूमि ऑलरेडी कर ली हैं निहित कर ली गई है। डीएम ने कोर्ट कार्य की गई फास्ट ट्रेक करने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन है जनसंपत्ति का अभिरक्षक बन कार्यवाही कर रहा है। जिले में लगभग 260 प्रकरणों पर कार्यवाही करते हुए 900 बीघा भूमि सरकार में निहित कर ली गई है। लगभग 75 प्रकरण गतिमान 200 बीघा भूमि शेष, जिस पर 30 दिन के भीतर निस्तारण का है लक्ष्य रखा गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार लैंडस्केम को लेकर संवेदनशील, उन्होंने उच्च प्राथमिकता पर रखकर कार्य करने के अधिकारियों को निर्देश दिए है। डीएम ने समन तामिली में ना हो समय बर्बाद, समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित कराते हुए तेजी से कार्यवाही के निदेश दिए है। डीएम ने कहा कि पर्याप्त सुनवाई का अवसर दे दिया है तो अंतिम आदेश रोकने का कोई अवसर नहीं हैं कार्यवाही करें। उन्होंने धारा 166,67 के वादों का त्वरित करें निस्तारण लंबित न रखें तिथि लगाकर करें निस्तारित करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों तहसीलदारों को वसूली बढाने तथा अपनी-अपनी तहसील के 10 बड़े बकायेदारों वसूली की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। विविध देय वसूली देहरादून अन्तर्गत 30.84 प्रतिशत्, विकासनगर 14.51 प्रतिशत, ऋषिकेश 20.26 प्रतिशत् त्यूनी 7.87 प्रतिशत, कालसी 3.43 प्रतिशत्, चकराता 03 प्रतिशत् डोईवाला 11.93 प्रतिशत् रही, जिस पर वसूली बढाने के निर्देश दिए। साथ राजस्व अमीनों के साथ निरंतर बैठक करते हुए राजस्व वसूली योजना के अन्तर्गत कार्यवाही कर राजस्व वसूली बढाएं। जिलाधिकारी ने तहसील अन्तर्गत पीएम किसान योजना अन्तर्गत अंश निर्धारण के निर्देश दिए।
बैठक में अपर जिलधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के.के मिश्रा, उप जिलाधिकारी सदर हरिगिरि, डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, मुख्यालय अपूर्वा सिंह, उप जिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार, उप जिलाधिकारी न्याय कुमकुम जोशी, तहसीलदार सदर सुरेन्द्र देव, तहसीलदार चमन सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे तथा उप जिलाधिकारी ऋषिकेश योगेश मेहर, तहसीलदार चकराता/त्यूनी सुशीला कोठियाल वचुअल माध्यम से जुड़े रहे।

मानव–वन्यजीव संघर्ष में उत्तराखंड सरकार ने दिया ₹19.5 करोड़ का मुआवजा: सीएम धामी

उत्तराखंड में बढ़ते मानव–वन्यजीव संघर्ष को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने वर्ष 2024–25 के दौरान पीड़ित परिवारों को ₹19.5 करोड़ का मुआवजा प्रदान किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह जानकारी एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में दी, जिसमें वन विभाग और जिला अधिकारियों को इस दिशा में और अधिक संवेदनशील व त्वरित कार्य करने के निर्देश दिए गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्यजीवों के हमलों से प्रभावित परिवारों की सहायता राज्य की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने वन अधिकारियों को निर्देशित किया कि मुआवजा वितरण में देरी न हो और डिजिटल पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता बनाए रखी जाए।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मानव–वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए दीर्घकालिक योजनाओं पर भी बल दिया, जिनमें शामिल हैं:

  • संवेदनशील क्षेत्रों में सौर बाड़बंदी और चेतावनी प्रणाली
  • मानव–वन्यजीव ट्रैकिंग सिस्टम की स्थापना
  • स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षण और सहायता

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले 10 वर्षों के लिए एक इको-टूरिज़्म और संरक्षण योजना भी तैयार की जा रही है, जिससे न केवल वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को आजीविका के नए अवसर भी प्राप्त होंगे।

सरकार के इस प्रयास से न केवल पीड़ित परिवारों को राहत मिली है, बल्कि वन्यजीवों के साथ सुरक्षित सहअस्तित्व की दिशा में एक ठोस कदम भी उठाया गया है।

स्वच्छता अभियान को नया संकल्प: “हर स्ट्रीट, हर गांव में स्वच्छता” – सीएम धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यव्यापी स्वच्छता अभियान को नए स्तर पर ले जाने का ऐलान किया है। उन्होंने “स्वच्छता हर स्ट्रीट, हर गांव” के संकल्प के साथ सभी नगर निकायों, पंचायतों और प्रशासनिक इकाइयों को मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “जहाँ मैं रुकता हूँ, वहाँ स्वच्छता अभियान भी चलता है। यह सिर्फ़ एक प्रतीक नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी है।” उन्होंने अधिकारियों से कहा कि साफ‑सफाई अब केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक जन-आंदोलन होना चाहिए।

मुख्यमंत्री धामी ने यह भी स्पष्ट किया कि स्वच्छता का मूल्यांकन अब केवल शहरों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि हर गांव, हर मोहल्ले और हर गली तक इसका विस्तार किया जाएगा। इसके लिए ग्राउंड स्तर पर निगरानी टीमों, स्थानीय स्वयंसेवकों और युवाओं की भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

इस अभियान का उद्देश्य न केवल पर्यावरणीय स्वच्छता है, बल्कि उत्तराखंड को ‘स्वस्थ और स्वच्छ राज्य’ के रूप में स्थापित करना भी है। आने वाले दिनों में नियमित सफाई अभियानों, जागरूकता रैलियों और सामुदायिक भागीदारी के ज़रिये इस मुहिम को जन-आंदोलन का रूप दिया जाएगा।

हेलीकॉप्टर सेफ़्टी में कड़े निर्देश: सीएम धामी ने दिए डुअल इंजन और वेदर कैमरा अनिवार्यता के आदेश

चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकॉप्टर सेवाओं के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हाल ही की सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अब चारधाम मार्गों पर केवल डुअल इंजन हेलीकॉप्टर ही संचालन में लाए जाएं।

साथ ही मौसम की सटीक निगरानी के लिए हेलिपैड और रूट्स पर वेदर कैमरा सिस्टम की स्थापना को भी अनिवार्य कर दिया गया है। मुख्यमंत्री धामी ने DGCA, Airport Authority India और UCADA के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक कर हेलीकॉप्टर ऑपरेशंस की समीक्षा की।

उन्होंने कहा, “किसी भी प्रकार की लापरवाही या जोखिम अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं हो सकता।”

मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिए कि सभी ऑपरेटर नियमित रूप से हेलीकॉप्टरों की तकनीकी जांच करें और मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) का पूरी तरह पालन हो।

इस कदम से न सिर्फ़ श्रद्धालुओं का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि उत्तराखंड सरकार की तीर्थयात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने की प्रतिबद्धता भी और मजबूत होगी।

दुखद: आज अहमदाबाद‑लंदन एयर इंडिया की बोइंग ड्रीमलाइनर‑787 फ्लाइट क्रैश

अहमदाबाद: आज दोपहर लगभग 1:17बजे, एयर इंडिया की फ्लाइट AI‑171 (बोइंग ड्रीमलाइनर‑787) अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भर चुकी थी। हालांकि, उड़ान एयर स्पेस में प्रवेश करते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी एआई 171 में सवार थे।

पायलट ने टेकऑफ़ के कुछ देर बाद इंजन की तकनीकी समस्या की सूचना दी थी और कहा May day.. May day… लेकिन विमान अचानक अस्थिर हुआ और रडार से गायब हो गया।

  • एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने तत्काल search-and-rescue ऑपरेशन आरंभ किया।
  • भारतीय वायुसेना और नागरिक विमानन मंत्रालय ने राहत टीमों को तैनात कर दिया है।
  • हादसे वाले क्षेत्र की पहचान के लिए ड्रोन और वायु सर्वेक्षण जारी हैं।
  • केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा: “हम हर संभव सहायता दे रहे हैं; राहत और बचाव में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।”


यात्रियों और चालक दल की स्थिति:

  • कुल अनुमानित यात्री संख्या: 232 यात्री + 8 क्रू मेंबर + 2 चालक गण कुल 242 लोग थे सवार
  • फिलहाल सभी की स्थिति “अज्ञात” है।
  • परिवारों को क्राइसिस कोर्लोम सेंटर में रखा गया है। एयर इंडिया की टीम लगातार संपर्क में है।

कैंचीधाम मेले की सुरक्षा को लेकर सीएम धामी ने की हाई-लेवल समीक्षा बैठक

नैनीताल। प्रसिद्ध कैंचीधाम मेले में इस वर्ष भारी भीड़ की संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रकार की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों को समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन निगरानी, बैरिकेडिंग और मेडिकल इमरजेंसी सेवाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, यातायात को सुचारु बनाए रखने के लिए अस्थायी पार्किंग जोन और शटल सेवा की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया।

कैंचीधाम मेला हर साल हज़ारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, ऐसे में सरकार द्वारा की जा रही यह तैयारी जनसुरक्षा और व्यवस्था के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।