देहरादून, 4 जून 2025 — देशभर में जहां कोविड-19 की स्थिति इस समय नियंत्रण में है, वहीं उत्तराखंड में भी हालात पूरी तरह सामान्य हैं। इसके बावजूद राज्य सरकार किसी भी प्रकार की ढिलाई के मूड में नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशानुसार, स्वास्थ्य विभाग ने संभावित जोखिमों से बचाव और सतर्कता के तहत विशेष एडवाइजरी जारी की है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में राज्य में कोविड संक्रमण को लेकर कोई खतरे की स्थिति नहीं है, लेकिन सरकार पूरी तरह सतर्क और तैयार है। सभी जिलों में निगरानी तंत्र को सुदृढ़ किया जा रहा है, अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा की जा रही है, और सभी संसाधनों को सक्रिय मोड में रखा गया है।
जिलों को जारी किए गए विशेष निर्देश:
- अस्पतालों में ऑक्सीजन, आवश्यक दवाएं, वेंटिलेटर, BiPAP मशीनें, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और PSA संयंत्रों को पूरी तरह कार्यशील रखने के निर्देश।
- पर्याप्त संख्या में बेड्स सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
निगरानी व्यवस्था होगी और सख्त:
- ILI (इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण) और SARI (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) की अनिवार्य रिपोर्टिंग।
- सभी सरकारी व निजी संस्थानों को IHIP पोर्टल पर प्रतिदिन रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश।
- सभी SARI मामलों की कोविड जांच अनिवार्य रूप से कराई जाएगी।
नए वेरिएंट की पहचान पर ज़ोर:
- कोविड पॉजिटिव सैंपल को Whole Genome Sequencing (WGS) के लिए भेजा जाएगा, ताकि किसी नए वेरिएंट की समय रहते पहचान की जा सके।
रिफ्रेशर ट्रेनिंग और मीडिया समन्वय:
- कोविड प्रबंधन में लगे स्टाफ के लिए रिफ्रेशर ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी।
- मीडिया समन्वय के लिए राज्य स्तर पर डॉ. पंकज कुमार सिंह को नोडल अधिकारी और डॉ. सौरभ सिंह को सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।
क्या करें और क्या न करें (Do’s & Don’ts):
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनता को सतर्कता और जिम्मेदारी से व्यवहार करने की अपील की गई है।
क्या करें:
- छींकते/खांसते समय मुंह ढकें
- भीड़-भाड़ से बचें
- हाथ धोते रहें
- लक्षण होने पर मास्क पहनें और डॉक्टर से संपर्क करें
क्या न करें:
- उपयोग किए गए टिशू दोबारा न इस्तेमाल करें
- हाथ मिलाने से बचें
- बिना परामर्श दवा न लें
- बार-बार आंख, नाक, मुंह न छुएं
स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया कि अफवाहों से बचना और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन ही संक्रमण से बचाव की सबसे प्रभावी रणनीति है।
राज्य सरकार का संदेश स्पष्ट है: हालात सामान्य हैं, पर सतर्कता जरूरी है।