Wednesday, September 10, 2025
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मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता लागू होने पर सम्मान समारोह में की भागीदारी, कहा – यह उत्तराखंड की जनता का सम्मान है

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने पर आयोजित सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया।

हालाकि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मान व्यक्तिगत नहीं बल्कि उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता का सम्मान है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों के आशीर्वाद और समर्थन से ही समान नागरिक संहिता जैसे ऐतिहासिक कदम को साकार किया जा सका।

आपको बता दें कि समान नागरिक संहिता लागू कर राज्य सरकार ने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि अब राज्य में सभी नागरिकों के अधिकार समान हो गए हैं और यू.सी.सी. ने समाज में व्याप्त भेदभाव को समाप्त करने का काम किया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि समान नागरिक संहिता के माध्यम से विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की गई है। लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण को अनिवार्य बनाए जाने से बहन-बेटियों की सुरक्षा को और सुदृढ़ किया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समान नागरिक संहिता की यह गंगा उत्तराखंड से निकलकर पूरे देश में बहने लगेगी।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की विचारधारा सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता जैसे मूल्यों पर आधारित है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है और बाबा साहेब अंबेडकर से जुड़ी स्थलों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह भी कहा कि उत्तराखंड सरकार ने दंगारोधी कानून, धर्मांतरण कानून और ऑपरेशन कालनेमि जैसे कड़े और निर्णायक कदम उठाए हैं ताकि राज्य की डेमोग्राफी में किसी भी प्रकार का अवांछनीय परिवर्तन न हो सके।

इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, साध्वी रेणुका, स्वामी निरंजन चैतन्य महाराज, आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रुहेला, विधायक सुरेश गड़िया, सफीपुर (उन्नाव, उत्तर प्रदेश) के विधायक बंबा लाल दिवाकर सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।

प्रमुख धार्मिक स्थलों की व्यवस्थाएं हों सुदृढ़ और सुव्यवस्थित – मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों — हरिद्वार स्थित मनसा देवी व चंडी देवी मंदिर, टनकपुर के पूर्णागिरि धाम, नैनीताल के कैंची धाम, अल्मोड़ा के जागेश्वर मंदिर, पौड़ी स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर सहित अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मंदिरों में भीड़ प्रबंधन, श्रद्धालु पंजीकरण, पैदल मार्गों एवं सीढ़ियों का चौड़ीकरण, अतिक्रमण हटाने तथा सभी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए, जिससे श्रद्धालुओं को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित दर्शन अनुभव प्राप्त हो।

उन्होंने निर्देश दिए कि कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों के आयुक्तों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाए, जिसमें संबंधित जिलों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से मनसा देवी मंदिर परिसर सहित अन्य प्रमुख मंदिर परिसरों के सुनियोजित विकास, धारणा क्षमता में वृद्धि और दुकानों के व्यवस्थित प्रबंधन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के पंजीकरण को अनिवार्य बनाया जाए तथा दर्शन की संख्या को नियंत्रित करते हुए चरणबद्ध व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे और श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।

इस बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, एस.एन. पाण्डेय, सचिव एवं आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते एवं अपर सचिव बंशीधर तिवारी उपस्थित रहे।

विधवा माँ प्रिया को प्रताड़ित करने वाले सीएसएल फाइनेंस बैंक पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, बैंक सीज़, संपत्ति कुर्क, जल्द होगी नीलामी

देहरादून, 28 जुलाई 2025— पति की आकस्मिक मृत्यु के उपरांत चार नन्ही बालिकाओं की माँ, विधवा प्रिया को ऋण बीमा के बावजूद प्रताड़ित करने वाले निजी बैंक सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर राजपुर रोड स्थित बैंक शाखा को सील करते हुए बैंक की संपत्तियों को कुर्क किया गया है। बैंक खातों को भी सीज़ कर दिया गया है और जल्द ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

विधवा प्रिया ने 11 जुलाई 2025 को जिलाधिकारी से मिलकर गुहार लगाई थी कि उनके पति स्व. विकास कुमार ने सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड से ₹6.50 लाख का ऋण लिया था, जिसका बीमा भी बैंक के माध्यम से किया गया था। बीमा प्रक्रिया पूरी तरह वैध और जांचपूर्ण रही थी, बावजूद इसके 12 जुलाई 2024 को उनके पति की मृत्यु के बाद बीमा राशि न तो दी गई और न ही ऋण माफ किया गया। उल्टा बैंक ने घर के कागजात जब्त कर, महिला को बार-बार कार्यालय के चक्कर लगाने पर मजबूर कर दिया।

प्रशासन की ओर से तत्काल प्रभाव से बैंक प्रबंधक के विरुद्ध ₹7.15 लाख की वसूली आरसी जारी की गई। एक सप्ताह की मोहलत के बावजूद बैंक ने न तो महिला को ‘नो ड्यूज’ सर्टिफिकेट दिया और न ही वसूली में सहयोग किया। इस नाफरमानी पर प्रशासन ने बैंक को सील कर दिया है और चल संपत्ति को कुर्क कर लिया गया है।

बावजूद कुर्की के, संपत्ति मूल्य वसूली की राशि के समकक्ष नहीं होने पर प्रशासन ने उ०प्र० ज०वि० धारा 282 एवं भू-राजस्व अधिनियम 1950 के अंतर्गत ज०वि० आकार-पत्र 71 के तहत चल संपत्ति कुर्की अधिपत्र जारी कर, सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड के बैंक खातों को भी कुर्क कर दिया है।

जिला प्रशासन के अनुसार, जनहित में सख्त रुख अपनाया गया है। जनमानस को धोखा देने वाले बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर अब कोई रहम नहीं बरता जाएगा। डीएम सविन बंसल ने कहा कि “जो भी जनहित के विरुद्ध कार्य करेगा, उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।” प्रशासन के इस एक्शन से पीड़ित महिला को न्याय की उम्मीद जगी है, वहीं अन्य निजी वित्त संस्थानों को भी स्पष्ट संदेश गया है कि ग़लत कार्यों की अब कोई जगह नहीं।

प्रमुख बिंदु:

  • सीएसएल बैंक के सभी खाते सीज़, शाखा सील।
  • बैंक की चल संपत्ति कुर्क, नीलामी की प्रक्रिया शुरू।
  • ऋण बीमा होते हुए भी प्रिया को नहीं मिला क्लेम, उल्टा कागजात जब्त।
  • डीएम के आदेश पर ₹7.15 लाख की वसूली आरसी जारी।
  • प्रिया न्याय के लिए एक वर्ष से भटक रही थी, प्रशासन ने दिलाया न्याय।

जिला प्रशासन का स्पष्ट संदेश: जनहित से खिलवाड़ करने वालों की अब खैर नहीं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में जनता से की मुलाकात, अधिकारियों को जन समस्याओं के समाधान के दिए सख्त निर्देश

खटीमा, 24 जुलाई 2025 –मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को लोक निर्माण विभाग अतिथि गृह, खटीमा में क्षेत्रीय जनता से सीधा संवाद स्थापित कर उनकी समस्याएं सुनीं। मुख्यमंत्री ने जनसमस्याओं के निस्तारण के लिए अधिकारियों को “सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि” के आधार पर कार्य करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आमजन की परेशानियों को लेकर गंभीर है और उन्हें दूर करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जन समस्याओं के समयबद्ध और प्रभावी निराकरण हेतु सभी संबंधित अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं। “हमारी पूरी कोशिश है कि लोगों को अपने कार्यों के लिए अनावश्यक रूप से परेशान न होना पड़े,” उन्होंने कहा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि जिलाधिकारियों को नियमित रूप से जन समस्याएं सुनने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि वे स्वयं जनपदों का भ्रमण कर योजनाओं की प्रगति की जानकारी ले रहे हैं और अधिकारियों को जनता दरबार, तहसील दिवस जैसी बैठकों को नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि प्रदेश सरकार जनहित में कार्य कर रही है और जटिल से जटिल मुद्दों का समाधान कर रही है।

इस अवसर पर मेयर काशीपुर दीपक बाली, रुद्रपुर के विकास शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी, प्रेम सिंह टुरना, दर्जा मंत्री शंकर कोरंगा, राजपाल सिंह, गंभीर सिंह धामी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय जनता मौजूद रही।

हरेला पर्व पर रुद्रप्रयाग में हुआ लक्ष्य से अधिक पौधारोपण, ‘ग्रीन उत्तराखंड’ विजन को मिला जनसमर्थन

हरेला पर्व के अवसर पर जनपद रुद्रप्रयाग में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम ऐतिहासिक बन गया, जहां जनसमुदाय, प्रशासन और विभिन्न संगठनों के सामूहिक प्रयास से एक ही दिन में 43,229 से अधिक पौधे रोपे गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “ग्रीन उत्तराखंड” विजन को साकार करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित हुआ।

‘ग्रीन रुद्रप्रयाग’ और ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे प्रेरणादायक नारों के साथ जिले भर में वृक्षारोपण महाअभियान चलाया गया। जिला मुख्यालय से लेकर श्री केदारनाथ धाम तक व्यापक स्तर पर पौधारोपण किया गया। जिला मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन ने स्वयं अभियान का नेतृत्व करते हुए रतनपुर (जवाड़ी) में मुख्य कार्यक्रम की अध्यक्षता की और पर्यावरणीय शपथ दिलाई।

कार्यक्रम में वन विभाग, न्यायालय परिसर, श्री केदारनाथ धाम, यात्रा मार्गों सहित शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पौधारोपण किया गया। अभियान ‘फल खाओ, बीज लगाओ’ को भी लोगों का भरपूर समर्थन मिला, जिसमें छात्रों ने फलों के बीजों से पौधे उगाने का संकल्प लिया।

जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि पर्यावरणीय संतुलन और आर्थिकी को ध्यान में रखते हुए आंवला, कचनाल, आम, लीची, जामुन, अमरूद, क्यूराल जैसी बहुउपयोगी प्रजातियों का चयन किया गया। उन्होंने लोगों से पौधों की सुरक्षा व देखरेख में भागीदारी की अपील की।

केदारनाथ मंदिर परिसर एवं यात्रा मार्ग पर भी विशेष पौधारोपण कार्यक्रम हुआ, जहां हिमालयी क्षेत्र की अनुकूल प्रजातियों के 150 पौधे लगाए गए। यह पहल न केवल तीर्थयात्रियों को हरित वातावरण देगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक बनेगी।

विभिन्न विकासखंड़ों और विभागों द्वारा वृक्षारोपण का आंकड़ा इस प्रकार रहा:

  • अगस्त्यमुनि: 15,249 पौधे
  • जखोली: 13,867 पौधे
  • उखीमठ: 7,502 पौधे
  • कृषि विभाग: 1,139
  • शिक्षा विभाग: 3,449
  • पीडब्ल्यूडी: 116
  • उद्यान विभाग: 72
  • चिकित्सा विभाग: 688
  • वन विभाग: 1,120
  • अन्य विभाग व नगरीय निकाय: शेष पौधे

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वयं सहायता समूहों, सामाजिक संगठनों, एनसीसी/एनएसएस स्वयंसेवकों और आम जनता की सक्रिय सहभागिता से यह महाअभियान सफल हुआ।

रुद्रप्रयाग जनपद ने हरेला पर्व पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रदेश के हरित भविष्य में अग्रणी भूमिका निभाने का संकल्प दोहराया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से की शिष्टाचार भेंट, राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार हेतु रखे महत्वपूर्ण प्रस्ताव

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने हेतु कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने राज्य में एम्स ऋषिकेश से संचालित एयर एम्बुलेंस सेवा के विस्तार की आवश्यकता पर बल देते हुए पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए एक अतिरिक्त हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री धामी ने आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत एसईसीसी परिवारों के लिए केंद्र सरकार के योगदान को ₹1,052 से बढ़ाकर ₹1,500 करने का भी आग्रह किया। उन्होंने चारधाम यात्रा में एम्स विशेषज्ञों की सेवाओं और पोस्टग्रेजुएट डॉक्टरों की रेजिडेंसी (DRP) में यात्रा ड्यूटी को शामिल किए जाने के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार जताया।

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में दो नए मेडिकल कॉलेज — जगजीवन राम मेडिकल कॉलेज, पिथौरागढ़ और पं. राम सुमेर शुक्ल मेडिकल कॉलेज, रुद्रपुर — का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है और इन्हें शैक्षणिक सत्र 2026-27 से शुरू करने हेतु नेशनल मेडिकल कमीशन से अनुमति मांगी जाएगी। साथ ही, टिहरी में टीएचडीसी के सहयोग से बन रहे मेडिकल कॉलेज को भी शीघ्र आवश्यक अनुमतियां देने का अनुरोध किया।

इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक ट्रॉमा सेंटर की स्थापना और उसके प्रभावी संचालन के लिए भारत सरकार से तत्काल सहायता का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि यह सुविधा न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए बल्कि चारधाम यात्रा मार्ग और पर्वतीय क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए भी जीवनरक्षक सिद्ध होगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री को राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से की शिष्टाचार भेंट, उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और विकास योजनाओं की दी जानकारी

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उन्हें उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम का प्रसाद भेंट किया और राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हुए विभिन्न स्थानीय उत्पाद भी सौंपे।

मुख्यमंत्री धामी ने लोकसभा अध्यक्ष को देवभूमि उत्तराखंड की धार्मिक, प्राकृतिक और आध्यात्मिक विशेषताओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा, हिमालय की गोद में बसे तीर्थस्थल, और सांस्कृतिक विविधता के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने, सड़क संपर्क को सुदृढ़ करने, स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक मंच दिलाने की दिशा में राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। उन्होंने इन पहलों में केंद्र सरकार से निरंतर सहयोग के लिए भी आभार व्यक्त किया।

सीएम धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की शिष्टाचार भेंट, उत्तराखण्ड के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर किया मार्गदर्शन प्राप्त

नई दिल्ली, दिनांक 13 जुलाई 2025। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की और उत्तराखण्ड राज्य के सर्वांगीण विकास से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का राज्य के प्रति निरंतर सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड, विकसित भारत 2047 के विजन में अपनी प्रभावी भूमिका निभाने को संकल्पित है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को विश्व के 27 देशों द्वारा प्रदान किए गए सर्वोच्च नागरिक सम्मानों के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री को कार्तिक स्वामी मंदिर के प्रतिरूप, आदि कैलाश यात्रा पर आधारित कॉफी टेबल बुक तथा उत्तराखण्ड के विशिष्ट उत्पाद जैसे कनार (धारचूला) का घी, लाल चावल (पुरोला), बासमती चावल, काला जीरा, गंध रैण, जम्बू और स्थानीय शहद भेंट स्वरूप प्रदान किए।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की तर्ज पर हरिद्वार गंगा कॉरिडोर, ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और चंपावत में शारदा कॉरिडोर के मास्टर प्लान अनुरूप अवस्थापना विकास के लिए सीएसआर के माध्यम से वित्तपोषण हेतु निर्देश देने का अनुरोध किया।

उन्होंने उत्तराखण्ड के ऊधमसिंह नगर स्थित नेपा फार्म को सेमीकंडक्टर हब के रूप में विकसित करने, दिल्ली-मेरठ के मध्य रिजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को हरिद्वार तक विस्तारित करने, टनकपुर-बागेश्वर और ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजनाओं में मार्ग निर्माण को शामिल करने हेतु संबंधित मंत्रालयों को निर्देशित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को वर्ष 2026 में आयोजित होने जा रही नंदा राजजात यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें आमंत्रित किया और यात्रा संचालन हेतु पर्यावरणीय अनुकूल अवस्थापना सुविधाओं के लिए ₹400 करोड़ की सहायता का अनुरोध किया। साथ ही, वर्ष 2027 में हरिद्वार में प्रस्तावित महाकुंभ के लिए ₹3,500 करोड़ की केंद्रीय सहायता की मांग भी रखी।

उन्होंने ऋषिकेश और हरिद्वार शहरों में एचटी व एलटी विद्युत लाइनों को भूमिगत करने और विद्युत प्रणाली को स्वचालित बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा भेजी गई ₹1,015 करोड़ की डीपीआर को आरडीएसएस योजना के तहत स्वीकृत कराने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश के निकट स्थित ऐतिहासिक चौरासी कुटिया को पुनर्स्थापित करने के राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी देते हुए इसके प्रस्ताव को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से अनुमोदित कराने का आग्रह भी किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि हिमालयी जल स्रोतों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने की दिशा में पिंडर-कोसी लिंक परियोजना का प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस परियोजना से बागेश्वर, अल्मोड़ा और नैनीताल के 625 गांवों की लगभग दो लाख जनता को पेयजल व सिंचाई की सुविधा मिलेगी। उन्होंने इस परियोजना को भारत सरकार की विशेष योजना में शामिल करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों के अनुसार 596 मेगावाट की कुल 5 जल विद्युत परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने का भी अनुरोध किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, नंदा राजजात यात्रा, हरिद्वार महाकुंभ और जल जीवन मिशन से संबंधित प्रगति की जानकारी ली और उत्तराखण्ड के विकास के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

आपातकाल: भारतीय लोकतंत्र की सबसे काली रात

आपातकाल: भारतीय लोकतंत्र का सबसे अंधकारमय अध्याय

भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के इतिहास में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का समय ऐसा था, जब लोकतंत्र की नींव हिल गई थी। इस दौर को हम ‘आपातकाल’ (The Emergency) के नाम से जानते हैं। यह वह समय था जब संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आंतरिक आपातकाल लागू किया गया, और आम जनता के मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया।

आपातकाल की घोषणा का कारण:

1971 के आम चुनाव में इंदिरा गांधी को भारी बहुमत से जीत मिली, लेकिन 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव में भ्रष्टाचार के आरोपों पर उनकी जीत को अमान्य करार दे दिया। इस फैसले के बाद इंदिरा गांधी की प्रधानमंत्री पद पर वैधता पर संकट उत्पन्न हो गया। इसी राजनीतिक अस्थिरता के बीच, उन्होंने राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से अनुच्छेद 352 के अंतर्गत देश।

लोकतंत्र का गला घोंटा गया:

आपातकाल के दौरान संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों को स्थगित कर दिया गया। प्रेस की स्वतंत्रता को पूरी तरह कुचल दिया गया, सेंसरशिप लागू कर दी गई। विरोधी नेताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को बिना किसी मुकदमे के जेलों में डाल दिया गया। जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मोरारजी देसाई जैसे अनेक विपक्षी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया।

जब देश को ‘रेडियो’ से डर लगने लगा

उस दौर में सरकारी प्रसारण माध्यम – ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन – केवल सरकारी बातों को प्रचारित करने के साधन बन गए। विरोध की आवाजें नदारद थीं। समाचार पत्रों को पहले अपने पन्ने सेंसर विभाग को दिखाने होते थे। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ और ‘जनसत्ता’ जैसे अखबारों ने प्रतिरोध के तौर पर खाली कॉलम छापे।

जब नसबंदी अभियान बना आतंक

आपातकाल के दौरान ‘परिवार नियोजन’ के नाम पर जबरन नसबंदी अभियान चलाया गया, जिसमें लाखों लोगों को उनकी मर्जी के खिलाफ बंध्याकरण झेलना पड़ा। खासकर गरीब तबका, दलित और ग्रामीण समुदाय इससे सबसे अधिक प्रभावित हुए।

चुनाव और लोकतंत्र की वापसी

19 महीनों बाद, 1977 में इंदिरा गांधी ने आम चुनावों की घोषणा की। जनता ने पहली बार सत्ता परिवर्तन का मौका पाया और कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली। जनता पार्टी की सरकार बनी और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने। इस चुनाव को लोकतंत्र की जीत के रूप में देखा गया।

निष्कर्ष

आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए एक चेतावनी थी। यह वह समय था जिसने यह सिखाया कि लोकतंत्र को बनाए रखना केवल सरकार की नहीं, बल्कि जनता की भी जिम्मेदारी है। यह अध्याय हमेशा याद दिलाएगा कि नागरिक अधिकार कितने कीमती हैं, और उन्हें खोने में कितना समय लगता है।

“आपातकाल भुलाया नहीं गया है – यह इतिहास में दर्ज एक ऐसा अध्याय है, जिसे याद रखना लोकतंत्र की रक्षा के लिए ज़रूरी है।”

एक और बैंक आया जिला प्रशासन के रडार पर; डीएम ने काटी 6.50 लाख की आरसी, कभी भी हो सकता है बैंक सील, नीलामी की कार्रवाई संभव

चार बालिकाओं की विधवा मां प्रिया को प्रताड़ित करने वाले सीएसएल फाइनेंस व टाटा एआईए इंश्योरेंस पर गिर सकती है गाज;

जिला प्रशासन ने फिर दिखाया प्रचंड रूप, जनमानस को न्याय दिलाने की दिशा में बड़ी कार्रवाई

देहरादून, दिनांक 13 जुलाई 2025। जिला प्रशासन देहरादून एक बार फिर अपने निर्णायक और जनहितकारी फैसलों को लेकर चर्चा में है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। एक विधवा महिला, प्रिया, जो चार बालिकाओं की मां हैं, को उनके दिवंगत पति द्वारा लिए गए 6.50 लाख के गृह ऋण को लेकर एक वर्ष से बैंक और बीमा कंपनी द्वारा परेशान किया जा रहा था, जबकि उक्त ऋण का बीमा भी किया गया था।

फरियादी प्रिया ने 11 जुलाई को जिलाधिकारी से मुलाकात कर अपना दर्द साझा किया। उन्होंने बताया कि उनके पति स्व. विकास कुमार ने 6.50 लाख का ऋण सीएसएल बैंक से लिया था, जिसकी बीमा पॉलिसी टाटा एआईए इंश्योरेंस के माध्यम से कराई गई थी। ऋण बीमा हेतु सभी औपचारिकताएं, मेडिकल परीक्षण, प्रीमियम कटौती आदि प्रक्रिया पूर्ण की गई थी। इसके बावजूद उनके पति की 12 जुलाई 2024 को मृत्यु हो जाने के बाद बीमा कंपनी ने क्लेम देने से इनकार कर दिया और बैंक ऋण माफ नहीं किया गया।

इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए जिलाधिकारी ने सीएसएल बैंक प्रबन्धक की 6.50 लाख की आरसी काटते हुए उसे निर्धारित समयसीमा में जमा करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न करने की स्थिति में बैंक को सील करने एवं कुर्की की कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।

इससे पहले भी इसी तरह के मामले में पीड़िता शिवानी गुप्ता को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन ने 15.50 लाख की आरसी काटते हुए बैंक सील कर दिया था, जिसके बाद बैंक अधिकारियों को फरियादी के घर जाकर संपत्ति के दस्तावेज लौटाने पड़े थे।

जिला प्रशासन अब असहाय, निर्बल, और उपेक्षित वर्ग के शोषण पर पूरी सख्ती से कार्रवाई कर रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जनहितकारी और पारदर्शी कार्यशैली से प्रेरित होकर प्रशासन न केवल जनमानस को उनका अधिकार दिला रहा है, बल्कि शोषण करने वाले संस्थानों पर भी नकेल कस रहा है।

प्रमुख बिंदु:

  • डीएम देहरादून ने सीएसएल बैंक प्रबन्धक की 6.50 लाख की आरसी काटी
  • बीमा के बावजूद विधवा महिला को नहीं मिला क्लेम, एक साल से भटक रही थी न्याय के लिए
  • बैंक व इंश्योरेंस कंपनी के खेल को उजागर कर सख्त कार्रवाई
  • आवश्यकतानुसार बैंक सील व नीलामी की कार्रवाई की जा सकती है
  • पूर्व में भी ऐसे ही एक मामले में बैंक को सील कर फरियादी को न्याय दिलाया गया था

जिला प्रशासन का यह सख्त और स्पष्ट संदेश है कि जनमानस को गुमराह या प्रताड़ित करने वाले किसी भी संस्थान को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन जनता के लिए, जनता के साथ और जनता के हित में तत्पर है।