देहरादून, 28 जुलाई 2025— पति की आकस्मिक मृत्यु के उपरांत चार नन्ही बालिकाओं की माँ, विधवा प्रिया को ऋण बीमा के बावजूद प्रताड़ित करने वाले निजी बैंक सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर राजपुर रोड स्थित बैंक शाखा को सील करते हुए बैंक की संपत्तियों को कुर्क किया गया है। बैंक खातों को भी सीज़ कर दिया गया है और जल्द ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
विधवा प्रिया ने 11 जुलाई 2025 को जिलाधिकारी से मिलकर गुहार लगाई थी कि उनके पति स्व. विकास कुमार ने सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड से ₹6.50 लाख का ऋण लिया था, जिसका बीमा भी बैंक के माध्यम से किया गया था। बीमा प्रक्रिया पूरी तरह वैध और जांचपूर्ण रही थी, बावजूद इसके 12 जुलाई 2024 को उनके पति की मृत्यु के बाद बीमा राशि न तो दी गई और न ही ऋण माफ किया गया। उल्टा बैंक ने घर के कागजात जब्त कर, महिला को बार-बार कार्यालय के चक्कर लगाने पर मजबूर कर दिया।
प्रशासन की ओर से तत्काल प्रभाव से बैंक प्रबंधक के विरुद्ध ₹7.15 लाख की वसूली आरसी जारी की गई। एक सप्ताह की मोहलत के बावजूद बैंक ने न तो महिला को ‘नो ड्यूज’ सर्टिफिकेट दिया और न ही वसूली में सहयोग किया। इस नाफरमानी पर प्रशासन ने बैंक को सील कर दिया है और चल संपत्ति को कुर्क कर लिया गया है।
बावजूद कुर्की के, संपत्ति मूल्य वसूली की राशि के समकक्ष नहीं होने पर प्रशासन ने उ०प्र० ज०वि० धारा 282 एवं भू-राजस्व अधिनियम 1950 के अंतर्गत ज०वि० आकार-पत्र 71 के तहत चल संपत्ति कुर्की अधिपत्र जारी कर, सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड के बैंक खातों को भी कुर्क कर दिया है।
जिला प्रशासन के अनुसार, जनहित में सख्त रुख अपनाया गया है। जनमानस को धोखा देने वाले बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर अब कोई रहम नहीं बरता जाएगा। डीएम सविन बंसल ने कहा कि “जो भी जनहित के विरुद्ध कार्य करेगा, उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।” प्रशासन के इस एक्शन से पीड़ित महिला को न्याय की उम्मीद जगी है, वहीं अन्य निजी वित्त संस्थानों को भी स्पष्ट संदेश गया है कि ग़लत कार्यों की अब कोई जगह नहीं।
प्रमुख बिंदु:
- सीएसएल बैंक के सभी खाते सीज़, शाखा सील।
- बैंक की चल संपत्ति कुर्क, नीलामी की प्रक्रिया शुरू।
- ऋण बीमा होते हुए भी प्रिया को नहीं मिला क्लेम, उल्टा कागजात जब्त।
- डीएम के आदेश पर ₹7.15 लाख की वसूली आरसी जारी।
- प्रिया न्याय के लिए एक वर्ष से भटक रही थी, प्रशासन ने दिलाया न्याय।
जिला प्रशासन का स्पष्ट संदेश: जनहित से खिलवाड़ करने वालों की अब खैर नहीं।