Saturday, September 13, 2025
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वाहन स्क्रैप नीति में बड़ा बदलाव: अब दिल्ली में नहीं हटेंगी पुरानी गाड़ियाँ, सरकार ने बदली नीति

दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को जब्त करने का अभियान अब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। दिल्ली सरकार ने इस मामले में बड़ा यू-टर्न लेते हुए कहा है कि यह नियम सिर्फ राजधानी में नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर लागू होना चाहिए। हाल ही में पुरानी गाड़ियों को लेकर सख्ती बढ़ा दी गई थी। 10 साल से पुरानी डीजल और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को सीज किया जा रहा था। इसके लिए पेट्रोल पंपों पर ANPR कैमरे लगाए गए थे जो पुरानी गाड़ियों की पहचान करके उन पर कार्रवाई कर रहे थे। लेकिन इस नियम की वजह से आम जनता को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ीं। एक बड़ा उदाहरण सामने आया जब एक व्यक्ति को अपनी 84 लाख रुपये की मर्सिडीज महज ढाई लाख में बेचनी पड़ी क्योंकि उसकी गाड़ी पुराने नियमों के अनुसार सीज की जा सकती थी।

गुरुवार को दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पुरानी आम आदमी पार्टी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। सिरसा ने दावा किया कि यह पूरी साजिश वाहन शोरूम के मालिकों से मिलीभगत कर रची गई थी ताकि लोगों को अपनी पुरानी गाड़ियां बेचने के लिए मजबूर किया जा सके और शोरूम मालिकों को फायदा हो। सिरसा ने CAQM (Commission for Air Quality Management) के चेयरमैन से बातचीत में ANPR कैमरा सिस्टम को तर्कसंगत नहीं बताया और कहा कि इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ रही है।

दिल्ली सरकार ने अब CAQM को पत्र लिखकर यह प्रस्ताव रखा है कि जब तक यह नियम हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों में एकसाथ लागू नहीं होता तब तक इसे दिल्ली में भी रोका जाए। सरकार का मानना है कि नियमों का क्षेत्रीय संतुलन जरूरी है ताकि वाहन मालिकों के साथ भेदभाव न हो।

इस फैसले के बाद पुरानी गाड़ियों के मालिकों को थोड़ी राहत जरूर मिली है लेकिन यह देखना बाकी है कि आगे आने वाले समय में सरकार इस नीति को किस रूप में लागू करती है।

मुख्यमंत्री की प्रेरणा और डीएम सविन बंसल के प्रयासों से देहरादून में विकास योजनाएं रफ्तार पर, यातायात प्रबंधन से लेकर सौंदर्यीकरण तक दिख रहा असर

देहरादून, 03 जुलाई 2025।। देहरादून में जिलाधिकारी सविन बंसल के अभिनव प्रयासों और मा. मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से आज शहर के विकास कार्य रिकॉर्ड समय में धरातल पर उतर रहे हैं। न केवल योजनाएं तेज़ी से बन रही हैं, बल्कि उनका वास्तविक क्रियान्वयन भी प्रभावी ढंग से हो रहा है।

डीएम बंसल की कार्यप्रणाली की विशेषता यह रही है कि वे स्रोत से समन्वय कर प्लान, डिज़ाइन, बजट व्यवस्था और क्रियान्वयन को एक साथ जोड़कर योजनाओं को आकार दे रहे हैं। कुठालगेट और साई मंदिर जैसे अति व्यस्त जंक्शनों पर नई स्लिप रोड, राउंड अबाउट, हिल आर्किटेक्चर शैली में सौंदर्यीकरण का कार्य अब अंतिम चरण में है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर इन कार्यों की डिज़ाइन, सर्वे और कांसेप्ट जिलाधिकारी ने अपनी नियुक्ति के दूसरे महीने में ही तैयार कर लिए थे और उसके बाद लगातार धनराशि जुटाने में प्रयासरत रहे।

शहर को सुंदर और सुव्यवस्थित बनाने के लिए स्मार्ट सिटी बजट से ₹10 करोड़ की व्यवस्था की गई है। इन पैसों का उपयोग करके लोक परंपरा, धार्मिक, सांस्कृतिक स्थलों की झलक देने वाले कलात्मक चौराहों का विकास किया जा रहा है। साथ ही, राज्य आंदोलनकारियों की स्मृतियों को भी प्रमुख स्थलों पर उकेरा जा रहा है।

यातायात प्रबंधन के क्षेत्र में भी जिलाधिकारी ने बड़ा काम किया है।

देहरादून के 11 अति व्यस्त जंक्शनों पर ट्रैफिक लाइट्स लगाने का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिनमें शामिल हैं –

  • महाराणा प्रताप चौक
  • नालापानी चौक
  • मोथरोवाला
  • आईटी पार्क
  • ट्रांसपोर्ट नगर

जल्द ही जिन स्थलों पर लाइट कार्य पूर्ण होगा:

  • प्रेमनगर चौक
  • सुधोवाला चौक
  • रांगड़वाला
  • धूलकोट तिराहा
  • सेलाकुई बाजार तिराहा
  • डाकपत्थर तिराहा

इतना ही नहीं, पांच वर्षों में पहली बार प्रमुख चौराहों पर लगे पुलिस सीसीटीवी कैमरे इंटीग्रेट कर दिए गए हैं जिससे सड़कों की सुरक्षा और यातायात की नियमित निगरानी की जा रही है।

जिला प्रशासन के इन ठोस प्रयासों से देहरादून शहर अब विकास की राह पर मजबूती से अग्रसर हो रहा है। यह पहल न केवल स्थानीय निवासियों को राहत पहुंचा रही है, बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों के लिए भी संस्कृति और सुविधा का बेहतर संगम प्रस्तुत कर रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड के मध्य अवशेष आस्तियों एवं दायित्वों की समीक्षा, जल्द होगी सीएम योगी संग बैठक

देहरादून, 2 जुलाई 2025 (सू.वि.) —

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्यों के बीच विभाजन के उपरांत शेष बचे आस्तियों एवं दायित्वों से जुड़े मामलों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन बिंदुओं पर दोनों राज्यों की पिछली बैठक में सहमति बनी थी और जिन मामलों में कार्यवाही प्रगति पर है, उनके शीघ्र समाधान हेतु उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ समन्वय कर त्वरित बैठक आयोजित की जाए।

मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि वे इस विषय में शीघ्र ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से बैठक करेंगे, जिससे लम्बित मामलों का स्थायी समाधान निकाला जा सके।

धामी-योगी की पिछली बैठक के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं:

  • उधमसिंहनगर एवं हरिद्वार में जलाशयों/नहरों में वॉटर स्पोर्ट्स की अनुमति दी जा चुकी है।
  • उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने विद्युत बिलों के रूप में ₹57.87 करोड़ का भुगतान किया है।
  • उत्तर प्रदेश मत्स्य निगम द्वारा उत्तराखण्ड मत्स्य पालन विकास अभिकरण को ₹3.98 करोड़ का भुगतान किया गया है।
  • वन विकास निगम उत्तराखण्ड को दी जाने वाली देयताओं का आंशिक भुगतान भी किया जा चुका है।
  • परिवहन निगम की अवशेष राशि का भी निपटान कर दिया गया है।
  • आवास विकास परिषद की परिसम्पत्तियों के निस्तारण का निर्णय लिया गया है।

बैठक में मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. नीरज खेरवाल एवं अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

यह बैठक दोनों राज्यों के बीच वर्षों से लंबित विवादों और बकाया मामलों के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

गिफ्ट डीड में बंगला बिजनेस अपने नाम कर बेटे ने किया बुजुर्ग माता-पिता को बेदखल, डीएम बंसल ने दिया न्याय – सम्पत्ति की वापसी, बेटे की नाफरमानी पर चला न्याय का हथोड़ा

देहरादून, 02 जुलाई 2025।। जिलाधिकारी सविन बंसल की संवेदनशील कार्यशैली और त्वरित न्यायिक दखल का एक उत्कृष्ट उदाहरण मंगलवार को तब सामने आया जब एक बुजुर्ग दम्पति – सरदार परमजीत सिंह एवं उनकी पत्नी अमरजीत कौर को अपने ही बेटे द्वारा बेदखल कर दिए जाने के बाद डीएम न्यायालय में न्याय मिला।

बुजुर्ग दम्पति ने अपने जीवनभर की कमाई से खरीदी 3080 वर्गफुट की सम्पत्ति जिसमें दो बड़े हॉल शामिल हैं, अपने पुत्र गुरविंदर सिंह के नाम गिफ्ट डीड द्वारा कर दी थी। शर्त थी कि बेटा उनका भरण-पोषण करेगा, साथ रहेगा और पोते-पोतियों को दादा-दादी से मिलने से नहीं रोकेगा।

परंतु गिफ्ट डीड मिलते ही पुत्र ने शर्तों की खुल्लमखुल्ला अनदेखी करते हुए माता-पिता को न केवल घर से निकाल दिया, बल्कि पोते-पोतियों से मिलने तक पर रोक लगा दी। दम्पति ने पहले तहसील, थाना और अवर न्यायालय में न्याय की गुहार लगाई, परंतु निराशा हाथ लगी।

आखिरकार बुजुर्ग दम्पति ने जिलाधिकारी न्यायालय की शरण ली। डीएम सविन बंसल ने मामले का संज्ञान लेते हुए भरण-पोषण अधिनियम की विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए तुरंत कार्रवाई की।

गुरविंदर सिंह को विधिवत नोटिस व सार्वजनिक विज्ञप्ति जारी की गई, लेकिन उसने न तो जवाब दाखिल किया और न ही स्वयं उपस्थित हुआ। पहली ही सुनवाई में डीएम ने गिफ्ट डीड को रद्द करते हुए सम्पत्ति को पुनः बुजुर्ग दम्पति के नाम कर दिया।

डीएम बंसल का यह फैसला जैसे ही सुनाया गया, दम्पति की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।

इस निर्णय ने न केवल बुजुर्गों को न्याय दिलाया, बल्कि यह भी दिखाया कि उत्तराखंड प्रशासन असहायों के साथ खड़ा है और सामाजिक जिम्मेदारी से विमुख लोगों के खिलाफ निर्भीक कार्रवाई करने से नहीं हिचकता।

यह प्रकरण न केवल एक मिसाल बना है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि माता-पिता के साथ धोखा करने वालों को कानून के कठोर प्रहार का सामना करना पड़ेगा।

राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे पर सीएम धामी ने चिकित्सकों को किया सम्मानित, कहा – “डॉक्टरी सेवा, संवेदना और समर्पण का प्रतीक”

देहरादून, 01 जुलाई 2025,,, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए प्रमुख चिकित्सकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डॉक्टरी केवल एक पेशा नहीं, बल्कि यह सेवा, संवेदना और समर्पण का प्रतीक है। डॉक्टर न केवल बीमारियों का इलाज करते हैं, बल्कि संकट की घड़ी में आशा की किरण भी बनते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में 58 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित किए जा चुके हैं और 11 लाख से अधिक मरीजों को 2100 करोड़ रुपये से अधिक के कैशलेस उपचार का लाभ मिल चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है, जिनमें से पाँच पहले ही संचालित हो चुके हैं और दो अन्य निर्माणाधीन हैं। देहरादून, हल्द्वानी और श्रीनगर में सुपर स्पेशियलिटी विभाग (कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, यूरोलॉजी) भी स्थापित किए गए हैं। हल्द्वानी में राज्य का पहला आधुनिक कैंसर संस्थान भी तेजी से निर्माणाधीन है।

उन्होंने बताया कि राज्य के सभी क्षेत्रों में हेली एंबुलेंस सेवा शुरू की जा चुकी है, जो आपातकालीन स्थितियों में सुदूरवर्ती इलाकों के लिए जीवन रक्षक साबित हो रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचें निःशुल्क कराई जा रही हैं और राज्य के सभी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की कमी दूर करने के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बना रही है। साथ ही, टेलीमेडिसिन सेवाओं के माध्यम से दूरस्थ गांवों तक विशेषज्ञ परामर्श सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने चिकित्सा जगत के ऐतिहासिक स्तंभों – महर्षि सुश्रुत और आचार्य नागार्जुन का उल्लेख करते हुए कहा कि आज के डॉक्टर भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक विज्ञान के माध्यम से जीवित रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर, जन्म से मृत्यु तक जीवन के हर चरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

सीएम ने कोरोना काल के दौरान चिकित्सकों द्वारा की गई निःस्वार्थ सेवा को याद करते हुए कहा कि उस संकट के समय में डॉक्टरों ने पीपीई किट पहनकर, संक्रमण के खतरे के बावजूद, मानवता की सेवा में जो भूमिका निभाई, वह इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है।

कार्यक्रम में डॉ. आर.के. जैन, डॉ. गीता खन्ना, डॉ. सुनीता टम्टा, डॉ. कृष्ण अवतार, डॉ. आर.एस. बिष्ट, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. आशुतोष स्याना, डॉ. महेश कुड़ियाल, डॉ. प्रशांत, डॉ. नंदन बिष्ट सहित प्रदेश के प्रमुख सरकारी व निजी अस्पतालों के चिकित्सक उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने सभी उपस्थित चिकित्सकों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उन्हें सम्मानित किया।

देहरादून की धड़कन ‘घंटाघर’ दिखने लगा दिव्य और भव्य, सीएम की प्रेरणा और डीएम सविन बंसल की मॉनिटरिंग से साकार हो रहा सपना

देहरादून, 01 जुलाई 2025 (सू.वि.)।

देहरादून शहर की पहचान और हृदयस्थल ‘घंटाघर’ अब अपने दिव्य और भव्य स्वरूप में नजर आने लगा है। यह कायाकल्प मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा और जिलाधिकारी श्री सविन बंसल की निरंतर निगरानी एवं समर्पण से संभव हो सका है। जिला प्रशासन की सक्रियता और प्रतिबद्धता का यह एक और प्रमाण है, जहां प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनहित के प्रति कर्तव्यनिष्ठा ने एक ऐतिहासिक धरोहर को नया जीवन दे दिया।


जिलाधिकारी सविन बंसल ने पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद घंटाघर के पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण को प्राथमिकता दी। डिज़ाइन, सर्वेक्षण और संकल्पना का कार्य उनके कार्यकाल के दूसरे ही माह में तैयार कर लिया गया था। इसके बाद वे लगातार बजट प्रबंधन में जुटे रहे और स्मार्ट सिटी योजना से समर्पित धनराशि को सुव्यवस्थित करते हुए घंटाघर के निर्माण कार्य को धरातल पर उतारा।

घंटाघर को न केवल स्थापत्य की दृष्टि से सुदृढ़ और आकर्षक बनाया गया है, बल्कि इसके आसपास के यातायात और चौक-चौराहों को भी पारंपरिक और आधुनिक शैली में सजाया जा रहा है। इस सौंदर्यीकरण से न केवल ट्रैफिक संचालन बेहतर होगा, बल्कि यह क्षेत्र राज्य की सांस्कृतिक पहचान को भी प्रदर्शित करेगा, जिससे देहरादून आने वाले पर्यटकों को उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं की झलक मिलेगी।

डीएम की कार्यशैली और त्वरित निर्णयों ने यह सिद्ध कर दिया है कि जनसरोकार की योजनाएं प्रशासन की इच्छाशक्ति और निरंतर मॉनिटरिंग से समयबद्ध रूप से सफल हो सकती हैं। घंटाघर का नवीनीकरण इस बात का प्रतीक है कि जिला प्रशासन अब नई ऊर्जा, नई सोच और जनकल्याण के प्रति संपूर्ण समर्पण के साथ कार्य कर रहा है।

वर्तमान में देहरादून के प्रमुख स्थलों पर सौंदर्यीकरण एवं अवस्थापना विकास के कई कार्य गतिमान हैं, जो निकट भविष्य में राजधानी की छवि को नया आयाम देंगे।

जिला प्रशासन की संजीवनी से नया स्वरूप पाया मायाकुण्ड सामुदायिक केन्द्र, डीएम सविन बंसल के निर्णय से शुरू हुआ संचालन

देहरादून, 01 जुलाई 2025। मायाकुण्ड सामुदायिक केन्द्र अब एक नये और सुदृढ़ स्वरूप में लौट आया है। जिला प्रशासन की पहल और जिलाधिकारी सविन बंसल के संवेदनशील जनहितकारी निर्णयों के चलते इस सामुदायिक केन्द्र का पुनरुद्धार संभव हो पाया। केंद्र का संचालन अब स्वतः रूप से प्रारंभ हो चुका है।

यह कार्य मा. मुख्यमंत्री की जनकल्याण भावना से प्रेरित होकर, डीएम सविन बंसल द्वारा निगम के प्रशासक रहते हुए जनहित में लिया गया। इस सामुदायिक भवन की मरम्मत के लिए 43 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई थी। यह निर्णय देवभूमि चेरिटेबल ट्रस्ट की संचालिका एवं पैरा एथलीट नीरजा गोयल के अनुरोध पर लिया गया, जिन्होंने भवन की मरम्मत और दिव्यांगों के इलाज, बच्चों की शिक्षा तथा महिला कौशल प्रशिक्षण के लिए सहायता मांगी थी।

मायाकुण्ड, चन्द्रेश्वर नगर और भैरव मंदिर क्षेत्र के नागरिकों द्वारा सामुदायिक गतिविधियों के लिए प्रयुक्त यह केन्द्र पहले अत्यंत जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था। स्थानीय नागरिकों को सामुदायिक कार्यों में कठिनाई हो रही थी। इसे देखते हुए डीएम ने तत्परता से संज्ञान लेकर भवन के पुनरुद्धार का निर्णय लिया। न केवल भवन की मरम्मत कराई गई, बल्कि इसकी बहुउपयोगिता को ध्यान में रखते हुए इसमें महिला साक्षरता, कौशल विकास, और बाल शिक्षा जैसी गतिविधियों के संचालन की योजना भी बनाई गई।

देवभूमि चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा यहां पर महिलाओं के लिए शाम के समय सिलाई प्रशिक्षण तथा स्थानीय बच्चों के लिए रेमेडियल पढ़ाई की जाती है। भवन का बाहरी परिसर भी निर्माणाधीन है जिससे भविष्य में इस केंद्र की उपयोगिता और भी बढ़ेगी।

इस सामुदायिक केन्द्र का विकास एक उदाहरण है कि कैसे प्रशासनिक संवेदनशीलता, जनभागीदारी और समाजसेवियों के सहयोग से एक उपेक्षित भवन फिर से जनकल्याण का केंद्र बन सकता है।

मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में कैंपा शासी निकाय की बैठक सम्पन्न, वनों के सतत प्रबंधन और ग्रीन कवर बढ़ाने पर जोर

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड कैंपा (क्षतिपूर्ति वनीकरण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) शासी निकाय की बैठक आयोजित हुई। बैठक में कैंपा फंड के अंतर्गत संचालित योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कैंपा निधि का उपयोग वनों के सतत प्रबंधन, वानिकी विकास, पर्यावरण संतुलन और वनों पर निर्भर समुदायों के कल्याण के लिए किया जाए। उन्होंने कहा कि देहरादून शहर में हरित आवरण बढ़ाने के लिए कैम्पा फंड के उपयोग हेतु केंद्र सरकार से अनुमति लेने की कार्यवाही शीघ्र पूरी की जाए।

मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में जलस्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए प्रभावी योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि वन, पेयजल, जलागम, ग्राम्य विकास और कृषि विभाग मिलकर संयुक्त कार्ययोजना तैयार करें। वनाग्नि रोकथाम हेतु आधुनिक तकनीक और सामुदायिक सहभागिता पर आधारित रणनीति बनाने पर भी बल दिया गया।

वृक्षारोपण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल पौधे लगाने तक सीमित न रहें, बल्कि पौधों के जीवित रहने की दर (सर्वाइवल रेट) पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कैंपा निधि से संचालित परियोजनाओं की गुणवत्ता, समयबद्धता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए नियमित समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने हरेला पर्व के अवसर पर व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण करने की बात कही, जिसमें फलदार और औषधीय पौधों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने जनता को “एक पेड़ मां के नाम” अभियान से जोड़ने और जनसहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि गौरा देवी की जन्म शताब्दी के अवसर पर सभी वन डिविजन में फलदार पौधों का रोपण किया जाए।

बैठक में वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने सुझाव दिया कि स्थानीय लोगों को वन संरक्षण से जोड़ते हुए स्वरोजगार और आजीविका आधारित कार्यक्रम संचालित किए जाएं, जिससे उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

बैठक में विधायक श्री भूपाल राम टम्टा, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव वन श्री आर.के. सुधांशु, प्रमुख सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, प्रमुख वन संरक्षक श्री समीर सिन्हा, सचिव श्रीमती राधिका झा, श्री चन्द्रेश कुमार, श्री एस.एन. पाण्डेय, श्री श्रीधर बाबू अदांकी और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

Apple का iPhone 17 सीरीज़ सितंबर में भारत में दस्तक दे सकता है

मुख्य बातें:

  • मिड‑सितंबर 2025 में Apple की वार्षिक परंपरा कायम होगी – नई iPhone 17 श्रृंखला की लॉन्च इवेंट लगभग 11–13 सितंबर के बीच आयोजित होने की उम्मीद है, और प्री‑ऑर्डर लगभग 19 सितंबर 2025 से शुरू हो सकता है 
  • भारत में इनकी बिक्री भी संभवतः 19 सितंबर 2025 से शुरू हो जाएगी ()।
  • भारत में अनुमानित शुरुआती कीमतें:
    • iPhone 17 (बेस): लगभग ₹ 89,900–₹ 95,000  
    • iPhone 17 Air: ≈ ₹ 99,900  
    • iPhone 17 Pro: ≈ ₹ 1,39,900  
    • iPhone 17 Pro Max: ≈ ₹ 1,64,900  
  • नई विशेषताएं और अपग्रेड:
    • सभी मॉडलों में 120 Hz ProMotion OLED डिस्प्ले  
    • फ्रंट कैमरे की रिज़ॉल्यूशन 12 MP → 24 MP  
    • बैक कैमरा में बेस मॉडल में 48 MP मैन क्लेंस, Pro मॉडल में ट्रिपल 48 MP कैमरा सेटअप  
    • नए A19 / A19 Pro चिपसेट, USB‑C पोर्ट, वाष्प कक्ष हीटिंग सिस्टम, और Action Button  
  • iOS 26, नए रंग विकल्प (जैसे ग्रे, ब्लैक, व्हाइट, आसमानी नीला, ग्रीन/पर्पल), और एल्यूमिनियम + टाइटेनियम फ्रेम की संभावित वापसी  

Apple अपने 9–11 सितम्बर 2025 इवेंट के दौरान iPhone 17 सीरीज का जबरदस्त धमाका तैयार कर रही है। यह लॉन्च इंडिया में उसी महीने या अक्टूबर शुरुआत तक हो सकता है। हर मॉडल में प्रीमियम डिस्प्ले, कैमरा और परफॉरमेंस फीचर्स हैं, तो वहीं एयर वेरिएंट अपनी स्लिमनेस और कीमत की वजह से खास रहेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘विकसित भारत 2047’ के लिए आयोजित अन्तरिक्ष सम्मेलन 2025 में लिया भाग, इसरो अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन रहे विशेष अतिथि

देहरादून, सोमवार — मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में ‘विकसित भारत 2047’ के निर्माण हेतु हिमालयी राज्यों के परिप्रेक्ष्य में आयोजित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग अन्तरिक्ष सम्मेलन 2025 में भाग लिया। इस अवसर पर इसरो अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने देशभर से आए वैज्ञानिकों व प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत @2047’ के विजन को साकार करने की दिशा में यह सम्मेलन एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि आज अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी केवल अनुसंधान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संचार, कृषि, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास में निर्णायक भूमिका निभा रही है।

मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भारतीय वैज्ञानिक श्री शुभांशु शुक्ला द्वारा तिरंगा फहराने को देश के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया और इसे गगनयान सहित आगामी अंतरिक्ष अभियानों के लिए प्रेरणादायक बताया। इस अवसर पर उन्होंने चंपावत को मॉडल जिला बनाने के लिए इसरो और यूकास्ट द्वारा विकसित डैशबोर्ड का शुभारंभ किया और इसरो द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विज्ञान और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तराखंड में साइंस सिटी, इनोवेशन सेंटर, एआई, रोबोटिक्स, ड्रोन और अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना तेजी से की जा रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सम्मेलन उत्तराखंड को “स्पेस टेक्नोलॉजी फ्रेंडली स्टेट” बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।

इसरो चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि 1963 में जब भारत ने पहला रॉकेट लॉन्च किया था, तब रॉकेट साइकिल से ले जाए जाते थे। आज भारत 131 सैटेलाइट्स का स्वामी है और चंद्रयान, मंगलयान और आदित्य एल-1 जैसे मिशनों में वैश्विक नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत का लक्ष्य 2030 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने और 2040 तक मानव को चंद्रमा पर भेजने का है।

राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान ने बताया कि उत्तराखंड में आपदाओं, पशुधन, वनाग्नि व ग्लेशियर मॉनिटरिंग में सैटेलाइट डेटा का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ऋषिगंगा चमोली आपदा के दौरान सेटेलाइट डेटा से तैयार मैप का राष्ट्रीय नीति निर्धारण में भी योगदान रहा।

मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने कहा कि राज्य अंतरिक्ष तकनीक को अपनाने के साथ-साथ स्थायी वैज्ञानिक आधारभूत संरचना के विकास पर कार्य कर रहा है। उन्होंने इसरो से कुछ साइंस सेंटर को गोद लेने और उच्च-रिज़ोल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी राज्य को निःशुल्क उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया।

यह सम्मेलन न केवल उत्तराखंड के लिए बल्कि पूरे हिमालयी क्षेत्र के सतत विकास में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की भूमिका को और अधिक स्पष्ट करने में सहायक सिद्ध होगा।