देहरादून, 01 जुलाई 2025,,, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए प्रमुख चिकित्सकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डॉक्टरी केवल एक पेशा नहीं, बल्कि यह सेवा, संवेदना और समर्पण का प्रतीक है। डॉक्टर न केवल बीमारियों का इलाज करते हैं, बल्कि संकट की घड़ी में आशा की किरण भी बनते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में 58 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित किए जा चुके हैं और 11 लाख से अधिक मरीजों को 2100 करोड़ रुपये से अधिक के कैशलेस उपचार का लाभ मिल चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है, जिनमें से पाँच पहले ही संचालित हो चुके हैं और दो अन्य निर्माणाधीन हैं। देहरादून, हल्द्वानी और श्रीनगर में सुपर स्पेशियलिटी विभाग (कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, यूरोलॉजी) भी स्थापित किए गए हैं। हल्द्वानी में राज्य का पहला आधुनिक कैंसर संस्थान भी तेजी से निर्माणाधीन है।
उन्होंने बताया कि राज्य के सभी क्षेत्रों में हेली एंबुलेंस सेवा शुरू की जा चुकी है, जो आपातकालीन स्थितियों में सुदूरवर्ती इलाकों के लिए जीवन रक्षक साबित हो रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचें निःशुल्क कराई जा रही हैं और राज्य के सभी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की कमी दूर करने के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बना रही है। साथ ही, टेलीमेडिसिन सेवाओं के माध्यम से दूरस्थ गांवों तक विशेषज्ञ परामर्श सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने चिकित्सा जगत के ऐतिहासिक स्तंभों – महर्षि सुश्रुत और आचार्य नागार्जुन का उल्लेख करते हुए कहा कि आज के डॉक्टर भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक विज्ञान के माध्यम से जीवित रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर, जन्म से मृत्यु तक जीवन के हर चरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सीएम ने कोरोना काल के दौरान चिकित्सकों द्वारा की गई निःस्वार्थ सेवा को याद करते हुए कहा कि उस संकट के समय में डॉक्टरों ने पीपीई किट पहनकर, संक्रमण के खतरे के बावजूद, मानवता की सेवा में जो भूमिका निभाई, वह इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है।
कार्यक्रम में डॉ. आर.के. जैन, डॉ. गीता खन्ना, डॉ. सुनीता टम्टा, डॉ. कृष्ण अवतार, डॉ. आर.एस. बिष्ट, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. आशुतोष स्याना, डॉ. महेश कुड़ियाल, डॉ. प्रशांत, डॉ. नंदन बिष्ट सहित प्रदेश के प्रमुख सरकारी व निजी अस्पतालों के चिकित्सक उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने सभी उपस्थित चिकित्सकों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उन्हें सम्मानित किया।