Sunday, September 14, 2025
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मसूरी में पर्यटकों का सैलाब, देहरादून से पहुंचने में लग रहे ढाई से तीन घंटे; जाम से बेहाल यात्री

उत्तराखंड की प्रसिद्ध हिल स्टेशन मसूरी में इन दिनों पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिससे देहरादून-मसूरी मार्ग पर भीषण जाम की स्थिति बन गई है। सप्ताहांत और छुट्टियों के चलते हजारों की संख्या में पर्यटक मसूरी का रुख कर रहे हैं, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई है।

देहरादून से मसूरी की सामान्य यात्रा, जो आमतौर पर एक से डेढ़ घंटे में पूरी होती है, अब ढाई से तीन घंटे तक खिंच रही है। मसूरी-देहरादून मार्ग पर गलोगी पावर हाउस के पास लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

देहरादून पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए विशेष योजना बनाई है। एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने वीकेंड पर ग्राउंड जीरो पर उतरकर डायवर्जन प्वाइंट्स और यातायात व्यवस्था का जायजा लिया। इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने कटों को अस्थाई रूप से बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, वीकेंड्स पर शहर में प्रवेश करने वाले बाहरी वाहनों को दिन के समय शहर के बाहरी मार्गों पर रोकने के निर्देश दिए गए हैं। 

पर्यटकों से अपील की गई है कि वे यात्रा से पहले ट्रैफिक अपडेट्स की जानकारी लें और संभव हो तो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। स्थानीय प्रशासन ने भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में मास्क पहनने और कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन करने की सलाह दी है।

मसूरी की यात्रा पर निकलने से पहले, पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे ट्रैफिक और मौसम की जानकारी प्राप्त करें और यात्रा की योजना उसी के अनुसार बनाएं।

अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए नहीं दौड़ने होंगे 20 किलोमीटर, आरटीओ में बने ट्रैक पर होगा टेस्ट

देहरादून 07 जून 2025: ड्राइविंग लाइसेंस (DL) बनवाने वालों के लिए राहत भरी खबर है। अब आवेदकों को टेस्ट देने के लिए 20 किलोमीटर दूर तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। परिवहन विभाग ने आरटीओ कार्यालय परिसर में ही ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक तैयार कर लिया है, जहां अब सभी लाइसेंस परीक्षाएं संपन्न होंगी।

पहले आवेदकों को टेस्ट के लिए शहर से दूर स्थित टेस्टिंग ट्रैक पर जाना पड़ता था, जिससे समय और पैसा दोनों खर्च होता था। लेकिन अब नए ट्रैक के निर्माण के बाद यह प्रक्रिया अधिक आसान, पारदर्शी और सुगम हो गई है।

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस ट्रैक पर दोपहिया, तिपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए अलग-अलग लेन और पैटर्न बनाए गए हैं। ट्रैक पूरी तरह से आधुनिक तकनीक से लैस है, जिसमें कैमरा निगरानी और सेंसर आधारित मूल्यांकन की व्यवस्था भी होगी।

इस पहल का उद्देश्य न केवल प्रक्रिया को सरल बनाना है, बल्कि फर्जी लाइसेंस पर भी लगाम लगाना है। अधिकारी अब ट्रैक पर आवेदकों की वास्तविक ड्राइविंग क्षमता का परीक्षण कर सकेंगे।

जनता की प्रतिक्रिया:

लाइसेंस बनवाने आए आवेदकों ने नई व्यवस्था की सराहना की है और कहा है कि इससे समय की बचत होगी और बिना किसी दलाल के प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी।

परिवहन विभाग का संदेश:

“हमारा प्रयास है कि जनता को बेहतर और पारदर्शी सेवाएं मिलें। नई व्यवस्था से ईमानदारी से लाइसेंस पाने वालों को लाभ होगा, और सड़क सुरक्षा में भी सुधार आएगा।”

चारधाम और वैष्णो देवी से लौटे श्रद्धालु समेत 30 में से 23 कोरोना मरीज उत्तराखंड के निकले

देश में धार्मिक स्थलों से लौट रहे यात्रियों के बीच कोरोना संक्रमण के मामले फिर से चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि चारधाम और वैष्णो देवी यात्रा से लौटे तीन श्रद्धालुओं समेत कुल 30 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिनमें से 23 मरीज उत्तराखंड के रहने वाले हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, संक्रमितों में अधिकांश हाल ही में चारधाम यात्रा पर गए थे, जबकि कुछ वैष्णो देवी से लौटे थे। रिपोर्ट आने के बाद इन सभी को आइसोलेशन में रखा गया है और उनके संपर्क में आए लोगों की भी जांच की जा रही है।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड में एक बार फिर संक्रमण के मामले सामने आने लगे हैं, जो कि चिंता का विषय है। धार्मिक यात्राओं में भीड़ और मौसम में बदलाव के कारण संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।

इस स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग, टेस्टिंग और मॉनिटरिंग को तेज कर दिया गया है। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि वे कोविड गाइडलाइन का पालन करें, मास्क पहनें और लक्षण दिखने पर तत्काल जांच करवाएं।

स्वास्थ्य विभाग की अपील:

“धार्मिक आस्था के साथ-साथ सतर्कता भी ज़रूरी है। सभी श्रद्धालु यात्रा से पहले और लौटने के बाद अपनी जांच अवश्य करवाएं।”

गाज़ा में बिका भारत का 5 रुपये वाला पारले-जी बिस्किट 2345 रुपये में, युद्ध के बीच जीवन-जरूरतों की कीमतें आसमान पर

गाज़ा पट्टी में जारी संघर्ष और मानवीय संकट के बीच भारत का एक साधारण 5 रुपये का पारले-जी बिस्किट पैकेट 2345 रुपये में बिकने की ख़बर ने सभी को चौंका दिया है। युद्धग्रस्त इलाक़े में जरूरी वस्तुओं की भारी किल्लत और आपूर्ति ठप होने से खाद्य सामग्री की कीमतें बेतहाशा बढ़ गई हैं।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गाज़ा में जीवन-जरूरतों की वस्तुएं दुर्लभ होती जा रही हैं। इसी के चलते अंतरराष्ट्रीय सहायता से पहुंचे सीमित राहत सामानों में पारले-जी जैसे उत्पाद ब्लैक मार्केट में कई गुना महंगे दामों पर बेचे जा रहे हैं।

भारत में रोजमर्रा के नाश्ते का हिस्सा माना जाने वाला पारले-जी बिस्किट जहां मात्र ₹5 में उपलब्ध होता है, वहीं गाज़ा में इसकी कीमत 2345 रुपये (लगभग 28 डॉलर) तक पहुंच गई है। यह स्थिति न केवल संघर्ष की भयावहता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य वस्तुएं भी विलासिता बन जाती हैं।

समाज, तकनीक और शिक्षा में विकास की नई इबारत: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सचिवालय में तीन महत्वपूर्ण समझौते

उत्तराखंड में सामाजिक, तकनीकी और शैक्षणिक क्षेत्रों में विकास को नई गति देने के लिए बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में तीन महत्वपूर्ण समझौते किए गए।

राज्य सरकार, सेतु आयोग और टाटा ट्रस्ट के बीच हुए पहले समझौते के तहत अगले 10 वर्षों तक जल प्रबंधन, पोषण, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण आजीविका और ग्रीन एनर्जी जैसे सामाजिक विकास के क्षेत्रों में मिलकर काम किया जाएगा। यह समझौता राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास और जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

दूसरे समझौते में नैस्कॉम/आईटी-आईटीईएस सेक्टर स्किल काउंसिल, उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग और सेतु आयोग के बीच त्रिपक्षीय करार हुआ, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड को भारत के डिजिटल टैलेंट हब के रूप में विकसित करना है। इस पहल के तहत प्रदेश के सभी सरकारी और निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में फ्यूचर स्किल्स प्राइम प्लेटफॉर्म से जुड़े कोर्सेस को शैक्षणिक क्रेडिट के साथ लागू किया जाएगा। प्रत्येक जिले में एक मॉडल कॉलेज को ‘मेंटर संस्थान’ के रूप में भी विकसित किया जाएगा। इससे लगभग 1.5 लाख छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, पायथन, डाटा साइंस जैसे भविष्य की तकनीकों में प्रशिक्षण मिलेगा।

तीसरा समझौता वाधवानी फाउंडेशन के साथ किया गया, जिसके अंतर्गत राज्य के सभी सरकारी महाविद्यालयों में एआई आधारित व्यक्तित्व विकास और स्वरोजगार आधारित कोर्सेस को लागू किया जाएगा। तीन वर्षों के लिए किए गए इस करार से लगभग 1.20 लाख छात्रों को रोजगारपरक और आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन तीनों समझौतों को उत्तराखंड के समावेशी विकास की दिशा में एक मजबूत और दूरदर्शी पहल बताया। उन्होंने कहा, “राज्य को डिजिटल टैलेंट, आधुनिक शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण का केंद्र बनाने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। ये समझौते राज्य के युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।”

मुख्यमंत्री ने टाटा ट्रस्ट, नैस्कॉम और वाधवानी फाउंडेशन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड को एआई और साइबर सुरक्षा के आधुनिक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए यह साझेदारी बेहद उपयोगी सिद्ध होगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राज शेखर जोशी, मुख्य सचिव आनंद  बर्द्धन, टाटा ट्रस्ट के सीईओ सिद्धार्थ शर्मा, नैस्कॉम स्किल काउंसिल की सीईओ अभिलाषा गौड़, वाधवानी फाउंडेशन के ईवीपी सुनील दहिया सहित अनेक अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

उत्तराखंड अब टेक्नोलॉजी, कौशल और सामाजिक नवाचार का नया केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

थराली में पुल गिरने से मचा हड़कंप, निर्माण कार्य में लापरवाही के आरोप

उत्तराखंड के चमोली जनपद स्थित थराली क्षेत्र में एक निर्माणाधीन पुल गिरने से हड़कंप मच गया। यह हादसा तब हुआ जब पुल का कुछ हिस्सा अचानक ध्वस्त हो गया, जिससे क्षेत्रवासियों में दहशत फैल गई। सौभाग्यवश इस घटना में कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई, लेकिन यह दुर्घटना निर्माण कार्य में बरती गई लापरवाही को उजागर करती है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पुल निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया था और कार्य की गुणवत्ता की जांच नहीं की गई। ग्रामीणों ने संबंधित विभाग और ठेकेदार पर गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने कहा है कि घटना की जांच की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

बैकग्राउंड:

थराली में यह पुल क्षेत्रीय लोगों के लिए आवागमन का प्रमुख साधन था, जो कई गांवों को मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ता था। इसके गिरने से अब लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, बारिश के मौसम में हालात और भी बिगड़ सकते हैं।

निष्कर्ष:

यह घटना उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में हो रहे निर्माण कार्यों की निगरानी और गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है और भविष्य में ऐसी लापरवाही को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर: भारतीयों की सुरक्षित वापसी का मिशन जारी, आज की स्थिति पर एक नज़र

भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर युद्धग्रस्त क्षेत्र से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए एक महत्वपूर्ण मानवीय पहल साबित हो रहा है। आज की स्थिति के अनुसार, इस ऑपरेशन के तहत कुल 300 से अधिक भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाया जा चुका है।

भारतीय वायुसेना और विदेश मंत्रालय के समन्वय से यह अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। युद्ध क्षेत्र में फंसे भारतीयों को निकटवर्ती सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है, जहां से विशेष उड़ानों के ज़रिए उन्हें भारत लाया जा रहा है।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, “हर भारतीय की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी नागरिक को अनदेखा न किया जाए।”

आज दिन में दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे 120 भारतीय नागरिकों ने राहत की सांस ली और भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। कुछ लोगों के परिजन एयरपोर्ट पर भावुक होकर अपनों से मिले।

सरकार ने हेल्पलाइन नंबर और विशेष पोर्टल भी शुरू किया है, जिससे विदेश में फंसे नागरिक संपर्क कर सकें और राहत के लिए पंजीकरण करवा सकें।

मुख्य बिंदु:

  • अब तक 300+ भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी।
  • विशेष उड़ानों और दूतावासों के माध्यम से राहत कार्य जारी।
  • भारतीय वायुसेना की भी तैनाती।
  • केंद्र सरकार की सतर्क निगरानी में मिशन संचालित।

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय विदेश नीति और मानवीय मूल्यों का प्रतीक बनकर सामने आया है। मिशन अब भी जारी है और आने वाले दिनों में और लोगों की वापसी की उम्मीद है।

चारधाम यात्रा में बढ़ रही मौतें: अब तक 50 से अधिक श्रद्धालुओं की गई जान, स्वास्थ्य परीक्षण और सतर्कता पर जोर

उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, लेकिन इस बीच लगातार बढ़ रही मौतों ने चिंता बढ़ा दी है। अब तक 50 से अधिक तीर्थयात्रियों की जान जा चुकी है, जिनमें से अधिकतर की मौतें दिल का दौरा, हाई ब्लड प्रेशर और ऊंचाई पर स्वास्थ्य बिगड़ने की वजह से हुई हैं।

राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इन मौतों को लेकर रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि अधिकतर मामलों में श्रद्धालुओं को यात्रा से पहले पूरा स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराया गया था। केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी और ठंडा मौसम वृद्ध या बीमार लोगों के लिए जोखिम भरा साबित हो रहा है।

राज्य सरकार और प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले अनिवार्य स्वास्थ्य परीक्षण जरूर कराएं और चिकित्सकीय परामर्श लें। साथ ही, सभी जिलों में मेडिकल कैंप और हेल्थ चेकअप सेंटर की संख्या बढ़ा दी गई है।

चारधाम यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक श्रद्धालु स्वयं जागरूक नहीं होंगे, तब तक इस तरह की घटनाओं को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता।

सरकार की अपील:

  • स्वास्थ्य प्रमाणपत्र के बिना यात्रा न करें
  • बीमार या बुजुर्ग तीर्थयात्री विशेष सावधानी बरतें
  • ऊंचाई पर चढ़ाई के दौरान बीच-बीच में आराम जरूर करें
  • किसी भी अस्वस्थता की स्थिति में तुरंत नजदीकी मेडिकल टीम से संपर्क करें

चारधाम यात्रा आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ शारीरिक सहनशक्ति की भी परीक्षा है। ऐसे में सतर्कता ही सुरक्षा की पहली शर्त है।

कोविड-19 पर उत्तराखंड सरकार सतर्क मोड में, राज्य में हालात सामान्य लेकिन एहतियात बरकरार

देहरादून, 4 जून 2025 — देशभर में जहां कोविड-19 की स्थिति इस समय नियंत्रण में है, वहीं उत्तराखंड में भी हालात पूरी तरह सामान्य हैं। इसके बावजूद राज्य सरकार किसी भी प्रकार की ढिलाई के मूड में नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशानुसार, स्वास्थ्य विभाग ने संभावित जोखिमों से बचाव और सतर्कता के तहत विशेष एडवाइजरी जारी की है।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में राज्य में कोविड संक्रमण को लेकर कोई खतरे की स्थिति नहीं है, लेकिन सरकार पूरी तरह सतर्क और तैयार है। सभी जिलों में निगरानी तंत्र को सुदृढ़ किया जा रहा है, अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा की जा रही है, और सभी संसाधनों को सक्रिय मोड में रखा गया है।

जिलों को जारी किए गए विशेष निर्देश:

  • अस्पतालों में ऑक्सीजन, आवश्यक दवाएं, वेंटिलेटर, BiPAP मशीनें, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और PSA संयंत्रों को पूरी तरह कार्यशील रखने के निर्देश।
  • पर्याप्त संख्या में बेड्स सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।

निगरानी व्यवस्था होगी और सख्त:

  • ILI (इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण) और SARI (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) की अनिवार्य रिपोर्टिंग।
  • सभी सरकारी व निजी संस्थानों को IHIP पोर्टल पर प्रतिदिन रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश।
  • सभी SARI मामलों की कोविड जांच अनिवार्य रूप से कराई जाएगी।

नए वेरिएंट की पहचान पर ज़ोर:

  • कोविड पॉजिटिव सैंपल को Whole Genome Sequencing (WGS) के लिए भेजा जाएगा, ताकि किसी नए वेरिएंट की समय रहते पहचान की जा सके।

रिफ्रेशर ट्रेनिंग और मीडिया समन्वय:

  • कोविड प्रबंधन में लगे स्टाफ के लिए रिफ्रेशर ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी।
  • मीडिया समन्वय के लिए राज्य स्तर पर डॉ. पंकज कुमार सिंह को नोडल अधिकारी और डॉ. सौरभ सिंह को सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।

क्या करें और क्या न करें (Do’s & Don’ts):

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनता को सतर्कता और जिम्मेदारी से व्यवहार करने की अपील की गई है।

क्या करें:

  • छींकते/खांसते समय मुंह ढकें
  • भीड़-भाड़ से बचें
  • हाथ धोते रहें
  • लक्षण होने पर मास्क पहनें और डॉक्टर से संपर्क करें

क्या न करें:

  • उपयोग किए गए टिशू दोबारा न इस्तेमाल करें
  • हाथ मिलाने से बचें
  • बिना परामर्श दवा न लें
  • बार-बार आंख, नाक, मुंह न छुएं

स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया कि अफवाहों से बचना और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन ही संक्रमण से बचाव की सबसे प्रभावी रणनीति है।

राज्य सरकार का संदेश स्पष्ट है: हालात सामान्य हैं, पर सतर्कता जरूरी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट बैठक समाप्त, लिए गए कई अहम फैसले

देहरादून, 4 जून 2025 — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक कई महत्वपूर्ण निर्णयों के साथ समाप्त हुई। इस बैठक में राज्यहित से जुड़े अनेक अहम मुद्दों पर चर्चा की गई और प्रभावी फैसले लिए गए।

बैठक के प्रमुख निर्णयों में निम्नलिखित शामिल रहे:

  • शिक्षा क्षेत्र में बड़ा फैसला: राज्य में 100 नए स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की योजना को मंजूरी मिली।
  • स्वास्थ्य सेवाएं सशक्त करने की दिशा में कदम: ग्रामीण क्षेत्रों में 50 नए स्वास्थ्य उपकेंद्र खोले जाने का निर्णय लिया गया।
  • बेरोजगारी पर वार: युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार मिशन 2.0’ को हरी झंडी मिली।
  • महिला सशक्तिकरण: महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए विशेष वित्तीय सहायता पैकेज की घोषणा।
  • पर्यटन को बढ़ावा: चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए नई सड़क परियोजनाओं की स्वीकृति।

कैबिनेट के इन फैसलों को राज्य के विकास और जनता के कल्याण की दिशा में अहम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने बैठक के बाद कहा कि सरकार जनहित में निर्णायक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।