चार बालिकाओं की विधवा मां प्रिया को प्रताड़ित करने वाले सीएसएल फाइनेंस व टाटा एआईए इंश्योरेंस पर गिर सकती है गाज;
जिला प्रशासन ने फिर दिखाया प्रचंड रूप, जनमानस को न्याय दिलाने की दिशा में बड़ी कार्रवाई
देहरादून, दिनांक 13 जुलाई 2025। जिला प्रशासन देहरादून एक बार फिर अपने निर्णायक और जनहितकारी फैसलों को लेकर चर्चा में है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। एक विधवा महिला, प्रिया, जो चार बालिकाओं की मां हैं, को उनके दिवंगत पति द्वारा लिए गए 6.50 लाख के गृह ऋण को लेकर एक वर्ष से बैंक और बीमा कंपनी द्वारा परेशान किया जा रहा था, जबकि उक्त ऋण का बीमा भी किया गया था।
फरियादी प्रिया ने 11 जुलाई को जिलाधिकारी से मुलाकात कर अपना दर्द साझा किया। उन्होंने बताया कि उनके पति स्व. विकास कुमार ने 6.50 लाख का ऋण सीएसएल बैंक से लिया था, जिसकी बीमा पॉलिसी टाटा एआईए इंश्योरेंस के माध्यम से कराई गई थी। ऋण बीमा हेतु सभी औपचारिकताएं, मेडिकल परीक्षण, प्रीमियम कटौती आदि प्रक्रिया पूर्ण की गई थी। इसके बावजूद उनके पति की 12 जुलाई 2024 को मृत्यु हो जाने के बाद बीमा कंपनी ने क्लेम देने से इनकार कर दिया और बैंक ऋण माफ नहीं किया गया।
इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए जिलाधिकारी ने सीएसएल बैंक प्रबन्धक की 6.50 लाख की आरसी काटते हुए उसे निर्धारित समयसीमा में जमा करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न करने की स्थिति में बैंक को सील करने एवं कुर्की की कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
इससे पहले भी इसी तरह के मामले में पीड़िता शिवानी गुप्ता को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन ने 15.50 लाख की आरसी काटते हुए बैंक सील कर दिया था, जिसके बाद बैंक अधिकारियों को फरियादी के घर जाकर संपत्ति के दस्तावेज लौटाने पड़े थे।
जिला प्रशासन अब असहाय, निर्बल, और उपेक्षित वर्ग के शोषण पर पूरी सख्ती से कार्रवाई कर रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जनहितकारी और पारदर्शी कार्यशैली से प्रेरित होकर प्रशासन न केवल जनमानस को उनका अधिकार दिला रहा है, बल्कि शोषण करने वाले संस्थानों पर भी नकेल कस रहा है।
प्रमुख बिंदु:
- डीएम देहरादून ने सीएसएल बैंक प्रबन्धक की 6.50 लाख की आरसी काटी
- बीमा के बावजूद विधवा महिला को नहीं मिला क्लेम, एक साल से भटक रही थी न्याय के लिए
- बैंक व इंश्योरेंस कंपनी के खेल को उजागर कर सख्त कार्रवाई
- आवश्यकतानुसार बैंक सील व नीलामी की कार्रवाई की जा सकती है
- पूर्व में भी ऐसे ही एक मामले में बैंक को सील कर फरियादी को न्याय दिलाया गया था
जिला प्रशासन का यह सख्त और स्पष्ट संदेश है कि जनमानस को गुमराह या प्रताड़ित करने वाले किसी भी संस्थान को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन जनता के लिए, जनता के साथ और जनता के हित में तत्पर है।