उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, लेकिन इस बीच लगातार बढ़ रही मौतों ने चिंता बढ़ा दी है। अब तक 50 से अधिक तीर्थयात्रियों की जान जा चुकी है, जिनमें से अधिकतर की मौतें दिल का दौरा, हाई ब्लड प्रेशर और ऊंचाई पर स्वास्थ्य बिगड़ने की वजह से हुई हैं।
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इन मौतों को लेकर रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि अधिकतर मामलों में श्रद्धालुओं को यात्रा से पहले पूरा स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराया गया था। केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी और ठंडा मौसम वृद्ध या बीमार लोगों के लिए जोखिम भरा साबित हो रहा है।
राज्य सरकार और प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले अनिवार्य स्वास्थ्य परीक्षण जरूर कराएं और चिकित्सकीय परामर्श लें। साथ ही, सभी जिलों में मेडिकल कैंप और हेल्थ चेकअप सेंटर की संख्या बढ़ा दी गई है।
चारधाम यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक श्रद्धालु स्वयं जागरूक नहीं होंगे, तब तक इस तरह की घटनाओं को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता।
सरकार की अपील:
- स्वास्थ्य प्रमाणपत्र के बिना यात्रा न करें
- बीमार या बुजुर्ग तीर्थयात्री विशेष सावधानी बरतें
- ऊंचाई पर चढ़ाई के दौरान बीच-बीच में आराम जरूर करें
- किसी भी अस्वस्थता की स्थिति में तुरंत नजदीकी मेडिकल टीम से संपर्क करें
चारधाम यात्रा आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ शारीरिक सहनशक्ति की भी परीक्षा है। ऐसे में सतर्कता ही सुरक्षा की पहली शर्त है।