नई दिल्ली, 08 जुलाई 2025: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड निवास परिसर में ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के आउटलेट का विधिवत उद्घाटन किया। यह आउटलेट उत्तराखण्ड की पारंपरिक धरोहर और जैविक उत्पादों को राजधानी दिल्ली में संगठित रूप से प्रस्तुत करने का एक प्रभावशाली मंच बनेगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ राज्य सरकार की उस दूरदर्शी सोच का परिणाम है, जिसके तहत उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में तैयार होने वाले प्राकृतिक और हस्तनिर्मित उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई जा रही है। यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के साथ-साथ स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों के लिए नए अवसर भी उत्पन्न करेगी।
चारधाम यात्रा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा स्थानीय उत्पादों के प्रचार-प्रसार और बिक्री हेतु नैनी सैनी व पंतनगर एयरपोर्ट, देहरादून हेलीपैड, केदारनाथ, बद्रीनाथ, हर्षिल, मसूरी, ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन जैसे प्रमुख तीर्थ व पर्यटक स्थलों पर फ्लोर स्टैंडिंग यूनिट्स एवं रिटेल कार्ट्स स्थापित किए गए हैं। ये कार्ट्स न केवल पर्यटकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय उत्पादों को नई बाजार पहुंच भी दिला रहे हैं।
इसके अलावा, मैरियट मसूरी, ताज देहरादून, एफआरआई, एलबीएसएनएए और दिल्ली हाट जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर भी इन रिटेल कार्ट्स की स्थापना की जा रही है। सचिव ग्रामीण विकास राधिका झा ने बताया कि ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड ने अल्प समय में अपनी गुणवत्ता व विश्वसनीयता के कारण एक विशिष्ट पहचान बनाई है। इसके उत्पाद अब houseofhimalayas.com, अमेज़न और ब्लिंकिट जैसे लोकप्रिय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं।
उच्च श्रेणी के पर्यटकों को स्थानीय उत्पादों से जोड़ने के लिए ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ने ताज (ऋषिकेश, रामनगर), हयात, मैरियट, वेस्टिन और जेपी ग्रुप जैसे प्रतिष्ठित होटलों के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। इन होटलों में स्थापित रिटेल कार्ट्स पर्यटकों को उत्तराखण्ड के जैविक और पारंपरिक उत्पादों की सीधी उपलब्धता प्रदान कर रहे हैं।
‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड की अवधारणा को पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में प्रस्तुत किया गया था। इस ब्रांड के तहत बुरांश शरबत, जंगली शहद, पहाड़ी दालें, मसाले, हस्तनिर्मित वस्त्र और अन्य जैविक उत्पाद सुव्यवस्थित रूप से देशभर में पहुंचाए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा, सचिव ग्रामीण विकास राधिका झा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने इस प्रयास को आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड और सतत पर्यटन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।