देहरादून, 08 जुलाई 2025— मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जनसेवा और सुशासन की नीति से प्रेरित होकर जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में आज ऋषिपर्णा सभागार, कलेक्ट्रेट में जनता दर्शन / जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कुल 125 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें प्रमुख रूप से भूमि विवाद, नगर निगम, शिक्षा, विद्युत, एमडीडीए, पुलिस, सिंचाई, विधिक सहायता और रोजगार से संबंधित मुद्दे शामिल रहे।
प्रमुख कार्यवाहियां एवं जनसुनवाई में लिए गए निर्णय:
- 70 वर्षीय दिव्यांग बुजुर्ग राजेश्वरी देवी ने बताया कि उनकी विवाहित बेटी ने उनके मकान पर अवैध कब्जा कर लिया है। डीएम ने एसडीएम न्याय को आदेश दिए कि बुजुर्ग महिला को न्याय दिलाते हुए जल्द से जल्द कब्जा दिलाया जाए।
- फरियादी रेनू, जिनके पति की मृत्यु सेवाकाल में हुई थी, आश्रित नौकरी के लिए डीएम दरबार पहुँचीं। जिलाधिकारी ने दस्तावेज़ों की गहन जांच के बाद पाया कि एक अभिलेख की कमी थी। संबंधित विभाग को 2 दिन में दस्तावेज जारी करने के निर्देश दिए गए।
- 86 वर्षीय किसान प्रीतम सिंह, भू-माफियाओं से परेशान होकर डीएम से मिले। उनकी भूमि पर कब्जा कर खेती से रोका जा रहा है। डीएम ने एसडीएम डोईवाला को 1 सप्ताह में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
- गौरी रानी, बुजुर्ग महिला, जो अपने घर में सड़क के ऊँचे होने से बरसात का पानी घुसने से परेशान थीं, ने डीएम से गुहार लगाई। नगर निगम को फटकार लगाते हुए डीएम ने 1 सप्ताह में समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
- रानीपोखरी निवासी अनिता ने बेटी की बीएससी आईटी की पढ़ाई के लिए ₹75,000 की फीस हेतु आर्थिक सहायता का अनुरोध किया। डीएम ने नंदा-सुनंदा प्रोजेक्ट के तहत मदद के निर्देश दिए।
- रेनू (कांवली रोड), जिन्होंने पति की मृत्यु के बाद नगर निगम में नौकरी हेतु आवेदन किया था, उनके मामले को मुख्य नगर आयुक्त को सन्दर्भित कर शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिए गए।
- अवैध शराब परोसे जाने की शिकायत पर डांडा लखौण्ड क्षेत्र में होटल-रेस्टोरेंट्स पर आबकारी विभाग को तत्काल जांच व कार्रवाई के निर्देश दिए।
- विधिक सहायता के प्रकरण में फरियादी नितिन हेमदान को राहत देने हेतु सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण को आदेशित किया गया कि आर्थिक दयनीयता को देखते हुए विधिक सलाह व अपील की समुचित व्यवस्था की जाए।
प्रशासन की चेतावनी:
डीएम ने स्पष्ट किया कि जनता को अनावश्यक चक्कर कटवाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर सख्त नजर रखी जा रही है। यदि किसी ने जनभावना के विपरीत कार्य किया या फरियादियों को परेशान किया तो कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
महिला, बच्चों और बुजुर्गों के मामलों पर विशेष संवेदनशीलता:
डीएम ने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि महिला, बुजुर्ग और बच्चों से जुड़ी शिकायतों पर संवेदनशीलता और तत्परता से कार्य करें। साथ ही सभी एसडीएम व तहसीलदारों को निर्देश दिए कि मृत्यु प्रमाणपत्र एवं वारिसाना प्रमाण पत्र एक सप्ताह के भीतर जारी किए जाएं।
इस कार्यक्रम ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि जिला प्रशासन “जन के लिए तत्पर और समाधान के लिए प्रतिबद्ध” है। जनता के हर मुद्दे को गंभीरता से लेकर न्याय और राहत पहुंचाना प्रशासन की प्राथमिकता है।