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हिमाचल प्रदेश जाएगा यूएसडीएमए का विशेषज्ञ दल

देहरादून, 08 जुलाई 2025।

हिमाचल में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के तौर-तरीकों का अध्ययन करेगा विशेषज्ञ दल

उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) का एक विशेषज्ञ दल हिमाचल प्रदेश जाएगा। यह दल वहां हालिया अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न आपदा की स्थितियों से निपटने हेतु शासन-प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों का अध्ययन करेगा। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस बाबत सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने मंगलवार को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) पहुंचकर प्रदेश में हो रही वर्षा की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां मिलती-जुलती हैं। ऐसे में हिमाचल में आपदा प्रबंधन के अनुभवों से सीखकर उत्तराखण्ड में संभावित आपदाओं के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जा सकती है।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि भूस्खलन से बंद सड़कों को शीघ्रता से खोला जाए और संवेदनशील क्षेत्रों में आवश्यक उपकरण, विशेषकर जेसीबी, 15 मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंचाए जाएं। साथ ही ग्रामीण सड़कों को खोलने में भी तत्परता बरती जाए।

अलर्ट की स्थिति और बारिश के आंकड़े: सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। आगामी दिनों में पूरे प्रदेश में येलो अलर्ट है। जून में सामान्य से कम वर्षा हुई थी जबकि जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान है। अब तक प्रदेश में औसतन 317.1 मिमी वर्षा हो चुकी है, जिसमें बागेश्वर (765.5 मिमी), चमोली (428.2 मिमी), रुद्रप्रयाग (388.8 मिमी), और देहरादून (380.4 मिमी) शामिल हैं।

2853 परिवारों का पुनर्वास

सुमन ने बताया कि वर्ष 2012 से अब तक कुल 258 आपदा प्रभावित गांवों के 2853 परिवारों का पुनर्वास किया जा चुका है। वर्ष 2025-26 में 337 परिवारों के पुनर्वास हेतु अब तक 12.16 करोड़ रुपये की धनराशि निर्गत की गई है। राज्य आपदा मोचन निधि से जनपदों को कुल 165 करोड़ और राज्य सेक्टर से 10.5 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

सचेत ऐप और आपातकालीन नंबरों का प्रचार जरूरी

मुख्य सचिव ने ‘सचेत ऐप’ को जनहित में उपयोगी बताते हुए सभी नागरिकों से इसे डाउनलोड करने की अपील की। साथ ही उन्होंने आपातकालीन सेवाओं 112, 1070 और 1077 के व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया, ताकि आपदा की स्थिति में समय पर मदद मिल सके।

व्हाट्सएप ग्रुप से अलर्ट की त्वरित जानकारी

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि तहसील स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाएं ताकि मौसम और आपदा से संबंधित अलर्ट 15 मिनट के भीतर आम नागरिकों तक पहुंच सकें। उन्होंने एसईओसी में सेटेलाइट फोन और वायरलेस सिस्टम की कार्यप्रणाली की भी समीक्षा की।

एसईओसी की होगी अलग एसओपी और मॉक ड्रिल

उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य और जनपद आपातकालीन परिचालन केंद्रों की अपनी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जाए। साथ ही कंट्रोल रूम की मॉक ड्रिल भी कराई जाए ताकि आपदा की स्थिति में किसी भी भ्रम की गुंजाइश न रहे।

72 घंटे में दी जाए अहेतुक सहायता

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि आपदा से प्रभावित व्यक्तियों को हर हाल में 72 घंटे के भीतर अहेतुक सहायता उपलब्ध कराई जाए। साथ ही नुकसान का शीघ्र सर्वे कर प्रभावितों को यथाशीघ्र सहायता दी जाए।

इस अवसर पर विनोद कुमार सुमन (सचिव, आपदा प्रबंधन), आनंद स्वरूप (अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी), डीआईजी राजकुमार नेगी, मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, आलोक कुमार, यूएसडीएमए विशेषज्ञ मनीष भगत, रोहित कुमार, डॉ. पूजा राणा, डॉ. वेदिका पंत, श्री हेमंत बिष्ट एवं सुश्री तंद्रीला सरकार आदि उपस्थित रहे।

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