कर्णप्रयाग, 4 जून 2025 — उत्तराखंड में रेल नेटवर्क को पहाड़ों तक पहुंचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना चारधाम यात्रा को और सुगम, सुरक्षित और समयबद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित होगी।
125 किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन पूरी तरह से पहाड़ी इलाके से होकर गुज़रेगी और इसमें लगभग 17 सुरंगें और 16 पुल बनाए जा रहे हैं। परियोजना का लक्ष्य है कि 2030 तक रेल संचालन प्रारंभ हो जाए, हालांकि कुछ सेक्शन 2027 तक ही तैयार होने की उम्मीद है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
- कुल लंबाई: 125 किलोमीटर
- स्टेशन: ऋषिकेश, शिवपुरी, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर, कर्णप्रयाग सहित कुल 12 स्टेशन
- सुरंगों की संख्या: 17 (कुल लंबाई ~105 किमी)
- निर्माण लागत: ₹16,000 करोड़ (अनुमानित)
- निर्माण एजेंसी: रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL)
- सुरक्षा व डिज़ाइन: भूकंपरोधी तकनीक और पर्वतीय वास्तुशिल्प पर आधारित
रेल मंत्रालय के अनुसार, यह लाइन न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि आपदा के समय राहत-बचाव कार्यों में भी मौजूदा रोड नेटवर्क का वैकल्पिक साधन बनेगी।
स्थानीय लोगों में उत्साह:
परियोजना के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं और भविष्य में इससे स्थानीय व्यापार, तीर्थ यात्रा और आपात सेवाओं को काफी सुविधा मिलेगी।