नई दिल्ली। 26 मई 2025 को नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने 11 वर्ष पूरे कर लिए। वर्ष 2014 में केंद्र की सत्ता संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कई ऐतिहासिक फैसले लिए, जिनका देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा असर पड़ा।
इन 11 वर्षों में केंद्र सरकार ने डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, जन-धन योजना, आयुष्मान भारत और आत्मनिर्भर भारत जैसी अनेक योजनाओं के जरिए देश के विकास की नई इबारत लिखी। साथ ही, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने, तीन तलाक पर कानून, राम मंदिर निर्माण और नागरिकता संशोधन कानून जैसे बड़े निर्णयों ने राजनीतिक बहसों को भी जन्म दिया।
मोदी सरकार ने वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत किया और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश की आवाज को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। कोरोना महामारी जैसी वैश्विक आपदा में भी भारत ने वैक्सीन निर्माण और वितरण में अग्रणी भूमिका निभाई।
हालांकि सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, कृषि कानूनों को लेकर विरोध और लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता पर सवाल जैसे मुद्दों पर विपक्ष और सामाजिक संगठनों से आलोचना भी झेलनी पड़ी।
11 साल बाद भी नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में गिरावट नहीं आई है और वर्ष 2024 के आम चुनावों में एक बार फिर भाजपा की ऐतिहासिक जीत ने साबित किया कि देश की बड़ी आबादी अभी भी उनके नेतृत्व पर भरोसा करती है।
अब जब मोदी सरकार तीसरे कार्यकाल में प्रवेश कर चुकी है, देशवासियों की निगाहें अगले पांच वर्षों की योजनाओं, नीतियों और बदलावों पर टिकी हैं।