गाज़ा पट्टी में जारी संघर्ष और मानवीय संकट के बीच भारत का एक साधारण 5 रुपये का पारले-जी बिस्किट पैकेट 2345 रुपये में बिकने की ख़बर ने सभी को चौंका दिया है। युद्धग्रस्त इलाक़े में जरूरी वस्तुओं की भारी किल्लत और आपूर्ति ठप होने से खाद्य सामग्री की कीमतें बेतहाशा बढ़ गई हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गाज़ा में जीवन-जरूरतों की वस्तुएं दुर्लभ होती जा रही हैं। इसी के चलते अंतरराष्ट्रीय सहायता से पहुंचे सीमित राहत सामानों में पारले-जी जैसे उत्पाद ब्लैक मार्केट में कई गुना महंगे दामों पर बेचे जा रहे हैं।
भारत में रोजमर्रा के नाश्ते का हिस्सा माना जाने वाला पारले-जी बिस्किट जहां मात्र ₹5 में उपलब्ध होता है, वहीं गाज़ा में इसकी कीमत 2345 रुपये (लगभग 28 डॉलर) तक पहुंच गई है। यह स्थिति न केवल संघर्ष की भयावहता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य वस्तुएं भी विलासिता बन जाती हैं।