Sunday, September 14, 2025
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ऊधमसिंह नगर में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी का विकास तेज़, उत्तराखंड बनेगा उद्योग और नवाचार का हब

रुद्रपुर, 4 जून 2025 — उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है। यह परियोजना राज्य सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया मिशन को गति देने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

यह स्मार्ट सिटी आधुनिक बुनियादी ढांचे, ग्रीन टेक्नोलॉजी, डिजिटलीकृत प्रबंधन और उद्योग-अनुकूल वातावरण के साथ विकसित की जा रही है, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।

परियोजना की प्रमुख विशेषताएं:

  • 5000 एकड़ में फैली औद्योगिक स्मार्ट सिटी
  • स्मार्ट ग्रिड, EV चार्जिंग स्टेशन, और ग्रीन बिल्डिंग्स
  • सिंगल विंडो क्लियरेंस और ऑनलाइन परमिट सिस्टम
  • टेक्नोलॉजी पार्क, स्टार्टअप हब और R&D सेंटर की स्थापना
  • रोज़गार के लाखों नए अवसर

उत्तराखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (SIIDCUL) द्वारा संचालित इस परियोजना से राज्य को औद्योगिक, आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,

“ऊधमसिंह नगर को उत्तर भारत का नया औद्योगिक केंद्र बनाने की दिशा में यह स्मार्ट सिटी परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। यह स्थानीय युवाओं को रोजगार और स्टार्टअप्स को मंच प्रदान करेगी।”

कॉर्बेट नेशनल पार्क में विकास की रफ्तार तेज़, इको-टूरिज्म और संरक्षण को मिलेगी नई दिशा

रामनगर, 4 जून 2025 — उत्तराखंड के प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब विकास कार्यों को नई रफ्तार मिल रही है। वन विभाग और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से पार्क में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने, वन्यजीव संरक्षण को सशक्त करने, और आधुनिक पर्यटक सुविधाएं विकसित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है।

हाल ही में घोषित योजनाओं के तहत पार्क के भीतर स्मार्ट सफारी रूट्स, इको-फ्रेंडली रेस्ट हाउस, और डिजिटल गाइड सिस्टम विकसित किए जा रहे हैं। साथ ही, वन्यजीव निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे, AI आधारित ट्रैकिंग सिस्टम, और रेस्क्यू इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किए जा रहे हैं।

मुख्य विकास पहलें:

  • 5 नए इको-ट्रेल मार्गों का निर्माण
  • AI और ड्रोन आधारित निगरानी प्रणाली
  • स्थानीय लोगों के लिए प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर
  • पार्क के गेट पर पर्यटक सुविधा केंद्रों का विस्तार
  • ई-परमिट और मोबाइल ऐप आधारित बुकिंग सुविधा

कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के निदेशक ने कहा “हम न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना चाहते हैं, बल्कि पारिस्थितिकी संतुलन और वन्यजीवों की सुरक्षा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं।”

इस विकास परियोजना से स्थानीय समुदायों को भी लाभ मिलेगा, जिनके लिए ईको-गाइड, होमस्टे और हस्तशिल्प व्यवसायों के माध्यम से रोज़गार के नए रास्ते खुलेंगे।

चारधाम को जोड़ने की दिशा में बड़ी पहल: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन तेजी से निर्माणाधीन

कर्णप्रयाग, 4 जून 2025 — उत्तराखंड में रेल नेटवर्क को पहाड़ों तक पहुंचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना चारधाम यात्रा को और सुगम, सुरक्षित और समयबद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित होगी।

125 किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन पूरी तरह से पहाड़ी इलाके से होकर गुज़रेगी और इसमें लगभग 17 सुरंगें और 16 पुल बनाए जा रहे हैं। परियोजना का लक्ष्य है कि 2030 तक रेल संचालन प्रारंभ हो जाए, हालांकि कुछ सेक्शन 2027 तक ही तैयार होने की उम्मीद है।

परियोजना की मुख्य विशेषताएं:

  • कुल लंबाई: 125 किलोमीटर
  • स्टेशन: ऋषिकेश, शिवपुरी, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर, कर्णप्रयाग सहित कुल 12 स्टेशन
  • सुरंगों की संख्या: 17 (कुल लंबाई ~105 किमी)
  • निर्माण लागत: ₹16,000 करोड़ (अनुमानित)
  • निर्माण एजेंसी: रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL)
  • सुरक्षा व डिज़ाइन: भूकंपरोधी तकनीक और पर्वतीय वास्तुशिल्प पर आधारित

रेल मंत्रालय के अनुसार, यह लाइन न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि आपदा के समय राहत-बचाव कार्यों में भी मौजूदा रोड नेटवर्क का वैकल्पिक साधन बनेगी।

स्थानीय लोगों में उत्साह:

परियोजना के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं और भविष्य में इससे स्थानीय व्यापार, तीर्थ यात्रा और आपात सेवाओं को काफी सुविधा मिलेगी।

दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड एक्सप्रेसवे अंतिम चरण में, 2.5 घंटे में तय होगा सफर

देहरादून, 3 जून 2025 — दिल्ली से देहरादून तक का सफर अब बेहद सुगम और तेज़ होने जा रहा है। भारतमाला परियोजना के तहत बन रहा दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड एक्सप्रेसवे अपने अंतिम चरण में है और सरकार ने संकेत दिया है कि यह ऐतिहासिक प्रोजेक्ट 2025 के अंत तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

आपको बता दें कि 210 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के चालू होने के बाद दिल्ली से देहरादून की यात्रा में अब मात्र 2.5 घंटे लगेंगे, जबकि अभी इसमें 6 से 7 घंटे का समय लगता है। एक्सप्रेसवे में एशिया का सबसे लंबा वन्यजीव कॉरिडोर (12 किमी) भी शामिल है, जो राजाजी नेशनल पार्क के पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।

साथ ही केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में परियोजना की समीक्षा करते हुए कहा की “यह एक्सप्रेसवे उत्तर भारत के पर्यटन, व्यापार और परिवहन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। इसे पर्यावरण संतुलन और आधुनिक तकनीक के साथ तैयार किया जा रहा है।”

मुख्य विशेषताएं:

  • लंबाई: 210 किलोमीटर
  • समय की बचत: लगभग 4.5 घंटे
  • प्रमुख संरचनाएं:
    • 12 किमी लंबा एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर
    • दत्काली मंदिर के पास 340 मीटर लंबी सुरंग
    • अत्याधुनिक टोल और निगरानी प्रणाली
  • निर्माण लागत: ₹13,000 करोड़ (अनुमानित)

यह एक्सप्रेसवे न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन और दिल्ली के व्यापार को भी नया प्रोत्साहन देगा। लोगों में इस एक्सप्रेसवे को लेकर खासा उत्साह है, और उम्मीद है कि यह उत्तर भारत के बुनियादी ढांचे में एक मील का पत्थर साबित होगा।

कोरोना के केस फिर बढ़े, देश में सक्रिय मामलों की संख्या 4,000 के पार पहुंची

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में एक बार फिर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में सक्रिय मामलों की संख्या अब 4,026 तक पहुँच चुकी है। बीते 24 घंटों में 5 लोगों की मौत भी हुई है, जिनमें सभी मरीजों को अन्य गंभीर बीमारियाँ भी थीं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, देश में सामने आ रहे अधिकतर मामले Omicron के नए सब-वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 से जुड़े हैं, जबकि JN.1 अभी भी प्रमुख वेरिएंट बना हुआ है।

स्वास्थ्य मंत्री का बयान:

“स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन हम किसी भी संभावित लहर से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हम नागरिकों से सहयोग और सतर्कता की अपील करते हैं।” – डॉ. मनीष वर्मा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

  • बीते 24 घंटों में कोरोना से 5 मरीजों की मौत हुई है।
  • कुल सक्रिय मामलों की संख्या 4,026 हो गई है।

मौतें केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में दर्ज की गईं।

नई ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 की पहचान

  • JN.1 अब भी सबसे प्रमुख वेरिएंट बना हुआ है।
  • अधिकतर नए केस हल्के लक्षणों वाले हैं, लेकिन सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकांश संक्रमण हल्के लक्षणों के साथ हैं और अस्पताल में भर्ती की दर कम बनी हुई है। हालांकि, उन्होंने लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने, हाथों की स्वच्छता बनाए रखने और जरूरत पड़ने पर जांच कराने की सलाह दी है।

सनातन संस्कृति को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिली: सीएम धामी

सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को नंदप्रयाग में आयोजित राम कथा में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि अलकनंदा और नंदाकिनी के संगम नंदप्रयाग में आयोजित राम कथा में उन्हें संतवाणी का साक्षी बनने का सुअवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जीवनगाथा आत्मिक चेतना जागृत करने का एक माध्यम है। रामकथा हमारे जीवन मूल्यों को जागृत करने और भगवान श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करने का एक दिव्य अवसर है। उनके आदर्शों से पता चलता है कि हमारे जीवन में धर्म, करुणा, सत्य, सेवा और भक्ति की कितनी अधिक महत्ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोरारी बापू जी की अमृतवाणी से हमें जीवन को राममय बनाने की प्रेरणा मिलती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वनाथ कॉरीडोर, महाकाल लोक और अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य एवं दिव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। हमारी सनातन संस्कृति को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिली। उनके मार्गदर्शन से राज्य सरकार प्रदेश के समग्र विकास के साथ ही सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित एवं संवर्धित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार को खोल दिए गए

बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार को विधि विधान के साथ सुबह 6 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली महाभिषेक पूजा कर देश और राज्य की सुख समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मंदिर परिसर में स्थित लक्ष्मी मंदिर गणेश मंदिर आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी सहित सभी मंदिरों में पूजा अर्चना की। श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलने के अवसर पर देश और दुनिया के लगभग 15 हजार श्रद्धालु मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने बद्रीनाथ में तीर्थयात्रीयों और श्रद्धालुओं का अभिवादन किया और तीर्थयात्रियों से यात्रा व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सकुशल चारधाम यात्रा और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के दृष्टिगत बेहतर व्यवस्थाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा हर स्तर पर प्रयास किया गया है। उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड आने वाले सभी श्रद्धालुओं से आह्वान किया हरित और स्वच्छ चारधाम यात्रा के लिए राज्य को पूरा सहयोग दें।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के कार्यों की विस्तृत जानकारी लेते हुए मंदिर के समीप हो रहे निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया। उन्होंने जिलाधिकारी को मास्टर प्लान के कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय से पूर्ण करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को यात्री सुविधा और सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी से श्री हेमकुंड साहिब यात्रा तैयारियों की जानकारी लेते हुए यात्री सुविधाओं को शीघ्र व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। उन्होंने गोविंदघाट में अलकनंदा नदी में निर्माणाधीन पुल के निर्माण कार्य की जानकारी ली। जिलाधिकारी को पुल के निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण कर यात्रा से पूर्व पुल का निर्माण गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के आदेश दिए।

इस दौरान राज्य सभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज, विधायक किशोर उपाध्याय, लखपत बुट्टोला , बीकेटीसी के नवनियुक्त उपाध्यक्ष विजय कपरवाण व ऋषि प्रसाद सती, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल आदि मौजूद थे।

सीएम धामी के निर्देशों का असर, बैठक को 24 घंटे बीतने से पहले सुधरने लगे हालात

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*चारधाम यात्रा::: मोर्चे पर मुखिया, सुधरे हालात*

 

*-बीते रोज हरियाणा में चुनावी दौरे को छोड़ सीधे देहरादून स्थित सचिवालय में की उच्च स्तरीय बैठक*

 

*-इस बार कपाट खुलने के पहले ही दिन लगभग दोगुनी संख्या में आए श्रद्धालु*

 

*पहले से ही मुख्यमंत्री के निर्देशों पर मोर्चे पर जुटे हैं धामी सरकार के तमाम अफसर*

 

*-आज भी उत्तरकाशी के बड़कोट में ग्राउंड जीरो पर पहुँचे सीएम*

 

चारधाम यात्रा के शुरुआती चरण में उमड़ रही अप्रत्याशित भीड़ के बावजूद राज्य की धामी सरकार पूरी मुस्तैदी के साथ हर चुनौती से पार पाने के लिए अग्रिम मोर्चे पर डटी है। मुख्यमंत्री धामी, बीते रोज चुनावी दौरे को लेकर हरियाणा में थे लेकिन वे बगैर देर किए एकाएक इस दौरे को बीच में छोड़ देहरादून स्थित सचिवालय पहुँचे और उच्चाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इसका नतीजा यह रहा कि 24 घंटे बीतने से पहले ही अब यात्रा सुगम व सुचारू रूप से चल रही है। टीम धामी के कई आला अधिकारी पहले से चारधाम यात्रा मार्गों पर डटे हुए हैं। इस बीच, शुक्रवार सुबह उन्होंने फिर सचिवालय में अपने अधिकारियों के साथ बैठक की और सीधा ग्राउंड जीरो पर जायजा लेने के लिए बड़कोट रवाना हो गए।

चार धामों के 10 मई व 12 मई को कपाट खुलने के बाद से इस बार यात्रियों की संख्या नया रिकॉर्ड बना रही है। दूसरी तरफ, यात्रियों की सुगम, सुरक्षित व निर्बाध यात्रा हेतु धामी सरकार संकल्पबद्ध है। गौरतलब है कि गत वर्ष जब कपाट यमुनोत्री धाम के कपाट खुले थे तो कुल 6,838 श्रद्धालु आए थे जबकि इस वर्ष कपाट खुलने वाले दिन 12,193 यात्री आये। यानी दोगुना संख्या में श्रद्धालु पहुँचे। इसी तरह केदारनाथ धाम में गत वर्ष कपाट खुलने पर 18,335 तो इस वर्ष लगभग 75 प्रतिशत ज्यादा लगभग 29 हजार श्रद्धालु मौजूद रहे। कुल मिलाकर अनुमान से कहीं ज्यादा श्रद्धालु चारधाम में पहुंच रहे हैं, जिस कारण शुरुवाती दिनों में कुछ परेशानियां हुई, लेकिन इन्हें भी दूर करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों पर पहले ही उनके सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम से लेकर अन्य अधिकारियों को उत्तराकाशी, रुद्रप्रयाग जिलों में तैनात किया गया है। इसका नतीजा यह हुआ कि स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर चीजों को व्यवस्थित करने में मदद मिली।

इधर, वीरवार को सीएम धामी हरियाणा में चुनावी दौरे पर थे लेकिन हालातों की नाजुकता को भांपते हुए धामी दोपहर में ही देहरादून पहुँच गए और यहां उच्च स्तरीय बैठक ली। सीएम ने बैठक में स्पष्ट कहा कि बगैर पंजीकरण के आ रहे यात्रियों को लौटाया जाए, परिवहन विभाग इसकी जगह जगह चेकिंग करे। धामों की क्षमता के लिहाज से ही यात्रियों को भेजा जाए और जहां उन्हें होल्ड करने की आवश्यकता पड़ रही है वहां उन्हें मूलभूत सुविधाएं जैसे भोजन, पानी, पार्किंग इत्यादि प्रदान की जाए। सीएम धामी द्वारा ली गयी इस बैठक का असर यह हुआ कि 24 घंटे बीतने से पहले ही तमाम स्थानों पर अब यात्रा काफी हद तक सुचारू रूप से संचालित हो रही है। यहाँ तक कि बड़ी संख्या में पहुंच रहे यू ट्यूबर को लेकर भी दिशा निर्देश जारी किए गए कि धामों के 50 मीटर के दायरे में रील बनान प्रतिबंधित रहेगा। वहीं, आज सुबह फिर सीएम धामी सचिवालय पहुँचे और बगैर देर किए उन्होंने अफसरों के साथ सारे हालातों की समीक्षा की और जरूरी निर्देश देने के साथ ही खुद भी ग्राउंड जीरो का हाल देखने के लिए बड़कोट रवाना हो गए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस बार अप्रत्याशित भीड़ जरूर धामों में उमड़ रही है लेकिन टीम एफर्ट के जरिये यात्रा को व्यवस्थित कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है और इसमें स्थानीय निवासियों, प्रशासन के सहयोग से व्यवस्थाओं को सुचारू किया जा रहा है।

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मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सचिव समिति की बैठक
देहरादून : राज्य में ईकोलॉजी एवं ईकोनॉमी के संतुलन के लिए निर्धारित किए गए फ्रेमवर्क ‘‘नौ सूत्र प्रगति प्रकृति संतुलन मिशन’’ पर गम्भीरता से कार्य करने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में सचिव समिति की बैठक में सभी सचिवों से इस सम्बन्ध में सुझाव मांगे हैं।
नियोजित बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष बल देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिव कृषि को राज्य में बदलती जलवायु के अनुकूल खेती के तहत जैविक कृषि, मृदा संरक्षण व कुशल सिंचाई प्रबन्धन से सम्बन्धित योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सचिव पर्यटन को राज्य में ईको-सर्टिफिकेशन, वेस्ट मेनेजमेंट तथा ईको टूरिज्म नीतियों को क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं।
सीएस ने सचिव उद्योग को उद्योग क्षेत्र में ग्रीन टेक्नॉलजी के उपयोग से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा  एवं सस्टेनिबिटी को कायम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सचिव ऊर्जा को ईकोलॉजिकल सेफगार्ड वाले छोटे जल विद्युत प्रोजेक्ट तथा सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सचिव आवास एवं लोक निर्माण विभाग को सत्तशील निर्माण तरीकों को इस्तेमाल करते हुए जलवायु अनुकूल आवासों और सड़कों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड राज्य के पर्यावरण तथा आर्थिकी में संतुलन के विजन को पूरा करने के लिए विश्वभर तथा अन्य राज्यों में अपनायी जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करने तथा राज्य की परिस्थितियों के अनुकूल क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अन्य देशों एवं राज्यों में विशेषरूप से कृषि, पर्यटन, मैन्यूफैक्चरिंग, ऊर्जा तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर में किए जा रहे बेहतरीन कार्यों के अध्ययन के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को इस दिशा में मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा शुरू किए गए नौ सू़त्र फ्रेमवर्क पर एक विस्तृत एक्शन प्लान बनाते हुए गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
आज की बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, श्री एल फैनई, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम सहित सभी विभागो के सचिव मौजूद रहे।

भाजपा की नीति और नीयत साफ़, जन भावना के अनुरूप होगा राज्य का भू कानून : भट्ट

 

कांग्रेस कार्यकाल के कानून का महिमामंडन गलत, माफिया को रोकने मे साबित हुआ अपर्याप्त

 

देहरादून 30 सितंबर। भाजपा ने जन भावना के अनुरूप सशक्त भू कानून का भरोसा दिलाते हुए कहा कि शीघ्र ही धामी सरकार इस पर निर्णायक कदम उठाने जा रही है।

प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने कहा कि सीएम धामी स्वयं बजट सत्र तक इस पर अमल करने की बात कह चुके हैं लिहाजा हम सबको सब्र रखने की जरूरत है। उन्होंने कांग्रेस की उस मंशा का भी विरोध किया जिसमे कांग्रेस तिवारी सरकार मे लागू कानून को सर्वश्रेष्ठ बताने की कोशिश कर रही है।

 

उन्होंने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि पार्टी और सरकार जनभावना के अनुरूप कठोर भू कानून लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। समय समय पर यह हमारे चुनावी दृष्टिपत्र का अहम हिस्सा रहा है और उस पर अमल करने के लिए ही सरकार बनते ही यूसीसी की तरह इस मुद्दे पर भी उच्च स्तरीय विशेषज्ञ कमेटी बनाई गई थी । जिसके द्वारा पेश रिपोर्ट के सभी कानूनी एवं संवैधानिक पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। अब मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी ने घोषणा भी कर दी कि बजट सत्र तक सशक्त भू कानून लाया जाएगा । उन्होंने कहा कि जनता से भाजपा ने वादों के मुताबिक यूसीसी कानून बनाया, मातृशक्ति को नौकरियों में आरक्षण का अधिकार दिया, क्षेतिज आरक्षण देकर राज्य आंदोलनकारी भावनाओं का सम्मान किया, कठोरतम नकल कानून, धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून भी बनाये।

 

लिहाजा राज्यहित में सशक्त भू कानून भी हमारी ही सरकार लेकर आएगी । प्रदेश की जनता को हमारी नीति और नीयत पर पूरा भरोसा है, बस सबको थोड़ा सब्र रखने की जरूरत है।

 

साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेताओं की इस मुद्दे की जा रही बयानबाजियों को राजनीति से प्रेरित और झूठ फैलाने वाला बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पूर्ववर्ती तिवारी सरकार मे बने कानून का महिमामंडन कर रही है, लेकिन यह भी जमीनों की खरीद फरोख्त पर अंकुश लगाने मे कारगर साबित नही हुआ और वर्ष 2007 मे भाजपा सरकार मे इसमें संशोधन किया गया। कांग्रेस परदे के पीछे आंदोलन के नाम पर लोगों को भड़काने का कार्य कर रही है।

 

भट्ट ने कहा कि प्रदेश की जनता गवाह है राज्य आंदोलन से लेकर राज्य निर्माण में भाजपा की भूमिका की अहम रही है। विशेष औधौगिक पैकेज से लेकर मोदी सरकार की लाखों करोड़ की योजनाओं, चारधाम समेत तमाम पवित्र स्थलों में विकास कार्यों से लेकर देवभूमि के देवतुल्य स्वरूप बनाए रखने के लिए भाजपा प्रतिबद्ध है। जनता को विश्वास है कि उत्तराखंड की भावनाओं के अनुसार सशक्त भू कानून भी भाजपा सरकार ही लेकर आएगी।