Sunday, September 14, 2025
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भाजपा अध्यक्ष ने जताया सीएम का आभार, कहा भाजपा सरकार की नीतियों की सफलता

धामी सरकार की नीतियों एवं शानदार प्रयासों से राज्य निर्माण के बाद बनी सरकारों के द्वारा दिए कुल सरकारी नौकरियों से भी अधिक नौकरियां देने में मिली सफलता

देहरादून 26 सितंबर। भाजपा ने रोजगार सृजन और नियुक्ति के मामले मे उत्तराखंड के राष्ट्रीय औसत से आगे निकलने पर प्रदेश हित मे सुखद और धामी सरकार का आभार जताया है।

 

प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने इस प्रगति पर प्रसन्नता जताते हुए इसे सीएम धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की नीतियों की सफलता बताया है। साथ ही राज्य निर्माण के बाद कुल सृजित नौकरियों से भी अधिक सरकारी नौकरियों देने की उपलब्धि पर मुहर बताया है ।

 

उन्होंने पीएलएफएस की रिपोर्ट में युवाओं को रोजगार देने में राज्य के अव्वल आने को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार की नीतियों का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए गर्व एवं संतोष की बात है कि श्रम बल में युवाओं की भागेदारी बढ़ाने के साथ सभी आयु वर्ग में रोजगार देने के मामले में भी हम देश के औसत से आगे निकले हैं। आज प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ने से बेरोजगारी दर में कमी आई है और सभी आयु वर्गों में श्रमिक जनसंख्या अनुपात में वृद्धि हुई है, युवाओं को रोजगार के रिकॉर्ड अवसर मिल रहे हैं।

 

भट्ट ने कहा कि ये सब आंकड़े बयां करते हैं कि सीएम श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार शानदार कार्य कर रही है । उनकी नीतियों एवं बेजोड़ प्रयासों से ही हम राज्य निर्माण के बाद सभी सरकारों के कुल सरकारी नौकरियों से भी अधिक नौकरियां देने में सफल हुए हैं। वहीं प्रदेश सरकार की नीतियों से आज निजी क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में रोजगार सृजन हो रहे हैं जो कि धामी सरकार की दूरदर्शिता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि तीन साल मे धामी सरकार 17 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी सेवा मे नियुक्ति दे चुकी है। वहीं प्राइवेट सेक्टर और स्वरोजगार से यह संख्या लाखों मे है। स्वरोजगार के जरिये महिलाएं भी आत्म निर्भर हो रही है और बेरोजगारों के लिए फलीभूत हो रही है।

 

 

बजट मे देश का समग्र विकास: नित्यानंद

प्रबुद्घ सम्मेलन मे वक्ताओं ने कहा, विकेंद्रित अर्थनीति एवं अर्थव्यवस्था के साथ देश के समग्र विकास को समर्पित है बजट

 

देहरादून 27 जुलाई। भाजपा के प्रबुद्घ सम्मेलन मे मुख्य वक्ता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि यह बजट विकेंद्रित अर्थनीति एवं विकेंद्रित अर्थव्यवस्था को दर्शाने वाला है, जिसमें देश का समग्र विकास समाहित है। उन्होंने कांग्रेस को आइना दिखाया कि मोदी 2047 के विजन पर काम करते हैं और देश ने पीएम बनने की जिद्द के लिए राष्ट्र विभाजन वाले नेता देखे हैं ।

 

श्री राय ने कहा कि वर्तमान बजट 2047 में विकसित भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ने वाला महत्वपूर्ण कदम है। यह विकेंद्रित अर्थनीति एवं विकेंद्रित अर्थव्यवस्था का बजट है, जिसमें सभी राज्य और प्रत्येक व्यक्ति की समृद्धता और खुशहाली निहित है। उन्होंने बजट पर सवाल खड़ा करने वाले विपक्ष पर तंज किया कि देश ने कांग्रेस के ऐसे पीएम देखें हैं जिनकी प्रधानमंत्री बनने की जिद्द ने भारत पाकिस्तान का विभाजन किया था । वहीं आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, 25 साल आगे के भारत के लिए काम करते हैं । यही वजह है कि उनकी नीतियां और बजट में विकसित भारत का लक्ष्य की रूपरेखा स्पष्ट नजर आती है ।

उन्होंने वर्तमान बजट को आजादी के बाद का सबसे बेहतरीन बजट बताया, जिसमें प्रत्येक वर्ग की चिंता की गई है। अपने कल को त्याग कर वे देश को सर्वशक्तिमान एवं देशवासियों को समृद्ध बनाने के योजना बनाते हैं । बजट में किसान, जवान, युवा, महिला, बजुर्ग, समाज के सभी वर्गों के जनकल्याण का विशेष ध्यान रखा गया है।

विवेकानंद की भविष्यवाणी का जिक्र करते हुए कहा, जिसमें उन्होंने एक विदेशी के भारत के हालात पर तंज कसने पर कहा था कि 21 सदी का भारत भूखा, बेबस अशिक्षित, बेघर नहीं विश्व गुरु बनकर विश्व पटल स्थापित होगा । एक नरेन्द्र ने भारत के पुनः विश्व गुरु होने की भविष्यवाणी की थी और दूसरा नरेंद्र आज उसी सपने को पूरा करने का काम कर रहा है।

 

इस मौके पर प्रदेश के वित्त मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने केंद्रीय बजट को देश के साथ उत्तराखंड के लिए भी विकास की नई इबारत लिखने वाला बताया। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की चौथे चरण में अब प्रदेश का छोटे से छोटा गांव भी सड़क मार्ग द्वारा विकास योजनाओं से जुड़ जाएगा। इसी तरह केंद्र द्वारा बाढ़ एवं आपदा की स्थिति में मदद मिलने से जनधन हानि कम करने के साथ विकास की रफ्तार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। बजटीय प्रावधान के बाद प्रदेश में रेलमार्ग सुविधाओं में विस्तार होने से राज्य में कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इसी तरह सड़क एवं अन्य आधारभूत संरचना के लिए जारी बजट, कृषि पर्यावरण एवं रोजगार को लेकर की गई घोषणाएं, स्वास्थ एवं आम लोगों के रोजमर्रा से जुड़ी तमाम योजना का लाभ उत्तराखंड के लोगों को भी मिलने वाला है।

 

प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने अपने शुरुआती भाषण में केंद्रीय बजट की सर्वस्पर्शी, सर्वग्राही और सबकी खुशहाली का बजट बताया। उन्होंने कहा, मोदी की का देवभूमि से विशेष लगाव है, यही वजह है कि राज्य के लिए अलग से की गई घोषणाओं के अतिरिक्त सभी योजनाओं का सर्वाधिक लाभ उत्तराखंड की ही मिलना तय है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि चर्चा के दौरान सामने आए सुझावों का संकलन कर, नित्यानंद राय केंद्र में उचित स्थान पर पहुंचाएंगे।

 

सम्मेलन संयोजक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता श्री अनिल गोयल के संचालन में हुए कार्यक्रम में में प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, विधायक श्री खजान दास, श्रीमती सविता कपूर, पूर्व मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, ऋषिकेश पूर्व मेयर अनीता मंमगई, भाजपा प्रदेश कोषाध्यक्ष पुनीत मित्तल, प्रदेश कार्यालय सचिव श्री कौस्तुभानंद जोशी, प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री मनवीर चौहान, उत्तराखंड सरकार में दायित्वधारी मधु भट्ट, पदम श्री डॉ आरके जैन, इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ऑफ़ उत्तराखंड से पंकज गुप्ता, उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष विपिन नागलिया, पदम श्री डॉक्टर बीके संजय, कार्यक्रम सहसंयोजक और पूर्व जिला अध्यक्ष हरिद्वार ओमप्रकाश जमदग्नि, अग्रवाल समाज जिला अध्यक्ष आदेश मंगल, उद्योगलति श्रीमती गीता बिष्ट, चार्टर्ड अकाउंटेंट अनुराग सिंहल , नवीन गुप्ता, दून व्यापार मंडल महामंत्री सुनील बेसोन, बाल आयोग अध्यक्ष गीता खन्ना, महानगर उपाध्यक्ष राजेंद्र ढिल्लो, महानगर महामंत्री बिजेंदर थपलियाल, राजीव अग्रवाल, हरीश नारंग, डीडी अरोड़ा, डॉ आदित्य कुमार, मुकेश गोयल, नवीन गोयल, अजय सिंघल सहित उद्योग, व्यापार जगत से जुड़े हुए प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

 

आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में त्यूड़ी जाखधार में आयोजित किया गया सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत जन संवाद/जनता मिलन कार्यक्रम

*सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में दर्ज की गई समस्याओं का त्वरित निराकरण करने के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश*

*सभी के सामूहिक प्रयास से क्षेत्र का विकास संभव हैः आयुक्त गढ़वाल मंडल*

दो दिवसीय जनपद भ्रमण पर पहुंचे आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में आज दूसरे दिन विकास खंड ऊखीमठ के अंतर्गत ग्राम पंचायत त्यूड़ी गांव में जनता मिलन/जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयुक्त गढ़वाल मंडल ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना तथा विभागीय अधिकारियों को दर्ज समस्याओं एवं सुझावों के तत्परता से निस्तारण करने के निर्देश दिए गए।

आयोजित जनता मिलन/जन संवाद कार्यक्रम में अध्यक्ष प्रधान संगठन तथा त्यूड़ी के प्रधान सुभाष रावत ने गुप्तकाशी-जाखधार मोटर मार्ग के सुधारीकरण व डामरीकरण करने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की समस्या से अवगत कराते हुए कहा कि नेटवर्क समस्या होने से छात्र-छात्राओं को आॅनलाइन पढ़ाई करने में अनावश्यक समस्या हो रही है। उन्होंने जंगली जानवरों से फसलों को हो रहे नुकसान से निजात दिलाने के लिए घेरबाड़ की मांग की गई। साथ ही क्षेत्र में अमृत सरोवर को धार्मिक आस्था का प्रतीक बताते हुए उसके सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव रखा गया। उन्होंने त्यूड़ी गांव को पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए त्यूड़ी गांव को पर्यटक गांव घोषित करने तथा जाख मेला को जिला स्तरीय मेला घोषित करने की मांग के साथ ही मेला स्थल के सौंदर्यीकरण की भी मांग की गई।

जिला पंचायत सदस्य बबीता देवी ने अवगत कराया कि ग्राम ग्राम पंचायत खड़िया में मार्ग की स्थिति सही नहीं है साथ ही डोलिया देवी के समीप हो रहे भू-स्खलन से गांव को खतरा है जिसके लिए उन्होंने सुरक्षा की मांग की। जिला पंचायत सदस्य गणेश तिवारी ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम जाने के लिए संचालित हो रही हैली सेवाओं में स्थानीय लोगों को वरीयता दी जाए। इसके साथ ही उन्होंने गांव के विकास में हैली कंपनियों से 5 प्रतिशत धनराशि मुहैया कराने का सुझाव भी दिया। दिनेश पुरोहित ने क्षेत्र में बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की।

इस अवसर पर आयुक्त गढ़वाल मंडल ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि आम जनमानस की समस्याओं का समाधान उनके ही द्वार पर हो सके इसके लिए सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है ताकि उनकी समस्याओं का तत्परता से निराकरण किया जा सके। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के सर्वागीण विकास में सभी की सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जनता मिलन कार्यक्रम में जो भी समस्याएं दर्ज की गई हैं उनका डॉक्यूमेंटेशन कर लिया गया है तथा सभी की गहन समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन समस्याओं का समाधान जनपद स्तर पर किया जा सकता है उसके लिए 15 दिनों के अंदर समाधान करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इसके अलावा जो समस्याएं शासन स्तर की हैं उनका समाधान शासन स्तर से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो भी समस्याएं दर्ज हुई हैं उनका निराकरण समयसीमा के अंतर्गत किया जाए। उनके द्वारा पुनः एक माह के अंतर्गत क्षेत्र का भ्रमण किया जाएगा तब तक सभी समस्याओं का निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

इस अवसर पर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने आयुक्त गढ़वाल मंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा जो भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं तथा जो भी समस्याएं जिस विभाग से संबंधित हैं उनका समयसीमा के अंतर्गत निराकरण करने के लिए संबंधित अधिकारियों को प्रेषित किया जाएगा।

इससे पूर्व ग्राम प्रधान ने आयुक्त गढ़वाल मंडल एवं अन्य अधिकारियों का स्वागत किया गया तथा स्मृति चिह्न भेंट किया गया।

इस अवसर पर आईजी पुलिस गढ़वाल करन सिंह नगन्याल, पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य विकास अधिकारी डाॅ. जीएस खाती, ब्लाक प्रमुख ऊखीमठ श्वेता पांडेय, सदस्य जिला पंचायत गणेश तिवारी, बबीता देवी, प्रधान बबीता रावत, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला, खंड विकास अधिकारी सूर्य प्रकाश शाह, तहसीलदार प्रदीप नेगी, अधिशासी अभियंता लोनिवि मनोज भट्ट, विभिन्न विभागीय अधिकारी, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं क्षेत्रीय जनता मौजूद रही।

 

महासू मंदिर, हनोल के मास्टर प्लान को मंजूरी प्रदान करने पर क्षेत्रीय निवासियों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर जताया आभार

महासू मंदिर, हनोल के सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान को मंजूरी प्रदान करने पर जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को कैम्प कार्यालय में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर उनका आभार प्रकट किया। उन्होंने महासू मंदिर की प्रतिकृति मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को भेंट करने पर भी प्रसन्नता व्यक्त की।

 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि महासू मंदिर, हनोल का सुनियोजित विकास कर इस क्षेत्र को बड़े धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित किया जाए एवं स्थानीय युवाओं के लिए आर्थिकी के नए अवसर सृजित किए जाएं। मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करने वालों में कमलेश भट्ट, नंदलाल भारती, भारत भूषण, जगमोहन जोशी, जयपाल बिष्ट, निकिता तोमर, प्रीतम चौहान आदि शामिल रहे।

विनसर मे वनकर्मियों की मौत की घटना दुखद, सरकार और संगठन आश्रितों के साथ खड़ी: भट्ट 

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राजनीतिक नफा नुकसान को लेकर कुछ लोग कई माध्यमों से वनाग्नि की घटना को सिर्फ उत्तराखंड में दिखाकर सरकार की छबी को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं ।

 

आपदा की घडी मे विपक्ष का आक्रामक रवैया निराशाजनक और राजनीति से प्रेरित

 

धामी सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दों को दबाती नही बल्कि जांच कर अपनी निष्पक्षता और पारदर्शिता को अब तक साबित करती आयी है : भट्ट

 

 

देहरादून 14 जून। भाजपा ने वनाग्नि में वन कर्मचारियों की मौत को दुखद बताते हुए सरकार द्वारा बचाव की कोशिश को संतोषजनक बताया। पार्टी ने लापरवाही के लिए अधिकारियों पर कार्यवाही को उचित कदम बताते हुए विपक्ष से भी आपदा की घड़ी मे विपक्ष के आक्रामक रवैये को निराशाजनक बताते हुए संयम बरतने की अपील की है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने विनसर अभ्यारण में आग बुझाते हुए 4 वनकर्मियों की मौत को पर्यावरण रक्षा में हुई शहादत बताया और पीड़ित परिवार को सरकार तथा संगठन से हर संभव मदद का भरोसा दिया है। साथ ही इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में घायल अन्य सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।

 

भट्ट ने कहा कि इस बार वर्षा में जबरदस्त कमी आने से जंगल में आग की घटनाएं बहुत अधिक बढ़ी हैं । लेकिन मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में वनकर्मियों, फायर फोर्स, पुलिस प्रशासन और एनडीआरएफ एसडीआरएफ ने अग्नि नियंत्रण में हर संभव निरंतर कोशिश की।

जनसभागिता के साथ हुई इन कोशिशों के सफल परिणाम भी सामने आए और वनाग्नि पर नियंत्रण भी हो गया था। किंतु प्री मानसून बारिश नही होने से दोबारा वनाग्नि की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिसके चलते यह दुखद हादसा हुआ है। लापरवाही बरतने के लिए प्रमुख वन संरक्षक विन्सर अभ्यारण, वन संरक्षक नॉर्थ और डीएफओ समेत शीर्ष अधिकारियों पर सीएम श्री पुष्कर धामी की कार्यवाही की गयी है और संदेश साफ है कि हर सेवक को अपने कर्तव्य का इमानदारी से निर्वहन करना होगा।

 

भट्ट ने आपदा की इस दुखद घड़ी मे विपक्ष के रवैये को निराशाजनक और राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि धामी सरकार जहां पूरी तत्परता के साथ मोर्चे पर डटी है तो वहीं, विपक्ष इतने गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर भी राजनीति से बाज नहीं आ रहा। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तराखंड में वनाग्नि में चार वनकर्मियों की मौत को लेकर ट्वीट कर पीड़ित परिवारों को मुआवजा और सहायता की बात कही है। जबकि उत्तराखंड सरकार पहले ही सभी के लिए 10-10 लाख रुपये आर्थिक मदद की बात कह चुकी है। कांग्रेस नेता प्रियंका उत्तराखंड के दवानल पर ज्ञान बांट रही हैं उन्हें हिमाचल में जंगल की आग के आंकड़े भी सामने रखने चाहिए। इस फायर सीजन में हिमाचल के चंबा, शिमला, हमीरपुर, धर्मशाला सबसे ज्यादा वनाग्नि से प्रभावित रहे हैं और वहां हुई लगभग 1700 घटनाओं में 2500 हेक्टेयर जंगल जलकर स्वाहा हो गया। जिसमे विगत पिछले 15 दिन में 2 महिलाओं की दुखद मौत भी हुई है। देश भर के राज्यों में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम से लेकर त्रिपुरा तक के जंगल आग की चपेट में हैं।

उन्होंने कहा कि यहां सरकार ने शुरू में वनाग्नि पर पूरी तरह से काबू पा लिया था। लेकिन जून प्रथम सप्ताह की भीषण गर्मी ने फिर वनों को आग की चपेट में ला दिया है। सरकार ने पहले से ही राज्य में चीड़ की पत्तियों को 50 रुपये किलो खरीदने की योजना लागू की गई हैं। इससे करीब 3 हजार मेट्रिक टन चीड़ की पत्ती एकत्र भी की जा चुकी हैं। सरकार ने फिर वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के प्रयास तेज कर दिए हैं। स्वयं सहायता समूह, ग्रामीणों और वन पंचायत की मदद से वनाग्नि रोकने को कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक नफा नुकसान को लेकर कुछ लोग कई माध्यमों से वनाग्नि की घटना को सिर्फ उत्तराखंड में दिखाकर सरकार को टारगेट करने की साजिश रच रहे हैं और सरकार की छबी को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं । जबकि देशभर में हिमालयी राज्यों में भड़की आग किसी को नहीं दिख रही है। वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री धामी सेना से लेकर हर तरह की मदद का ऐलान पूर्व में कर चुके हैं। साथ ही भविष्य में वनाग्नि रोकथाम को बड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

 

भाजपा अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि धामी सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दों को दबाती नही बल्कि जांच कर अपनी निष्पक्षता और पारदर्शिता को अब तक साबित करती आयी है। उद्यान मामले मे सरकार ने एसआईटी का गठन कर जाँच के आदेश दिये थे और जांच शुरू भी हुई, लेकिन कोर्ट के निर्देश पर चल रही सीबीआई जांच का स्वागत है। पार्टी और हमारी सरकार पारदर्शिता की पक्षधर है।

 

 

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केदारपुरी सहित पैदल यात्रा मार्ग पर 800 केएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार होंगे

 

*पीडब्ल्यूडी एवं पेयजल निगम तैयार कर रहे दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट*

 

*प्लांट में जापानी तकनीकी का किया जा रहा इस्तेमाल*

 

श्री केदारनाथ धाम यात्रा का स्वरूप लगातार बढ़ता जा रहा है इसी के मध्यनजर शासन एवं जिला प्रशासन स्तर से यात्रा को सुदृढ़ एवं सुव्यवस्थित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में केदारपुरी सहित पैदल यात्रा मार्ग पर 822 किलो लीटर प्रति दिन की क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तैयार होने जा रहे हैं। 600 किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला प्लांट केदारनाथ में तैयार हो रहा है, जबकि 222 किलोमीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला प्लांट गौरीकुंड में तैयार हो रहा है।

परियोजना प्रबंधक पेयजल निगम श्रीनगर गढ़वाल रविंद्र सिंह ने बताया कि नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत गौरीकुंड क्षेत्र में 2022 में स्वीकृत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण गतिमान है। प्लांट में जापानी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत 200 किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता का एसटीपी बनाया जा रहा है। वहीं 10 पुरुष एवं पांच महिला शौचालय भी निर्मित होने हैं। जिनके शोधन हेतु 10 किलो लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला एसटीपी प्रस्तावित है। वहीं पूर्व से गौरीकुंड में स्थित सुलभ इंटरनेशनल के शौचालयों के शोधन के लिए 12 किलो लीटर प्रतिदिन का एसटीपी भी बनाया जाना है। जिसके तहत 500 मीटर सीवर लाइन भी बिछाई जानी है जिसमें से 488 मी सिविल लाइन बिछाई जाने का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके अलावा यात्रा मार्ग के महत्पूर्ण पड़ाव तिलवाड़ा में भी 100 किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य प्रतिमान है। बताया कि गौरीकुंड एवं तिलवाड़ा योजना की कुल लागत 23.37 करोड रुपए है। जिसमें दोनों ट्रीटमेंट प्लांट का 15 वर्षों के लिए रखरखाव भी शामिल है। उधर अधिशासी अभियंता सिविल वृत्त डीडीएमए विनय झिंक्वाण ने बताया कि करीब 600 किलो लीटर प्रतिदिन शोधन की क्षमता वाला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट आठ करोड़ की लागत से केदारनाथ में तैयार होने जा रहा है जिसका 55 फीसदी से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है।

धामी सरकार के 3 साल बेमिसाल, हर वायदे पर खरी उतरी सरकार

*धामी सरकार ने दी विकास, सामाजिक न्याय और राज्य की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता*

धामी सरकार ने अपने तीन वर्षों के कार्यकाल में उत्तराखंड के विकास के लिए जो कदम उठाए हैं, वे राज्य के लिए मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। उनके नेतृत्व में राज्य ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिनसे न केवल राज्य की बुनियादी सुविधाओं में सुधार हुआ है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर का भी संरक्षण हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यह सरकार विकास, सामाजिक न्याय और राज्य की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, जो राज्य के उज्जवल भविष्य की ओर एक मजबूत कदम है।

 

*समान नागरिक संहिता-एक ऐतिहासिक निर्णय*

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सरकार के वादे के अनुसार राज्य में समान नागरिक संहिता लागू की। यह कदम महिलाओं को अधिकार संपन्न बनाने, सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने और समाज के विभिन्न वर्गों को समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया। इस पहल को न केवल राज्य में, बल्कि पूरे देश में सराहा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस निर्णय की मुक्त कंठ से सराहना की और इसे एक नजीर के रूप में पेश किया।

 

*भूमि मुक्तिकरण और लैंड जिहाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई*

धामी सरकार ने राज्य की भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ कठोर कदम उठाए। लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 144,500 एकड़ से अधिक भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया। यह कदम राज्य के प्राकृतिक संसाधनों और भूमि की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी। इसके साथ ही, भू कानून को और भी सख्त किया गया, ताकि पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि भूमि का बाहरी व्यक्तियों द्वारा कब्जा न हो सके।

 

*महिलाओं के लिए आरक्षण और अन्य कल्याणकारी योजनाएं*

धामी सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण लागू किया, जिससे उन्हें सरकारी सेवा में समान अवसर मिले। इसके अलावा, वृद्धावस्था पेंशन योजना, निराश्रित विधवा भरण पोषण अनुदान और दिव्यांग पेंशन योजना की राशि में वृद्धि की गई, जिससे राज्य के वृद्धजन और विकलांग व्यक्तियों को और अधिक सहायता प्राप्त हो सके।

 

*आर्थिक और रोजगार सृजन के प्रयास*

धामी सरकार ने राज्य के आर्थिक विकास और युवाओं को रोजगार देने के लिए कई योजनाओं को लागू किया। 20,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों में अवसर प्रदान किया गया। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में भी कई योजनाओं की शुरुआत की गई, जैसे ष्सीएम किसान प्रोत्साहन निधिष्, जिससे किसानों को आर्थिक मदद मिल सके।

 

*धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण*

धामी सरकार ने राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षण देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। चारधाम सर्किट में मंदिरों और गुरुद्वारों का भौतिक ढांचा और परिवहन सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। कुमायूं के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाने के लिए श्मानसखण्ड मंदिर माला मिशनश् की शुरुआत की गई। इसके साथ ही, पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क और उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।

 

*भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस*

धामी सरकार ने भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार मुक्त एप-1064 की शुरुआत की गई, ताकि लोग सीधे तौर पर भ्रष्टाचार की सूचना दे सकें और सरकार त्वरित कार्रवाई कर सके। राज्य के वीर सैनिकों के सम्मान में भी वृद्धि की गई है, जिससे उनकी वीरता को उच्च सम्मान दिया गया।

 

*आधुनिक बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी*

धामी सरकार ने उत्तराखंड के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है। मोबाइल नेटवर्क, हाई स्पीड ब्रॉडबैंड, और फाइबर इंटरनेट की सुविधा को गांव-गांव तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है। शहरी क्षेत्रों में पार्किंग सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, ताकि ट्रैफिक जाम की समस्या को हल किया जा सके।

 

*शिक्षा और युवा कल्याण*

शिक्षा के क्षेत्र में भी धामी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत 241 छात्रों को ₹33 लाख 52 हजार की छात्रवृत्ति दी गई है। इसके अलावा, पीएचडी करने वाले मेधावी छात्रों को प्रतिमाह ₹5000 की छात्रवृत्ति देने की योजना भी बनाई गई है, जिससे राज्य में उच्च शिक्षा के स्तर को बढावा मिले।

 

*नकल विरोधी कानून और खेलों का प्रोत्साहन*

धामी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। श्नकल विरोधी कानूनश् को लागू कर राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर किया। साथ ही, खेलों को बढावा देने के लिए खेल पुरस्कार राशि में वृद्धि की गई, जिससे राज्य के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिल सके।

*निष्कलंक और पारदर्शी शासन*

सीएम धामी ने राज्य के शासन में पारदर्शिता और निष्कलंकता को बढ़ावा दिया। सरकारी खर्चों को कम करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन सरकारी भवनों में करने की योजना बनाई गई। इस निर्णय से न केवल सरकारी खजाने की बचत होगी, बल्कि यह कार्यप्रणाली सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाएगी।

कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली राज्य विरोधी और विघ्न संतोषी: भट्ट

 

 

देहरादून 29 अप्रैल। भाजपा ने चार धाम यात्रा शुरुआत के दिन, कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली को, राज्य विरोधी और पावन कार्यों में विघ्न संतोषी रवैया बताया है।

 

प्रदेशाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्री महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस का इस मुद्दे को उठाना, बिल्ली के सौ चूहे खाकर हज करने जैसा है। लिहाजा उनमें थोड़ी सी भी नैतिकता शेष है तो राज्यहित और देशहित में उन्हें इस कार्यक्रम को रद्द करना चाहिए और यात्रा में सहयोग के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस के अभियान की टाइमिंग और औचित्य पर कई गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सभी जानते हैं कि चार धाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिक रीढ़ का काम करती है। लिहाजा जब कल से इस पावन यात्रा का शुभारंभ हो रहा है तो ऐसे में मुख्य विपक्षी पार्टी का राजनैतिक कार्यक्रम करना उनके नकारात्मक रुख को स्पष्ट करता है। कांग्रेस पार्टी नहीं चाहती है कि राज्य का विकास जारी रहे और उसकी देवभूमि छवि की कीर्ति में वृद्धि हो। इसलिए वह यात्रा व्यवस्था में जुटे प्रशासन और आम लोगों के प्रयासों में विघ्न डालने के लिए यह कार्यक्रम करना चाहते हैं। विगत वर्ष में भी यात्रा प्रभावित करने के लिए कांग्रेस ने इसी तरह के अनेकों राजनैतिक प्रपंच किए थे। जो यात्रा के अंतिम दिनों तक केदारनाथ प्रतिष्ठा यात्रा के रूप में जारी रहे।

 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह प्रयास और भी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हो जाता है कि ये सब उस समय किया जा रहा हो जब देश पहलगाम हमले से दुख और आक्रोश में है। वो पीएम मोदी के नेतृत्व में दुश्मनों को करारा जवाब देने की तैयारी में जुटा हुआ है। लेकिन कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति नॉन स्टॉप जारी है।

 

उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं से आग्रह किया कि यदि उनमें थोड़ी सी भी नैतिकता बची हो तो वह यात्रा को देखते हुए प्रदेश हित में अपने राजनैतिक कार्यक्रम को स्थगित कर दे। बेहतर हो कि उनके कार्यकर्ता भी यात्रा प्रबंधन में सहयोग और तीर्थयात्रियों की मदद के लिए आगे आएं।

 

उन्होंने कहा कि आज पीएम श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, तीव्र गति से विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में एकजुटता से बढ़ रहा है। वहीं अपने नकारात्मक रुख के चलते, कांग्रेस पार्टी और उनकी सहयोगी पार्टियों को अपना राजनैतिक भविष्य शून्य की तरफ खिसकता नजर आ रहा है। यही वजह है कि वे हताशा निराशा में लगातार देश में भ्रम और झूठ फैलाने की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की प्रस्तावित संविधान बचाओ यात्रा भी, देश समाज को बरगलाकर, अराजक माहौल पैदा कर, जनता के आत्मविश्वास को कमजोर करने की इसी साजिश का हिस्सा है। अभिव्यक्ति की आजादी, प्रत्येक पार्टी को अपनी बात रखने का अवसर देती है,

 

उन्होंने कांग्रेस के इस आंदोलन के औचित्य पर सवाल खड़े करते हुए कहा, सबसे हैरानी की बात यह भी है कि संविधान बचाने का दावा वह पार्टी जिसके हाथ लोकतंत्र और संविधान के खून से रंगे हुए हैं। देश के लोकतान्त्रिक इतिहास में सबसे काला अध्याय है यदि कोई है तो वह है आपातकाल, जिसके रचयिता कोई और नहीं कांग्रेस पार्टी है। देश ने देखा कि किस तरह हाईकोर्ट के निर्णय से खुद का सिंहासन हिलते देख तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के लोकतंत्र को बंधक बनाकर, आपातकाल थोप दिया था। संसद, न्यायपालिका, कार्यपालिका और पत्रकारिकता सभी का गला घोंटने का प्रयास किया।

 

वहीं कांग्रेस द्वारा संविधान कुचलने का दूसरा सबसे बड़ा उदाहरण अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग को बताया। कहा, इस अनुच्छेद 356 को कांग्रेस खिलौने की तरह इस्तेमाल करती रही है। उसके राजनीतिक फायदे के लिए बार -बार इसका इस्तेमाल किया। देश में अब तक 124 बार इस धारा का उपयोग हुआ जिसमें अकेले कांग्रेस पार्टी और उनके सहयोग से चली सरकारों ने 102 बार चुनी हुई सरकारों के दमन में इसका दुरुपयोग किया। वहीं संविधान से छेड़छाड़ कर उसे कमजोर करने का तो उसका लंबा और दागदार इतिहास रहा है।

आपातकाल में कांग्रेस ने संसद की अवधि भी पांच से बढ़ा कर छह साल कर दी थी और संविधान में बदलाव का ऐसा प्रस्ताव लाया गया था जिसमें इंदिरा गांधी को ताउम्र प्रधानमंत्री बनाने और न्यायपालिका को सरकार की नीतियों के साथ चलने का प्रस्ताव लाया गया था।

संविधान की मूल प्रस्तावना में छेड़छाड़ करते हुए उसमें समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष जैसे शब्दों को जोड़ा गया। संविधान के विपरीत जाकर जम्मू-कश्मीर में 370 लागू कर उसे देश से अलग दिखाने का पाप किया। एक देश में दो संविधान, दो विधान और दो निशान की इसी भावना ने कश्मीर को आतंक की भट्टी में झोंके रखा।

 

उन्होंने तुलनात्मक रूप में कहा, हमने बहुमत का उपयोग मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के श्राप और वक्फ बोर्ड की माफियागिरी से आजाद करने के लिए किया। लेकिन कांग्रेस ने राजीव गांधी को मिले दो तिहाई बहुमत का दुरुपयोग पीड़ित बुजुर्ग महिला शाहबानों के साथ अन्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदलने में किया। पीएम और पीएमओ को कंट्रोल करने के लिए सोनिया गांधी की अध्यक्षता में नेशनल एडवाइजरी काउंसिल बनाकर करोड़ों लोगों के जनमत का अपमान किया गया। देश दुनिया ने देखा कैसे लोकतंत्र में भी रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाई जाती है। महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय विदेशी नेताओं और राजनयिकों के साथ बैठकों और मुलाकात में असंवैधानिक रूप में सोनिया गांधी पीएम को सुपरसीड करती थी।

 

उन्होंने तंज कसा कि राहुल गांधी संविधान बचाने की बात करते हैं जबकि इन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी ही सरकार के अध्यादेश फाड़ कर संवैधानिक व्यवस्था का सरेआम अपमान किया था। अनेकों राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का सार्वजनिक अपमान इनके नेताओं द्वारा किया गया। ये लोग तो अपनी पार्टी के गांधी परिवार के लिए अलग कानून की बात कहने वाले लोग हैं।

 

कांग्रेस संविधान बचाने की बात करेंगे जबकि मोदी सरकार द्वारा बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान के सम्मान में संविधान दिवस मनाने की घोषणा का विरोध किया। इतना ही नहीं बाबा साहब की 125 वीं जयंती का भी विरोध किया। संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा और निष्पक्षता पर पर सबसे अधिक गैरजिम्मेदाराना सवाल करने वाले यही लोग हैं। ये चुनाव में हार का ठीकरा ईवीएम मशीन पर फोड़ते है। ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोप लगाते हैं और जब चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को साबित करने की चुनौती दी तो कोई भी वहां नहीं पहुंचता है।

 

राहुल गांधी देश विदेश में संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम और देश की छवि खराब करने की यात्रा पर आज भी जारी हैं। हाल में अमेरिकी ब्राउन यूनिवर्सिटी में चुनाव प्रक्रिया पर झूठे आरोप सबने देखें हैं।

 

भट्ट ने कहा कि दरअसल कांग्रेस का असल मकसद है, न्यायपालिका और चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली पर भ्रम और छूट फैलाकर लोगों के संवैधानिक संस्थाओं के प्रति विश्वास को कमजोर करना। इसी तरह CAG, ED, CBI कोई शीर्ष जांच एजेंसी ऐसी नहीं रही जिस पर कांग्रेस नेताओं द्वारा झूठे आरोप नहीं लगाए गए हो। सबसे आपत्तिजनक है कि कांग्रेस ने राजनैतिक विरोध के लिए सेना को भी नहीं बख्शा।

 

उन्होंने इस दौरान कांग्रेस सरकारों द्वारा संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ किए गए महत्वपूर्ण घटनाक्रम का उल्लेख भी किया। जिसके क्रम में बताया, 1949 में कांग्रेस सरकार ने धारा 370 लागू कर जम्मू कश्मीर को देश की मुख्य धारा से अलग करने का पाप किया, वर्ष 1954 में संविधान की मूल भावना के खिलाफ, मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए वक्फ कानून लेकर आए। जिसमें 2013 में संशोधन कर असीमित अधिकार देने का पाप किया, 1975 में हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ देश को आपातकाल की आग में झोंक दिया गया। जिसके तहत देश में लोगों के मौलिक अधिकार को खत्म कर प्रेस की आजादी पर प्रतिबंध लगाते हुए विपक्ष के नेताओं को जेल में डाला गया। आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकारों ने ऐसे ऐसे संशोधन किया जो आज लागू होते तो लोकतंत्र का कोई मायने नहीं रहता। जैसे सांसद के कार्यकाल को 5 वर्ष से बढ़कर 6 वर्ष करना इंदिरा गांधी को आजीवन प्रधानमंत्री बनाए रखना न्यायिक समीक्षा का अधिकार बंद करना वर्ष 1977 में तो 42 वें संशोधन से कांग्रेस सरकार ने संविधान की मूल संरचना को ही बदल दिया था, संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द को जोड़कर। राजीव गांधी सरकार के कार्यकाल की बात करें तो 1985 में एक मुस्लिम बुजुर्ग देवा महिला को उसका अधिकार ना मिले उसके लिए, कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रचंड बहुमत का दुरुपयोग किया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही संविधान संशोधन से पलट दिया। 1988 में प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए मानहानि विरोधी कानून पेश किया गया वह बात और है कि विरोध के चलते इसे वापस ले लिया गया। अब मनमोहन सरकार के कार्यकाल का जिक्र करें तो वक्त संशोधन 2013 से इन्होंने वक्फ बोर्ड को पूरी तरह भू माफिया बोर्ड में बदलने का कार्य किया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को नियंत्रित करने के लिए सलाहकार समिति बनाई गई और सुपर पीएम के रूप में सोनिया गांधी को उसे पर काबिज किया गया जो भारतीय लोकतंत्र को अपमानित करने का निर्णय था। संविधान और संवैधानिक पदों संस्थाओं के अपमान का तो कांग्रेस पार्टी का लंबा इतिहास रहा है जिसके तहत इन्होंने शीर्ष पद पर बैठे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को भी नहीं बख्शा। 1951 में तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन में जाने से रोका गया, एपीजे अब्दुल कलाम को 2006 में विदेश दौरे से वापस बुलाकर अध्यादेश पर हस्ताक्षर कराया, वर्तमान राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को तत्कालीन नेता विपक्ष अधीरंजन चौधरी ने अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया।

 

इस दौरान पत्रकार वार्ता में प्रदेश महामंत्री श्री आदित्य कोठारी, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री मुकेश कोली, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी राजेंद्र सिंह नेगी, संजीव वर्मा, प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती कमलेश रमन, सुनीता विद्यार्थी, राजकुमार पुरोहित मौजूद रहे।

 

चारधाम यात्रा से पहले धामी सरकार की बड़ी सौगात, प्रदेश के अस्पतालों को मिले 45 विशेषज्ञ डॉक्टर

 

*उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को मिली नई उड़ान, चारधाम यात्रियों और स्थानीय जनता को मिलेगा त्वरित और प्रभावी उपचार*

चारधाम यात्रा के शुभारंभ से पहले धामी सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश संख्या 293157/2025 के अनुसार, विशेषज्ञ चिकित्सकों को उनके संबंधित विशेषज्ञता के अनुसार ज़िला चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात किया गया है। इनमें सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग (OBS & Gynae), एनेस्थीसिया, बाल रोग (Pediatrics), नेत्र रोग (Ophthalmology), कान-नाक-गला (ENT), फॉरेंसिक मेडिसिन और जनरल मेडिसिन जैसे विभागों के डॉक्टर शामिल हैं।

 

 

*स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगी मजबूती*

 

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ मंत्री डॉ धन सिंह रावत के मार्गदर्शन व निर्देशन में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए विभाग लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री जी व स्वास्थ्य मंत्री जी के स्पष्ट निर्देश हैं कि सीमांत गाँव के अंतिम छोर पर खड़े ब्यक्ति को भी स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ मिले।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया सभी डॉक्टर विभाग की तरफ से पीजी करने गए थे। पीजी कोर्स पूर्ण होने के बाद विशेषघ चिकित्सक के रूप में इन सभी की तैनाती विभिन्न जनपदों में कर दी गई है। चारधाम यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के उत्तराखंड आने की संभावना है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त रखना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से जिलों में आपातकालीन सेवाओं से लेकर सामान्य इलाज तक में उल्लेखनीय सुधार होगा। इससे न केवल यात्रियों को बल्कि स्थानीय जनता को भी त्वरित और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।

 

 

*विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती से राज्य के अस्पतालों को मिली बड़ी राहत*

 

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। पर्वतीय जिलों के अस्पतालों में पूर्व में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इन चिकित्सकों की तैनाती से राज्य के अस्पतालों को बड़ी राहत मिली है। कई जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव के कारण मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। अब सर्जरी, एनेस्थीसिया, स्त्री रोग, बाल रोग और नेत्र रोग जैसे प्रमुख विभागों में विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध होंगी। इससे न केवल आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि सामान्य बीमारियों के इलाज में भी तेजी आएगी। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन साबित होगा।

 

 

*किन जिलों को मिले विशेषज्ञ डॉक्टर*

 

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि इन 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती विशेष रूप से उन जिलों में की गई है, जहां चारधाम यात्रा का सीधा प्रभाव पड़ता है या जहां स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने की तत्काल आवश्यकता थी। इनमें प्रमुख रूप से पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर और हरिद्वार जैसे जिले शामिल हैं।

 

*विशेषज्ञताओं के अनुसार तैनाती का विवरण*

 

1 :- एनेस्थीसिया (Anaesthesiology) – 12 डॉक्टर

 

2 :- सर्जरी (General Surgery) – 5 डॉक्टर

 

3 :- बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrics) – 4 डॉक्टर

 

4 :- स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ (OBS & Gynae) – 4 डॉक्टर

 

5 :- कान-नाक-गला (ENT) – 5 डॉक्टर

 

6 :- नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmology) – 2 डॉक्टर

 

7 :- फॉरेंसिक मेडिसिन (MD Forensic Medicine) – 1 डॉक्टर

 

8 :- जनरल मेडिसिन व अन्य – 10 डॉक्टर

 

*यात्रियों के लिए विशेष तैयारी*

 

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि चूंकि चारधाम यात्रा के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं, इसलिए सरकार ने हाई-एल्टीट्यूड मेडिसिन, कार्डियक इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर के लिए भी अतिरिक्त इंतजाम किए हैं। स्थानांतरण आदेश के तहत कई डॉक्टर ऐसे संवेदनशील जिलों में तैनात किए गए हैं जहां तत्काल विशेषज्ञ सहायता की आवश्यकता होती है।

 

*तेजी से कार्यभार ग्रहण के निर्देश*

 

स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं कि वे शीघ्र अपने नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करें। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई चिकित्सक निर्धारित समय पर कार्यभार नहीं ग्रहण करता है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

अवैध मजार का ध्वस्तीकरण स्वागत योग्य, डेमोग्राफी के खिलाफ हर साजिश होगी बेनकाब: चौहान

 

 

लैंड जिहाद और अवैध मजार, मस्जिद के खिलाफ धामी सरकार प्रतिबद्ध

 

देहरादून 26 अप्रैल। भाजपा ने दून अस्पताल की अवैध मजार के ध्वस्तीकरण का स्वागत करते हुए कहा कि देवभूमि के स्वरूप और डेमोग्राफी परिवर्तन की किसी भी साजिश को भाजपा सफल नहीं होने देगी।

 

प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि धामी सरकार राज्य की संस्कृति और परंपरा से छेड़छाड़ कर माहौल को खराब करने वाली ताकतों को किसी भी कीमत पर पनपने नहीं देगी। इससे पहले भी लगभग 600 से अधिक अवैध धार्मिक अतिक्रमणों और मदरसों पर कार्यवाही की गई है, जो इसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 

चौहान ने कहा कि देहरादून के दून हॉस्पिटल में मौजूद मजार भी अवैध तरीके से संचालित की जा रही थी। जिसमें पहले भी अवैध गतिविधियों के संचालन और आसपास मौजूद महिला शिक्षण संस्थानों से संबंधित आपराधिक घटनाओं को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं। वहीं राजधानी के सबसे महत्वपूर्ण और व्यस्त अस्पताल परिसर में होने से वहां की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी व्यापक रूप से प्रभावित होती थी। लिहाजा जनभावनाओं का सम्मान करते हुए इस पर ध्वस्तीकरण की जो कार्यवाही हुई है उसका पार्टी पुरजोर समर्थन करती है। वहीं आगे जो भी प्रदेश की शांति, सुरक्षा और माहौल के लिए इस तरह के संस्थान खतरा साबित होगा, उसपर सख्त कार्रवाई जारी रहनी चाहिए।

 

चौहान ने कांग्रेस द्वारा प्रदेश मे अवैध मजार, मदरसों तथा अतिक्रमण पर विरोध को निराशाजनक बताते हुए कहा कि उन्हें तुष्टिकरण के खातिर अवैध अतिक्रमण को प्रोत्साहन और पैरवी के बजाय सकारात्मक रुख रखना चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि धामी सरकार ने प्रदेश मे विकास के नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य तथा रोजगार की दिशा मे राज्य ने बेहतर प्रगति की है। राज्य पर्यटन प्रदेश की राह पर अग्रसर है। लेकिन सीएम धामी जन भावनाओं को देखते हुए प्रदेश मे सशक्त भू कानून से लेकर लैंड जिहाद कैसे कानून लाये, जिससे राज्य की डेमोग्राफी को सरंक्षित रखा जाए। उन्होंने कहा कि जन हित मे ऐसे अभियान जारी रहेंगे।