Saturday, September 13, 2025
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आपदाओं से निपटने के लिए रिस्पांस टाइम का अध्ययन जरूरीः आनन्द स्वरूप (ACEO)

 

*यूएसडीएमए के एसीईओ ने ली नोडल अधिकारियों की बैठक*

देहरादून। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) श्री आनंद स्वरूप ने कहा कि विभिन्न प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए रिस्पांस टाइम का अध्ययन किया जाना जरूरी है। इससे यह समझने में आसानी रहेगी कि आपदा घटित होने के बाद राहत और बचाव कार्यों में कितना समय लगा और कहां कमियां रहीं।

 

मंगलवार को यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में श्री स्वरूप ने यूएसडीएमए के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदाओं को लेकर एक डेटा बेस बनाया जाए और यह अध्ययन किया जाए कि आपदा से निपटने में रिस्पांस टाइम क्या रहा। उन्होंने कहा कि इससे राहत और बचाव कार्यों के दौरान आने वाले चुनौतियों तथा गैप्स का पता चल सकेगा और उनमें आवश्यक सुधार किए जा सकेंगे।

 

एसीईओ श्री स्वरूप ने कहा कि इस अध्ययन से जो अच्छे कार्य सामने निकलकर आएंगे उन्हें दूसरे स्थानों पर भी नजीर के तौर पर लागू किया जा सकेगा। उन्होंने विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड आपदाओं को लेकर संवेदनशील है और इनसे कम से कम जान-माल का नुकसान हो, इसलिए सभी विभागों के बीच आपसी सामंजस्य और तालमेल होना जरूरी है।

 

एसीईओ ने कहा कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में तैनात विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसलिए जरूरी है कि सभी रेखीय विभागों के अधिकारी सूचनाओं के आदान-प्रदान में सक्रियता दिखाएं। इस मौके पर उन्होंने सेटेलाइट फोन के जरिये डीडीएमओ चमोली तथा उत्तरकाशी से वार्ता कर बंद मोटर मार्गों को लेकर जानकारी ली। उन्होंने कृषि विभाग को निर्देश दिए कि गूगल शीट पर अतिवृष्टि के कारण होने वाली क्षति का ब्योरा प्रतिदिन अपडेट किया जाए। उन्होंने विद्युत पोलों पर खुली तारों को लेकर चिंता जताई तथा विद्युत विभाग को जल्द समाधान के निर्देश दिए।

 

इस दौरान उन्होंने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से जारी होने वाले मौसम तथा आपदा संबंधी चेतावनियों की समीक्षा की तथा निर्देश दिए कि सभी चेतावनियों को समय पर आम जनता तक पहुंचाया जाए ताकि लोग अपने स्तर पर भी जागरूक और सतर्क रहें।

 

इस मौके पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) श्री राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, एसईओसी की दिवस प्रभारी डॉ. वेदिका पंत, रोहित कुमार, हेमंत बिष्ट, तंद्रीला सरकार आदि मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने किया जागेश्वर धाम के प्रसिद्ध श्रावणी मेले का शुभारंभ

 

 

*प्रदेशवासियों को दी हरेला पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं।*

 

*वृक्षारोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश।*

 

*जनपद के विकास को लेकर की कई घोषणाएं।*

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में एक महीने तक चलने वाले श्रावणी मेले का पूजा अर्चना कर शुभारंभ किया। उन्होंने जागेश्वर के भंडारा स्थल में पदम का वृक्ष लगाकर हरेला की शुभकामनाओं के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जागेश्वर धाम पौराणिक संस्कृति का अप्रतिम प्रतीक है। यहां आकर एक अलग ही शांति की अनुभूति मिलती है। भगवान जागेश्वर सभी श्रद्धालुओं पर अपनी कृपा रखते हैं। उन्होंने कहा कि यहां कोई अपनी मर्जी से नहीं बल्कि बाबा के बुलावे पर ही आता है। श्रावणी मेले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रावणी मेला पौराणिक संस्कृति का जीता जागता उदाहरण है। श्रावणी मेला सदियों से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा है।

 

मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों को हरेला पर्व एवं श्रावणी मेले की शुभकामनाएं देते हुए डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड के विकास को समर्पित सरकार है। इसी का परिणाम है कि नीति आयोग द्वारा जारी की गई सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर आया है। यह उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद के विकास को लेकर अनेक घोषणाएं भी की जिनमें,

 

सरयू (सेराघाट) से वृद्ध जागेश्वर सहित जागेश्वर क्षेत्र के लिए पेयजल पंपिंग योजना का निर्माण, भगततोला कपकोट मोटर मार्ग का डामरीकरण, मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत वृद्ध जागेश्वर को धार्मिक पर्यटन से जोड़ने, भिकियासेन में डाम का निर्माण, चमडखान में बैंक की स्थापना, भरतोली के प्राचीन देवायल मंदिर का जीर्णोधार, डिप्टेश्वर महादेव एवं कोटेश्वर महादेव का जीर्णोधार तथा सौंदर्यीकरण किये जाने, मर्चुला भिकियासेन मोटर मार्ग पर रामगंगा नदी पर मोटर पुल का निर्माण, महात्मा गांधी इंटर कॉलेज चनोदा सोमेश्वर के अपूर्ण भवन का निर्माण किये जाने, चायखन – थूवासीमल से ध्युली – धोनी व ध्यूली रौतेला चौना बैंड तक लिंक रोड का निर्माण किये जाने, सोमेश्वर के ग्राम सभा रहत में धूनी गैर नामक स्थान पर तथा शहर फाटक नंगधूनी मंदिर के पास मिनी स्टेडियम का निर्माण किये जाने, विकासखंड हवालबाग के गोविंदपुर स्थित देवडघाट के नानकोसी में मिनी बैराज का निर्माण के साथ जागेश्वर विधानसभा में 40 किमी डामरीकरण के प्रस्ताव आदि कार्यों की घोषणा शामिल है।

 

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास को समर्पित सरकार है। अल्मोड़ा के कोसी से कौसानी तक साइकिल ट्रैक का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिससे अल्मोड़ा जनपद के पर्यटन को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा शहर के विस्तार की भी योजना बनायी जा रही है।

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना की है तब से यहां श्रद्धालुओं की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हुई है तथा लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार देश एवं प्रदेश में विकास के नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। प्रदेश के तीर्थाटन को बढ़ाने में भी राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। जिस प्रकार केदारनाथ एवं बदरीनाथ मंदिर के मास्टर प्लान के माध्यम से केदारनाथ एवं बदरीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है उसी प्रकार जागेश्वर धाम के मास्टर प्लान के माध्यम से भी यहां के लोगों के आजीविका के द्वार खुलेंगे। उन्होंने कहा कि जागेश्वर धाम के मास्टर प्लान के कार्य पूरा हो जाने के बाद प्रति वर्ष 10 लाख श्रद्धालुओं के यहां आने की उम्मीद है। इसके माध्यम से यहां के लोगों का जीवन खुशहाल होगा एवं जनपद की आर्थिकी में भी बढ़ोतरी होगी।

 

इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने भी जनपद एवं प्रदेशवासियों को हरेला पर्व एवं श्रावणी मेले के शुभकनाएं दी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में अनेक कार्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन सुदूर आदि कैलाश में कराकर योग दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड की सड़कों का कायाकल्प होगा एवं प्रदेश तेजी से मजबूत अर्थव्यवस्था को और अग्रसर होगा।

 

विधायक जागेश्वर मोहन सिंह मेहरा ने मुख्यमंत्री के जागेश्वर धाम आने के लिए उनका धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा लगातार प्रदेश एवं जनपद के लिए अहम फैसले लिए जा रहे हैं। जो प्रदेश के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।

 

इस दौरान जिलाध्यक्ष भाजपा रमेश बहुगुणा, उपाध्यक्ष जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति नवीन चंद्र भट्ट, जिला मजिस्ट्रेट विनीत तोमर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे समेत अन्य विभागीय अधिकारी, जन प्रतिनिधि एवं आम जनमानस उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने परेड ग्राउंड, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में बाबा बौखनाग की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को परेड़ ग्राउण्ड में बाबा बौखनाग की डोली के अयोध्या धाम भ्रमण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बाबा की पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की तथा डोली को स्वयं कंधा देकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग डोली समिति के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी भी बाबा बौखनाग के प्रति गहरी आस्था है। बाबा की कृपा पूरे उत्तराखण्ड पर है। इसका उदाहरण सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों की सकुशल रिहाई है। जिनकी कृपा से यह असंभव कार्य संभव हो सका।

 

उन्होंने कहा कि इसके लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी विशेषज्ञों के साथ इंदौर, चेन्नई, हैदराबाद आदि स्थानों से मशीनरी भेजी तथा विदेशों से भी विशेषज्ञ बुलाये, सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों की सकुशल वापसी में आ रहे अवरोध के समय हम सब विचलित हो रहे थे। उस समय हमें बाबा का स्मरण करने से रास्ता मिला और सभी लोग रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतिम दिन तीन घंटे के बजाय आधे घंटे में ही बाहर आए। पूरे देश में इस घटना की चर्चा हुई और हमारे प्रयासों की तारीफ भी हुई, यह बाबा का आशीर्वाद रहा।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन सिलक्यारा की सफलता में बाबा बौखनाग जी की असीम कृपा और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन, प्रगाढ़ इच्छाशक्ति के साथ ही पग-पग पर उनके सहयोग से विभिन्न संस्थानों, सेना के जवानों, रेट माइनर्स और ग्राउण्ड जीरो पर राज्य सरकार के समेकित प्रयासों से सुरंग में फंसे मजदूरों को जीवन बचाने में हम सफल हो पाए।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग हादसे में 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना एक बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन के चलते ही यह बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो सका। केन्द्र सरकार की ओर से भेजी गई विशेषज्ञ बचाव एजेंसियों की बदौलत हम श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में कामयाब हो सके। 17 दिन 41 जिंदगियों के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा था।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय उन्होंने वहां पर बाबा बौखनाग के मंदिर निर्माण की घोषणा की थी, वह कार्य हो रहा है। शीघ्र ही मंदिर बन कर तैयार हो जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बड़कोट पंपिंग पेयजल योजना के शीघ्र समाधान का आश्वासन देते हुए बाबा बौखनाग मेले को राजकीय मेले के रूप में आयोजित किये जाने की बात कही।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा की कृपा से आज हमारा राज्य नीति आयोग द्वारा जारी सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में 10वें से पहले स्थान पर आया है। चारधाम यात्रा में भी रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु आ रहे है। बाबा की कृपा से यमुनोत्री और गंगोत्री में भी श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में बढ़ी है। गंगोत्री यमुनोत्री के साथ महासू देवता के स्थल हनोल का भी मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। अस्कोट से आराकोट तक राज्य समग्र रूप में विकास की दृष्टि से आगे बढ़ रहा है, हमने राज्य हित में अनेक कठिन व कठोर निर्णय लिया है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता अधिनियम लागू कर हमने प्रदेश की जनता से किया वायदा पूरा किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखण्ड से निकलने वाली समान नागरिक संहिता की गंगा पूरे देश में जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि जैसे पवित्र भूमि पर लंबे समय से विभिन्न विभागों की सरकारी भूमि पर कब्जा किया जा रहा था। सरकार द्वारा अभियान चलाकर ऐसी 05 हजार हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिये प्रदेश में किसी भी तरह का धर्मांतरण ना हो पाए इसके लिए सख्त कानून का प्रावधान किया गया है। सरकार संपत्ति को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने वालों के विरुद्ध हमने सख्त कार्रवाई करते हुए दंगा निरोधक कानून बनाया है। जिसके अंतर्गत संसाधनों को नुकसान पहुंचाने वाले से ही उसकी वसूली की जाएगी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन साल में 15 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई हैं। प्रदेश में नकल विरोधी कानून लागू कर युवाओं की प्रतिभा का सम्मान किया गया है। पारदर्शी परीक्षा व्यवस्था से युवा एक साथ कई पदों के लिये पात्रता में आ रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन, तीर्थाटन राज्य की आर्थिकी का मजबूत आधार है। सड़कों के विकास, हवाई यातायात एवं अन्य अवस्थापना सुविधाओं के विकास से चारधाम यात्रा में गत वर्ष की अपेक्षा दुगने तीर्थ यात्री प्रदेश में आये हैं।

 

इस अवसर पर विधायक श्री दुर्गेश्वर लाल, समिति के अध्यक्ष श्री जयेन्द्र सिंह रावत, पूर्व विधायक श्री राजकुमार, श्री मनवीर चौहान, श्री विनोद डोभाल, श्री दीपक बिजल्वाण, श्री सतेन्द्र राणा, श्री आलोक रावत, श्री चण्डी प्रसाद, श्री यशवंत सिंह, श्री गोपाल सिंह रावत आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की दी शुभकामना

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामना देते हुए कहा कि यह पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरण संरक्षण की हमारी परंपरा का प्रतीक है। हरेला न केवल हरियाली और समृद्धि का संदेश देता है, बल्कि हमें पर्यावरण की देखभाल के प्रति जागरूक भी करता है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला पर्व हमें अपनी धरती और पर्यावरण की देखभाल के प्रति प्रेरित करता है। आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध और स्वस्थ वातावरण देने के लिए वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। वर्तमान समय में ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर समस्या है, हरेला पर्व इसके प्रभावों को कम करने का भी सन्देश देता है।उन्होंने सभी प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में जन सहभागिता को महत्वपूर्ण बताते हुए सभी सामाजिक संगठनों और संस्थाओं से भी सहयोग की अपील की है।

 

उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अपने धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के लिए विख्यात है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता पर्यटकों को आकर्षित करती है। इसलिए, पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। हमें अपने जल स्रोतों, नदियों और गदेरों के पुनर्जीवन और संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोक पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत की पहचान हैं। राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे। तभी हम अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक जड़ों से जुड़े रह पाएंगे और इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचा पाएंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहने और इसे अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाने की भी अपील की।

कांग्रेस मे कार्यकर्ताओं का नही,बस परिवार का है बर्चस्व: चौहान

कैडर को टिकट देने की पैरवी करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष परिवारवाद पर क्यों है खामोश

 

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि उतराखण्ड मे टिकट बितरण को लेकर उपदेश दे रही कांग्रेस को परिवारवाद पर भी नजर डालने की जरूरत है, क्योंकि अधिकतर कांग्रेसी इसी वजह से कांग्रेस को तिलांजलि देते रहे हैं। वहीं हाईकमान की परिक्रमा करने वालो की अकसर खुलने वाली लॉटरी पर भी उसे आत्ममंथन की जरूरत है।

 

चौहान ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है, जबकि कांग्रेस परिवारवाद को ही महत्व देती रही है। उन्होंने भाजपा की बैठक पर कांग्रेस अध्यक्ष की टिप्पणी को हास्यास्पद, निराशा और अति उत्साह से भरा बताया। चौहान ने कहा कि कार्यकर्ताओं में जोश कैसे भरा जाता है यह कांग्रेस अध्यक्ष बता रहे हैं, जबकि उनके कार्यकाल मे कांग्रेस की सबसे अधिक फजीहत हुई। यहाँ तक कि कार्यकारिणी तक गठित नही कर पाए और बड़े क्षत्रपों के बीच वह हमेशा ही असहज रहे हैं। उनके कार्यकाल मे कांग्रेस निराश और हताशा के दौर मे रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बद्रीनाथ मे अपनी पुरानी सीट जीती है और मंगलौर मे भाजपा तीसरे स्थान से जीत के करीब पहुंची है। प्रत्याशियों को लेकर तमाम दुष्प्रचार के बाद भी भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा है।

 

चौहान ने कहा कि राज्य मे कांग्रेसी पृष्ठभूमि के मंत्री हों या कार्यकर्ता वह राष्ट्रवाद और विकास की उम्मीद के साथ परिवार वाद से त्रस्त होकर भाजपा ज्वाइन की। लोक सभा मे हरिद्वार प्रत्याशी कांग्रेस के परिवार वाद का बड़ा उदाहरण है। वहीं अल्मोड़ा या नैनीताल मे कुछ अन्य सीटों पर हाई कमान की परिक्रमा से टिकट वितरित हुए, जिसका असंतोष साफ दिखा। बड़े नेताओं ने क्यों चुनाव से दूरी बनाई इसके लिए धरातल पर ढांचा न होना बताया गया।

उन्होंने कहा कि भाजपा जीत और हार के बाद समीक्षा करती है और कार्यकर्ताओ के साथ किये गए वायदों को लेकर सजग रहती है। कांग्रेस को आत्म मंथन की जरूरत है।

 

 

सैन्य धाम निर्माण के संबंध में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित हुई उच्च स्तरीय समिति की बैठक

*मुख्यमंत्री ने 15 अक्टूबर तक सैन्य धाम का निर्माण पूर्ण करने के दिए निर्देश।*

 

*शहीद सैनिकों के आश्रितों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता बढ़ाये जाने के दिए निर्देश।*

 

*कठुआ जम्मू कश्मीर में शहीद प्रदेश के वीर शहीदों के आश्रितों को शीघ्र किया जाए सेवायोजित।*

 

*पांचों शहीदों के गांवों के आस-पास सड़क व स्कूलों के नाम इन वीर शहीदों के नाम पर रखे जाने का बनाया जाए प्रस्ताव।*

 

*सैन्य धाम के निर्माण के पश्चात एम.डी.डी.ए. करेगा उसका रखरखाव व संचालन।*

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सैन्य धाम के निर्माण में हो रही देरी को असन्तोषजनक बताते हुए 15 अक्टूबर तक इसका निर्माण पूर्ण करने के निर्देश दिये है। उन्होंने इसके लिये आगणित 94 करोड़ की धनराशि के अन्तर्गत ही निर्माण कार्य सम्पन्न कराने के भी निर्देश दिये है। सैन्य धाम के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता में भी किसी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश कार्यदायी संस्था एवं अभियन्ताओं को उन्होंने दिए हैं।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में सैन्य धाम निर्माण के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस कार्य मे अब और अधिक विलम्ब न हो इसके लिये सैनिक कल्याण मंत्री को सैन्य धाम के निर्माण कार्यों का निरन्तर अनुश्रवण करने के निर्देश दिए। उन्होंने शहीद सैनिकों के आश्रितों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता बढ़ाये जाने का प्रस्ताव बनाये जाने को भी कहा। कठुआ, जम्मू कश्मीर में शहीद प्रदेश के पांचों वीर शहीदों के आश्रितों सहित इस तरह के समस्त मामलों में सरकारी सेवा में सेवायोजित करने की कार्यवाही तत्काल करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने इस तरह के प्रकरणों में भविष्य में ऐसी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये कि सरकारी सेवा में सेवायोजित करने का कार्य बिना विलंब के किया जाये तथा इसके लिये समय सीमा तय कर दी जाये। पांचों शहीदों के गांवों के आस-पास सड़क व स्कूलों के नाम इन वीर शहीदों के नाम पर रखे जाने की भी शीघ्र कार्यवाही अमल में लाये जाने को कहा। उन्होंने सैन्य धाम के निर्माण के पश्चात एम.डी.डी.ए. को उसके रखरखाव व संचालन की जिम्मेदारी दिये जाने की बात कही।

 

मुख्यमंत्री ने सैन्य धाम के निर्माण में आ रहे भूमि विवाद के समाधान हेतु जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। सैन्य धाम सैनिकों के सम्मान तथा राज्य की समृद्ध सैन्य परंपरा का भी प्रतीक है। यह हमारे युवाओं का भी प्रेरणा स्थल बनेगा।

 

बैठक में सैन्य धाम के 500 मी. की परिधि में निर्माण कार्य प्रतिबन्धित किये जाने संबंधी जारी आदेश को निरस्त किये जाने तथा इस व्यवस्था को युक्ति संगत बनाये जाने पर भी निर्णय लिया गया।

 

इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के.सुधांशू, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रदीप पंत, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, एम.डी. पेयजल निगम श्री रणवीर सिंह चौहान, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. श्री बंशीधर तिवारी, जेओसी सब एरिया मे.ज. आर.प्रेम राज, एम.डी. उपनल ब्रिगेडियर (से.नि.) जे.एन.एस. विष्ट,, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ब्रिगेडियर (से.नि.) अमृतलाल सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

यूसीसी ड्राफ्ट सार्वजनिक करने पर भट्ट ने जताया सीएम का आभार, कांग्रेस को दी नसीहत

 

देहरादून 12 जुलाई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने यूसीसी के सम्पूर्ण ड्राफ्ट को सार्वजनिक करने के लिए मुख्यमंत्री धामी और समूची टीम का प्रदेशवासियों की तरफ से आभार व्यक्त किया है। वहीं कांग्रेस को ड्राफ्ट पढ़ने की नसीहत देते हुए कहा कि उसे अफवाह के बजाय अध्ययन की जरूरत है, नही तो जनता उसकी गलतफहमी को दूर कर देगी।

 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर देवभूमिवासियों के जनादेश का धरातल पर उतरने का समय आ गया है। उन्होंने साथ ही कांग्रेस को सलाह दी कि ड्राफ्ट को पढ़कर वे अपने संशय दूर कर लें, अन्यथा जनता पुनः चुनावों में उसकी दुविधा दूर कर देगी ।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि अक्तूबर माह से हम सब एक समान कानून के संरक्षण में रहेंगे। उन्होंने इस ऐतिहासिक कानून की हकीकत में बदलने के लिए मुख्यमंत्री के गंभीर और साहसिक प्रयासों को लेकर आभार व्यक्त किया है। देवभूमि का गौरव बढ़ाने वाले इस कानून के यथार्थ में तब्दील होने के साथ भाजपा का जनता से चुनाव में किया यह वादा पूरा हो जाएगा ।

 

भट्ट ने उम्मीद जताई कि पूरा ड्राफ्ट सामने आने के बाद इस कानून को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियां और अफवाह पर विराम लग जाएगा । जनता को वेबसाइट के माध्यम से अपने आसपास की परिस्थितियों को प्रभावित होने वाले नए कानूनी प्रावधान की जानकारी इससे हासिल होगी, जो एक अच्छा कदम है। साथ ही उन्होंने तंज किया कि कांग्रेस के नेताओं को भी ड्राफ्ट का ध्यान से अध्यन करना चाहिए और अपने मन के गैर जरूरी संशयों को हटाना चाहिए।

 

 

प्रतीकात्मक मन्दिर बनने से नही बदलता पौराणिक स्वरूप, कांग्रेस की चिंता राजनैतिक: चौहान

मन्दिर की शाखा नही बल्कि वह देवालय, कांग्रेसियों मे सनातन की समझ का अभाव

 

बाबरी मस्जिद के समर्थक कर रहे हैं , श्री केदारनाथ के नाम से बनने वाले मंदिर पर आपत्ति है

 

प्रतीकात्मक मंदिर को सेंटर या शाखा कहना शर्मनाक , तुष्टिकरण का परिचायक

 

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि दिल्ली मे भगवान केदारनाथ के प्रतीकात्मक मन्दिर को लेकर कांग्रेसियों की चिंता राजनीति से प्रेरित है या उन्हे सनातन या पौराणिक समझ कम है।

चौहान ने कहा कि दिल्ली अथवा कहीं भी प्रतीकात्मक मन्दिर बनने से किसी भी ज्योतिर्लिंगों का महत्व कम नही होता। पुराणों मे 12 ज्योतिर्लिंगों का उल्लेख है और किसी प्रतीकात्मक मन्दिर के बनने से कुछ भी बदलाव असंभव है। उन्होंने कहा कि देश मे कई प्रतीकात्मक मंन्दिर हैं और आस्थावान लोग वहां सदियों से पूजा अर्चना करते आये हैं। इससे सनातन धर्मालंबी आहत नही बल्कि राहत महसूस करेंगे। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि एक प्रतीकात्मक मन्दिर को सेंटर और शाखा कहने वालों को पहले सनातन के बारे मे समझना होगा। मन्दिर कोई व्यावसायिक संस्थान नही जिसे सेंटर या शाखा से संबोधित किया जाय।

 

उन्होंने कांग्रेस द्वारा सदबुद्धि यज्ञ को आडंबर बताते हुए कहा कि इन कथित धर्मध्वजा के रखवाले उस समय सनातन के अपमान पर हंस रहे थे जब कांग्रेस समर्थित वकील कोर्ट मे भगवान को काल्पनिक बता रहे थे। तब उन्होंने कोई विरोध प्रदर्शन और न ही किसी तरह से अपने हाईकमान के सामने विरोध जताया।

चौहान ने कहा कि हमेशा तुष्टिकरण के लिए सनातन की आलोचना करने वाले कांग्रेसी आज सनातन पर ज्ञान बांच रहे हैं जो कि हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि सनातन विरोधियों के इस व्यवहार को देश की जनता भली भाँति जानती है और माफ नही करने वाली है। प्रतीकात्मक मन्दिर का विरोध कर रही कांग्रेस भगवान को काल्पनिक बताकर साफ कर चुकी है कि वह दोहरे मापदंड अपनाकर खुद को सनातन प्रेमी होने का ढोँग कर रही है।

 

चौहान ने तंज कसते हुए, कांग्रेस पर सनातन के विरोध और देवभूमि के अपमान की सुपारी लेने का आरोप लगाया है । जो लोग हमेशा बाहरी आक्रांताओं के नाम पर बनी बाबरी मस्जिद को बचाने में लगे रहे, उन्हे श्री केदारनाथ के नाम से बनने वाले मंदिर बनने पर आपत्ति है,

चौहान ने कहा, लगातार जनता द्वारा नकारे जाने के बाद भी कांग्रेस नेताओं का सनातन और देवभूमि विरोधी बयानबाजी करना बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा, कांग्रेस हमेशा सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने वाले कार्यों का विरोध करती आई है । कांग्रेस नेताओं और सहयोगी दलों ने हिंदू धर्म को खुलेआम नाश करने की बात की है। यही वजह है कि दिल्ली में श्री केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर का निर्माण उन्हे हजम नही हो रहा है । हैरानी है कि काबूल से आए लुटेरे बाबर की अयोध्या में स्थित मस्जिद को बचाने के लिए जिन्होंने रात दिन एक किए, अब उन्ही को श्री केदार मंदिर निर्माण से होने वाले प्रचार प्रसार से आपत्ति हो रही है ।

 

 

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को हरेला पर्व के दौरान किए गए वृक्षारोपण का डॉक्यूमेन्टेशन अनिवार्यतः करने के निर्देश दिए

*हरेला पर्व के डॉक्यूमेन्टेशन की रिपोर्ट मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा अपेक्षित*

*अतिक्रमण हटाए गए स्थानों में फैन्सिंग कर वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जाएगा*

*क्रैश बैरियर के स्थान पर बांस के पौधों का वृक्षारोपण*

*वृक्षारोपण किए जाने वाले स्थानों की जानकारी डीएफओं अपने विभागाध्यक्ष के माध्यम से हॉफ को तत्काल भेजे*

*विकास प्राधिकरणों से शहरी क्षेत्रों में कक्रींट निर्माण की अपेक्षा अधिकाधिक वृक्षारोपण को प्राथमिकता देने की अपेक्षा*

प्रदेशभर में 16 जुलाई को हरेला पर्व को व्यापक जन आन्दोलन के रूप में मनाये जाने को लेकर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों से एक्शन प्लान की रिपोर्ट तलब की। सीएस ने जिलाधिकारियों को ठोस एक्शन प्लान पर कार्य करते हुए जनपदों में वृक्षारोपण हेतु लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में सभी जिलाधिकारियों के साथ हरेला पर्व के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों/गतिविधियों के सम्बन्ध में बैठक में हरेला पर्व के दौरान किए गए वृक्षारोपण का डॉक्यूमेन्टेशन अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने जिलाधिकारियों एवं डीएफओं को स्पष्ट किया कि हरेला पर्व के डॉक्यूमेन्टेशन की रिपोर्ट मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा अपेक्षित है।

 

 

उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वृक्षारोपण के लक्ष्य के साथ ही नर्सरी में पर्याप्त संख्या में पौधों की उपलब्धता की सुनिश्चित कर ली जाए। वृक्षारोपण के दौरान छोटी पौध की अपेक्षा 2 वर्ष से अधिक के पौधों को वरीयता दी जाए। लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के किनारे क्रैश बैरियर के स्थान पर बांस के पौधों का वृक्षारोपण किया जाए। जिलों में आबादी के सापेक्ष वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया जाए।

 

 

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि जनपदों में जिन स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई हैं वहाँ पर फैन्सिंग कर वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को शहरी क्षेत्रों में फैन्सिंग के प्रस्ताव तत्काल भेजने के भी निर्देश दिए हैं। सीएस श्रीमती रतूड़ी ने सभी जिलों के डीएम को शहरी क्षेत्रों में नगर वन विकसित करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी डीएफओं को निर्देश दिए हैं कि जिन स्थानों पर वृक्षारोपण किया जाना है उसकी विस्तृत जानकारी निर्धारित प्रारूप में अपने विभागाध्यक्ष के माध्यम से हॉफ को तत्काल भेजा जाए।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि जनपदों में ग्राम पंचायत की बैठकों के दौरान वृक्षारोपण के कार्यक्रम करवाए जाए। उन्होंने सभी विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिए हैं कि शहरी क्षेत्रों में कक्रींट निर्माण की अपेक्षा अधिकाधिक वृक्षारोपण को प्राथमिकता दी जाए। हरेला वन स्थापित कर उनकी देखभाल की जाए।

 

 

बैठक में जानकारी दी गई कि इस वर्ष जनपद देहरादून द्वारा 10 लाख से अधिक, हरिद्वार द्वारा 2 लाख से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है।राज्य में मानसून की वर्षा प्रारम्भ होने से वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण का कार्य फील्ड स्तर पर प्रारम्भ हो चुका है। प्रभागीय वनाधिकारियों द्वारा लगभग 20 प्रतिशत वृक्षारोपण पूर्ण होने की जानकारी दी गयी है। विभागीय वृक्षारोपण के अतिरिक्त हरेला कार्यक्रम के सम्बन्ध में प्रभागीय वनाधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया है कि जिला स्तर पर गठित समिति के साथ उनकी बैठक हो चुकी है, जिसमें हरेला कार्यक्रम के अन्तर्गत स्थलों का चयन एवं रोपित की जाने

वाली पौध की तैयारी पूर्ण कर ली गयी है। इस वर्ष हरेला पर्व की थीम “पर्यावरण की रखवाली, घर-घर हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली होगा। हरेला पर्व के अन्तर्गत मुख्य रूप से फलदार प्रजाति के 50 प्रतिशत एवं चारा प्रजाति के पौधों को रोपित किया जायेगा।

हरेला अभियान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विद्यार्थियों, स्थानीय निकायों / संस्थाओं/जिला विकास प्राधिकरणों / वन पंचायत तथा जनमानस की सहभागिता से वृक्षारोपण किया जायेगा। भारत सरकार के निर्देशानुसार वर्ष 2024-25 में किये जाने वाले विभागीय वृक्षारोपण तथा वृहद् वृक्षारोपण एवं हरेला कार्यक्रम के अन्तर्गत रोपित किये जाने वाले वृक्षारोपण में “EK Ped Maa Ke Naam” “एक पेड़ माँ के नाम Hashtag का प्रयोग किया जाना है। इस सम्बन्ध में अपर प्रमुख वन संरक्षक, नियोजन एवं वित्तीय प्रबन्धन, उत्तराखण्ड द्वारा अनुपालन हेतु निर्देशित किया गया है तथा उक्त वृक्षारोपण को साप्ताहिक रूप से प्रगति सूचना Merilife.nic.in पोर्टल पर भरी जा रही है तथा वृक्षारोपण से सम्बन्धित स्थल के फोटोग्राफ आदि भी अपलोड किये जाएंगे ।

 

 

बैठक में प्रमुख सचिव श्री रमेश कुमार सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक, अपर प्रमुख वन संरक्षक, अपर सचिव श्री विनीत कुमार एवं सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने नम आंखों से दी उत्तराखंड के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि

 

 

*वीर सपूतों के बलिदान को याद कर भावुक हुए मुख्यमंत्री*

 

*इस दुख की घड़ी में संपूर्ण देश व प्रदेश शहीदों के परिजनों के साथ खड़ा है*

 

*सैन्यभूमि उत्तराखण्ड वीर सैनिकों को जन्म देने वाली भूमि है-मुख्यमंत्री*

 

जम्मू के कठुआ में शहीद हुए उत्तराखंड के पांच जवानों के पार्थिव शरीर मंगलवार को जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पांचों शाहिद जवानों के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर संपूर्ण राज्य की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने वीर सपूतों के बलिदान को याद कर मुख्यमंत्री भावुक नज़र आए।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत पीड़ा का क्षण है क्योंकि हमने भाई और बेटा भी खोया है। हमारे रणबाँकुरों ने उत्तराखण्ड की समृद्ध सैन्य परंपरा का पालन करते हुए माँ भारती के चरणों में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि माँ भारती की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध हमारे वीर जवानों का यह सर्वाेच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस कायरतापूर्ण हमले के दोषी, मानवता के दुश्मन आतंकवादी किसी भी क़ीमत पर बख्शे नहीं जाएँगे और इनको पनाह देने वाले लोगों को भी इसके परिणाम भुगतने होंगे। सैन्यभूमि उत्तराखण्ड वीर सैनिकों को जन्म देने वाली भूमि है। यहां के जवानों ने सदैव माँ भारती की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देकर अपने राष्ट्रधर्म का निर्वहन किया है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे शहीद जवानों का नाम भारत हमेशा याद रखेगा। संपूर्ण राज्य को अपने बेटों व भाइयों पर गर्व हैं। पांचों वीर जवान हमारे परिवार के सदस्य हैं। इस दुख की घड़ी में संपूर्ण देश व प्रदेश शहीदों के परिजनों के साथ खड़ा है।

 

इस अवसर पर सांसद त्रिवेंद्र रावत, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, प्रेमचंद्र अग्रवाल, विधायक बृजभूषण गैरोला, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव दीपेंद्र चौधरी, जिला आधिकारी सोनिका, मेजर जनरल आर. प्रेम राज, ब्रिगेडियर संजोग नेगी, कर्नल साकेत उनियाल, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।