Sunday, September 14, 2025
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मण्डल मुख्यालय पौड़ी में मुख्यमंत्री ने की विकास कार्यों की समीक्षा

 

*मुख्यमंत्री द्वारा 133 करोड़ 14 लाख रुपए की 158 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया*

 

*नो पेंडेंसी के सिद्धांत के आधार पर कार्य करें अधिकारी : मुख्यमंत्री*

 

*जनपद पौड़ी के पुराने वैभव को बनाए रखने के लिए कार्य करें सभी विभाग*

 

*प्रतियोगी परीक्षाओं और सेना में जाने की तैयारी करने वालों के लिए हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा*

 

*कार्य मात्र औपचारिक ना हो बल्कि उसका ठोस आउटकम भी निकले*

 

*सभी सरकारी भवनों की छत पर सोलर पैनल और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश*

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को गढ़वाल मण्डल मुख्यालय पौडी में विकास कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 133 करोड़ की 158 योजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया, जिसमें 80 करोड़ की 137 योजनाओं का लोकार्पण तथा 53 करोड़ की 21 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि योजनाओं का क्रियान्वयन नो पेंडेंसी के सिद्धांत के आधार पर किया जाए। उन्होंने पौड़ी के पुराने वैभव को बनाए रखने के लिए सभी विभागों से कार्य योजना तैयार करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौड़ी में प्रतियोगी परीक्षाओं और सेना में जाने की तैयारी करने वाले युवओं के लिए हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जनहित से जुड़े कार्य मात्र औपचारिक ना हो बल्कि उसका ठोस आउटकम भी निकले। मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी भवनों की छत पर सोलर पैनल और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के भी निर्देश दिये।

*इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने विकासखंड कार्यालय पौड़ी के समीप 21 लाख की सहायता से बने पहाड़ी अंजीर(बेड़ू) प्रसंकरण इकाई का लोकार्पण किया। जिसका संचालन उमंग स्वायत्त सहकारिता पौड़ी द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने इकाई में बेड़ू से बनाये जा रहे उत्पादों का जायजा लिया तथा इस तरह के अनूठे प्रयास की सराहना की।*

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री धन सिंह रावत, विधायक श्री राजकुमार पोरी, महंत दिलीप रावत श्रीमती रेनू बिष्ट, आयुक्त गढ़वाल श्री विनय शंकर पाण्डे, आईजी करन सिंह नगन्याल, जिलाधिकारी पौड़ी श्री आशीष चौहान सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए

 

 

*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईएमडी द्वारा जारी पूर्वानुमान को लेकर जारी किए निर्देश*

 

*रविवार को प्रदेश के नौ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का है पूर्वानुमान*

 

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दिनांक 07 जुलाई 2024, रविवार को मौसम विभाग द्वारा राज्य के नौ जनपदों में भारी से बहुत भारी वर्षा के पूर्वानुमान को लेकर सभी संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही लोगों से भी भारी बारिश के चलते संभावित आपदाओं के दृष्टिगत सावधानी बरतने तथा सुरक्षित स्थलों पर रहने की अपील की है।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन तथा आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े अन्य अधिकारियों को यूएसडीएमए के राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से सभी जनपदों की सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में जैसे ही आपदा को लेकर कोई भी सूचना आए तो उस पर तुरंत कार्यवाही अमल में लाई जाए।

 

गौरतलब है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा 07 जुलाई रविवार को अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर जनपद में अनेक जगह भारी से बहुत भारी वर्षा तथा कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। इसके अलावा पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद में कहीं-कहीं बहुत भारी से अत्यंत भारी बारिश तथा कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने का पूर्वानुमान जताया है।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी संबंधित जिलाधिकारियों को प्रत्येक स्तर पर तत्परता एवं आम लोगों के जान-माल की सुरक्षा हेतु हर संभव एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में उससे प्रभावी तरीके से निपटा जाए। मार्ग बाधित होने पर तत्काल उसे खुलवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने संभावित आपदा के दृष्टिगत सभी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, खाद्य तथा मेडिकल टीम को हर स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भी आपसी सामंजस्य बनाते हुए हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के आम जनमानस के लिए जारी अपनी संदेश में कहा है कि लोग अफवाहों पर कतई ध्यान न दें। जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। खतरे वाली जगहों पर न जाएं और बहुत जरूरी हो तभी आवागमन करें। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि आपदाओं से कम से कम जान-माल का नुकसान हो।

 

सरकार तथा विभिन्न विभागों के स्तर पर तैयारियां पूरी हैं और चुनौतीपूर्ण से चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने लिए सरकारी की पूरी तैयारी है। उन्होंने बच्चों, महिलाओं तथा बुजुर्गों से खास तौर पर एहतियात बरतने की अपील की है।

बंद सड़कों को यथाशीघ्र खोला जाएः विनोद कुमार सुमन

 

 

*सचिव आपदा प्रबंधन ने की जनपदों की स्थिति की समीक्षा*

 

देहरादून। मौसम विभाग द्वारा रविवार को उत्तराखंड के अधिकांश जनपदों में भारी से बहुत भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आईटी पार्क स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (कंट्रोल रूम) से जनपदों की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सभी जिलों के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों को एलर्ट पर रहने तथा हालात पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए। रविवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी जिलों के आपदा प्रबंधन अधिकारियों से वर्तमान स्थिति तथा जिलों में हो रही बारिश को लेकर जानकारी ली।

 

उन्होंने नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे के साथ ही ग्रामीण सड़कों को लेकर निर्देश दिए कि जो भी मार्ग बंद हैं, उन्हें जल्द से जल्द खुलवाना सुनिश्चित किया जाए ताकि आम जनता को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इस दौरान सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास ने स्टेट तथा नेशनल हाईवे में यातायात संचालन की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यदि मार्ग बंद हैं तो साइनेज लगाए जाएं तथा लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाई जाए। साथ ही मार्ग खुलने की भी जानकारी आम जनमानस तक विभिन्न माध्यमों से पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने ग्रामीण सड़कों को भी जल्द से जल्द खोलने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।

 

उन्होंने नदियों के जलस्तर को लेकर भी डीडीएमओ से जानकारी ली और किसी भी आपात स्थिति को लेकर तुरंत राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सूचना भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने नदियों का जलस्तर बढ़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने और लोगों को नदी-नालों से दूर रहने को लेकर जागरूक करने को कहा। इस दौरान यूएसडीएमए के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, ड्यूटी ऑफिसर आलोक कुमार सिंह, एसईओसी के दिवस प्रभारी रोहित कुमार आदि मौजूद थे।

 

 

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि सोशल मीडिया पर विभिन्न आपदाओं को लेकर भ्रामक तथा फर्जी पोस्ट डाले जाने की सूचना मिली है। पुराने वीडियो तथा फोटो को वर्तमान का बताकर गलत तरीके से प्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने सभी डीडीएमओ से कहा कि आम जनता में भय और डर का माहौल न रहे, इसलिए ऐसे भ्रामक सोशल मीडिया पोस्ट का तुरंत खंडन किया जाए।

 

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने प्रदेशभर में सूखी नदियों पर खास तौर पर नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के चलते सूखी नदियों में भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने लोगों से भी सूखी नदियों में न जाने तथा वाहन इत्यादि न खड़े करने की अपील की है।

 

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने सभी जिलों को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावितों को राहत राशि वितरित करने में किसी प्रकार का विलंब नहीं होना चाहिए। उन्होंने 15 जून से लेकर अब तक कितनी राहत राशि बंट चुकी है तथा कितने मामले लंबित हैं, इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अभी तक राहत राशि नहीं बांटी गई है, उन तक हर हाल में जल्द से जल्द राहत राशि पहुंचाई जाए।

 

जिलों के कंट्रोल रूम में इंटरनेट की सुविधा तथा कनेक्टिविटी सुचारु तथा निर्बाध रूप से बनी रहे, इसे लेकर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने सभी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिर्फ एक नेटवर्क के भरोसे न रहें और अन्य कंपनियों के नेटवर्क की भी सेवाएं लें ताकि यदि किसी एक की कनेक्टिविटी बाधित हो तो दूसरे नेटवर्क का प्रयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए यह जरूरी है कि सूचनाओं का आदान-प्रदान समय पर हो।

प्रदेश के ग्रामीण स्कूलों में मॉर्डन क्लास रूम बनाएगा श्री श्री ग्रामीण विकास ट्रस्ट

 

 

*मुख्यमंत्री के समक्ष यूकॉस्ट (उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद) एवं ट्रस्ट के मध्य हुआ एमओयू हस्ताक्षरित*

 

प्रदेश के ग्रामीण स्कूलों में 04 किलोवॉट के सोलर पैनल एवं मॉर्डन क्लास रूमों का निर्माण श्री श्री ग्रामीण विकास परिजनों ट्रस्ट (SSRDP) द्वारा किया जाएगा। इस संबंध मंे शुक्रवार को सांय मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में युकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत तथा ऑर्ट ऑफ लिविंग एवं SSRDP के प्रतिनिधि श्री दीपक शर्मा के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित किया गया।

 

इस संबंध में यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि संस्था द्वारा मौजूदा समय में 30 ग्रामीण सकूलों को मॉर्डन बनाया जा रहा है जिसमें 4 किलो वॉट के सोलर पैनल व मॉर्डन क्लास रूम बनाए गए और आने वाले समय में 100 स्कूल और उनके गांव में कार्य किए जाएंगे जिससे स्कूलों की व्यवस्था में सही मायने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने ऐसे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा की इस से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी।

क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की दैनिक आधार पर तैयार की जाए रिपोर्ट

 

*आपदा के दृष्टिगत सभी जनपदों में कन्ट्रोल रूम की स्थापना की जाए*

 

सचिव, पेयजल श्री शैलेश बगोली ने गुरूवार को सचिवालय में प्रदेश में मानसून के दृष्टिगत पेयजल विभाग द्वारा की गई तैयारियों की समीक्षा की। इस अवसर पर अपर सचिव पेयजल श्री रणवीर सिंह चौहान सहित पेयजल निगम एवं जल संस्थान के अधिकारी उपस्थित थे।

 

सचिव, पेयजल द्वारा निर्देश दिये गये कि प्रदेश में क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की दैनिक आधार पर रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की जाय। क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की मरम्मत की सूचना उपलब्ध कराये जानें के साथ जल संस्थान एवं जल निगम के सभी डिवीजनों को समय पर मरम्मत हेतु पर्याप्त आवश्यक सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश उन्होंने दिये। उन्होंने पिछले 03 सालों के अनुभव के आधार पर संवेदनशील डिवीजन में अतिरिक्त मानव संसाधन एवं सामग्री की भी व्यवस्था रखे जाने तथा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कैमिकल सोडियम हाइपोक्लोराईड, एलम सभी डिवीजनों को उपलब्ध कराये जाने को कहा।

 

सचिव पेयजल द्वारा आपदा के दृष्टिगत सभी जनपदों में कन्ट्रोल रूम की स्थापना किये जाने, पेयजल के स्रोतों की निरंतर सफाई व्यवस्था एवं जल संस्थान अथवा जल निगम द्वारा उपयोग किये जा रहे सभी पेयजल श्रोतों की जी०आई०एस० मैपिंग कराये जाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।

राहुल का कथन झूठ, निराशा और 110 करोड़ हिंदुओं को अपमानित करने वाला: डॉ अग्रवाल

 

देहरादून 2 जुलाई। भाजपा ने राहुल गांधी के बतौर नेता प्रतिपक्ष दिए भाषण को झूठ, निराशा और तथ्यहीन बताते हुए, 110 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं का अपमान बताया। साथ ही संसद पटल पर सनातन के खिलाफ उगले इस जहर को माफी के काबिल न बताते हुए कहा कि जनता उन्हें इसका सबक सिखाएगी।

 

पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेम चंद अग्रवाल ने तंज कसा कि बार-बार लॉन्चिंग के बावजूद लगातार तीसरी बार फेल हो चुके राहुल गाँधी नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहले ही भाषण में फिसड्डी हुए हैं । जो भाषण झूठ, निराशा और तथ्यहीन बातों से भरा हुआ था। इतना ही नहीं, उनका अपने भाषण के दौरान आचरण भी संसदीय गरिमा के अनुरूप बिलकुल भी नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपने अनुभव के आधार पर मुझे भी लगा कि राष्ट्रपति के जिस अभिभाषण पर चर्चा हो रही थी उसपर एक भी शब्द उन्होंने नही कहा, बल्कि राहुल गाँधी ने केवल और केवल झूठ बोला, वो भी संसदीय गरिमा को गिराते हुए। सबसे दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने भाषण में न केवल हिंदुओं का घोर अपमान किया, न केवल हिंदुओं को हिंसक, नफरती और झूठा बताया बल्कि अग्निवीर, किसान, अयोध्या, माइक सब पर असत्य और केवल असत्य बोला। उन्होंने अपील की कि राहुल गाँधी को अविलंब हिंदुओं का अपमान करने और सदन में झूठी बयानबाजी करने के लिए उन्होंने कटाक्ष कि राहुल गाँधी झूठ बोल कर भाग जाने में माहिर हैं। लेकिन संसद में कोई झूठ या भ्रामक बात नही की जा सकती है, लिहाजा उन्हें अपनी बातों को तथ्यों से साबित करना होगा।

 

*लोकतंत्र के मंदिर में राहुल द्वारा सनातन का अपमान माफी योग्य नही……*

 

उन्होंने कहा, संसद में राहुल गांधी ने सम्पूर्ण हिंदू समाज को हिंसक और असत्यवादी बताकर, हिंदू समाज का घोर अपमान किया है। इसकी जितनी भी निंदा की जाय, कम है। लेकिन अफसोस ये कांग्रेस की पुरानी आदत है। कांग्रेस ने यह भी पहली बार नहीं किया है। साथ ही आरोप लगाया कि 99 सीटें जीतने पर ये हिंदुओं को हिंसक, नफरती और झूठा बता रहे हैं, ये बताता है कि इनकी असल मंशा क्या है? जबकि सच्चाई सबको पता है कि 1984 में सिखों का नरसंहार किसने किया था। सच्चाई ये है कि आपातकाल में आम लोगों को प्रताड़ित किसने किया था? सच्चाई ये है कि संतों पर गोलियां किसने चलवाई थी?

 

*बंगाल,तमिलनाडु अन्य इंडी सरकारों की घंटनाओं पर चुप्पी साध लेते हैं राहुल ………*

 

साथ ही राहुल गाँधी को यथार्थ पर भी बोलने की चुनौती देते हुए कहा, वे पश्चिम बंगाल में हुई घटनाओं पर कुछ नहीं बोलते, तमिलनाडु में Hizb-ut-Tahir की मंशा पर कुछ नहीं बोलते, केरल में अपने सहयोगी की हिंसा भड़काने की तहरीरों पर कुछ नहीं बोलते लेकिन हिंदुओं को हर बार बदनाम करते हैं। इसी कांग्रेस की सरकार में 2010 में तत्कालीन गृह मंत्री श्री पी चिदंबरम ने हिंदुओं को आतंकवादी कहा था। 2013 में पूर्व गृह मंत्री श्री सुशील कुमार शिंदे ने भी हिंदुओं को आतंकवादी बताया था। 2021 में राहुल गांधी ने कहा था कि हिन्दुत्ववादियों को देश से बाहर निकालने को कहा था और आज सम्पूर्ण हिंदुओं को असत्यवादी और हिंसक कहा। राहुल गाँधी ने पहले भी कहा था कि मंदिर जाने वाले लड़कियों को छेड़ते हैं।

 

*ईश्वर के चित्रों को पटल पर रखना, सनातन और सदन का अपमान………*

 

उन्होंने राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष के पद की गरिमा को नीचा और कमजोर करने का आरोप लगाया। समूचा देश राहुल गांधी के इस बयान से दुखी है और इस बयान की जितनी निंदा की जाए वह कम है। संसद की बहस के दौरान ईश्वर के चित्रों को सामने रखना और राजनीति को इससे जोड़ना एक नेता प्रतिपक्ष को शोभा नहीं देता।

कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष, जो इस समय पीडब्लूडी मंत्री है, वो भी हिंदू शब्द को गंदा बोल चुके हैं। इनकी भारत जोड़ो यात्रा में जॉर्ज पोन्नैया ने कहा था कि भारत की धरती को इतना अपवित्र मानता हूँ कि मैं जूते पहनता हूँ ताकि इसका स्पर्श न हो जाए। इनके गठबंधन के लोगों ने ही हिंदू धर्म के नाश और उसकी तुलना कोरोना वायरस के साथ की थी।

 

उन्होंने अपने बतौर स्पीकर के अनुभवों के आधार पर कहा कि सदन में भगवान् शंकर, गुरु नानक देव के चित्र दिखाना पूरी तरह संसदीय नियमावली का उल्लघंन है। इसपर लोकसभा अध्यक्ष ने भी कहा था कि जिनको हम पूजते हैं, उनके ऐसे चित्र यहाँ प्रस्तुत नहीं कर सकते हैं। इसी तरह अभय मुद्रा पर भी गलत बातें करना, उन्होंने इस्लाम में भी अभय मुद्रा बता दी जबकि इस्लाम में कोई चित्र नहीं होता है, तो उन्हें अभय मुद्रा कहाँ से दिख गई? राहुल गाँधी को कोई इल्म हुआ है या ऊपर से कोई ऊपर से कोई फजल हुआ है कि उन्हें अभय मुद्रा दिख गई?

 

*अग्निवीर, किसानों, एमएसपी, अयोध्या को लेकर की गई गतलतबयानी पर तथ्य प्रस्तुत करें राहुल……..सदन में झूठ बोलकर, भागने नही दिया जाएगा……..*

 

इतना ही नही उन्होंने अग्निवीर, किसानों, अयोध्या आदि तमाम विषयों पर सफेद झूठ बोला । राहुल कहा कि अग्निवीर योजना में शहीदों को कोई मुआवजा नहीं दिया

जाता। तत्काल माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी ने तुरंत राहुल गांधी के झूठ को एक्सपोज करते हुए कहा कि अग्निवीर योजना में शहीदों को 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसी तरह राहुल गांधी ने अयोध्या में मुआवजे पर भी भ्रामक बातें की। राहुल गाँधी ने कहा कि अयोध्या में लोगों की जमीनें ली गई लेकिन मुआवजा नहीं दिया गया जबकि सच्चाई कुछ और है। जबकि वहां मुआवजे के रूप में करीब 4,215 दुकानदारों को 1,253 करोड़ रुपए प्रदान किया गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को आतंकवादी बताया। राहुल गाँधी के इस झूठ का भी तुरंत खुलासा हो गया और इसका प्रूफ देने की मांग की गई। उन्होंने एक और झूठ बोला कि सरकार किसानों को एमएसपी नहीं देती। उनके इस झूठ की पोल स्वयं कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह जी ने खोला कि वे गलत बयानी कर रहे हैं। एमएसपी पर खरीद जारी है। उनकी सरकार थी तब बताएं कि एमएसपी पर कितनी खरीद होती थी। ये सत्यापित करें कि एमएसपी पर खरीद नहीं हो रही। इस पर राहुल गाँधी ने बात पलट दी।

 

उन्होंने कहा, नेता प्रतिपक्ष के जिम्मेदार पद होते हुए भी राहुल गांधी बेहद गैरजिम्मेदार बाते करते हैं, वो भी सदन के अंदर। वे स्पीकर महोदय को माइक बंद करने, सांसदों को बर्खास्त करने बात करते हैं जबकि जिसे आसन से बोलने को कहा जाता है, उसका माइक कभी बंद नहीं होता। वे लगातार 5 पांच बारबके सांसद है फिर भी अमूमन सदन की पीठ या आसन का अपमान करते हैं । उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के पद पर भी गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की, जो बहुत ही दुखद है।

 

*नेता प्रतिपक्ष के जिम्मेदार पद पर राहुल ने दिया गैरजिम्मेदाराना भाषण, पीठ का भी किया अपमान……*

 

राहुल गांधी लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष हैं और एक संवैधानिक पद पर हैं, तो हम लोग उम्मीद कर रहे थे कि वे परिपक्वता के साथ अपने व्यवहार और आचरण में सकारात्मक बदलाव लाएंगे। लेकिन राहुल गांधी के भाषण के दौरान जो हमने देखा है, बार-बार पीठासीन

अधिकारी की कुर्सी से उन्हें बोला गया कि आप बात करते समय तर्क और पीठ स्पीकर की तरफ न करें, क्योंकि नियमानुसार जब कोई सांसद सदन में बोलता

है तो उसकी पीठ, पीठासीन अधिकारी की तरफ नहीं होनी चाहिए। लेकिन राहुल ने इस नियम की जानबूझकर अहवेलना की। उन्होंने बहस का लेवल इस तरह गिरा दिया है कि आज से पहले किसी ने इसके बारे में सोचा भी नहीं होगा। इससे पूर्व भी स्वर्गीय इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज आदि तमाम वरिष्ठ सांसद सदन में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं । लेकिन राहुल गांधी ने उनकी परंपरा को तार तार कर दिया हैं।

 

*110 करोड़ हिंदू, राहुल को कभी माफ नहीं करेंगे….*

 

उन्होंने स्पष्ट किया कि जो कुछ राहुल गांधी ने सदन के अंदर जो कुछ हिंदू समाज के लिए कहा, उससे 110 हिंदुओं की भावनाओं का अपमान हुआ है । लिहाजा उनके माफी मांगने से कुछ नहीं होने वाला, क्योंकि देश की जनता इसके लिए राहुल को कभी माफ नहीं करने वाली है।

 

पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री मनवीर चौहान, सह मीडिया प्रभारी कमलेश उनियाल, राजेंद्र नेगी, संजीव वर्मा, प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती मधु भट्ट, श्रीमती कमलेश उनियाल प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

 

 

मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं के सम्बन्ध में प्रत्येक विभाग की अलग -अलग समीक्षा की जाएगी

*मुख्य सचिव ने सभी विभागों को इस सम्बन्ध में अपनी तैयारियां समय से पूरी रखने के कड़े निर्देश दिए*

*किसी भी प्रकार के विलम्ब, लापरवाही या अपूर्ण तैयारी ना करने की सख्त हिदायत दी*

*विधानसभा चम्पावत हेतु मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई कुल 174 घोषणाओं में 111 पूर्ण कर ली गई हैं*

*अपूर्ण घोषणाओं पर तत्परता से कार्यवाही के निर्देश*

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी विभागीय सचिवों को कड़े शब्दों में स्पष्ट किया है कि जल्द ही मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं के सम्बन्ध में प्रत्येक विभाग की अलग -अलग समीक्षा की जाएगी। मा0 मुख्यमंत्री जी घोषणाओं के सम्बन्ध में एक दिन में मात्र एक ही विभाग की विस्तृत व गहन समीक्षा की जाएगी। सीएस ने सभी विभागों को इस सम्बन्ध में अपनी सभी तैयारियां समय से पूरी रखने के कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस विषय में किसी भी प्रकार के विलम्ब, लापरवाही या अपूर्ण तैयारी ना करने की सख्त हिदायत दी है। उन्होंने मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं के कार्यान्वयन के सम्बन्ध में सम्पूर्ण डाटा समय से सीएम पोर्टल पर अपलोड करने तथा स्थान्तरित की जाने वाली घोषणाओं की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरा करने के भी निर्देश दिए हैं। सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं के कार्यान्वयन को शीर्ष प्राथमिकता तथा गम्भीरता से लेने के निर्देश दिए हैं।

 

 

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने मंगलवार को सचिवालय में मा0 मुख्यमंत्री जी की विधानसभा चम्पावत से सम्बन्धित 174 घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी चम्पावत को नियमित रूप से मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। सीएस ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं के कार्य कब तक पूरे कर लिए जाएंगे यह जिलाधिकारी द्वारा तत्काल स्पष्ट किया जाए। अधिकारियों को बैठकों में पूरी तैयारी के साथ आने की कड़ी हिदायत देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि विधानसभा चम्पावत हेतु मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई कुल 174 घोषणाओं में 111 पूर्ण कर ली गई हैं। 47 घोषणाओं पर कार्यवाही गतिमान है। उन्होंने अपूर्ण 16 घोषणाओं पर तत्परता से कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

बैठक में प्रमुख सचिव श्री रमेश कुमार सुधांशु, सचिव श्रीमती राधिका झा, श्री शैलेश बगौली, श्री एस एन पाण्डेय सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी चम्पावत मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि बच्चों में कुपोषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जच्चा और बच्चा दोनों का स्वस्थ रहना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में आंगनबाड़ी कार्यकत्री और एएनएम के माध्यम से गर्भवती माताओं का ट्रेकिंग सिस्टम अपडेट रखा जाए। एनीमिया की कमी को दूर करने के लिए महिलाओं को मिलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चत की जाए। आंगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों और माताओं को दिये जाने वाले पुष्टाहार की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। पुष्टाहार की आकस्मिक रूप से गुणवत्ता जांच भी की जाए।

 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कुपोषण से मुक्ति, मातृ-शिशु मृत्यु दर को और कम करने के लिए राज्य के कुछ गांवों को आकांक्षी गांवों के रूप में लिया जाए। कुपोषण से मुक्ति के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को आपसी समन्वय के साथ संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत राज्य में बालिकाओं को बेहतर शिक्षा और आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाई गई योजनाओं को और अधिक व्यवहारिक बनाया जाय। महिला सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओं के कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

 

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, श्री चन्द्रेश यादव, निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास श्री प्रशांत आर्य उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सचिवालय में सूचना प्रौद्योगिकी एवं गुड गवर्नेंस की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में सूचना प्रौद्योगिकी एवं गुड गवर्नेंस की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें की उनकी विभागीय वेबसाइट अपडेट हो। बैठक में जानकारी दी गई कि अपुणि सरकार पोर्टल के माध्यम से 886 सेवाएं ऑनलाईन माध्यम से दी जा रही हैं। ऑनलाईन माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं में प्राप्त आवेदनों पर समयबद्धता के साथ 93 प्रतिशत निस्तारण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसे शत प्रतिशत करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता के द्वार की भावना को साकार करने के लिए अधिकांश जन सुविधाएं लोगों को उनके घर तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि देहरादून में विभिन्न प्रमाण पत्र लोगों के घरों तक उपलब्ध कराये जाने के लिए चलाये गये पायलट प्रोजेक्ट के तहत डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम के सफल प्रयोग के बाद इसे प्रदेश के शहरी स्थानीय निकायों तक ले जाने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना क्रांति के इस दौर में ऑनलाईन सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही डाटा सिक्योरिटी का भी विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रदान की जाने वाली धनराशि का वितरण डीबीटी के माध्यम से हो। उन्होंने निर्देश दिये कि पी.एम गतिशक्ति उत्तराखण्ड के तहत योजनाओं का त्वरित क्रियान्वयन हो इसके लिए संबंधित प्रस्तावों पर निर्धारित बिन्दुओं के अनुसार कार्यवाही की जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि ई-ऑफिस प्रणाली के तहत 89 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सीएम डैशबोर्ड प्रक्रिया के तहत सभी विभाग एक माह के अन्दर की-परर्फामेंस इंडिकेटर (के.पी.आई) बनाना सुनिश्चत करें।

 

बैठक में जानकारी दी गई कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कौशल विकास के अंतर्गत विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में 2026 तक 10 हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके तहत 09 कोर्स शामिल किये गये हैं। ये सभी कोर्स राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईवीटी) से संबद्ध हैं। जबकि आईटीडीए- सीएससी के तहत 60 हजार से अधिक छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें 25 प्रकार के कोर्स शामिल रहे हैं।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, अपर सचिव श्री विजय जोगदंडे, निदेशक आईटीडीए श्रीमती नीतिका खंडेलवाल और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।