Saturday, September 13, 2025
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विधि- विधान से खुले ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट

 

• प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित गणमान्य बने कपाट खुलने के साक्षी

केदारनाथ/रूद्रप्रयाग 10 मई। विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट जय बाबा केदारनाथ के उदघोष तथा सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच इस यात्रा वर्ष आज 10 मई को ठीक 7 बजे विधि- विधान से खुल गये है। इस अवसर पर दस हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के गवाह बने।

 

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के अवसर पर विशेषरूप से मौजूद रहे उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी देश‌ एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की। कहा कि इस बार चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनायेगी प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु प्रतिबद्ध है। इस दौरान सात हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने मंदिर को 20 क्विंटल से अधिक फूलोंं से सजाया गया था साथ ही कपाट खुलते समय तीर्थयात्रियों पर आकाश से हैलीकाप्टर द्वारा फूलवर्षा हुई।तथा श्रद्धालुओं के लिए जगह – जगह भंडारे आयोजित किये गये थे।

मुख्य सेवक भंडारा कार्यक्रम समिति ने भी भंडारें आयोजित किये।

 

 

आज केदारनाथ में मौसम साफ रहा। आस-पास तथा दूर बर्फ होने से सर्द बयारें चलती रही।

कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत कल बृहस्पतिवार 9 मई शाम को भगवान केदार नाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों गुप्तकाशी, फाटा,गौरीकुंड से होते हुए श्री केदारनाथ धाम पहुंच गयी थी।

आज शुक्रवार प्रातः चार बजे से मंदिर परिसर तथा दर्शन पंक्ति में यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था उसके बाद बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय रावल भीमांशंकर लिंग, मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह पुजारी धर्माचार्य वेदपाठी तथा केदार सभा के पदाधिकारी तथा जिलाधिकारी डा. सौरभ गहरवार प्रशासन के अधिकारी पूरब द्वार से मंदिर पहुंच गये उसके पश्चात रावल धर्माचार्य तथा पुजारी गणों ने द्वार पूजा शुरू की भगवान भैरवनाथ तथा भगवान शिव का आव्हान कर ठीक सुबह सात बजे बजे श्रीकेदारनाथ मंदिर के कपट खोल दिये गये। कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से श्रृंगार रूप दिया गया।उसके पश्चात श्रद्धालुओं ने दर्शन शुरू किये।

 

कपाट खुलने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शुभकामनाएं दी कहा कि बीते यात्राकाल में रिकार्ड तीर्थ यात्री श्रीकेदारनाथ धाम पहुंचे इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी जिसके लिए मुख्य मंत्री पुष्कर सिह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार तथा‌ मंदिर समिति यात्री सुविधाओ हेतु प्रतिबद्ध है।

 

 

कार्यक्रम के अनुसार 6 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान भैरवनाथ जी की पूजा हुई थी भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूति 9 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम पहुंची थी 10 मई ठीक प्रात:7 बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिये गये। कपाट खुलने के पश्चात भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप् से श्रृंगार रूप् दिया गया। तथा तीर्थ यात्रियों ने दर्शन करने शुरू किये।

जारी प्रेस विज्ञप्ति बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया गया कि कल शनिवार 11 मई को श्री केदारनाथ धाम में श्री भकुंट भैरव मंदिर के द्वार खुलने के साथ श्री केदारनाथ मंदिर में नित्य प्रति आरतियां एवं संध्याकालीन आरतियां शुरू हो जायेगी।

आज कपाट खुलने के समय हक-हकूकधारी सहित केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी शिवशंकर लिंग, संस्कृति एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष मधु भटृट मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,वीरेंद्र असवाल, , मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह,कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माचार्य औकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी स्वयंबंर सेमवाल, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, कुलदीप धर्म्वाण, देवानंद गैरोला आदि मौजूद रहे।

पिछले 24 घण्टों में उत्तराखण्ड में वनाग्नि की कोई भी नई घटना नही -सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने दी जानकारी

 

*राज्य में वनाग्नि की घटनाओं में लगातार कमी आ रही*

*शासन-प्रशासन द्वारा अपनी पूरी ताकत वनाग्नि नियंत्रण में झोंक दी गई*

 

*उत्तराखण्ड में वनाग्नि से 0.1 प्रतिशत वनों पर प्रभाव, इस सम्बन्ध में गलत आंकड़ों का दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ की जाएगी वैधानिक कार्यवाही*

*रिस्पॉन्स टाइम को कम करने में सफलता मिलने के कारण वनाग्नि पर नियत्रंण*

*सक्रिय वन पंचायतों, वनाग्नि प्रबन्धन समितियों, महिला मंगल दलों, युवा मंगल दलों की उत्साहजनक भागीदारी से गांवों के नजदीक के जंगल के इलाकों में वनाग्नि पर नियंत्रण*

 

गृह सचिव, भारत सरकार की अध्यक्षता में राज्य में वनाग्नि की घटनाओं की समीक्षा बैठक में प्रतिभाग करते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जानकारी दी कि पिछले 24 घण्टों में उत्तराखण्ड में वनाग्नि की कोई भी नई घटना नही हुई है। वनाग्नि की घटनाओं में पिछले दो दिनों से लगातार कमी आ रही है। उत्तराखण्ड में वनाग्नि से 0.1 प्रतिशत वन प्रभावित हुए है तथा इस सम्बन्ध में गलत आंकड़ों का दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी ।

सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने जानकारी दी कि शासन-प्रशासन द्वारा अपनी पूरी ताकत वनाग्नि नियंत्रण में झोंक दी गई। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वनाग्नि नियंत्रण के सम्बन्ध में निरन्तर समीक्षा व मॉनिटरिंग बैठक की जा रही हैं। मुख्य सचिव द्वारा भी लगातार मॉनिटरिंग बैठकों के साथ स्थिति पर सीधी निगरानी रखी जा रही है। पीसीसीएफ (हॉफ) द्वारा वन विभाग के फील्ड स्टाफ के साथ वनाग्नि मॉनिटरिंग हेतु लगातार बैठकें कर सभी डिवीजनों की जरूरतों के सम्बन्ध में जानकारी ली जा रही है। मुख्यालय स्तर के वरिष्ठतम अधिकारियों को जिलों में फील्ड में उतारा गया गया है। पीसीसीएफ (हॉफ) तथा एपीसीसीएफ वनाग्नि व आपदा प्रबन्धन द्वारा फील्ड ऑपरेशन का स्थलीय निरीक्षण किया जा रहा है।

रिस्पॉन्स टाइम को कम करने में सफलता मिलने पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया की एफएसआई से प्राप्त फायर एलर्ट को तत्काल सम्बन्धित वाट्सअप गु्रप्स में डाल कर क्रू टीम को उसी समय घटनास्थल पर भेजा जा रहा है। एफएसआई से भारी संख्या में मिले फायर एलर्ट की विशेष मॉनिटरिंग करके वनाग्नि को कम से कम समय में नियंत्रित करने में सफलता मिली है।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि राज्य में सक्रिय वन पंचायतों, वनाग्नि प्रबन्धन समितियों, महिला मंगल दलों, युवा मंगल दलों को जागरूक करके तथा उत्तरदायी बना कर गांवों के नजदीक के जंगल के इलाकों में वनाग्नि नियंत्रण में सफलता मिली है। वनाग्नि नियंत्रण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सामुदायिक संस्थाओं व फील्ड अधिकारियों को प्रोत्साहन, पुरस्कार व तत्काल बजट आंवटन से वनाग्नि नियंत्रण के प्रयासों को एक नई गति मिली।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि वनाग्नि नियंत्रण में सभी सम्बन्धित विभागों जिनमें आपदा प्रबन्धन, फायर सर्विसेज, आदि के कार्मिकों का सहयोग लिया गया है। 28 अप्रैल से 1 मई तक एनडीआरएफ की 15वीं बटालियन ने नैनीताल फॉरेस्ट डिवीजन में वनाग्नि नियंत्रण में सहयोग किया तथा आज यह बटालियन गढ़वाल फॉरेस्ट डिवीजन पहुंच रही है। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर एमआई 17 वी 5 द्वारा 6 से 8 मई के बीच 44600 लीटर पानी का छिड़काव गढ़वाल फॉरेस्ट डिवीजन पौड़ी में किया गया। इस दौरान राज्य में 417 वन अपराध दर्ज किए गए, जिनमें से 356 अज्ञात एवं 61 ज्ञात रहे। 75 नामजद अपराधी रहे। 13 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। 10 व्यक्तियों की गिरफतारी की जा चुकी है।

समीक्षा बैठक के दौरान गृह सचिव भारत सरकार ने कहा कि भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में वनाग्नि नियंत्रण के सम्बन्ध में हर संभव सहयोग एवं मार्गदर्शन दिया जा रहा है।

बैठक में प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव डा0 रंजीत कुमार सिन्हा, अपर प्रमुख वन संरक्षक श्री निशांत वर्मा एवं सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

बाबा केदार की पंचमुखी डोली गौरीकुंड से केदारनाथ प्रस्थान हुई

 

गौरीकुंड (रूद्रप्रयाग) : 9 मई।भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली ने आज बृहस्पतिवार 9 मई को प्रात: 8.30 बजे तीसरे पड़ाव गौरामाई मंदिर गौरीकुंड से श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान हुई।

बीते 6 मई को देवडोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रवास हेतु पहुंची तथा मंगलबार 7 मई को दूसरे पड़ाव फाटा पहुंची थी 8 मई देर शाम को पंचमुखी डोली गौरामाता मंदिर गौरीकुंड पहुंची थी।

 

उल्लैखनीय है श्री केदारनाथ धाम के कपाट कल शुक्रवार 10 मई को खुल रहे है। भगवान केदारनाथ की चलविग्रह उत्सव पंचमुखी मूर्ति की देवडोली को कई दशकों से श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के स्वयं सेवक एवं हक- हकूकधारी पांवों में बिना कुछ पहने पैदल चलकर शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री केदारनाथ धाम तक पहुंचाते है।

 

 

आज पंचमुखी डोली के केदारनाथ प्रस्थान होते समय श्रद्दालुजनों तथा गौरीगांव के स्कूली बच्चों ने बाबा केदार का जय घोष कर पुष्प वर्षा की है।केदारनाथ पैदल मार्ग पर जिला प्रशासन, पुलिस, गढवाल मंडल विकास निगम तथा स्थानीय दुकानदारों ने देव डोली का स्वागत किया।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि सैकड़ों देश- विदेश के श्रद्धालुजन भी डोली यात्रा के साथ केदारनाथ जा रहे है। पंचमुखी डोली के गौरीकुंड से केदारनाथ प्रस्थान के समय केदारनाथ धाम के पुजारी शिवशंकर लिंग, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण एवं यदुवीर पुष्पवान, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, प्रबंधक कैलाश बगवाड़ी, संजय तिवारी,भरत कुर्मांचली,कुलदीप धर्म्वाण, आलोक बजवाल,संजय कुकरेती सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

मेन्टल हैल्थ पॉलिसी पर प्राधिकरण की सख्ती के बाद 97 मानसिक स्वास्थ्य संस्थानो एवं नशा मुक्ति केन्द्रो ने कराया पंजीकरण

मेन्टल हैल्थ पॉलिसी पर प्राधिकरण की सख्ती के बाद 97 मानसिक स्वास्थ्य संस्थानो एवं नशा मुक्ति केन्द्रो ने कराया पंजीकरण

 

*राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में आयोजित होने वाले हैल्थ कैम्पों में शामिल रहेंगे मैन्टल हैल्थ के विशेषज्ञ, हल्द्वानी में जल्द खुलेगा नशा मुक्ति केंद्र*

 

*स्वास्थ्य सचिव की सख्त हिदायत मेन्टल हैल्थ पॉलिसी को लेकर किसी भी स्तर की लापरवाही नहीं की जायेगी बदार्शत*

 

देहरादून। राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की महत्वपूर्ण बैठक आज राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष व चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के सचिव डॉ आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की इस समीक्षा बैठक में पिछले कार्यों की प्रगति व भावी कार्ययोजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुआ। राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ आर राजेश कुमार ने अधिकारियों-कर्मचारियों को मेन्टल हैल्थ पॉलिसी पर पूरी गंभीरता के साथ कार्य करने के निर्देश दिये।

 

आई०ई०सी० करेगा प्रचार प्रसार

डॉ आर राजेश कुमार ने कहा आई०ई०सी० के माध्यम से मेन्टल हैल्थ का वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाये व सभी जनपदों में जागरूकता अभियान चलाया जायें। इसके साथ ही सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आयोजित हैल्थ कैम्पों में मैन्टल हैल्थ के विशेषज्ञों को आवश्यक रूप से प्रतिभाग करने के निर्देश उन्होंने अधिकारियों को दिये। ताकि जरूरतमंद लोगों को वह मानसिक स्वास्थ्य परामर्श प्रदान कर सकें।

 

स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध करायेगा दवाईंयां

डॉ आर राजेश कुमार ने मानसिक रोग में इस्तेमाल होने वाले सभी आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता स्वास्थ्य विभाग सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के रिक्त गैर-सरकारी पदों पर अनुभव अवधि पर स्थिलता प्रदान करने हेतु शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जायें। डॉ आर राजेश कुमार ने कहा आउटीच हैल्थ कैम्प में मैन्टल हैल्थ विशेष पर जागरूकता एवं परामर्श को बढ़ावा दिया जाये। इस विषय पर कार्य करने के लिये सभी जनपदो को निर्देशित करने के लिये आदेश दिये गये। मानसिक रोग के रोगियो के लिये राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान सेलाकुई के अलावा दून चिकित्सालय, कोरोनेशन चिकित्सालय, एवं जनपद के सभी प्रमुख चिकित्सालयो में औषधियो की उपलब्धता एवं वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये।

 

हल्द्वानी में जल्द खुलेगा नशा मुक्ति केंद्र

सचिव डॉ आर राजेश कुमार द्वारा बच्चो एवं किशोरो के लिये निम्हांस बेंगलुरू द्वारा कराये जा रहे epdimological survey data को समाज कल्याण विभाग के साथ साझा करने के निर्देश दिये गये एंव मेन्टल हैल्थ पर बृहद स्तर पर आई०ई०सी० (प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये गये। मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश में कुल 97 मानसिक स्वास्थ्य संस्थानो एवं नशा मुक्ति केन्द्रो को राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में पंजीकृत कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त सचिव, महोदय द्वारा हल्द्वानी में खोले जाने वाले नशा मुक्ति केन्द्र की अध्यतन स्थिति से अवगत होने हुये समाज कल्याण विभाग को प्रकिया में शीघ्रता लाने के लिये पत्र व्यवहार करने के लिये कहा गया।

 

हैल्थ कैंप में रहेंगे मैन्टल हैल्थ विशेषज्ञ

इस अवसर पर एन०आई०ई०पी०वी०डी० के प्रोफेसर डा० सुरेन्द्र कुमार ढलवाल (क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट) द्वारा राज्य में होने वाले शिविरों हेतु क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट उपलब्ध कराने का अश्वासन दिया गया है।

 

गैर-सरकारी सदस्यों को मानदेय का सुझाव

राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान सेलाकुई के चिकित्सा अधीक्षक, डा० विनय शर्मा द्वारा गैर-सरकारी प्राधिकरण के सदस्यो के अतिरिक्त अन्य विशेषज्ञ सदस्यो (जो प्राधिकरण के सदस्य नहीं है) हेतु मानदेय का सुझाव रखा गया। जिस पर अध्यक्ष महोदय द्वारा मानदेय का प्रस्ताव पत्र भेजने हेतु निर्देशित किया गया।

 

उक्त बैठक में डा० विनीता शाह, महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड, डॉ० भागीरथी जंगपांगी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के सदस्य डा०प्रो० रवि गुप्ता (वर्चुवल माध्यम से) एवं बैठक में उपस्थित डा०प्रो० प्रियरंजन अविनाश, श्री अतुल गुडविन सिंह, श्री लक्ष्मण बालन, श्रीमती पवन रेखा, डा० सुरेन्द्र कुमार ढलवाल, शासन स्तर से प्राधिकरण के सदस्य श्री महावीर सिंह परमार, श्री महावीर सिंह कण्डारी, श्रीमती जसविन्दर कौर, उप सचिव, डा० के०एस०नेगी, डा० कुलदीप मतांलिया, डा० विनय शर्मा, डा० फरीद एवं श्री विनय कुमार रणस्वाल ने प्रतिभाग किया।

वनाग्नि पर रोक के लिए सचिवों को दी जाएगी जिम्मेदारी, सीएम ने दिए निर्देश

 

*लापरवाही बरतने पर वन विभाग के 10 कार्मिकों को निलंबित किया*

 

*आग लगाने में संलिप्त तत्वों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए*

 

*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वनाग्नि, पेयजल, मानसून सीजन के साथ ही चार धाम की तैयारियों की समीक्षा की।*

 

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में वनाग्नि को रोकने के लिए की जा रही कार्यवाही और आगामी मानसून सीजन के दृष्टिगत तैयारियों की समीक्षा की। वनाग्नि को रोकने और जन जागरूकता के लिए मुख्यमंत्री फायर लाईन बनाने की कार्यवाही में प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये वनाग्नि पर पूर्णतः रोकने के लिए सभी सचिव को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी जाय। सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठायें।

 

*वनों से पिरूल एकत्रीकरण के लिए प्रभावी योजना बनाई जाय*

 

मुख्यमंत्री के निर्देश पर वनाग्नि को रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 10 कार्मिकों को निलंबित किया गया है। अन्य कुछ कार्मिकों पर भी अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए जन सहयोग लिया जाए। जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लिप्त पाये जा रहे हैं, उन पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाय। वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों से पिरूल एकत्रीकरण के लिए प्रभावी योजना बनाई जाय। पिरूल संग्रहण केन्द्र बनाए जाएं। इसमें सहकारिता विभाग का भी सहयोग लिया जाए। पिरूल एकत्रीकरण के लिए दी जाने वाली धनराशि को बढाई जाय।

 

*मानसून से पूर्व सभी तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाए*

 

आगामी मानसून सीजन की तैयारियों के संबंध में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून से पहले नालियों की सफाई, ड्रेजिंग और चैनलाईजेशन की कार्यवाही पूर्ण की जाय। नदी किनारे सुरक्षा दीवारों के निर्माण और मरम्मत के कार्य समय पर पूर्ण किये जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी पुराने ब्रिजों का सेफ्टी ऑडिट किया जाए। वर्षाकाल के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों में वैली ब्रिज की पूर्ण व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी डैम की गहराई और क्षेत्रफल की वर्तमान स्थिति जानने के लिए संबंधित विभागों की एक कोर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए। यह भी आंकलन किया जाय कि डैम के बनने से वर्तमान समय तक डैम की गहराई और क्षेत्रफल की स्थिति क्या है।

 

 

*प्रो एक्टिव एप्रोच से काम करें अधिकारी*

 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून सीजन शुरू होने से पहले डेंगू, मलेरिया और अन्य जल जनित रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता के साथ ही पूरी तैयारी की जाए। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाय। आपदा के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की रैपिड एक्शन टीम तैयार रखी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ कार्य करें। पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। स्वच्छ पेयजल के लिए पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्थाएं रखी जाय। जहां पेयजल की समस्या है वहाँ टैंकर और खच्चर से पीने के पानी की आपूर्ति की जाये । इसके लिए सभी कार्यदायी संस्थाएं समन्वय के साथ कार्य करें।

 

 

*चारधाम यात्रियों को मौसम अलर्ट की व्यवस्था*

 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में चारधाम यात्रा के दृष्टिगत भी सभी व्यवस्थाएं सुचारू रखी जाए। यह सुनिश्चित किया जाय कि मौसम की जानकारी से संबंधित अलर्ट एसएमएस के माध्यम से लोगों को मिले। चारधाम और मौसम से संबंधित अन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सूचना तंत्र को मजबूत बनाया जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी विभाग अपने स्तर पर बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीकि का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दृष्टिगत संवदनशील स्थलों और चारधाम यात्रा मार्गों पर जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था की जाय।

 

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, श्री रंजीत सिन्हा, श्री दिलीप जावलकर, श्री विनय शंकर पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, एडीजी श्री ए.पी अंशुमान, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

अयोध्या में ‘उत्तराखण्ड भवन’ के निर्माण का रास्ता साफ

  • धामी सरकार ने आवंटित भूमि की रजिस्ट्री अपने नाम करवाई
  • राज्य अतिथि गृह के निर्माण के रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी करने वाला पहला राज्य है उत्तराखण्ड
  • मुख्यमंत्री धामी ने जताया हर्ष, बोले रामनगरी में सबसे पहले बनाएंगे राज्य अतिथि गृह, श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ

देहरादून। राम जन्मभूमि अयोध्या में उत्तराखण्ड भवन (राज्य अतिथि गृह) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। भूखण्ड के आवंटन से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने अयोध्या में आवंटित भूखण्ड की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जिसने अयोध्या में राज्य अतिथिगृह के निर्माण के लिए भूखण्ड की रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी कर ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि सरकार अपने वायदे के अनुरूप जल्दी से जल्दी रामनगरी अयोध्या में अतिथि गृह का निर्माण करेगी ताकि रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आने वाले उत्तराखण्ड के श्रद्धालुओं को ठहरने के उचित सुविधा मिल सके। यह भूखण्ड राममंदिर से महज 7 किलोमीटर (हवाई दूरी 3 किमी) की दूरी पर स्थित है।

 

अयोध्या में दिव्य और भव्य राममंदिर के निर्माण के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि उत्त्राखण्ड सरकार अयोध्या में राजय अतिथि गृह का निर्माण करेगी। इस घोषणा के साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने भूमि खरीद के लिए फौरीतौर पर 32 करोड़ रुपए भी स्वीकृत किए थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखण्ड सरकार का आग्रह स्वीकार कर भूखण्ड आवंटन की स्वीकृति प्रदान की थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने अयोध्या में उत्तराखण्ड भवन के निर्माण के लिए 5253.30 वर्ग मीटर भूखंड आवंटित किया था। अब धामी सरकार ने सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए आवंटित भूखण्ड अपने नाम दर्ज करवा लिया है। मंगलवार को ही भूखण्ड की रजिस्ट्री उत्तराखण्ड सरकार के नाम हुई है। भूखण्ड की रजिस्ट्री होने के साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखण्ड भवन की डीपीआर बनाने का काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

राम मन्दिर और राम के अस्तित्व को लेकर कांग्रेस की मंशा का देश गवाह: चौहान

 

 

तुष्टिकरण के चलते कांग्रेस शक के घेरे मे, जनता को नही विश्वास

 

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि श्री राम और उनके मन्दिर को लेकर कांग्रेस की मंशा का देश गवाह रहा है और अब कांग्रेसी एन चुनाव के वक्त जो दलीलें दे रहे हैं उन पर जनता को भरोसा नही है।

पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चौहान ने कहा कि पीएम मोदी ने कांग्रेस की मंशा को लेकर सचेत किया तो कांग्रेस की ओर से सफाई देने का क्रम भी शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि मन्दिर के निर्माण मे तुष्टिकरण के चलते रोड़े अटकाने वाले कांग्रेसी राम मन्दिर मे प्राण प्रतिष्ठा से दूरी बनाते दिखे यह सब जानते है। तमाम किरकिरी के बाद भी कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा का बहिष्कार किया और बाद मे जो नेता गए उनके साथ क्या हुआ सब जानते हैं।

 

कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व राम मन्दिर के निर्माण से नाखुश है और यही कारण है कि सभी कांग्रेसियों को अयोध्या न जाने के लिए सख्ती कर दी गयी। खुद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम चुनाव घोषित होने से कुछ दिन पहले ही अयोध्या गए, लेकिन उसके पीछे भी उनकी चुनावी मंशा साफ थी। ऐसे कई विधायक, सांसद और वरिष्ठ नेता हैं जो इसी वजह से कांग्रेस से अलग हो गए, क्योंकि राम मन्दिर को लेकर उन पर दबाव था।

 

चौहान ने कहा कि अदालत मे वकीलों की फौज खड़ी कर राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस को लोग भूले नही हैं। अब कांग्रेस भविष्य मे सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या निर्णय लेगी उसकी शुरू से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक की मंशा को देखकर आशंका स्वाभाविक है। क्योंकि तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है।

 

चौहान ने कहा कि चुनाव के दौरान सनातन मतावलंबियों के रुख को देखकर कांग्रेस बैकफुट पर आ रही है, लेकिन उसे इसका कोई लाभ नही होने वाला है। पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह देश के संसाधनों पर पहला हक मुस्लिमों का करार दे चुके हैं तो जनता की चिंता वाजिब है और भाजपा इसे किसी भी सूरत मे स्वीकार करेगी।

आज कांग्रेस दलील दे रही है कि उसने राम मन्दिर के निर्माण को चाहा है, लेकिन उसमे कितने रोड़े अटकाये इसे भी याद रखने की जरूरत है। वह भविष्य मे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को यथावत रखने को जितने तर्क और अश्वासन दे जनता को भरोसा नही है। जनता उसके सनातन विरोधी रुख को लेकर उसे फिर सबक सिखाने जा रही है।

 

 

 

वनाग्नि पर नियंत्रण को भट्ट ने की आम जन से सहयोग की अपील

देहरादून, 7 मई। भाजपा ने वनाग्नि नियंत्रण के लिए आम जन की सहभागिता को जरूरी बताते हुए सभी से सहयोग का आह्वाहन किया है ।

 

प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्री महेंद्र भट्ट ने इस आपदा से निपटने के लिए, सीएम धामी द्वारा युद्धस्तर पर किए जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया है। साथ ही इस आपदा में जनता के सहयोग की प्रशंसा करते हुए शीघ्र ही दावानल पर नियंत्रण की उम्मीद जताई है।

 

विभिन्न माध्यमों से पूछे गए मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए श्री भट्ट ने स्पष्ट किया कि आपदा प्रबंधन को लेकर प्रदेश सरकार योजना अनुसार काम कर रही है । लेकिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि शीतकाल एवं बसंत ऋतु में अपेक्षानुशार बर्फबारी एवं बरसात नही होने से वनाग्नि की घटनाओं ने समयपूर्व विकराल रूप ले लिया हैं । इस आपदा से निपटने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य का पूरा तंत्र रात दिन एक किए है । पुलिस प्रशासन, वन विभाग, अग्निशमन विभाग, एनडीआरएफ एसडीआरएफ की टीमें जंगल की आग पर काबू करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। स्वयं मुख्यमंत्री इस आपदा को लेकर बेहद गंभीर हैं, यही वजह है कि पूरी सजगता और संवेदनशीलता के साथ अग्नि नियंत्रण की कोशिशों को वे बारीकी से मॉनिटरिंग कर रहे हैं । इसी क्रम में सेना की मदद लेना और आग लगाने वालों पर गैंगस्टर एक्ट लगाने वाले उनके निर्णय बेहद प्रशंसनीय हैं।

 

उन्होंने प्रशंसा करते हुए कहा, सीएम का सभी नियमित दौरों को रद्द कर दवानल की समस्या से जूझती आपदा टीम एवं राज्यवासियों के पास ग्राउंड जीरो पर पहुंचना, उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है। यह आग, जंगल, खेत खलियानों, पर्यावरण के साथ लोगों के जीवन का भी नुकसान पहुंचा रही है । लिहाजा आज सरकारी, गैरसरकारी और एनजीओ समेत सभी संथाओं को एकसाथ इस आग को मिटाने के लिए आगे आने की जरूरत है।

कांग्रेस समेत समस्त विपक्षी पार्टियों से भी उन्होंने आग्रह किया कि इस प्राकृतिक आपदा में राजनैतिक बाध्यता से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है। क्योंकि आम लोगों के जान माल को नुक्सान पहुंचाने वाले मुद्दे पर राजनीति से किसी को फायदा नहीं होने वाला है, जबकि नुकसान सभी को होना तय है। सभी गवाह हैं कि विगत वर्षो में आई सभी आपदाओं का बेहतर प्रबंधन के साथ बखूबी सामना किया गया हैं । उन्होंने चेताते हुए कहा, आपदा को आरोप लगाने का अवसर मानकर लाभ लेने की ये राजनीति, आम लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है ।

 

श्री भट्ट ने इस प्राकृतिक आपदा का साहसपूर्वक सामना करने के लिए सभी प्रदेशवासियों की प्रशंसा की है । उन्होंने विश्वास दिलाया कि भाजपा संगठन एवं सीएम धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार संकट की घड़ी में आपके साथ मजबूती के साथ खड़ी है । साथ ही उम्मीद जताई कि शीघ्र ही हम जनसहयोग से इस वनाग्नि को शांत करने अवश्य सफल होंगे ।

 

 

प्रदेश की आर्थिकी में बड़ी छलांग लगाने वाली होगी चारधाम यात्रा 

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विपक्ष को राजनीति करने के बजाय, रचनात्मक सहयोग करने चाहिए *

*सफल और सुरक्षित यात्रा की तैयारियां, सरकार की सजगता, गंभीरता एवं संवेदनशीलता की परिचायक .*

देहरादून, 6 मई। भाजपा ने यात्रा की तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए, इससे प्रदेश की आर्थिकी में बड़ी छलांग लगने की उम्मीद जताई है । प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने शुरुआती 15 दिन में वीआईपी से नही आने की अपील और ऑफ लाइन पंजीकरण को आम श्रद्धालुओं की सुविधा के लिएं बेहतर कदम बताया है । साथ ही सफल और सुरक्षित यात्रा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, विपक्ष से राजनीति करने के बजाय, रचनात्मक सहयोग करने का आग्रह किया है।

 

चार धाम यात्रा को लेकर शासन प्रशासन की तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए श्री भट्ट ने यात्रा के सुरक्षित, सफल और शानदार होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा, तीर्थयात्रियों द्वारा रिकॉर्ड संख्या में पंजीकरण कराया जाना इसका शुभ संकेत है । मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हुई विगत वर्ष की सफल यात्रा के अनुभव हमारे पास हैं । उसे देखते हुए सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजग होकर, चाक चौबंद व्यवस्थता में जुटी है । सड़क, आवास, पानी, स्वास्थ्य, संचार आदि तमाम जरूरतों को लेकर यात्रियों को कोई दिक्कत न आए, उसके लिए शासन प्रशासन पूरी तरह कटिबद्ध है । इसी क्रम में आम श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यात्रा आरंभ के 15 दिनों में सरकार द्वारा वीआईपी तीर्थयात्रियों से नहीं आने का आग्रह करना स्वागत योग्य कदम है । साथ ही ऑफ लाइन पंजीकरण शुरू करना और हेलीकॉप्टर से कपाट खुलने पर पुष्प वर्षा कराने का निर्णय प्रदेश सरकार की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को दर्शाता है।

 

उन्होंने कहा, चूंकि यह यात्रा देवभूमिवासियों की आर्थिकी की रीड है और ऐसे में जब शुरुआती महीनों में ही पिछले साल के 56 लाख यात्रियों का रिकॉर्ड टूटने की संभावना जताई जा रही हो, तो सबके चेहरों पर मुस्कान आना स्वाभाविक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह यात्रा पर्यटन क्षेत्र से जुड़े व्यवसायों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली साबित होगी, साथ विभिन्न माध्यमों से बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर खोलेगी । लेकिन पक्ष विपक्ष, सभी लोगों की एक मेजबान होने के नाते नैतिक जिम्मेदारी भी है कि हमारे मेहमान तीर्थयात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो ।

 

यात्रा तैयारियों को लेकर विपक्ष के आरोपों पर उन्हें आड़े हाथ लेते हुए श्री भट्ट ने कहा, देवभूमिवासियों की आर्थिकी से जुड़ी इस धार्मिक यात्रा को लेकर भी वे नकारात्मक राजनीति करने से बाज नहीं आते है । विगत कुछ वर्षों से यात्रा शुरू होने के ठीक पहले, तैयारियों एवं अन्य विषयों को लेकर उनके नेता बेबुनियाद एवं भ्रमात्मक बयानबाजी शुरू करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं । उनका प्रयास रहता है कि यात्रा प्रबंधन को लेकर उत्तराखंड की छवि खराब की जाए, लेकिन उसका असल खामियाजा प्रदेशवासियों को यात्रा प्रभावित होने से उठाना पड़ सकता है । लेकिन भाजपा सरकार की योजना और जनता के सहयोग से साल दर साल यात्रा अधिक भव्य और दिव्य होती जा रही है । लिहाजा सभी प्रदेशवासियों के साथ हम सबको विश्वास है कि यह यात्रा, राज्य की खुशहाली एवं समृद्धता में चार चांद लगाने जा रही है ।

 

एक साल की चुप्पी के बाद रेवन्ना प्रकरण को तूल देकर अवसर तलाश रही कांग्रेस: नौटियाल

 

 

उत्तराखंड मे मुद्दाविहीन राजनीति करती रही है कांग्रेस

 

 

: आशा नौटियाल

 

देहरादून 5मई। भाजपा ने कहा कि मातृ शक्ति की अस्मिता को लेकर भाजपा का रुख स्पष्ट है, लेकिन एक वर्ष से रेवन्ना मामले मे कार्यवाही न कर एन चुनाव के मौके पर मुद्दे को तूल देने देने से कांग्रेस की भूमिका संदेह के दायरे मे आ गयी है। कांग्रेस रेवन्ना प्रकरण मे राजनैतिक अवसर तलाश रही है।

 

भाजपा प्रदेश महिला मोर्चा के अध्यक्ष आशा नौटियाल ने कहा कि जिस तरह से कर्नाटक सरकार रेवना प्रकरण मे

काम कर रही है इससे कांग्रेस पार्टी की दोहरी मानसिकता उजागर हुई हैं। राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर कांग्रेस पार्टी कदम उठा रही है ताकि चुनावी लाभ ले सके।

 

उन्होंने कहा कि 1 साल पहले पुराने मामले को तूल देकर कांग्रेस की मंशा को समझा जा सकता है। जैसे ही

 

भाजपा का सहयोगी दल जेडीएस के साथ गठबंधन हुआ तो कांग्रेस ने मामले को तूल दे दिया। जबकि भाजपा का साफ तौर से कहना है कि जो भी गलत है उसको सजा होनी चाहिए मगर कांग्रेस पार्टी अब इस मुद्दे पर सियासत कर रही है। वहीं कांग्रेस की चिंता वोट बैंक को लेकर भो है इसलिए वह भाजपा को निशाने पर ले रही है।

 

उनका कहना है कि जिस मामले की एसआईटी जांच कर रही है उस मामले में कांग्रेस पार्टी दोहरा रवैया अपना रही है क्योंकि अभी किसी पर भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी पार्टी की सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। मगर लोकसभा चुनाव में जनता कांग्रेस पार्टी को मुंहतोड़ जवाब देगी और इसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ेगा।

उनका कहना है कि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है सरकार जन् आकांक्षाओं खरी नहीं उतरी है ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं को फसाने का काम कर रही है ताकि अपने काले कारनामे छुपा सके।

नौटियाल ने कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में मशाल जुलूस निकालने पर भी तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस प्रदेश मे भी मुद्दाविहीन राजनीति करती रही है। यही वजह है कि उसे प्रदेश में जनता चुनाव दर चुनाव नकारती है। ऐसे में। कर्नाटक के कथित महिला शोषण के मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे है ।

इससे साफ है कि कांग्रेस पार्टी

बेबुनियादी मुद्दों के भरोसे ही सुर्खियों में रहना चाहती है। उनका कहना है कि कर्नाटक में जो मामला सामने आया है इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जांच में दूध का दूध पानी का पानी साफ हो जाएगा। कांग्रेस पार्टी का विरोध प्रदर्शन दर्शाता है कि जनता के मुद्दों से अब कांग्रेस पार्टी को कोई सरोकार नहीं है ।