उत्तर अटलांटिक महासागर में इस वर्ष अप्रत्याशित गर्मी दर्ज की गई है, जिसने वैज्ञानिकों और पर्यावरण विशेषज्ञों को चौंका दिया है। समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से कई डिग्री अधिक पाया गया है, जिसे अब तक का सबसे अधिक दर्ज किया गया तापमान माना जा रहा है।
जलवायु वैज्ञानिकों के अनुसार, इस असामान्य गर्मी का कारण वैश्विक तापमान में वृद्धि, मानवजनित ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन और एल नीनो प्रभाव हो सकता है। यह स्थिति समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा बन रही है, जिससे कोरल रीफ, मछलियों की प्रजातियों और समुद्री जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इस क्षेत्र में समुद्री तूफानों की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ने की भी संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही तो इसके दीर्घकालिक परिणाम वैश्विक जलवायु प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, महासागरों में बढ़ता तापमान न केवल समुद्री जीवन के लिए घातक है, बल्कि यह वैश्विक मौसम पैटर्न को भी अस्थिर कर सकता है। वैज्ञानिकों ने वैश्विक स्तर पर तुरंत जलवायु कार्रवाई की अपील की है ताकि इस खतरनाक प्रवृत्ति को रोका जा सके।