Wednesday, September 10, 2025
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 यात्रा के नाम पर धर्म विरोधियों को केदार धाम ले जाने की साजिश के लिए केदार घाटी की जनता कांग्रेस को माफ नहीं करेगी : खजान दास

 

 

देहरादून 31 जुलाई। भाजपा ने श्री केदारनाथ धाम के नाम पर निकाली कांग्रेसी राजनीतिक यात्रा में बाबरी मस्जिद शहीदी दिवस मनाने वालों की संलिप्तता को बेहद गंभीर और धाम का अपमान बताया है । प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व केबिनेट मंत्री राजपुर विधायक श्री खजान दास ने चेताते हुए कहा, राजनीति के लिए किए इस पाप के लिए केदार घाटी की जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करने वाली हैं।

 

मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा, कांग्रेस की यात्रा मुद्दाविहीन और औचित्यहीन है । क्योंकि सनातन एवं पावन धामों के महत्व को लेकर सरकार पहले ही कदम उठा चुकी है और कांग्रेस का इतिहास सनातन धर्म के विरोध से पटा पड़ा है । वहीं आम जनता और स्वयं कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता भी राजनीति के लिए श्री केदार धाम के प्रयोग करने की इस कोशिश से बेहद खफा हैं । यही वजह है कि कांग्रेस माहरा के नेतृत्व में एक और फ्लॉप यात्रा की सहगामी बन रही है । संख्या की दृष्टि से उनकी यात्रा के हालत इतने खराब है कि ऐसे लोगों को शामिल करने की खबरें आ रही हैं जो खुलेआम श्री राम मंदिर के विरोध में मस्जिद शहीदी दिवस मनाते मीडिया में देखे गए मुस्लिम आरक्षण के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं । इसी तरह जो चरस माफिया के मुकद्दमे में बेल पर हैं वही यात्रा की व्यवस्था देख रहे हैं ।

 

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, जनता और उनके कार्यकर्ता यात्रा को लेकर उनकी नियत और नीति से इत्तेफाक नहीं रखती है । अब ऐसे में उनकी यात्रा में नेता अधिक और कार्यकर्ता कम हैं तो इसका कतई मतलब नहीं कि आप सनातन और समाज विरोधी लोगों को साथ लेकर चलें, वो भी हिंदुओं के पावन धाम की प्रतिष्ठा बचाने के नाम पर। उन्होंने कहा, जिस केदारनाथ चुनाव में लाभ लेने के लिए आप यात्रा निकाल रहे हैं, उसी केदार घाटी के लोग आपके इस पाप की सजा समय आने पर अवश्य देगी। साथ ही चेताया कि वहां की जनता यात्रा में चल रहे ऐसे धर्मविरोधिओं को यात्रा के माध्यम से पावन धाम में प्रवेश कराने की साजिश करने के लिए कांग्रेस को कभी माफ नहीं करने वाली है ।

 

पशुपालन एवं डेरी विकास की योजनायें बने जीएसडीपी में वृद्धि के आधार

 

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में पशुपालन, डेरी विकास, मत्स्य पालन और गन्ना विकास विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पशुपालन और डेरी विकास के क्षेत्र में आगामी 03 वर्षों में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में योगदान 03 प्रतिशत से बढ़ाकर 05 प्रतिशत करने की दिशा में कार्य किये जाएं। इसके लिए उन्होंने स्थानीय उत्पादों को तेजी से बढ़ावा दिये जाने पर भी बल दिया। उन्होंने पशुपालन और डेरी विकास के क्षेत्र में जीएसडीपी में वृद्धि के लिए आवश्यक संसाधनों का पूरा एक्शन प्लान तैयार कर प्रस्तुत करने के साथ प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल पशु चिकित्सालय बनाए जाने के निर्देश दिए।

 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के साथ नवाचार की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य किया जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका में वृद्धि हो और पलायन भी रूके। डेरी विकास तथा पशुपालन के क्षेत्र में राज्य की आर्थिकी में सुधार के लिये अन्य प्रदेशों से आयातित दूध व दुग्ध उत्पादों, पोलट्री उत्पादों की निर्भरता को कम किया जाए। गोट वैली, कुक्कुट वैली और ब्रायलर फार्म की स्थापना राज्य में पशुपालकों की आय को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुई है। इस योजनाओं को और तेजी से बढ़ावा दिया जाए।

 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में डेरी विकास के लिए दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ ही विभिन्न दुग्ध उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य किया जाए। दुग्ध उत्पादन से लाभकारी आय के लिए इनपुट प्रोडक्सन एवं डिलीवरी सिस्टम को सुदृढ़ बनाया जाए। एफ.पी.ओ के माध्यम से किसानों को उन्नत किस्म के चारा बीज उपलब्ध कराने और हरा एवं सूखा चारा उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किये जाने के साथ राज्य में अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्र स्थापित किये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

 

 

*राज्य में मछली की खपत के अनुरूप हो उत्पादन- मुख्यमंत्री*

 

मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पर्वतीय क्षेत्रों में ट्राउट फिश के उत्पादन को तेजी से बढ़ावा दिया जाए। इनकी बिक्री के लिए भी उचित प्रबंध किये जाएं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का मत्स्य पालकों को अधिक से अधिक लाभ मिले। राज्य में मत्स्य पालन को और तेजी से बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा लक्ष्य तय किये जाएं, लक्ष्यों को फोकस करते हुए समयबद्धता के साथ आगे कार्य किये जाएं। राज्य में मछली की खपत के अनुरूप उत्पादन हो इस दिशा में भी तेजी से प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से भी अधिक से अधिक मत्स्य पालकों को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि तालाबों के निर्माण से उनमें मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा सकता है, वहीं जल संरक्षण की दिशा में भी यह सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि कलस्टर बनाकर तालाबों का निर्माण किया जाए और उनके माध्यम से मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाए।

 

*गन्ना मिलों के आधुनिकीकरण, दक्षता और क्षमता में वृद्धि की दिषा में किये जाए कार्य-मुख्यमंत्री*

 

गन्ना विकास विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि गन्ना मिलों को घाटे से उबारा जाए। गन्ना मिलों के आधुनिकीकरण, दक्षता और क्षमता में वृद्धि की दिशा में कार्य किये जाएं। राज्य में गन्ना बीज बदलाव, जीपीएस के माध्यम से गन्ना सर्वेक्षण का कार्य तथा प्रदेश में जैविक गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लक्ष्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय पर हो।

 

कैबिनेट मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि पशु स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण के लिए वृहद् स्तर पर पशुओं का टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है। मोबाईल वैटिनरी यूनिट के माध्यम से पशुपालकों के द्वार पर पशुचिकित्सा संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन के तहत इस वर्ष डेरी विकास के अन्तर्गत 3385 दुधारू पशुओं के क्रय के लिए 611 परिवारों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़ने तथा 4943 पशुपालकों को बकरी व कुक्कुट पालन का लक्ष्य रखा है। पर्वतीय क्षेत्रों में साइलेज, चारा फीड ब्लाक की सुगमता से उपलब्ध होने के कारण महिलाओं के बोझ को कम किया गया है। पशुपालन से संबधित कार्यों में महिलाओं की भागीदारी 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 03 वर्षों में दुग्ध उपार्जन, संतुलित पशु आहार एवं साईलेज विक्रय में वृद्धि हुई है। गोट वैली से राज्य में डेढ़ साल में 3027 पशुपालकों को लाभ मिला है, जिसमें 37 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। राज्य में कुक्कुट की 2622 ईकाई स्थापित हैं इस वर्ष 01 हजार और ईकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव डॉ. बी.वी.आर. सी. पुरूषोत्तम, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव श्री विजय जोगदंडे, नियोजन विभाग से श्री मनोज पंत और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

योजनाओं के क्रियान्वयन में हो विज्ञान एवं तकनीकि का उपयोग- मुख्यमंत्री

*सहकारिता की जन कल्याणकारी योजनायें बने गेम चेंजर

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि लंबे समय से संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए इस दिशा में सुधारत्मक प्रयास की दिशा में कार्य किये जाएं। इन योजनाओं से लाभार्थियों को कितना फायदा हुआ और योजनाओं को और प्रभावी बनाने के लिए और क्या विशेष नवाचार किये जा सकते हैं, इस दिशा में नियोजन विभाग के सहयोग से कार्य किया जाए। राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को गेम चेंजर बनाने की दिशा में कार्य किये जाने पर भी उन्होंने बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत स्वयं सहायता समूहों को प्रदान किये जा रहे ऋण की धनराशि की सीमा में वृद्धि की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रस्ताव लाया जाए। स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को बेहतर बाजार मिले, इसके लिए सप्लाई चेन को प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा सहकारिता विभाग संबधित विभागों से भी समन्वय स्थापित कर योजनाओं को आगे बढ़ाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बंजर भूमि चिन्हित कर विभिन्न क्लस्टरों के माध्यम से उसे खेती योग्य बनाने के प्रयास किये जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक और पारम्परिक पद्धतियों के माध्यम से कृषि उत्पादन में वृद्धि की जाए। मुख्यमंत्री ने क्लस्टरों में मिल्लेट्स, सब्जियां, दालें, फल, औषधीय और सुगंधित पौधों फसलों, चारा फसलों और कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा हमारा उद्देश्य स्थानीय समुदाय को आजीविका के अवसर प्रदान कर, रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देना है। सहकारिता से मिलेट्स उत्पादों को और अधिक बढ़ावा मिले, इसके भी पयास किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विभिन्न जनपदों में चयनित क्लस्टरों की संख्या में वृद्धि के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत मत्स्य पालन, मौन पालन, मशरूम उत्पादन के निर्धारित लक्ष्यों को बढ़ाया दिया जाए। विभिन्न परियोजनाओ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की नवीन तकनीकियो का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए।

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार द्वारा 85 करोड की ब्याज प्रतिपूर्ति का बजटीय प्राविधान किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 1,90,000 सहकारी सदस्यों को 1300 करोड़ रूपये का ब्याज रहित ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। योजना के अन्तर्गत अभी तक कुल 960510 लाभार्थियों एवं 5339 स्वयं सहायता समूहों को कुल 5621.25 करोड रूपये़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना से 50 हजार से अधिक किसान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। इसके तहत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, निबंधक सहकारिता श्री आलोक कुमार पाण्डेय एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

केदारनाथ यात्रा की कमान मुस्लिम आरक्षण के पैरोकार और नशा तस्करों के हाथ: चौहान

तुष्टिकरण मे आपा खो बैठी कांग्रेस, धामों की पवित्रता का रखे खयाल

 

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा, घोर सनातन विरोध के चलते कांग्रेस आपा खो गयी है और अब जहां चार धाम क्षेत्र को नशे के दलदल मे झोंकने की साजिश की जा रही है तो वहीं सनातन द्रोहियों के पल्ले यात्रा प्रबंधन किया जा रहा है।

 

कांग्रेस की केदारनाथ यात्रा पर पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए चौहान ने कहा कि कांग्रेस चुनावी अवसर को भुनाने के लिए हर हथकंडे आजमाते हुए सभी हदें पार कर रही है। उन्होंने कहा कि सहसपुर मे नशा तस्करी मे जेल गए एक व्यक्ति को केदार की भूमि उखीमठ का ब्लॉक अध्यक्ष बना दिया गया है। इस नियुक्ति के जरिये कांग्रेस क्षेत्र के युवा और मातृ शक्ति को क्या संदेश देना चाहती है समझा जा सकता है। इन धामों मे नशे के फलने फूलने मे कहीं कांग्रेस का हाथ सहयोगी की भूमिका तैयार तो नही कर रहा है यह सवाल बन गया है। अभी हमारे पर्वतीय अंचल और चार धाम नशे से दूर हैं, लेकिन तमाम प्रवचन करने वाले विपक्षियों के सामने यह सवाल खड़े हैं।

चौहान ने कहा कि कांग्रेस के ही कार्यकर्ता और मुस्लिम आरक्षण की मांग करने वाले व 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद शहीद दिवस ब्लैक डे मनाने वाले प्रमुख चेहरे भी यात्रा का हिस्सा बने हुए हैं। दिन रात सनातन देवी देवताओं को कोसने वाले केदार प्रतिष्ठा के लिए अचानक निष्ठा और प्रेम का प्रदर्शन करे तो इससे अधिक नौटंकी क्या हो सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष की यात्रा के हमराह और कदमताल कर रहे सनातन विरोधी मुस्लिम आरक्षण के पैरोकार कांग्रेस की मंशा को भी उजागर कर रहे हैं। चौहान ने कहा कि यह संयोग है या उसकी तुष्टिकरण का फल कि यात्रा मे भोजन आदि का प्रबंधन भी एक पूर्व राज्य मंत्री समुदाय विशेष के ही पास हैं।

 

चौहान के कहा कि जब पार्टी के बड़े नेता इस सनातन विरोधी यात्रा से कन्नी काट चुके हैं तो ऐसे मे तुष्टिकरण के फल उसके लिए मुफीद साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि धामों के खिलाफ दुर्भावनावश साजिश को किसी भी तरह से स्वीकार नही किया जायेगा। भाजपा पवित्र धामों मे सनातन विरोधियों की आमद को बर्दाश्त नही करेगी, क्योंकि उनका एक ही मकसद देश दुनिया मे हमारी रीति, नीति, परंपरा और हमारे धार्मिक स्वरूप को बदनाम करना है। समुदाय विशेष को खुश करने को अदालती लडाई के जरिये राम मन्दिर की राह मे कांटे बिछाने वाली कांग्रेस के लिए अब सनातन विरोधी मददगार बन रहे हैं। जनता इसे भूली नही है और कांग्रेस को सबक सिखायेगी।

 

 

सांसद राज्य सभा एवं भाजपा राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष डा.नरेश बंसल ने सदन मे बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर बैंक ग्राहकों से जुर्माना वसूलने संबंधित जनहित का मुद्दा उठाया

 

डा. नरेश बंसल ने सदन मे स्पेशल मेनशन के माध्यम से यह विषय उठाते हुए कहा कि बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर बैंक ग्राहकों से जुर्माना वसूलते हैं। इस दंड से बचने के लिए आपके बचत खाते में न्यूमतम राशि की अनिवार्यता होनी जरूरी है। अगर आपके बचत खाते में एवरेज मंथली बैलेंस (AMB) बैंक द्वारा तय की गई राशि से कम होता है तो आपसे ये जुर्माना वसूला जाता है।
डा. नरेश बंसल ने कहा कि अधिक समस्या इस बात को लेकर है कि ग्राहकों को इसकी पहले से जानकारी नहीं दी जा रही है। सॉफ्टवेयर के माध्यम से कम बैलेंस वाले खातों से स्वत: पेनाल्टी के रूप में रुपए काट लिया जा रहे हैं। हर महीने के क्लोजिंग डे के बैलेंस के औसत को मिनिमम अकाउंट बैलेंस कहा जाता है। मिनिमम अकाउंट बैलेंस अलग-अलग बैंकों और उनकी अलग-अलग शाखाओं पर निर्भर करता है। अर्ध-शहरी/ग्रामीण शाखाओं के मुकाबले मेट्रो/शहरी शाखाओं में अमूमन ज्यादा मिनिमम बैलेंस रखना होता है।
डा. नरेश बंसल ने कहा कि भारत मे बैक ग्राहको से ऐकाउंट मे मिनिमम बैलेंस नही रखने की वजह से 21000 करोड कमाने मे कामयाब रहे है। ज्यादा एटीएम ट्रांजैक्शन से 8000 करोड़ और मैसेजिंग से 6000 हजार करोड़। इस हिसाब से बैंको ने कुल 35000 करोड़ इन सुविधाओ से कमाए है आम जनता से। बैंक अलग अलग लोकेशन के हिसाब से ऐवरेज मंथली बैलेंस तय करता है जो ग्राहक को रखना होगा।
डा. नरेश बंसल ने सदन के माध्यम कि अगर मिनिमम बैलेंस नही हुआ तो जुर्माना लगाया जाता है इससे बैंकों के ग्राहकों में इससे आक्रोश है,इसे बंद किया जाना चाहिए।

 

बूढ़ा केदार की घटना पर भाजपा ने जताया दुख, कार्यकर्ताओं से राहत कार्यों मे जुटने का आह्वान

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने टिहरी के बूढ़ा केदार क्षेत्र में आपदा से हुई मौतों पर दुख जताते हुए कहा कि राज्य भर में आपदा पीड़ितों की मदद के लिए संगठन सरकार के साथ समन्वय से कार्य कर रही है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को राहत एवं बचाव कार्यों में बढ़चढ़ कर सहयोग करने के निर्देश दिये।

 

भट्ट ने भारी बरसात से टिहरी, उत्तरकाशी एवं रुद्रप्रयाग समेत देवभूमि में आई आपदा और आम लोगों को हुई जन धन की हानि को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है । साथ ही ईश्वर से मृतकों की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य होने की कामना की है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बूढ़ा केदार में घटना स्थल का निरीक्षण किया है और बचाव एवं राहत कार्यों को तेज करने के आवश्यक निर्देश स्थानीय प्रशासन को दिए हैं। उन्होंने बताया कि समूचा प्रशासन एसडीआरएफ, पुलिस एवं फायर ब्रिगेड की टीम के साथ सभी जिलों में पीड़ितों को राहत पहुंचाने में लगा हुआ है ।

 

श्री भट्ट ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से अपने अपने क्षेत्रों में आपदा की घटनाओं के पीड़ितों की मदद में जुटने के निर्देश दिए। जिसके लिए सभी को पुलिस प्रशासन एवं आपदा टीम से समन्वय बनाकर काम करना है । आपदा प्रभावितों को सरकार के माध्यम से मिलने वाली मदद के अतिरिक्त हमारी कोशिश होनी चाहिए कि व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर खाद्यान, निवास या अन्य जरूरत की चीजे उन्हें उपलब्ध हों । साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से सुनिश्चित करने को कहा कि रास्ता बंद होने की स्थिति में प्रभावित श्रद्धालुओं एवं यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत न हो।

 

उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्ष में नेताओं से भी आग्रह किया कि आपदाकाल में सभी को राजनीति से ऊपर उठकर, एकजुटता से पीड़ितों की मदद करनी चाहिए। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आपदा प्रबंध तंत्र, जनता के सहयोग से संपूर्ण क्षमता से प्राकृतिक आपदा का सामना करने में लगा हुआ है । ऐसे में राजनैतिक लाभ के लिए अनावश्यक बयानबाजी करने से सभी को बचना चाहिए। ताकि आम लोगों एवं आपदा एजेंसियों का मनोबल प्रभावित नहीं हो। लिहाजा सभी को राजनैतिक कार्यकर्ता के बजाय सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका का निर्वहन करना चाहिए ताकि नुकसान को कम से कम करने में सफल हों ।

 

 

आपदा प्रबंधन को लेकर व्यवस्था चाक चौबंद, हर पीड़ित तक पहुँच रही मदद: चौहान

 

आपदा को लेकर कांग्रेस की दो धाराएँ,एक पीड़ितों के बीच दूसरी सैर सपाटे पर

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार की पूरी तैयारी चाक चौबंद है और रेस्क्यू टीम तत्परता से हर पीड़ित तक पहुँच रही है।

 

नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस यशपाल आर्य के आपदा प्रबंधन पर उठाये गए सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए चौहान ने कहा कि पहाड़ की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के वावजूद प्रबंधन तंत्र बेहतर ढंग से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि मध्य रात्रि मे घटित तोली भूस्खलन की घटना के बाद मौके पर रेस्क्यू टीम पहुँच गयी थी और बचाव कार्य भी समय से शुरू हो गया। घटना मे मृतकों के आश्रितों को मुआवजा और भवन निर्माण के लिए राशि के चेक सौंपे जा चुके हैं।

 

उन्होंने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार राहत कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वह विधायक और डीएम से लगातार अपडेट ले रहे हैं। सीएम के निर्देश के बाद प्रभारी मंत्री प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं। वहीं स्थानीय विधायक और प्रतिनिधि प्रशासन के साथ रेस्क्यू गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। सीएम ने जिला प्रशासन को तिनगढ़ गांव के अलावा आपदा प्रभावित क्षेत्र के अन्य संवेदनशील गाँवों को तत्काल चिन्हित कर प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए। इसके साथ स्थानीय निवासियों के मवेशियों एवं अन्य पालतू पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर रखे जाने की व्यवस्था करने तथा राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी तरीके से चलाए जाने के निर्देश दिए है। यह गाँव अस्थायी तौर पर शिविर मे शिफ्ट किया गया है।

 

चौहान ने कहा कि आपदाग्रस्त ग्राम तोली, जखाणा, कोट, विशन, थाती बूढाकेदार, पिंसवाड़ उरणी, अगुण्डा, कोटी आदि ग्रामों में सार्वजनिक रास्ते, कृषि भूमि, सड़क, पेयजल लाईन, विद्युत आदि परिसम्पत्तियों के क्षति आंकलन/सर्वे कार्य हेतु कृषि, पशुपालन, स्वास्थ्य, राजस्व, उद्यान, समाज कल्याण, सहकारिता विभाग के अधिकारियों की टीमें गठित की गई हैं। इन गाँवों मे विद्युत आपूर्ति सुचारु करने की कार्यवाही की जा रही है।इसके अलावा अन्य गाँव जहाँ पेयजल, विद्युत आपूर्ति बाधित है वहाँ पर संबंधित विभाग आपूर्ति के लिए जुटा हुआ है।

 

चौहान ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस मे जन हित का दावा करने वाली दो धाराएं कार्य कर रही है। एक राजनैतिक और सैर सपाटे के लिए केदारनाथ की यात्रा पर है और दूसरी धारा मे जो इस यात्रा से दूरी बनाकर चल रहे हैं वह आपदा पर ध्यान लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के वक्त खामियां ढूंढने के बजाय मिलकर पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने की जरूरत है।

 

 

मुख्यमंत्री ने भिलंगना विकासखंड टिहरी के बाल गंगा एवं बूढ़ाकेदार क्षेत्र में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में बचाव एवं राहत कार्य संचालित करने के अधिकारियों को दिए निर्देश

 

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी गढ़वाल के भिलंगना विकासखंड के बाल गंगा एवं बूढ़ा केदार में हुई भारी बारिश और भूस्खलन से हुई क्षति पर गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे एवं जिला अधिकारी टिहरी गढ़वाल मयूर दीक्षित को राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी तरीके से चलाए जाने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने घटना के प्रति दुख व्यक्त करते हुए टिहरी के प्रभारी मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल को घटना स्थल पर जाकर राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा करने को कहा है।

 

मुख्यमंत्री ने टिहरी जिला प्रशासन को प्रभावित क्षेत्र के संवेदनशील गाँवों को तत्काल चिन्हित कर प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि स्थानीय निवासियों के साथ ही मवेशियों एवं अन्य पालतू पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर रखे जाने की व्यवस्था की जाए।

 

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि राहत कैंप में बिजली, पेयजल इत्यादि की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जाए तथा पीड़ितों को अनुमन्य राहत राशि भी तुरंत प्रदान की जाए।

 

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि जनपद टिहरी गढ़वाल के भिलंगना विकास खण्ड के बालगंगा क्षेत्र में रात को भारी बारिश और भूस्खलन से तोली गांव में एक मकान में मलवे से दो महिलाएं दबने की सूचना प्राप्त हुई थी। एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व, स्वास्थ्य विभाग की टीमें तत्काल मौके के लिए रवाना हुई तथा खोज एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। मकान के उपर सीसी मार्ग का मलवा आने से क्षतिग्रस्त हुआ। एक अति संवेदनशील श्रीमती पूर्णिमा देवी के घर के समान को शिफ्ट किया गया है।

 

उन्होंने बताया कि रेस्क्यू टीम ने मलवे से सरिता देवी पत्नी वीरेंद्र सिंह तथा अंकिता पुत्री वीरेंद्र सिंह के शवों को निकाला गया है जबकि एक घायल वीरेंद्र सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद पीएचसी बेलेश्वर में भर्ती किया गया है। मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख के राहत राशि के चेक दिये गये है तथा आवास क्षति का 01 लाख 35 हजार रुपए का चेक तत्काल उपलब्ध कराया गया। इसके साथ 2 पशु हानि की जांचोपरांत मुआवजा राहत राशि के चेक वितरित किए गए। इसके अतारिक्त थाती बुढ़ाकेदार नाथ में पूल के पास एक घर बहा है । धाम के गेट के नीचे बाजार में नदी के जलस्तर से खोखली हो रही सड़क के पास स्थित घर और दुकानों को खाली कराया जा चुका है।

भट्ट ने संसद में जोशीमठ ओबीसी क्षेत्र को केंद्रीय आरक्षित सूची में शामिल करने का मुद्दा उठाया

 

*भट्ट ने संसद में जोशीमठ ओबीसी क्षेत्र को केंद्रीय आरक्षित सूची में शामिल करने की मांग की*

 

देहरादून 25 जुलाई। राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने जोशीमठ के ओबीसी क्षेत्र को आरक्षण की राष्ट्रीय अनुसूची में शामिल करने का मुद्दा उच्च सदन में उठाया हैं ।

 

राज्यसभा में प्रश्न काल के दौरान उन्होंने सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए सीमांत जनपद चमोली में विकासखंड जोशीमठ के पेनखंड क्षेत्र को केंदीय ओबीसी अनुसूची में किया जाना आवश्यक बताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र 43 ग्राम पंचायतों 73 जातियों के 48 हजार 202 लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। इस क्षेत्र एवं क्षेत्रवासियों के समग्र विकास को लेकर लंबे समय से ओबीसी आरक्षण दिए जाने की मांग रही है । हालांकि राज्य सरकार द्वारा 2016 में उन्हें ओबीसी कैटेगिरी में शामिल कर सरकारी सेवा में 14 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। लेकिन वहां के लोगों को समुचित लाभ हेतु उन्हें केंद्र की ओबीसी आरक्षण सूची में शामिल किए जाने की मांग लगातार जारी है।

 

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्रवासी अपनों को केंद्रीय ओबीसी आरक्षण सूची में सम्मिलित करने हेतु अनेकों बार भारत सरकार को आवेदन कर चुके हैं, परंतु अभी तक इस दिशा में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया है जिससे पूरा क्षेत्र 27% केंद्रीय आरक्षण की सुविधा से वंचित है। लिहाजा इस लोक महत्व के महत्वपूर्ण विषय पर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने इस क्षेत्र को केंद्रीय अनुसूची में सम्मिलित करने की मांग की है। साथ ही उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार तिब्बत सीमा क्षेत्र के अपनी दूसरी पंक्ति के सैनिकों की मांग को शीघ्र पूर्ण करेंगे ।