Thursday, May 29, 2025
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मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य के शहरों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए

 

 

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य के शहरों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने देहरादून, हरिद्वार, रूद्रपुर, हल्द्वानी में एसपीवी (स्पेशल पर्पस वीकल) बेहतरीन सिटी बस सेवाओं के संचालन की कार्ययोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। देहरादून में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरूआत की जाएगी। इसके तहत सीएनजी बसों, पीएम ई-बस सेवा, पुरानी बसों को बदलना स्मार्ट सिटी बसों का संचालन शामिल है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट किया है कि देहरादून जैसे बड़े शहरों में अर्बन ग्रीन मॉबेलिटी को लागू करना, निजी भागीदारी के साथ राज्य में लागत प्रभावी और बेहतरीन सार्वजनिक परिवहन सेवाओं की निगरानी के लिए एक विशेष एवं प्रभावी नियामक एजेंसी की स्थापना करना, आमजन के परिवहन हेतु यात्री बसों की लाइन स्थापित करना तथा उनका रखरखाव करना तथा परिवहन के बुनियादी ढांचे के सुधार के लिए सहायता प्रणाली विकसित करना हमारी प्राथमिकता है।

 

सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सचिवालय में स्वच्छ गतिशील परिवर्तन नीति की उच्चाधिकार समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु , सचिव श्री अरविन्द सिंह हयांकी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

पंजीकरण जरूर करवाएं चार धाम आने वाले श्रद्धालु, सरकार की कोशिश प्रत्येक श्रद्धालु को मिले दर्शन का अवसर

 

 

*गढ़वाल आयुक्त ने मीडिया सेंटर सचिवालय में चारधाम यात्रा को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं की दी जानकारी*

 

*सुगम व सुरक्षित यात्रा के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कर रहे हैं लगातार मॉनिटरिंग*

 

*14 मई तक चारधामों में ऑनलाइन रूप से कुल 26 लाख 73 हजार 519 रजिस्ट्रेशन हुए*

 

*हरिद्वार एवं ऋषिकेश में 8 से 14 मई तक ऑफलाइन के माध्यम से कुल 1,42,641 पंजीकरण हुए*

 

*यात्रियों की स्वास्थ्य जांच के लिए ऋषिकेश में स्क्रीनिंग के इंतजाम के साथ ही पूछी जा रही है मेडिकल हिस्ट्री*

 

*पंजीकरण के समय मेडिकल हिस्ट्री न छुपाएं*

 

गढ़वाल आयुक्त श्री विनय शंकर पांडेय ने चारधामों में राज्य सरकार की ओर से की गई तैयारियों व व्यवस्थाओं को लेकर सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में सुगम व सुरक्षित यात्रा के संचालन के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर श्रद्धालु को दर्शन का लाभ मिले। हमें इसी में संतुलन बनाकर चलना है कि श्रद्धालुओं की यात्रा भी सुरक्षित हो और उन्हें दर्शन का लाभ भी मिले।

 

गढ़वाल आयुक्त ने बताया कि चारधामों में 14 मई तक ऑनलाइन कुल 26 लाख 73 हजार 519 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। गंगोत्री में 4 लाख 21 हजार 366, यमुनोत्री में 4 लाख 78 हजार 576, श्री बद्रीनाथ धाम में 9 लाख सात हजार 60 और केदारनाथ धाम में कुल 8 लाख 13 हजार 558 जबकि श्री हेमकुंड साहिब के लिए 59,312 पंजीकरण हो चुके हैं। इसके अलावा हरिद्वार एवं ऋषिकेश में 8 से 14 मई तक ऑफलाइन के माध्यम से कुल 1,42,641 पंजीकरण हुए हैं। उन्होंने बताया कि यमुनोत्री में 59,158, गंगोत्री में 51,378, केदारनाथ में 1,26,306 व बद्रीनाथ धाम में 39,574 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

 

*पहले दिन, पिछले वर्ष की तुलना में कहीं अधिक संख्या में पहुँचे श्रद्धालु*

 

गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि यह देवभूमि उत्तराखंड का सौभाग्य है कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। इसके साथ-साथ कुछ चुनौतियां भी होती हैं, जिसके लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यमुनोत्री धाम में पांच किमी का रास्ता बेहद संकरा है और यहां पर एक समय में सीमित संख्या में ही लोग आवागमन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष जब कपाट खुले थे तो कुल 6,838 श्रद्धालु आए थे जबकि इस वर्ष कपाट खुलने वाले दिन 12,193 यात्री आये। इसी तरह केदारनाथ धाम में गत वर्ष कपाट खुलने पर 18,335 तो इस वर्ष लगभग 29 हजार श्रद्धालु मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में कहीं ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिस कारण कुछ परेशानियां हो रही हैं, लेकिन इन्हें भी दूर करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यमुनोत्री धाम के जानकी चट्टी में कुल 15,455 श्रद्धालु थे जिनमें से आज सुबह 10 बजे तक कुल 4 हजार दर्शन भी कर चुके थे। गंगोत्री में 3902, केदारनाथ में सुबह 10 बजे तक 8194 एवं बद्रीनाथ में 4518 ने दर्शन किये।

 

*श्रद्धालुओं की सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता, यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षित स्थानों पर ठहराया जा रहा*

 

गढ़वाल मंडल आयुक्त ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनको सुरक्षित वापस पहुँचाना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ यात्रियों को यमुनोत्री व गंगोत्री मार्ग पर ठहराया भी जा रहा है। सूखी टॉप से लौटते समय व गंगनानी से आगे गेट सिस्टम लागू किया गया है। यहां पर सिंगल रोड है इसलिए भी ठहराव की व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन की ओर से तमाम वीडियोज भी शेयर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है और हम अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं देने का प्रयास कर रहे हैं।

 

*मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए अहम निर्णय, बगैर रजिस्ट्रेशन यात्रा न करें श्रद्धालु, बिना रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों को ले जाने पर संबंधित वाहनों के परमिट भी होंगे सस्पेंड*

 

उन्होंने बताया कि आज सुबह सचिवालय में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसमें यह तथ्य सामने आया कि ऑफलाइन पंजीकरण में जिन लोगों को उदाहरण के तौर पर 20,21,22 मई के लिए पंजीकरण कराया गया था, उनके द्वारा भी पहले ही यात्रा कर ली जा रही है। इस कारण भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव ने निर्देश दिये हैं कि आज से स्थानीय स्तर पर आरटीओ एवं जिला प्रशासन की टीमें सख्ताई से चेकिंग करेंगे। साथ ही इस बात का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा कि चेकिंग के चलते यातायात व्यवस्था बाधित न हो। अगर कोई टूर ऑपरेटर पंजीकरण वाले दिनों से इतर यात्रियों को ले जाते हुए मिलता है तो यात्रियों को होल्ड करने के साथ ही वाहनों के परमिट भी सस्पेंड किये जायेंगे। साथ ही एक एडवाइजरी अन्य राज्यों को भी जारी करने के लिए कहा जा रहा है कि वह लोगों से अपील करें कि रजिस्ट्रेशन उपरांत यात्रा करें। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन पौड़ी और टिहरी को भी यात्रा रूट पर होल्डिंग एरियाज को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। जहां वाहनों की पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था हो और श्रद्धालुओं को भोजन पानी सब उपलब्ध कराया जाए। जो श्रद्धालु अपने से बाजार आदि जाना चाहता है उन्हें इसकी अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए कि बगैर रजिस्ट्रेशन के यात्रा न करें। जिनके पंजीकरण बाद के हैं वे उसी समय यात्रा करें।

 

*बल्क मैसेज से दी जा रही जानकारी*

 

गढ़वाल आयुक्त ने बताया कि बल्क एसएमएस के माध्यम से होल्ड रेश्यो की जानकारी दी जा रही है, की उन्हें कितनी देर और रुकना होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यात्रा व्यवस्था को लेकर बेहद गंभीर हैं और उनके द्वारा लगातार अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं। सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम को उत्तरकाशी में कैम्प करने के निर्देश दिए गए हैं। व्यवस्था बनाने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है

 

*श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग को किये गए हैं पर्याप्त इंतजाम*

 

उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच संबंधी स्क्रीनिंग के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से ऋषिकेश में इसका जायजा लिया है। जो भी श्रद्धालु आ रहे हैं, उन्हें स्क्रीनिंग के लिए पर्ची प्रदान की जा रही है। साथ ही उन्हें एक फॉर्म भी दिया जा रहा है जिसमें उनसे उनके स्वास्थ्य संबंधी हिस्ट्री पूछी जा रही है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को भी चाहिए कि वे अपनी स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करें। यह चारों ही धाम हाई एल्टीट्यूड में हैं जहां एकाएक गर्म स्थानों से आये लोगों को परिस्थितियों में ढलने में दिक्कत होती है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग कि ओर से कुल 14 भाषाओं में स्वास्थ्य एडवाइजरी भी जारी की गई है। उन्होंने बताया कि अब तक अलग अलग स्थानों पर 11 लोगों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई है। गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि केदारनाथ धाम के लिए 18 हजार प्रतिदिन व यमुनोत्री में 8 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन के लिहाज से पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुरूप यात्रा सुरक्षित और सुगम तरह से चले यह सुनिश्चित किया जा रहा है।

सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने दिए सभी सरकारी विभागों को सिर्फ मानकीकृत एवं प्रमाणीकृत उत्पादों की खरीद के निर्देश

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी सरकारी विभागों को सिर्फ मानकीकृत एवं प्रमाणीकृत उत्पादों की खरीद के निर्देश दिए हैं। सीएस ने बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) को राज्य में उत्पादों के प्रमाणीकरण के प्रशिक्षण से सम्बन्धित अपना नियमित कैलेण्ड जारी करने का भी अनुरोध किया है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य के युवाओं के लिए मानकीकरण, गुणवत्ता सुनिश्चतता, मेनेजमेंट सिस्टम, प्रमाणीकरण, लेब प्रशिक्षण की व्यवस्था कर उन्हें स्टार्ट अप शुरू करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने मानकीकरण एवं प्रमाणीकरण को बढ़ावा देने हेतु राज्य स्तरीय अधिकारियों के क्षमता विकास, शैक्षणिक संस्थाओं में स्टेण्डर्ड क्लब के माध्यम से विद्यार्थियों को गुणवत्ता एवं मानकीकरण के बारे में जागरूक करने तथा ग्राम पंचायत स्तर पर भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

 

 

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सचिवालय में उत्तराखण्ड राज्य में औद्योगिक उत्पादों के मानकीकरण एवं गुणवत्ता हेतु राज्य स्तरीय समिति की चौथी बैठक सम्पन्न हुई।

 

 

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने उत्पादों के प्रमाणीकरण के सम्बन्ध में ग्राहकों तथा ग्राहक समूहों जिसमें स्वयं सहायता समूह आदि भी शामिल हो हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विद्यार्थियों तथा उद्यमों में कार्यरत कार्मिकों को भारत मानक ब्यूरों के कार्यालयों, टेस्टिंग लेब तथा मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट में भ्रमण करवाने के भी निर्देश दिए हैं। सीएस ने उत्पादों के प्रमाणीकरण से सम्बन्धित सूचना पट जिलाधिकारी कार्यालय सहित मुख्य सार्वजनिक स्थानों पर लगवाने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि जिला स्तरीय अधिकारियों को अपनी प्रोक्यूरमेंट पॉलिसी में प्रमाणीकरण एवं मानकीकरण को लागू करने हेतु संवेदनशील बनाया जाए।

बैठक में प्रमुख सचिव श्री एल फैनई सहित भारत मानक ब्यूरों तथा राज्य सरकार के अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर किए का रहे हैं विशेष इंतज़ाम

*केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से रखी जा रही है पैनी नजर*

*पेयजल, स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार के विशेष इंतज़ाम*

*24×7 यात्रा कंट्रोल रूम से संचालित की जा रही यात्रा व्यवस्था*

केदारनाथ धाम। उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है। बीते दो दिन से केदारनाथ समेत गंगोत्री और यमुनोत्री तीनों धाम गुलजार हैं। पहले दिन केदारनाथ धाम में देश-विदेश से रिकॉर्ड संख्यां में 29 हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किये।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में केदारनाथ धाम, हैलीपैड, केदारनाथ पैदल मार्ग और केदारनाथ हाईवे पर कोई दिक्कत न हो, इसके लिये पुख़्ता इंतज़ाम किए गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा सीसीटीवी कैमरे के साथ ही अलग से यात्रा कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। यात्रा कंट्रोल रूम में हर 24×7 कर्मचारियों को तैनात किया गया है।इसके अतिरिक्त हेल्पलाइन नंबर पर यात्रियों द्वारा दर्ज समस्यायों का समाधान किया जा रहा है।

 

 

*कंट्रोल रूम से होगी निगरानी*

 

इसके साथ ही हेलीपैड और पैदल मार्ग, हाईवे और केदारनाथ धाम में यात्रियों को कोई परेशानी होती है तो प्रशासन की ओर से सीसीटीवी कैमरे के जरिये देखा जा रहा है और फिर शीघ्र ही उस स्थान पर संबंधित अधिकारियों को भेजा भेजकर यात्रियों की दिक्कतें शीघ्र दूर करने की व्यवस्था की गई है।

 

*सवा सौ सीसीटीवी से नज़र*

चारधाम यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री लगभग सवा सौ सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, इसके जरिए श्रद्धालुओं के आवागमन पर नजर रखी जा रही है।

 

*साफ सफाई पर विशेष ध्यान*

मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों के क्रम में इस वर्ष केदारनाथ में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बीते वर्षों की तुलना में इस वर्ष अधिक सफाईकर्मी इस कार्य के लिए तैनात किए गये हैं। यात्रियों को परेशानी हो और यात्रा मार्ग गंदगी और कचरा ना फैले इसका विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

 

यात्रा मार्ग पर जगह-जगह पेयजल की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को स्वास्थ सेवा मुहैय्या कराने के लिए यात्रा मार्ग par जगह जगह स्वास्थ्य शिविर लगाए गए है ताकि यात्रियों तुरंत स्वास्थ सेवा प्रदान की जा सके।

 

मुख्यमंत्री की विशेष निर्देश पर सरकार के आलाधिकारी लगातार इस विश्व विख्यात यात्रा पर नजर बना कर रख रहे हैं और यात्रा में कोई बाधा ना आए इसके लिए 24 घंटे अलर्ट पर रह रहे हैं।

भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के खुले कपाट। हजारों श्रद्धालु बने पावन अवसर के साक्षी

 

*कपाट खुलते ही धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब। नारायण के जयकारों से गूंज उठी बदरीशपुरी।*

 

*मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं को दी शुभकामनाएं।*

 

विश्व प्रसिद्ध भगवान श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 12 मई को शुभ मुहूर्त पर सुबह 6ः00 बजे पूरे विधि विधान एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के लिए खुल गए है। हजारों भक्त इस पावन पल के साक्षी बने। बदरीनाथ कपाट खुलने के मौके पर पहले दिन विशेष पूजा अर्चना की गई। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने के शुभ अवसर पर समस्त श्रद्धालुओं को बधाई दी है।

 

बदरीनाथ धाम में ब्रह्म बेला पर सुबह चार बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। हल्की बारिश के बीच आर्मी बैंड एवं ढोल नगाडो की मधुर धुन और स्थानीय महिलाओं के पारम्परिक संगीत और नृत्य के साथ भगवान बद्री विशाल की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ कुबेर जी, श्री उद्धव जी एवं गाडू घडा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी, हक हकूकधारी एवं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों द्वारा प्रशासन एवं हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए। मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बद्रीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगलमय की कामना की। इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए बद्रीनाथ के दर्शन शुरू हो गए है। पहले दिन ही हजारों श्रद्धालुओं ने बद्रीनाथ में अखण्ड ज्योति एवं भगवान श्री बद्रीनाथ के दर्शनों का पुण्य अर्जित किया। कपाटोद्घाटन के अवसर पर बद्रीनाथ मंदिर को 15 कुंतल फूलों से सजाया गया था।

 

कपाट खुलने के एक दिन पूर्व से ही बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का पूरी तरह से आगाज हो गया है।

 

कपाट खुलने के अवसर पर श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक सर्वेश कुमार, सीडीओ अभिनव शाह, बीकेटीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल, एसडीएम चंद्रशेखर बशिष्ठ, ईओ सुनील पुरोहित सहित मंदिर समिति के अन्य पदाधिकारी, सदस्य, हक हकूकधारी एवं बडी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

 

 

*भू-बैकुंठ धाम में अन्य तीर्थ स्थलों पर भी जुटने लगी श्रद्धालुओं की भीड।*

बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही भू-वैकुण्ठ धाम के आसपास तप्तकुण्ड, नारद कुण्ड, शेषनेत्र झील, नीलकंठ शिखर, उर्वशी मन्दिर, ब्रह्म कपाल, माता मूर्ति मन्दिर तथा देश के प्रथम गांव माणा, भीमपुल, वसुधारा जलप्रपात एवं अन्य ऐतिहासिक व दार्शनिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की भीड़ जुटने लगी है।

 

 

*पिछले आठ सालों में इतने यात्री पहुंचे बद्रीनाथ धाम।*

विगत वर्षों में लाखों श्रद्धालु बद्रीनाथ की यात्रा कर चुके है। पिछले आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2016 में 654355, वर्ष 2017 में 920466 तथा वर्ष 2018 में 1048051, वर्ष 2019 में 1244993 तथा वर्ष 2020 में 155055 श्रद्धालु बद्रीनाथ पहुॅचे। वर्ष 2021 में कोरोना संकट के कारण 197997 श्रद्धालु ही बदरीनाथ पहुॅचे। जबकि कोरोना महामारी पर नियंत्रण के बाद विगत वर्ष 2022 में 1763549 और 2023 में रिकार्ड 1839591 श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम पहुॅचे। इस बार शुरुआत में ही रिकॉर्ड पंजीकरण के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचने लगे है।

 

विधि- विधान से खुले ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट

 

• प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित गणमान्य बने कपाट खुलने के साक्षी

केदारनाथ/रूद्रप्रयाग 10 मई। विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट जय बाबा केदारनाथ के उदघोष तथा सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच इस यात्रा वर्ष आज 10 मई को ठीक 7 बजे विधि- विधान से खुल गये है। इस अवसर पर दस हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के गवाह बने।

 

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के अवसर पर विशेषरूप से मौजूद रहे उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी देश‌ एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की। कहा कि इस बार चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनायेगी प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु प्रतिबद्ध है। इस दौरान सात हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने मंदिर को 20 क्विंटल से अधिक फूलोंं से सजाया गया था साथ ही कपाट खुलते समय तीर्थयात्रियों पर आकाश से हैलीकाप्टर द्वारा फूलवर्षा हुई।तथा श्रद्धालुओं के लिए जगह – जगह भंडारे आयोजित किये गये थे।

मुख्य सेवक भंडारा कार्यक्रम समिति ने भी भंडारें आयोजित किये।

 

 

आज केदारनाथ में मौसम साफ रहा। आस-पास तथा दूर बर्फ होने से सर्द बयारें चलती रही।

कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत कल बृहस्पतिवार 9 मई शाम को भगवान केदार नाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों गुप्तकाशी, फाटा,गौरीकुंड से होते हुए श्री केदारनाथ धाम पहुंच गयी थी।

आज शुक्रवार प्रातः चार बजे से मंदिर परिसर तथा दर्शन पंक्ति में यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था उसके बाद बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय रावल भीमांशंकर लिंग, मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह पुजारी धर्माचार्य वेदपाठी तथा केदार सभा के पदाधिकारी तथा जिलाधिकारी डा. सौरभ गहरवार प्रशासन के अधिकारी पूरब द्वार से मंदिर पहुंच गये उसके पश्चात रावल धर्माचार्य तथा पुजारी गणों ने द्वार पूजा शुरू की भगवान भैरवनाथ तथा भगवान शिव का आव्हान कर ठीक सुबह सात बजे बजे श्रीकेदारनाथ मंदिर के कपट खोल दिये गये। कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से श्रृंगार रूप दिया गया।उसके पश्चात श्रद्धालुओं ने दर्शन शुरू किये।

 

कपाट खुलने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शुभकामनाएं दी कहा कि बीते यात्राकाल में रिकार्ड तीर्थ यात्री श्रीकेदारनाथ धाम पहुंचे इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी जिसके लिए मुख्य मंत्री पुष्कर सिह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार तथा‌ मंदिर समिति यात्री सुविधाओ हेतु प्रतिबद्ध है।

 

 

कार्यक्रम के अनुसार 6 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान भैरवनाथ जी की पूजा हुई थी भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूति 9 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम पहुंची थी 10 मई ठीक प्रात:7 बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिये गये। कपाट खुलने के पश्चात भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप् से श्रृंगार रूप् दिया गया। तथा तीर्थ यात्रियों ने दर्शन करने शुरू किये।

जारी प्रेस विज्ञप्ति बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया गया कि कल शनिवार 11 मई को श्री केदारनाथ धाम में श्री भकुंट भैरव मंदिर के द्वार खुलने के साथ श्री केदारनाथ मंदिर में नित्य प्रति आरतियां एवं संध्याकालीन आरतियां शुरू हो जायेगी।

आज कपाट खुलने के समय हक-हकूकधारी सहित केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी शिवशंकर लिंग, संस्कृति एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष मधु भटृट मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,वीरेंद्र असवाल, , मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह,कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माचार्य औकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी स्वयंबंर सेमवाल, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, कुलदीप धर्म्वाण, देवानंद गैरोला आदि मौजूद रहे।

पिछले 24 घण्टों में उत्तराखण्ड में वनाग्नि की कोई भी नई घटना नही -सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने दी जानकारी

 

*राज्य में वनाग्नि की घटनाओं में लगातार कमी आ रही*

*शासन-प्रशासन द्वारा अपनी पूरी ताकत वनाग्नि नियंत्रण में झोंक दी गई*

 

*उत्तराखण्ड में वनाग्नि से 0.1 प्रतिशत वनों पर प्रभाव, इस सम्बन्ध में गलत आंकड़ों का दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ की जाएगी वैधानिक कार्यवाही*

*रिस्पॉन्स टाइम को कम करने में सफलता मिलने के कारण वनाग्नि पर नियत्रंण*

*सक्रिय वन पंचायतों, वनाग्नि प्रबन्धन समितियों, महिला मंगल दलों, युवा मंगल दलों की उत्साहजनक भागीदारी से गांवों के नजदीक के जंगल के इलाकों में वनाग्नि पर नियंत्रण*

 

गृह सचिव, भारत सरकार की अध्यक्षता में राज्य में वनाग्नि की घटनाओं की समीक्षा बैठक में प्रतिभाग करते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जानकारी दी कि पिछले 24 घण्टों में उत्तराखण्ड में वनाग्नि की कोई भी नई घटना नही हुई है। वनाग्नि की घटनाओं में पिछले दो दिनों से लगातार कमी आ रही है। उत्तराखण्ड में वनाग्नि से 0.1 प्रतिशत वन प्रभावित हुए है तथा इस सम्बन्ध में गलत आंकड़ों का दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी ।

सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने जानकारी दी कि शासन-प्रशासन द्वारा अपनी पूरी ताकत वनाग्नि नियंत्रण में झोंक दी गई। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वनाग्नि नियंत्रण के सम्बन्ध में निरन्तर समीक्षा व मॉनिटरिंग बैठक की जा रही हैं। मुख्य सचिव द्वारा भी लगातार मॉनिटरिंग बैठकों के साथ स्थिति पर सीधी निगरानी रखी जा रही है। पीसीसीएफ (हॉफ) द्वारा वन विभाग के फील्ड स्टाफ के साथ वनाग्नि मॉनिटरिंग हेतु लगातार बैठकें कर सभी डिवीजनों की जरूरतों के सम्बन्ध में जानकारी ली जा रही है। मुख्यालय स्तर के वरिष्ठतम अधिकारियों को जिलों में फील्ड में उतारा गया गया है। पीसीसीएफ (हॉफ) तथा एपीसीसीएफ वनाग्नि व आपदा प्रबन्धन द्वारा फील्ड ऑपरेशन का स्थलीय निरीक्षण किया जा रहा है।

रिस्पॉन्स टाइम को कम करने में सफलता मिलने पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया की एफएसआई से प्राप्त फायर एलर्ट को तत्काल सम्बन्धित वाट्सअप गु्रप्स में डाल कर क्रू टीम को उसी समय घटनास्थल पर भेजा जा रहा है। एफएसआई से भारी संख्या में मिले फायर एलर्ट की विशेष मॉनिटरिंग करके वनाग्नि को कम से कम समय में नियंत्रित करने में सफलता मिली है।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि राज्य में सक्रिय वन पंचायतों, वनाग्नि प्रबन्धन समितियों, महिला मंगल दलों, युवा मंगल दलों को जागरूक करके तथा उत्तरदायी बना कर गांवों के नजदीक के जंगल के इलाकों में वनाग्नि नियंत्रण में सफलता मिली है। वनाग्नि नियंत्रण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सामुदायिक संस्थाओं व फील्ड अधिकारियों को प्रोत्साहन, पुरस्कार व तत्काल बजट आंवटन से वनाग्नि नियंत्रण के प्रयासों को एक नई गति मिली।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि वनाग्नि नियंत्रण में सभी सम्बन्धित विभागों जिनमें आपदा प्रबन्धन, फायर सर्विसेज, आदि के कार्मिकों का सहयोग लिया गया है। 28 अप्रैल से 1 मई तक एनडीआरएफ की 15वीं बटालियन ने नैनीताल फॉरेस्ट डिवीजन में वनाग्नि नियंत्रण में सहयोग किया तथा आज यह बटालियन गढ़वाल फॉरेस्ट डिवीजन पहुंच रही है। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर एमआई 17 वी 5 द्वारा 6 से 8 मई के बीच 44600 लीटर पानी का छिड़काव गढ़वाल फॉरेस्ट डिवीजन पौड़ी में किया गया। इस दौरान राज्य में 417 वन अपराध दर्ज किए गए, जिनमें से 356 अज्ञात एवं 61 ज्ञात रहे। 75 नामजद अपराधी रहे। 13 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। 10 व्यक्तियों की गिरफतारी की जा चुकी है।

समीक्षा बैठक के दौरान गृह सचिव भारत सरकार ने कहा कि भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में वनाग्नि नियंत्रण के सम्बन्ध में हर संभव सहयोग एवं मार्गदर्शन दिया जा रहा है।

बैठक में प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव डा0 रंजीत कुमार सिन्हा, अपर प्रमुख वन संरक्षक श्री निशांत वर्मा एवं सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

बाबा केदार की पंचमुखी डोली गौरीकुंड से केदारनाथ प्रस्थान हुई

 

गौरीकुंड (रूद्रप्रयाग) : 9 मई।भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली ने आज बृहस्पतिवार 9 मई को प्रात: 8.30 बजे तीसरे पड़ाव गौरामाई मंदिर गौरीकुंड से श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान हुई।

बीते 6 मई को देवडोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रवास हेतु पहुंची तथा मंगलबार 7 मई को दूसरे पड़ाव फाटा पहुंची थी 8 मई देर शाम को पंचमुखी डोली गौरामाता मंदिर गौरीकुंड पहुंची थी।

 

उल्लैखनीय है श्री केदारनाथ धाम के कपाट कल शुक्रवार 10 मई को खुल रहे है। भगवान केदारनाथ की चलविग्रह उत्सव पंचमुखी मूर्ति की देवडोली को कई दशकों से श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के स्वयं सेवक एवं हक- हकूकधारी पांवों में बिना कुछ पहने पैदल चलकर शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री केदारनाथ धाम तक पहुंचाते है।

 

 

आज पंचमुखी डोली के केदारनाथ प्रस्थान होते समय श्रद्दालुजनों तथा गौरीगांव के स्कूली बच्चों ने बाबा केदार का जय घोष कर पुष्प वर्षा की है।केदारनाथ पैदल मार्ग पर जिला प्रशासन, पुलिस, गढवाल मंडल विकास निगम तथा स्थानीय दुकानदारों ने देव डोली का स्वागत किया।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि सैकड़ों देश- विदेश के श्रद्धालुजन भी डोली यात्रा के साथ केदारनाथ जा रहे है। पंचमुखी डोली के गौरीकुंड से केदारनाथ प्रस्थान के समय केदारनाथ धाम के पुजारी शिवशंकर लिंग, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण एवं यदुवीर पुष्पवान, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, प्रबंधक कैलाश बगवाड़ी, संजय तिवारी,भरत कुर्मांचली,कुलदीप धर्म्वाण, आलोक बजवाल,संजय कुकरेती सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

मेन्टल हैल्थ पॉलिसी पर प्राधिकरण की सख्ती के बाद 97 मानसिक स्वास्थ्य संस्थानो एवं नशा मुक्ति केन्द्रो ने कराया पंजीकरण

मेन्टल हैल्थ पॉलिसी पर प्राधिकरण की सख्ती के बाद 97 मानसिक स्वास्थ्य संस्थानो एवं नशा मुक्ति केन्द्रो ने कराया पंजीकरण

 

*राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में आयोजित होने वाले हैल्थ कैम्पों में शामिल रहेंगे मैन्टल हैल्थ के विशेषज्ञ, हल्द्वानी में जल्द खुलेगा नशा मुक्ति केंद्र*

 

*स्वास्थ्य सचिव की सख्त हिदायत मेन्टल हैल्थ पॉलिसी को लेकर किसी भी स्तर की लापरवाही नहीं की जायेगी बदार्शत*

 

देहरादून। राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की महत्वपूर्ण बैठक आज राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष व चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के सचिव डॉ आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की इस समीक्षा बैठक में पिछले कार्यों की प्रगति व भावी कार्ययोजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुआ। राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ आर राजेश कुमार ने अधिकारियों-कर्मचारियों को मेन्टल हैल्थ पॉलिसी पर पूरी गंभीरता के साथ कार्य करने के निर्देश दिये।

 

आई०ई०सी० करेगा प्रचार प्रसार

डॉ आर राजेश कुमार ने कहा आई०ई०सी० के माध्यम से मेन्टल हैल्थ का वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाये व सभी जनपदों में जागरूकता अभियान चलाया जायें। इसके साथ ही सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आयोजित हैल्थ कैम्पों में मैन्टल हैल्थ के विशेषज्ञों को आवश्यक रूप से प्रतिभाग करने के निर्देश उन्होंने अधिकारियों को दिये। ताकि जरूरतमंद लोगों को वह मानसिक स्वास्थ्य परामर्श प्रदान कर सकें।

 

स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध करायेगा दवाईंयां

डॉ आर राजेश कुमार ने मानसिक रोग में इस्तेमाल होने वाले सभी आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता स्वास्थ्य विभाग सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के रिक्त गैर-सरकारी पदों पर अनुभव अवधि पर स्थिलता प्रदान करने हेतु शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जायें। डॉ आर राजेश कुमार ने कहा आउटीच हैल्थ कैम्प में मैन्टल हैल्थ विशेष पर जागरूकता एवं परामर्श को बढ़ावा दिया जाये। इस विषय पर कार्य करने के लिये सभी जनपदो को निर्देशित करने के लिये आदेश दिये गये। मानसिक रोग के रोगियो के लिये राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान सेलाकुई के अलावा दून चिकित्सालय, कोरोनेशन चिकित्सालय, एवं जनपद के सभी प्रमुख चिकित्सालयो में औषधियो की उपलब्धता एवं वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये।

 

हल्द्वानी में जल्द खुलेगा नशा मुक्ति केंद्र

सचिव डॉ आर राजेश कुमार द्वारा बच्चो एवं किशोरो के लिये निम्हांस बेंगलुरू द्वारा कराये जा रहे epdimological survey data को समाज कल्याण विभाग के साथ साझा करने के निर्देश दिये गये एंव मेन्टल हैल्थ पर बृहद स्तर पर आई०ई०सी० (प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये गये। मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश में कुल 97 मानसिक स्वास्थ्य संस्थानो एवं नशा मुक्ति केन्द्रो को राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में पंजीकृत कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त सचिव, महोदय द्वारा हल्द्वानी में खोले जाने वाले नशा मुक्ति केन्द्र की अध्यतन स्थिति से अवगत होने हुये समाज कल्याण विभाग को प्रकिया में शीघ्रता लाने के लिये पत्र व्यवहार करने के लिये कहा गया।

 

हैल्थ कैंप में रहेंगे मैन्टल हैल्थ विशेषज्ञ

इस अवसर पर एन०आई०ई०पी०वी०डी० के प्रोफेसर डा० सुरेन्द्र कुमार ढलवाल (क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट) द्वारा राज्य में होने वाले शिविरों हेतु क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट उपलब्ध कराने का अश्वासन दिया गया है।

 

गैर-सरकारी सदस्यों को मानदेय का सुझाव

राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान सेलाकुई के चिकित्सा अधीक्षक, डा० विनय शर्मा द्वारा गैर-सरकारी प्राधिकरण के सदस्यो के अतिरिक्त अन्य विशेषज्ञ सदस्यो (जो प्राधिकरण के सदस्य नहीं है) हेतु मानदेय का सुझाव रखा गया। जिस पर अध्यक्ष महोदय द्वारा मानदेय का प्रस्ताव पत्र भेजने हेतु निर्देशित किया गया।

 

उक्त बैठक में डा० विनीता शाह, महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड, डॉ० भागीरथी जंगपांगी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के सदस्य डा०प्रो० रवि गुप्ता (वर्चुवल माध्यम से) एवं बैठक में उपस्थित डा०प्रो० प्रियरंजन अविनाश, श्री अतुल गुडविन सिंह, श्री लक्ष्मण बालन, श्रीमती पवन रेखा, डा० सुरेन्द्र कुमार ढलवाल, शासन स्तर से प्राधिकरण के सदस्य श्री महावीर सिंह परमार, श्री महावीर सिंह कण्डारी, श्रीमती जसविन्दर कौर, उप सचिव, डा० के०एस०नेगी, डा० कुलदीप मतांलिया, डा० विनय शर्मा, डा० फरीद एवं श्री विनय कुमार रणस्वाल ने प्रतिभाग किया।

वनाग्नि पर रोक के लिए सचिवों को दी जाएगी जिम्मेदारी, सीएम ने दिए निर्देश

 

*लापरवाही बरतने पर वन विभाग के 10 कार्मिकों को निलंबित किया*

 

*आग लगाने में संलिप्त तत्वों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए*

 

*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वनाग्नि, पेयजल, मानसून सीजन के साथ ही चार धाम की तैयारियों की समीक्षा की।*

 

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में वनाग्नि को रोकने के लिए की जा रही कार्यवाही और आगामी मानसून सीजन के दृष्टिगत तैयारियों की समीक्षा की। वनाग्नि को रोकने और जन जागरूकता के लिए मुख्यमंत्री फायर लाईन बनाने की कार्यवाही में प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये वनाग्नि पर पूर्णतः रोकने के लिए सभी सचिव को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी जाय। सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठायें।

 

*वनों से पिरूल एकत्रीकरण के लिए प्रभावी योजना बनाई जाय*

 

मुख्यमंत्री के निर्देश पर वनाग्नि को रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 10 कार्मिकों को निलंबित किया गया है। अन्य कुछ कार्मिकों पर भी अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए जन सहयोग लिया जाए। जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लिप्त पाये जा रहे हैं, उन पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाय। वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों से पिरूल एकत्रीकरण के लिए प्रभावी योजना बनाई जाय। पिरूल संग्रहण केन्द्र बनाए जाएं। इसमें सहकारिता विभाग का भी सहयोग लिया जाए। पिरूल एकत्रीकरण के लिए दी जाने वाली धनराशि को बढाई जाय।

 

*मानसून से पूर्व सभी तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाए*

 

आगामी मानसून सीजन की तैयारियों के संबंध में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून से पहले नालियों की सफाई, ड्रेजिंग और चैनलाईजेशन की कार्यवाही पूर्ण की जाय। नदी किनारे सुरक्षा दीवारों के निर्माण और मरम्मत के कार्य समय पर पूर्ण किये जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी पुराने ब्रिजों का सेफ्टी ऑडिट किया जाए। वर्षाकाल के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों में वैली ब्रिज की पूर्ण व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी डैम की गहराई और क्षेत्रफल की वर्तमान स्थिति जानने के लिए संबंधित विभागों की एक कोर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए। यह भी आंकलन किया जाय कि डैम के बनने से वर्तमान समय तक डैम की गहराई और क्षेत्रफल की स्थिति क्या है।

 

 

*प्रो एक्टिव एप्रोच से काम करें अधिकारी*

 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून सीजन शुरू होने से पहले डेंगू, मलेरिया और अन्य जल जनित रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता के साथ ही पूरी तैयारी की जाए। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाय। आपदा के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की रैपिड एक्शन टीम तैयार रखी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ कार्य करें। पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। स्वच्छ पेयजल के लिए पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्थाएं रखी जाय। जहां पेयजल की समस्या है वहाँ टैंकर और खच्चर से पीने के पानी की आपूर्ति की जाये । इसके लिए सभी कार्यदायी संस्थाएं समन्वय के साथ कार्य करें।

 

 

*चारधाम यात्रियों को मौसम अलर्ट की व्यवस्था*

 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में चारधाम यात्रा के दृष्टिगत भी सभी व्यवस्थाएं सुचारू रखी जाए। यह सुनिश्चित किया जाय कि मौसम की जानकारी से संबंधित अलर्ट एसएमएस के माध्यम से लोगों को मिले। चारधाम और मौसम से संबंधित अन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सूचना तंत्र को मजबूत बनाया जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी विभाग अपने स्तर पर बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीकि का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दृष्टिगत संवदनशील स्थलों और चारधाम यात्रा मार्गों पर जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था की जाय।

 

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, श्री रंजीत सिन्हा, श्री दिलीप जावलकर, श्री विनय शंकर पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, एडीजी श्री ए.पी अंशुमान, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।