Friday, July 18, 2025
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मुख्यमंत्री धामी ने ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’ अभियान को बताया जनआंदोलन, दिलाई शपथ

देहरादून,13/जुलाई/2025। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज बल्लीवाला, देहरादून में ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’ के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की शपथ भी दिलाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मान समारोह केवल एक व्यक्तिगत सम्मान नहीं, बल्कि ईमानदारी और पारदर्शिता पर आधारित उत्तराखंड के निर्माण का उत्सव है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता का है, जो जवाबदेही और नैतिक मूल्यों के साथ राज्य के विकास की दिशा में अग्रसर है।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत ऑनलाइन ट्रांसफर प्रणाली, परीक्षा प्रणाली की निगरानी, सीएम हेल्पलाइन 1905 और भ्रष्टाचार के लिए 1064 शिकायत नंबर जैसी तकनीकी व्यवस्थाओं को लागू किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता, ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और योजनाओं में कमीशनखोरी जैसे मामलों में सख्त कार्रवाई की गई है। पिछले तीन वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा गया है, जबकि पिछले चार वर्षों में 24 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है।

मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता लागू करने, सख्त नकल विरोधी कानून बनाने, लैंड जिहाद और लव जिहाद के खिलाफ कार्रवाई, धर्मांतरण और दंगारोधी कानूनों को लागू करने जैसे कदमों को शासन व्यवस्था को मजबूती देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि ये सभी पहलें साबित करती हैं कि मजबूत इच्छाशक्ति से हर चुनौती को पार किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने “ऑपरेशन कालनेमि” का भी उल्लेख किया, जिसके तहत अब तक 200 से अधिक संदिग्धों को पकड़ा गया है, जिनमें कई बांग्लादेशी घुसपैठिए भी शामिल हैं। उन्होंने जनता से ऐसे तत्वों की जानकारी पुलिस को देने की अपील की।

कार्यक्रम में विधायक खजान दास, स्वामी चिदानंद सरस्वती, किशन गिरी महाराज, राकेश ऑबेरॉय, पंकज गुप्ता सहित विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “ना खाऊँगा, ना खाने दूँगा” मंत्र को आत्मसात कर राज्य सरकार पारदर्शी, जवाबदेह और जनहितकारी शासन की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

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