Thursday, May 15, 2025
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केदारपुरी सहित पैदल यात्रा मार्ग पर 800 केएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार होंगे

 

*पीडब्ल्यूडी एवं पेयजल निगम तैयार कर रहे दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट*

 

*प्लांट में जापानी तकनीकी का किया जा रहा इस्तेमाल*

 

श्री केदारनाथ धाम यात्रा का स्वरूप लगातार बढ़ता जा रहा है इसी के मध्यनजर शासन एवं जिला प्रशासन स्तर से यात्रा को सुदृढ़ एवं सुव्यवस्थित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में केदारपुरी सहित पैदल यात्रा मार्ग पर 822 किलो लीटर प्रति दिन की क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तैयार होने जा रहे हैं। 600 किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला प्लांट केदारनाथ में तैयार हो रहा है, जबकि 222 किलोमीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला प्लांट गौरीकुंड में तैयार हो रहा है।

परियोजना प्रबंधक पेयजल निगम श्रीनगर गढ़वाल रविंद्र सिंह ने बताया कि नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत गौरीकुंड क्षेत्र में 2022 में स्वीकृत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण गतिमान है। प्लांट में जापानी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत 200 किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता का एसटीपी बनाया जा रहा है। वहीं 10 पुरुष एवं पांच महिला शौचालय भी निर्मित होने हैं। जिनके शोधन हेतु 10 किलो लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला एसटीपी प्रस्तावित है। वहीं पूर्व से गौरीकुंड में स्थित सुलभ इंटरनेशनल के शौचालयों के शोधन के लिए 12 किलो लीटर प्रतिदिन का एसटीपी भी बनाया जाना है। जिसके तहत 500 मीटर सीवर लाइन भी बिछाई जानी है जिसमें से 488 मी सिविल लाइन बिछाई जाने का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके अलावा यात्रा मार्ग के महत्पूर्ण पड़ाव तिलवाड़ा में भी 100 किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य प्रतिमान है। बताया कि गौरीकुंड एवं तिलवाड़ा योजना की कुल लागत 23.37 करोड रुपए है। जिसमें दोनों ट्रीटमेंट प्लांट का 15 वर्षों के लिए रखरखाव भी शामिल है। उधर अधिशासी अभियंता सिविल वृत्त डीडीएमए विनय झिंक्वाण ने बताया कि करीब 600 किलो लीटर प्रतिदिन शोधन की क्षमता वाला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट आठ करोड़ की लागत से केदारनाथ में तैयार होने जा रहा है जिसका 55 फीसदी से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है।

धामी सरकार के 3 साल बेमिसाल, हर वायदे पर खरी उतरी सरकार

*धामी सरकार ने दी विकास, सामाजिक न्याय और राज्य की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता*

धामी सरकार ने अपने तीन वर्षों के कार्यकाल में उत्तराखंड के विकास के लिए जो कदम उठाए हैं, वे राज्य के लिए मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। उनके नेतृत्व में राज्य ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिनसे न केवल राज्य की बुनियादी सुविधाओं में सुधार हुआ है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर का भी संरक्षण हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यह सरकार विकास, सामाजिक न्याय और राज्य की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, जो राज्य के उज्जवल भविष्य की ओर एक मजबूत कदम है।

 

*समान नागरिक संहिता-एक ऐतिहासिक निर्णय*

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सरकार के वादे के अनुसार राज्य में समान नागरिक संहिता लागू की। यह कदम महिलाओं को अधिकार संपन्न बनाने, सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने और समाज के विभिन्न वर्गों को समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया। इस पहल को न केवल राज्य में, बल्कि पूरे देश में सराहा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस निर्णय की मुक्त कंठ से सराहना की और इसे एक नजीर के रूप में पेश किया।

 

*भूमि मुक्तिकरण और लैंड जिहाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई*

धामी सरकार ने राज्य की भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ कठोर कदम उठाए। लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 144,500 एकड़ से अधिक भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया। यह कदम राज्य के प्राकृतिक संसाधनों और भूमि की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी। इसके साथ ही, भू कानून को और भी सख्त किया गया, ताकि पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि भूमि का बाहरी व्यक्तियों द्वारा कब्जा न हो सके।

 

*महिलाओं के लिए आरक्षण और अन्य कल्याणकारी योजनाएं*

धामी सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण लागू किया, जिससे उन्हें सरकारी सेवा में समान अवसर मिले। इसके अलावा, वृद्धावस्था पेंशन योजना, निराश्रित विधवा भरण पोषण अनुदान और दिव्यांग पेंशन योजना की राशि में वृद्धि की गई, जिससे राज्य के वृद्धजन और विकलांग व्यक्तियों को और अधिक सहायता प्राप्त हो सके।

 

*आर्थिक और रोजगार सृजन के प्रयास*

धामी सरकार ने राज्य के आर्थिक विकास और युवाओं को रोजगार देने के लिए कई योजनाओं को लागू किया। 20,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों में अवसर प्रदान किया गया। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में भी कई योजनाओं की शुरुआत की गई, जैसे ष्सीएम किसान प्रोत्साहन निधिष्, जिससे किसानों को आर्थिक मदद मिल सके।

 

*धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण*

धामी सरकार ने राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षण देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। चारधाम सर्किट में मंदिरों और गुरुद्वारों का भौतिक ढांचा और परिवहन सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। कुमायूं के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाने के लिए श्मानसखण्ड मंदिर माला मिशनश् की शुरुआत की गई। इसके साथ ही, पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क और उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।

 

*भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस*

धामी सरकार ने भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार मुक्त एप-1064 की शुरुआत की गई, ताकि लोग सीधे तौर पर भ्रष्टाचार की सूचना दे सकें और सरकार त्वरित कार्रवाई कर सके। राज्य के वीर सैनिकों के सम्मान में भी वृद्धि की गई है, जिससे उनकी वीरता को उच्च सम्मान दिया गया।

 

*आधुनिक बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी*

धामी सरकार ने उत्तराखंड के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है। मोबाइल नेटवर्क, हाई स्पीड ब्रॉडबैंड, और फाइबर इंटरनेट की सुविधा को गांव-गांव तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है। शहरी क्षेत्रों में पार्किंग सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, ताकि ट्रैफिक जाम की समस्या को हल किया जा सके।

 

*शिक्षा और युवा कल्याण*

शिक्षा के क्षेत्र में भी धामी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत 241 छात्रों को ₹33 लाख 52 हजार की छात्रवृत्ति दी गई है। इसके अलावा, पीएचडी करने वाले मेधावी छात्रों को प्रतिमाह ₹5000 की छात्रवृत्ति देने की योजना भी बनाई गई है, जिससे राज्य में उच्च शिक्षा के स्तर को बढावा मिले।

 

*नकल विरोधी कानून और खेलों का प्रोत्साहन*

धामी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। श्नकल विरोधी कानूनश् को लागू कर राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर किया। साथ ही, खेलों को बढावा देने के लिए खेल पुरस्कार राशि में वृद्धि की गई, जिससे राज्य के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिल सके।

*निष्कलंक और पारदर्शी शासन*

सीएम धामी ने राज्य के शासन में पारदर्शिता और निष्कलंकता को बढ़ावा दिया। सरकारी खर्चों को कम करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन सरकारी भवनों में करने की योजना बनाई गई। इस निर्णय से न केवल सरकारी खजाने की बचत होगी, बल्कि यह कार्यप्रणाली सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाएगी।

कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली राज्य विरोधी और विघ्न संतोषी: भट्ट

 

 

देहरादून 29 अप्रैल। भाजपा ने चार धाम यात्रा शुरुआत के दिन, कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली को, राज्य विरोधी और पावन कार्यों में विघ्न संतोषी रवैया बताया है।

 

प्रदेशाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्री महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस का इस मुद्दे को उठाना, बिल्ली के सौ चूहे खाकर हज करने जैसा है। लिहाजा उनमें थोड़ी सी भी नैतिकता शेष है तो राज्यहित और देशहित में उन्हें इस कार्यक्रम को रद्द करना चाहिए और यात्रा में सहयोग के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस के अभियान की टाइमिंग और औचित्य पर कई गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सभी जानते हैं कि चार धाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिक रीढ़ का काम करती है। लिहाजा जब कल से इस पावन यात्रा का शुभारंभ हो रहा है तो ऐसे में मुख्य विपक्षी पार्टी का राजनैतिक कार्यक्रम करना उनके नकारात्मक रुख को स्पष्ट करता है। कांग्रेस पार्टी नहीं चाहती है कि राज्य का विकास जारी रहे और उसकी देवभूमि छवि की कीर्ति में वृद्धि हो। इसलिए वह यात्रा व्यवस्था में जुटे प्रशासन और आम लोगों के प्रयासों में विघ्न डालने के लिए यह कार्यक्रम करना चाहते हैं। विगत वर्ष में भी यात्रा प्रभावित करने के लिए कांग्रेस ने इसी तरह के अनेकों राजनैतिक प्रपंच किए थे। जो यात्रा के अंतिम दिनों तक केदारनाथ प्रतिष्ठा यात्रा के रूप में जारी रहे।

 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह प्रयास और भी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हो जाता है कि ये सब उस समय किया जा रहा हो जब देश पहलगाम हमले से दुख और आक्रोश में है। वो पीएम मोदी के नेतृत्व में दुश्मनों को करारा जवाब देने की तैयारी में जुटा हुआ है। लेकिन कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति नॉन स्टॉप जारी है।

 

उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं से आग्रह किया कि यदि उनमें थोड़ी सी भी नैतिकता बची हो तो वह यात्रा को देखते हुए प्रदेश हित में अपने राजनैतिक कार्यक्रम को स्थगित कर दे। बेहतर हो कि उनके कार्यकर्ता भी यात्रा प्रबंधन में सहयोग और तीर्थयात्रियों की मदद के लिए आगे आएं।

 

उन्होंने कहा कि आज पीएम श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, तीव्र गति से विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में एकजुटता से बढ़ रहा है। वहीं अपने नकारात्मक रुख के चलते, कांग्रेस पार्टी और उनकी सहयोगी पार्टियों को अपना राजनैतिक भविष्य शून्य की तरफ खिसकता नजर आ रहा है। यही वजह है कि वे हताशा निराशा में लगातार देश में भ्रम और झूठ फैलाने की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की प्रस्तावित संविधान बचाओ यात्रा भी, देश समाज को बरगलाकर, अराजक माहौल पैदा कर, जनता के आत्मविश्वास को कमजोर करने की इसी साजिश का हिस्सा है। अभिव्यक्ति की आजादी, प्रत्येक पार्टी को अपनी बात रखने का अवसर देती है,

 

उन्होंने कांग्रेस के इस आंदोलन के औचित्य पर सवाल खड़े करते हुए कहा, सबसे हैरानी की बात यह भी है कि संविधान बचाने का दावा वह पार्टी जिसके हाथ लोकतंत्र और संविधान के खून से रंगे हुए हैं। देश के लोकतान्त्रिक इतिहास में सबसे काला अध्याय है यदि कोई है तो वह है आपातकाल, जिसके रचयिता कोई और नहीं कांग्रेस पार्टी है। देश ने देखा कि किस तरह हाईकोर्ट के निर्णय से खुद का सिंहासन हिलते देख तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के लोकतंत्र को बंधक बनाकर, आपातकाल थोप दिया था। संसद, न्यायपालिका, कार्यपालिका और पत्रकारिकता सभी का गला घोंटने का प्रयास किया।

 

वहीं कांग्रेस द्वारा संविधान कुचलने का दूसरा सबसे बड़ा उदाहरण अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग को बताया। कहा, इस अनुच्छेद 356 को कांग्रेस खिलौने की तरह इस्तेमाल करती रही है। उसके राजनीतिक फायदे के लिए बार -बार इसका इस्तेमाल किया। देश में अब तक 124 बार इस धारा का उपयोग हुआ जिसमें अकेले कांग्रेस पार्टी और उनके सहयोग से चली सरकारों ने 102 बार चुनी हुई सरकारों के दमन में इसका दुरुपयोग किया। वहीं संविधान से छेड़छाड़ कर उसे कमजोर करने का तो उसका लंबा और दागदार इतिहास रहा है।

आपातकाल में कांग्रेस ने संसद की अवधि भी पांच से बढ़ा कर छह साल कर दी थी और संविधान में बदलाव का ऐसा प्रस्ताव लाया गया था जिसमें इंदिरा गांधी को ताउम्र प्रधानमंत्री बनाने और न्यायपालिका को सरकार की नीतियों के साथ चलने का प्रस्ताव लाया गया था।

संविधान की मूल प्रस्तावना में छेड़छाड़ करते हुए उसमें समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष जैसे शब्दों को जोड़ा गया। संविधान के विपरीत जाकर जम्मू-कश्मीर में 370 लागू कर उसे देश से अलग दिखाने का पाप किया। एक देश में दो संविधान, दो विधान और दो निशान की इसी भावना ने कश्मीर को आतंक की भट्टी में झोंके रखा।

 

उन्होंने तुलनात्मक रूप में कहा, हमने बहुमत का उपयोग मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के श्राप और वक्फ बोर्ड की माफियागिरी से आजाद करने के लिए किया। लेकिन कांग्रेस ने राजीव गांधी को मिले दो तिहाई बहुमत का दुरुपयोग पीड़ित बुजुर्ग महिला शाहबानों के साथ अन्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदलने में किया। पीएम और पीएमओ को कंट्रोल करने के लिए सोनिया गांधी की अध्यक्षता में नेशनल एडवाइजरी काउंसिल बनाकर करोड़ों लोगों के जनमत का अपमान किया गया। देश दुनिया ने देखा कैसे लोकतंत्र में भी रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाई जाती है। महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय विदेशी नेताओं और राजनयिकों के साथ बैठकों और मुलाकात में असंवैधानिक रूप में सोनिया गांधी पीएम को सुपरसीड करती थी।

 

उन्होंने तंज कसा कि राहुल गांधी संविधान बचाने की बात करते हैं जबकि इन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी ही सरकार के अध्यादेश फाड़ कर संवैधानिक व्यवस्था का सरेआम अपमान किया था। अनेकों राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का सार्वजनिक अपमान इनके नेताओं द्वारा किया गया। ये लोग तो अपनी पार्टी के गांधी परिवार के लिए अलग कानून की बात कहने वाले लोग हैं।

 

कांग्रेस संविधान बचाने की बात करेंगे जबकि मोदी सरकार द्वारा बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान के सम्मान में संविधान दिवस मनाने की घोषणा का विरोध किया। इतना ही नहीं बाबा साहब की 125 वीं जयंती का भी विरोध किया। संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा और निष्पक्षता पर पर सबसे अधिक गैरजिम्मेदाराना सवाल करने वाले यही लोग हैं। ये चुनाव में हार का ठीकरा ईवीएम मशीन पर फोड़ते है। ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोप लगाते हैं और जब चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को साबित करने की चुनौती दी तो कोई भी वहां नहीं पहुंचता है।

 

राहुल गांधी देश विदेश में संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम और देश की छवि खराब करने की यात्रा पर आज भी जारी हैं। हाल में अमेरिकी ब्राउन यूनिवर्सिटी में चुनाव प्रक्रिया पर झूठे आरोप सबने देखें हैं।

 

भट्ट ने कहा कि दरअसल कांग्रेस का असल मकसद है, न्यायपालिका और चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली पर भ्रम और छूट फैलाकर लोगों के संवैधानिक संस्थाओं के प्रति विश्वास को कमजोर करना। इसी तरह CAG, ED, CBI कोई शीर्ष जांच एजेंसी ऐसी नहीं रही जिस पर कांग्रेस नेताओं द्वारा झूठे आरोप नहीं लगाए गए हो। सबसे आपत्तिजनक है कि कांग्रेस ने राजनैतिक विरोध के लिए सेना को भी नहीं बख्शा।

 

उन्होंने इस दौरान कांग्रेस सरकारों द्वारा संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ किए गए महत्वपूर्ण घटनाक्रम का उल्लेख भी किया। जिसके क्रम में बताया, 1949 में कांग्रेस सरकार ने धारा 370 लागू कर जम्मू कश्मीर को देश की मुख्य धारा से अलग करने का पाप किया, वर्ष 1954 में संविधान की मूल भावना के खिलाफ, मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए वक्फ कानून लेकर आए। जिसमें 2013 में संशोधन कर असीमित अधिकार देने का पाप किया, 1975 में हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ देश को आपातकाल की आग में झोंक दिया गया। जिसके तहत देश में लोगों के मौलिक अधिकार को खत्म कर प्रेस की आजादी पर प्रतिबंध लगाते हुए विपक्ष के नेताओं को जेल में डाला गया। आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकारों ने ऐसे ऐसे संशोधन किया जो आज लागू होते तो लोकतंत्र का कोई मायने नहीं रहता। जैसे सांसद के कार्यकाल को 5 वर्ष से बढ़कर 6 वर्ष करना इंदिरा गांधी को आजीवन प्रधानमंत्री बनाए रखना न्यायिक समीक्षा का अधिकार बंद करना वर्ष 1977 में तो 42 वें संशोधन से कांग्रेस सरकार ने संविधान की मूल संरचना को ही बदल दिया था, संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द को जोड़कर। राजीव गांधी सरकार के कार्यकाल की बात करें तो 1985 में एक मुस्लिम बुजुर्ग देवा महिला को उसका अधिकार ना मिले उसके लिए, कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रचंड बहुमत का दुरुपयोग किया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही संविधान संशोधन से पलट दिया। 1988 में प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए मानहानि विरोधी कानून पेश किया गया वह बात और है कि विरोध के चलते इसे वापस ले लिया गया। अब मनमोहन सरकार के कार्यकाल का जिक्र करें तो वक्त संशोधन 2013 से इन्होंने वक्फ बोर्ड को पूरी तरह भू माफिया बोर्ड में बदलने का कार्य किया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को नियंत्रित करने के लिए सलाहकार समिति बनाई गई और सुपर पीएम के रूप में सोनिया गांधी को उसे पर काबिज किया गया जो भारतीय लोकतंत्र को अपमानित करने का निर्णय था। संविधान और संवैधानिक पदों संस्थाओं के अपमान का तो कांग्रेस पार्टी का लंबा इतिहास रहा है जिसके तहत इन्होंने शीर्ष पद पर बैठे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को भी नहीं बख्शा। 1951 में तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन में जाने से रोका गया, एपीजे अब्दुल कलाम को 2006 में विदेश दौरे से वापस बुलाकर अध्यादेश पर हस्ताक्षर कराया, वर्तमान राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को तत्कालीन नेता विपक्ष अधीरंजन चौधरी ने अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया।

 

इस दौरान पत्रकार वार्ता में प्रदेश महामंत्री श्री आदित्य कोठारी, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री मुकेश कोली, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी राजेंद्र सिंह नेगी, संजीव वर्मा, प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती कमलेश रमन, सुनीता विद्यार्थी, राजकुमार पुरोहित मौजूद रहे।

 

चारधाम यात्रा से पहले धामी सरकार की बड़ी सौगात, प्रदेश के अस्पतालों को मिले 45 विशेषज्ञ डॉक्टर

 

*उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को मिली नई उड़ान, चारधाम यात्रियों और स्थानीय जनता को मिलेगा त्वरित और प्रभावी उपचार*

चारधाम यात्रा के शुभारंभ से पहले धामी सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश संख्या 293157/2025 के अनुसार, विशेषज्ञ चिकित्सकों को उनके संबंधित विशेषज्ञता के अनुसार ज़िला चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात किया गया है। इनमें सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग (OBS & Gynae), एनेस्थीसिया, बाल रोग (Pediatrics), नेत्र रोग (Ophthalmology), कान-नाक-गला (ENT), फॉरेंसिक मेडिसिन और जनरल मेडिसिन जैसे विभागों के डॉक्टर शामिल हैं।

 

 

*स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगी मजबूती*

 

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ मंत्री डॉ धन सिंह रावत के मार्गदर्शन व निर्देशन में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए विभाग लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री जी व स्वास्थ्य मंत्री जी के स्पष्ट निर्देश हैं कि सीमांत गाँव के अंतिम छोर पर खड़े ब्यक्ति को भी स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ मिले।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया सभी डॉक्टर विभाग की तरफ से पीजी करने गए थे। पीजी कोर्स पूर्ण होने के बाद विशेषघ चिकित्सक के रूप में इन सभी की तैनाती विभिन्न जनपदों में कर दी गई है। चारधाम यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के उत्तराखंड आने की संभावना है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त रखना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से जिलों में आपातकालीन सेवाओं से लेकर सामान्य इलाज तक में उल्लेखनीय सुधार होगा। इससे न केवल यात्रियों को बल्कि स्थानीय जनता को भी त्वरित और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।

 

 

*विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती से राज्य के अस्पतालों को मिली बड़ी राहत*

 

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। पर्वतीय जिलों के अस्पतालों में पूर्व में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इन चिकित्सकों की तैनाती से राज्य के अस्पतालों को बड़ी राहत मिली है। कई जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव के कारण मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। अब सर्जरी, एनेस्थीसिया, स्त्री रोग, बाल रोग और नेत्र रोग जैसे प्रमुख विभागों में विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध होंगी। इससे न केवल आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि सामान्य बीमारियों के इलाज में भी तेजी आएगी। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन साबित होगा।

 

 

*किन जिलों को मिले विशेषज्ञ डॉक्टर*

 

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि इन 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती विशेष रूप से उन जिलों में की गई है, जहां चारधाम यात्रा का सीधा प्रभाव पड़ता है या जहां स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने की तत्काल आवश्यकता थी। इनमें प्रमुख रूप से पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर और हरिद्वार जैसे जिले शामिल हैं।

 

*विशेषज्ञताओं के अनुसार तैनाती का विवरण*

 

1 :- एनेस्थीसिया (Anaesthesiology) – 12 डॉक्टर

 

2 :- सर्जरी (General Surgery) – 5 डॉक्टर

 

3 :- बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrics) – 4 डॉक्टर

 

4 :- स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ (OBS & Gynae) – 4 डॉक्टर

 

5 :- कान-नाक-गला (ENT) – 5 डॉक्टर

 

6 :- नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmology) – 2 डॉक्टर

 

7 :- फॉरेंसिक मेडिसिन (MD Forensic Medicine) – 1 डॉक्टर

 

8 :- जनरल मेडिसिन व अन्य – 10 डॉक्टर

 

*यात्रियों के लिए विशेष तैयारी*

 

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि चूंकि चारधाम यात्रा के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं, इसलिए सरकार ने हाई-एल्टीट्यूड मेडिसिन, कार्डियक इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर के लिए भी अतिरिक्त इंतजाम किए हैं। स्थानांतरण आदेश के तहत कई डॉक्टर ऐसे संवेदनशील जिलों में तैनात किए गए हैं जहां तत्काल विशेषज्ञ सहायता की आवश्यकता होती है।

 

*तेजी से कार्यभार ग्रहण के निर्देश*

 

स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं कि वे शीघ्र अपने नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करें। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई चिकित्सक निर्धारित समय पर कार्यभार नहीं ग्रहण करता है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

अवैध मजार का ध्वस्तीकरण स्वागत योग्य, डेमोग्राफी के खिलाफ हर साजिश होगी बेनकाब: चौहान

 

 

लैंड जिहाद और अवैध मजार, मस्जिद के खिलाफ धामी सरकार प्रतिबद्ध

 

देहरादून 26 अप्रैल। भाजपा ने दून अस्पताल की अवैध मजार के ध्वस्तीकरण का स्वागत करते हुए कहा कि देवभूमि के स्वरूप और डेमोग्राफी परिवर्तन की किसी भी साजिश को भाजपा सफल नहीं होने देगी।

 

प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि धामी सरकार राज्य की संस्कृति और परंपरा से छेड़छाड़ कर माहौल को खराब करने वाली ताकतों को किसी भी कीमत पर पनपने नहीं देगी। इससे पहले भी लगभग 600 से अधिक अवैध धार्मिक अतिक्रमणों और मदरसों पर कार्यवाही की गई है, जो इसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 

चौहान ने कहा कि देहरादून के दून हॉस्पिटल में मौजूद मजार भी अवैध तरीके से संचालित की जा रही थी। जिसमें पहले भी अवैध गतिविधियों के संचालन और आसपास मौजूद महिला शिक्षण संस्थानों से संबंधित आपराधिक घटनाओं को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं। वहीं राजधानी के सबसे महत्वपूर्ण और व्यस्त अस्पताल परिसर में होने से वहां की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी व्यापक रूप से प्रभावित होती थी। लिहाजा जनभावनाओं का सम्मान करते हुए इस पर ध्वस्तीकरण की जो कार्यवाही हुई है उसका पार्टी पुरजोर समर्थन करती है। वहीं आगे जो भी प्रदेश की शांति, सुरक्षा और माहौल के लिए इस तरह के संस्थान खतरा साबित होगा, उसपर सख्त कार्रवाई जारी रहनी चाहिए।

 

चौहान ने कांग्रेस द्वारा प्रदेश मे अवैध मजार, मदरसों तथा अतिक्रमण पर विरोध को निराशाजनक बताते हुए कहा कि उन्हें तुष्टिकरण के खातिर अवैध अतिक्रमण को प्रोत्साहन और पैरवी के बजाय सकारात्मक रुख रखना चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि धामी सरकार ने प्रदेश मे विकास के नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य तथा रोजगार की दिशा मे राज्य ने बेहतर प्रगति की है। राज्य पर्यटन प्रदेश की राह पर अग्रसर है। लेकिन सीएम धामी जन भावनाओं को देखते हुए प्रदेश मे सशक्त भू कानून से लेकर लैंड जिहाद कैसे कानून लाये, जिससे राज्य की डेमोग्राफी को सरंक्षित रखा जाए। उन्होंने कहा कि जन हित मे ऐसे अभियान जारी रहेंगे।

 

 

कुंभ 2027 और चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटी धामी सरकार, सचिव डॉ. राजेश कुमार ने किया हरिद्वार/ऋषिकेश में कई जगहों का स्थलीय निरीक्षण

*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर तैयारियों में तेजी, कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ज़ोर*

*श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता, पुराने पुलों का होगा पुनर्निर्माण- डाॅ आर राजेश कुमार*

*घाटों, सड़कों और पुलों के कार्यों का गहन निरीक्षण, कार्यों में तेजी और गुणवत्ता पर जोर-डाॅ आर राजेश कुमार

चारधाम यात्रा 2025 और हरिद्वार में वर्ष 2027 में होने जा रहे कुंभ मेला की तैयारियों को लेकर सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं सिंचाई डॉ. आर. राजेश कुमार ने हरिद्वार पहुंचकर संबंधित अधिकारियों के साथ व्यापक स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्रस्तावित घाटों, सड़कों, पुलों, निर्माण कार्यों और बुनियादी ढांचे की तैयारियों का जायज़ा लिया गया।

 

डॉ. कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और सभी कार्य निर्धारित समयसीमा और उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी/मेलाधिकारी, उप-जिलाधिकारी, मुख्य अभियंता सिंचाई और सिंचाई अभियंता भी मौजूद रहे। मौके पर मौजूद अभियंताओं ने जानकारी दी कि कुछ योजनाओं के क्रियान्वयन में एक वर्ष से अधिक का समय लग सकता है तथा कई कार्य केवल नहरबंदी के दौरान ही संभव हैं। इस पर सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए उचित प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर मेला कार्यालय को सौंपे जाएं और प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति की प्रक्रिया इस वर्ष के भीतर पूरी कर ली जाए, ताकि निर्माण कार्य समय पर शुरू हो सके।

 

इसके साथ ही डॉ. आर. राजेश कुमार ने डामकोठी में एक उच्चस्तरीय बैठक भी ली, जिसमें अर्धकुंभ को कुंभ मेले की तर्ज पर दिव्य और भव्य तरीके से कराने की रूपरेखा पर चर्चा की गई। उन्होंने निर्देश दिए कि गंगा स्नान और दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए 104 घाटों (कुल लंबाई 12.3 किमी) की मरम्मत और सौंदर्यीकरण चरणबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाए। घाटों की प्राथमिकता तय कर कार्य को समयबद्ध और सुरक्षित तरीके से अंजाम देने पर ज़ोर दिया गया।

 

डॉ. कुमार ने मायापुर बैराज से जटवाड़ा पुल तक लगभग 3.5 किमी और वैरागी कैंप क्षेत्र में लगभग 2 किमी नए घाटों के निर्माण के लिए ठोस और वैज्ञानिक प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने स्लोब की स्थिरता, संरचनात्मक सामर्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए नए घाटों के निर्माण की आवश्यकता पर भी बल दिया। निरीक्षण के दौरान खड़खड़ी क्षेत्र में सूखी नदी पर एक नए पुल और धनौरी-सिडकुल रोड पर 170 साल पुराने जर्जर पुल के स्थान पर नया पुल बनाने के लिए भी तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए। साथ ही सिंचाई विभाग के अंतर्गत आने वाली 26 किमी सड़कों के निर्माण और मरम्मत कार्य को भी शीघ्र पूरा करने का आदेश दिया गया।

 

*निरीक्षण के दौरान जिन कार्यों का गहन अवलोकन किया गया, उनमें शामिल हैं:*

1. खड़खड़ी में प्रस्तावित बॉक्स कलवर्ट

2. चमगादड़ टापू व पन्तद्वीप क्षेत्र में टाइलिंग कार्य

3. भीमगोडा पुल के निकट घाटों की मरम्मत

4. ऋषिकुल पुल के पास नए घाटों के लिए स्थल निरीक्षण

5. कांवड़ पटरी मार्ग का निरीक्षण

6. धनौरी-सिडकुल रोड का निरीक्षण

7. पथरी रौ नदी के पास गंगनहर पर 90 मीटर लंबे प्रस्तावित पुल का निरीक्षण

8. स्कैप चैनल पर श्री यंत्र पुल के पास नए घाटों के प्रस्ताव का मूल्यांकन

 

इस मौके पर जिलाधिकारी हरिद्वार श्री कर्मेन्द्र सिंह, महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ सुनीता टम्टा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.के. सिंह, उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह, अधीक्षण अभियंता सिंचाई बी.के. मौर्य, अधिशासी अभियंता ओम जी गुप्ता, डी.सी. उनियाल, अनिल राठौर, मनोज कुमार और अभिहीत अधिकारी महिमानन्द जोशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

 

*ऋषिकेश क्षेत्र में त्रिवेणी घाट से वीरभद्र घाट तक आस्था पथ का सौंदर्यीकरण शुरू*

 

विकासखण्ड डोईवाला के ऋषिकेश क्षेत्र में आस्था पथ के सौंदर्यीकरण और विकास कार्य तेज गति से चल रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया है।

 

त्रिवेणी घाट और आस्था पथ के घाटों का जीर्णोद्धार

प्रसिद्ध त्रिवेणी घाट का जीर्णोद्धार कार्य जारी है। साथ ही त्रिवेणी घाट से पशुलोक बैराज तक आस्था पथ पर स्थित अन्य घाटों का भी मरम्मत और सौंदर्यीकरण कार्य किया जा रहा है।

 

कोबल स्टोन और म्यूरल आर्ट से आस्था पथ का श्रृंगार

आस्था पथ पर कोबल 3 स्टोन बिछाए जा रहे हैं तथा म्यूरल आर्ट के माध्यम से धार्मिक और सांस्कृतिक चित्रांकन किया जा रहा है, जिससे मार्ग और घाटों को आकर्षक रूप दिया जा रहा है।

 

नए फुटब्रिज और घाटों का निर्माण कार्य

चन्द्रभागा नदी पर 85 मीटर स्पान का नया फुटब्रिज तथा गौरी शंकर मंदिर के पास 50 मीटर स्पान का एक अन्य फुटब्रिज बनाया जा रहा है। साथ ही पशुलोक बैराज के डाउनस्ट्रीम क्षेत्र में नए आस्था पथ और वीरभद्र घाट का भी निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।

 

 

*चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियों का भी किया गया अवलोकन*

चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियों का निरीक्षण करने बाद मीडिया से बात करते हुए डॉ. आर. राजेश कुमार ने चारधाम यात्रा 2025 की स्वास्थ्य तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि इस बार 25 मेडिकल रिलीफ पोस्ट स्थापित किए जा रहे हैं। 50 स्क्रीनिंग पॉइंट पर स्वास्थ्य कर्मी तैनात रहेंगे और 50 वर्ष से अधिक उम्र के यात्रियों की अनिवार्य स्क्रीनिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष लगभग 9.50 लाख यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई थी और इस बार इससे भी अधिक संख्या में स्क्रीनिंग किए जाने की उम्मीद है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 60 विशेषज्ञ डॉक्टर, 40 एमबीबीएस डॉक्टर तथा भारत सरकार से विभिन्न एम्स संस्थानों से 16 विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं और आने वाले समय में 20-30 और विशेषज्ञ मिलने की संभावना है। बद्रीनाथ रूट पर 5 अतिरिक्त मेडिकल रिलीफ पोस्ट तथा यमुनोत्री रूट पर 2 अतिरिक्त मेडिकल रिलीफ पोस्ट स्थापित किए जा रहे हैं ताकि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा सकें।

यात्रियों की छोटी से छोटी सुविधाओं का रखा जाए ख्याल-रुहेला

 

राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री विनय कुमार रुहेला ने ली बैठक, कहा-चारधाम के साथ मानसून के लिए भी रहें तैयार

देहरादून। राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री विनय कुमार रुहेला ने शनिवार को उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सभी जनपदों के साथ ऑनलाइन बैठक कर आगामी चारधाम यात्रा तथा मानसून की तैयारियों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में चारधाम यात्रा प्रारंभ होने वाली है और दो महीने बाद मानसून सीजन प्रारंभ हो जाएगा। आने वाले पांच माह काफी चुनौतीपूर्ण रहेंगे, इसलिए यह आवश्यक है कि हर स्तर पर पुख्ता तैयारियां हों ताकि चारधाम यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने वाले यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और मानसून अवधि में राज्य के निवासी किसी परेशानी का सामना न करें।

श्री विनय कुमार रुहेला ने कहा कि राज्य में एक तरफ चारधाम यात्रा प्रारंभ हो रही है, वहीं पर्यटन सीजन भी प्रारंभ हो गया है। ऐसे में विभिन्न प्रकार की आपदाओं के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाना जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जनपद यात्रियों की छोटी से छोटी सुविधाओं का ध्यान रखें ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो और वे एक अच्छा संदेश लेकर अपने घर को लौटें। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भूस्खलन संभावित क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए और वहां पर साइनेज लगाकर यात्रियों को अलर्ट किया जाए। साथ ही उन स्थानों पर चौबीस घंटे जेसीबी तथा अन्य आवश्यक उपकरणों की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों को गड्ढामुक्त रखने की कार्यवाही अभी से प्रारंभ कर दी जाए ताकि बरसात के दौरान इनमें जलभराव के चलते हादसे न हों।

इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि सभी जनपद एनडीएमआईएस पोर्टल में जल्द से जल्द सभी सूचनाओं को अपलोड करना सुनिश्चित करें ताकि केंद्र सरकार से पैसा मिलने में किसी प्रकार की अड़चन न आए। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशन एवं मार्गदर्शन पर आपदा प्रबंधन विभाग हर स्तर पर एलर्ट मोड में है और लगातार विभिन्न विभागों के साथ बैठकें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान सड़क हादसों को रोकने के लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रशासन द्वारा निर्धारित समय पर ही वाहनों का आवागमन हो। बरसात की चुनौतियों तथा जलभराव से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए अप्रैल और मई के महीने सबसे उपयुक्त हैं, इसलिए सभी आवश्यक तैयारियां प्रारंभ कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि सभी नालियों की सफाई प्रारंभ कर दी जाए ताकि बरसात के दौरान जल भराव की स्थिति पैदा ना हो। विभिन्न विभागों के पास जल भराव से निपटने के जो भी संसाधन हैं, उनकी पहचान कर उन्हें सूचीबद्ध कर लिया जाए ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उन्हें प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि विभिन्न थानों, तहसील तथा अन्य विभागों के पास जो भी राहत और बचाव कार्यों से संबंधित उपकरण हैं, उनकी जांच कर सत्यापन कर लिया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी उपकरण ठीक से कम कर रहे हैं तथा उनके संचालन में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। साथ ही यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि उन्हें संचालित करने वाले लोग पूर्ण रूप से प्रशिक्षित है।

इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक श्री अभिषेक कुमार आनंद, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री राकेश मोहन खंकरियाल, विशेषज्ञ श्री रोहित कुमार, डॉ. वेदिका पन्त, डॉ. पूजा राणा, श्री हेमंत बिष्ट, सुश्री तंद्रिला सरकार आदि मौजूद थे।

 

 

सैन्य बाहुल्य प्रदेश, सभी सैनिक हमारे एसेट

देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि उत्तराखण्ड एक सैन्य बाहुल्य प्रदेश है और सभी सैनिक हमारे राज्य का बहुत बड़ा एसेट हैं। उन्होंने कहा कि आपदा का प्रभावी तरीके से सामन करने में भूतपूर्व सैनिकों की बड़ी भूमिका हो सकती है। उनके अनुभवों का लाभ उठाने के लिए यह जरूरी है कि सभी जनपद पूर्व सैनिकों का डेटाबेस बनाएं और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उनके विशेषज्ञता का इस्तेमाल करें।

 

भ्रामक सूचनाएं प्रसारित करने वालों के खिलाफ दर्ज करवाएं एफआईआर

देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि मानसून के दौरान अक्सर कुछ शरारती तत्व भ्रामक सूचनाओं तथा आपदा के फर्जी वीडियो प्रसारित करते हैं और आम नागरिकों के मन में इससे भय व्याप्त होता है। उन्होंने सभी जनपदों से कहा कि भ्रामक तथा फर्जी सूचनाएं प्रसारित करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए।

 

यात्रियों के भोजन की समुचित व्यवस्था की जाए

देहरादून। इस दौरान सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि चार धाम यात्रा के दौरान यदि मार्ग अवरुद्ध होने के कारण यात्रियों को रोकना पड़ता है तो उनके खाने-पीने की समुचित व्यवस्था स्थानीय प्रशासन द्वारा की जाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यात्रियों को रोकने की स्थिति में कोई भी यात्री भूखा ना रहे। छोटे बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था भी की जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी कारण रूट डायवर्ट करना पड़ता है तो इसके लिए स्पष्ट संकेतक लगाए जाएं और परिवर्तित मार्ग में दोराहे, तिराहे अथवा चौराहों पर भी संकेतक लगाए जाएं ताकि यात्री आंतरिक मार्गों में भटकें नहीं।

 

माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश, आपदा कार्यों के लिए धन की कमी नहीं, तुरंत जारी करें

देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि आपदा प्रभावितों के लिए राहत शिविरों के लिए स्थान अभी से चिह्नित करते हुए वहां की व्यवस्थाओं का खाका अभी से खींच लिया जाए। राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, चिकित्सा आदि अन्य व्यवस्थाएं कहां से होंगी, इसकी तैयारी अभी से कर ली जाए। साथ ही वहां पशुओं के चारे और उपचार की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों को आपदा राहत कार्यों के लिए काफी सशक्त कर दिया है। एसडीआरएफ और एसडीएमएफ मद में धनराशि की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि आपदा संबंधी कार्यों के लिए जनपदों को जितनी भी धनराशि की आवश्यकता होगी वह उन्हें तत्काल मुखिया कराई जाए।

 

जहां हो जरूरत, वहीं रखे जाएं सेटेलाइट फोन

देहरादून। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप ने कहा कि जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में यदि कर्मचारियों की कमी है तो अभी से व्यवस्था कर ली जाए ताकि चार धाम यात्रा और मानसून अवधि में समन्वय स्थापित करने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि जितने भी सेटेलाइट फोन जनपदों में हैं, उनकी जांच कर ली जाए और उन्हें उन्हीं स्थानों पर उपलब्ध कराया जाए जहां उनकी जरूरत है।

 

सभी एलर्ट पर आवश्यक कार्यवाही की जाए सुनिश्चित

देहरादून। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी ने कहा कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से जो भी चेतावनियां जनपदों को भेजी जाती हैं, उन पर प्रभावी कदम उठाए जाएं ताकि किसी भी आपदा का प्रभावी तरीके से सामना किया जा सके। उन्होंने कहा कि विभिन्न सड़कों का वर्गीकरण किया जाना भी आवश्यक है ताकि यह भ्रम ना रहे कि कौन सी सड़क किस विभाग के अंतर्गत है।

विकास कार्यों में जनमन की सुरक्षा से खिलवाड़ नही, होगा सख्त प्रवर्तन एक्शनः डीएम

 

 

देहरादून दिनांक 25 अपै्रल 2025, (सू.वि) मा0 मुख्यमंत्री की जनमन सर्वप्रथम की नीति पर जिला प्रशासन अग्रसर है जिलाधिकारी सविन बसंल स्वयं जनमन के प्रति अति सवेंदनशील रूख अपनाये हुए है। इसी क्रम में कैनाल रोड पर निर्माण कार्यों में लापरवाही एवं मानकों के उल्लंघन पर जल संस्थान के अधिकारियों एवं ठेकेदारों तथा माता मन्दिर रोड पर गेल, यूपीसीएल केे अधिकारियों कर्मचारियों एवं ठेकेदारों पर मुकदमें दर्ज किये गए हैं। साथ ही समिति द्वारा दी गयी अनुमति शर्तों का उल्लंघन करने 3 माह के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। अब तीन माह तक इन कार्यदायी संस्थाओं एवं ठेकेदारों को कार्यों की अनुमति नही दी जाएगी।

प्रशासन के वर्कस्टाईल हल्के में लेना 3 एजेंसीस को मंहगा पड़ा है 3 माह के लिए कार्य अनुमति सस्पेंड के साथ ही संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। 3 ऐजेंसीस तीनः माह के लिए अनुमति सुरक्षित सड़क खुदान की थीः जनसुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे थे निर्माण कार्य, जिला प्रशासन ने लिया सख्त एक्शन। अनुमति विरूद्ध रोड़ कटिंग पर जिला प्रशासन द्वारा लिया गया सख्त एक्शन लिया गया, कार्य अनुमति सस्पेंड करने के साथ ही प्राथमिकी दर्ज की गई। जनसुरक्षा दाव पर रख सड़क खुदी छोड़ने व कई सुरक्षा मानकों की अहवेलना पर यूपीसीएल, जलसंस्थान, गेल के अधिकारियों ठेकेदारों पर यह कार्यवाही की गई है। डीएम ने कहा कि जनमन की सुरक्षा शर्तों पर प्रदत्त अनुमति, एवं निर्देर्शोें के उल्लंघन बर्दाश्त नही किया जाएगा। कैनाल रोड पर जल संस्थान, माता मन्दिर रोड पर गेल, यूपीसीएल द्वारा किया जा रहा था निर्माण कार्य सम्बन्धित अधिकारियों कर्मचारियों, ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमें दर्ज किये गए। खुदाई उपरान्त सड़क पर मलबा छोड़ने, समतलीकरण न करने, पर हुई कारर्रवाही। रात्रि में निर्माण हेतु दी गई शर्तों का उल्लंघन के साथ ही सड़क मलबा उपकरण छोड़ने, निर्माण कार्य उपरान्त सड़क को समतलीकरण न करने तथा जनमानस की सुरक्षा शर्तों का उल्लंघन करने पर कार्यवाही हुई। जिलाधिकारी के स्पष्ट निर्देश हैं कि जनमानस की सुरक्षा से खिलवाड़ एवं लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। डीएम ने कहा कि विकास कार्यों के दौरान निर्धारित शर्तों के साथ सुरक्षा इंतजाम करने आवश्यक है साथ निर्माण उपरान्त निर्माण सामग्री, मलबा हटाने तथा सड़क को मानक के अनुरूप समतल करना आवश्यक है।

 

मा0 मुख्यमंत्री के निर्देशन पर बाल बारीकी से परखी डीएम ने यात्रा प्रवेश द्वार सुरक्षा, रजिस्टेªेशन व सहायक संबद्ध व्यवस्थाएं

 

 

मा0 मुख्यमंत्री के विजन चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालु को सुगम सुविधा उपलब्ध हो, को लेकर जिलाधिकारी ने ऋषिकेश में परखी तैयारी

 

डीएम की पहल से प्रथमबार रजिस्टेªशन सेल्स हुए डबलः रजिस्टेªशन 24×7 मुकम्मल

 

परिवार का मुखिया कर सकेंगे अपने सदस्यों का पंजीकरण, परिजनों को कतार से मिलेगा निजातःडीएम

 

दो माह पूर्व ही ही डीएम ने कर दिया था सबके मस्तिष्क में उपरोक्त आईडिया फिटः आयुक्त गढवाल ने लगाई मोहर

 

होल्डिंग टाइम को न्यून करना है हमारा लक्ष्यः कन्ट्रोलरूम, फूड कांउटर्स, एलईडी स्क्रीन,टॉयलेट, पार्किंग सब हो ए क्लास

 

ऋषिकेश ट्राज़िट कैंप परिसर में समुचित तैयारी को शीघ्र करें पूर्ण, 24×7 संचालन की ड्यूटी आदेश करें जारी विभाग।

 

मैन, मटिरियल, मशीनरी, है सब आपके निवर्तन पर, जनमन को किसी भी सेवा बाधित रखना गवारा नही

 

खांड गांव में आरटीओ व टेªफिक पुलिस के Interception point का भी किया निरीक्षण

 

यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा निगरानी, बहुआयामी इंतजाम; हाई-टेक रजिस्ट्रेशन सेंटर, 24×7 सेवाएं और नवाचारों पर विशेष ज़ोर

 

डीएम ने विभागीय अधिकारियों से एक-एक कर लिया अपने-अपने विभागीय तैयारी की फीडबैक

 

चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं में आपके सेवा को मिले स्मरण रखने का बल, इस तरह रखे तैयारीःडीएम

 

चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियों को लेकर ट्रांजिट कैंप ऋषिकेश में डीएम की अध्यक्षता में आयोजित महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक

 

सभी चौकिंग प्वंाईट पर लगेगी एलईडी स्क्रीन, जिस पर धामों की अद्यतन सूचनां का प्रसारण करेंगे

 

चारधाम में आने वाले यात्रियों को ना हो किसी भी तरह की असुविधा इस बात को गांठ बांध लेंः डीएम

 

चारधाम यात्रियों की सुगम सुविधा हेतु यात्रा ट्रांजिट कैंप परिसर में 24 तथा पेइज बस अड्डा में 6 काउंटर खोले गए, आवश्यकता पड़ने पर और बढ़ाई जाएगीःडीएम

 

डीएम ने ऋषिकेश में तीर्थ यात्रियों के लिए रजिस्ट्रेशन, चिकित्सा, पयेजल, शौचालय, सुरक्षा आदि मूलभूत सुविधाओं को लेकर दिए कई अहम दिशा निर्देश

 

डीएम ने चिकित्सा कैंप हेतु बाह्य सोर्स से 10 फार्मासिस्ट की तैनाती करने के सीएमओ को दिए निर्देश। चिकित्सा कैंप 24 घंटे रहेगा संचालन

 

रजिस्ट्रेशन काउंटरो में नेटवर्क की ना हो समस्या, एक अतिरिक्त हाई स्पीड की नेटवर्क स्थापित करने के दिए निर्देश।

 

डीएम, एसएसपी व सीडीओ ने बैठक के बाद परखा चारधाम यात्रा की तैयारी के कार्यों को।

 

सचल रजिस्ट्रेशन टीम यात्रियों के विश्राम स्थल पर ही करेंगे रजिस्ट्रेशन! यात्रियों को देंगे सुगम सुविधाःडीएम

 

यात्री वाहनों की पार्किंग के लिए बेहतर व्यवस्था बनाने के दिए निर्देश

 

निर्धारित चेक पोस्टों पर यात्रियों के लिए उपलब्ध समुचित व्यवस्थाओं के साथ करेंगे सत्यापन।

 

यात्री विश्राम ग्रहों में मच्छरदानी, मोस्किटो रेंपलेंट, रोटेशनल मोड से फागिंग कराने के नगर आयुक्त को निर्देश

 

यात्रियों को मिलेगी निःशुल्क चाय नाश्ता, जिला प्रशासन का रहेगा प्रबन्ध, डीएम ने दिए निर्देश

 

जिलाधिकारी ने किया खांड गांव चौक पोस्ट तैयारी का स्थलीय निरीक्षण, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

 

देहरादून दिनांक 24 अप्रैल 2025 (सू.वि.) चारधाम यात्रा 2025 को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और श्रद्धालुओं के लिए अधिकतम सुविधायुक्त बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता एवं वरिरष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की उपस्थिति में ऋषिकेश ट्राजिंट कैम्प में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में नगर निगम ऋषिकेश, परिवहन, स्वास्थ्य, पर्यटन, जल संस्थान, पुलिस, एथिक्स मॉनिटरिंग एजेंसी सहित अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

गत बैठक में जिलाधिकारी ने यह सुझाव दिया कि परिवार के मुखिया अपने परिवार के सदस्यों का दस्तावेज लेकर रजिस्टेªशन कांउटर पर स्वयं पंजीकरण करने की सुविधा हो, इससे सुगम व्यवस्था बनेगी तथा परिजनों को कतार पर खड़े रहने तथा भीड़ से जुझने से निजात मिलेगा। डीएम के यात्रियों को सुगम सुविधा के इस आईडिया पर आयुक्त गढवाल ने सहमति देते हुए यात्रा प्रबन्धन प्लान में शामिल किया। डीएम की पहल से प्रथमबार रजिस्टेªशन सेल्स हुए डबलः रजिस्टेªशन 24×7 मुकम्मल।

बैठक में ट्रांजिट कैंप स्थित हाई-टेक रजिस्ट्रेशन सेंटर 25 अप्रैल से 24×7 सेवा प्रारंभ करेगा, जहाँ कुल 30 रजिस्ट्रेशन काउंटर संचालित होंगे। एथिक्स कंपनी द्वारा मॉनिटर किए जा रहे इस केंद्र पर यात्रियों को सहायता प्रदान करने के लिए 80 प्रशिक्षित ‘‘यात्रा मित्र’’ तैनात किए गए हैं। ट्रांजिस्ट केम्प में सुगम सुविााओं क लिए प्रतीक्षालय, सुलभ शौचालय, दिव्यांगजनों के लिए लिफ्ट, सात्विक भोजन युक्त फूड कोर्ट, वाटर कूलर, सीसीटीवी कैमरे, फायर स्टेशन और 24 घंटे मेडिकल सहायता जैसे समुचित प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं। हाईस्पीड इन्टरनेट की अल्टरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए ताकि रजिस्टेªशन में दिक्कत न आए।

जिलाधिकारी ने पाँच प्रमुख चेकिंग पॉइंट आईएसबीटी, ट्रांजिट कैंप, आईडीपीएल , सत्यनारायण मंदिर और खांड गांव पर अतिरिक्त प्रवर्तन बल तैनात करने और यातायात प्रबंधन को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। यात्रियों की आरामदायक प्रतीक्षा के लिए होल्डिंग क्षेत्रों में जर्मन हैंगर स्थापित किए जाएंगे। आइडीपीए क्षेत्र में 1500 से अधिक वाहनों की पार्किंग और ट्रांजिट पार्किंग में 200 छोटे व 150 बड़े वाहनों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

रजिस्ट्रेशन प्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए जिलाधिकारी ने एनआईसी को रजिस्ट्रेशन मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही 25 कर्मियों की मोबाइल टीम को फेस रिकॉग्निशन तकनीक से लैस करते हुए यात्रियों के ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन के लिए नियुक्त किया गया है, जो आईएसबीटी और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कार्यरत रहेगी। जिलाधिकारी ने 10 मिनी बसें शासन द्वारा खरीदकर यात्रा में सेवा हेतु लगाए जाने के निर्देश भी दिए हैं, ताकि आपात या अतिरिक्त भीड़ की स्थिति में यात्रियों को कोई परेशानी न हो।

रजिस्ट्रेशन व्यवस्था में हाई-स्पीड इंटरनेट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। आधार कार्ड आधारित पंजीकरण के साथ-साथ फेस रिकॉग्निशन तकनीक भी इस बार की प्रक्रिया में शामिल की गई है। सभी चेकिंग पॉइंट्स पर एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी, जिनमें यात्रियों की लाइव संख्या, चारधाम आरती और धार्मिक भजनों का प्रसारण होगा, जिससे श्रद्धालु यात्रा का आध्यात्मिक अनुभव और भी गहराई से ले सकें।

 

बैठक के अंत में जिलाधिकारी सविन बंसल ने ट्रांजिट कैंप का स्थलीय निरीक्षण कर सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोई भी व्यवस्था अधूरी न रह जाए। “अगर एक व्यवस्था भी कमजोर रह गई तो पूरी तैयारी प्रभावित होगी,” यह कहते हुए उन्होंने सभी विभागों को सौ प्रतिशत कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संसाधनों की कमी को बहाना नहीं बनने दिया जाएगा, और यात्रा व्यवस्थाओं में किसी प्रकार की कटौती स्वीकार नहीं की जाएगी।

 

हरदा सिद्ध पुरुष नही, गुण दोष के आधार पर न्याय करते हैं गोलज्यू महाराज: चौहान

देव भूमि की डेमोग्राफी बदलने की मंशा के बाद अब सनातनी चोले मे ढोंग

 

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व सीएम हरदा अब तीर्थों और देवी देवताओं की शरण मे हैं, लेकिन वह भक्त की अपेक्षा विशुद्ध राजनेता के तौर पर दोषारोपण कर रहे हैं जो कि सनातनी चोले मे ढोंग भर है। बेहतर होता कि वह तुष्टिकरण की खातिर जितना संनातनियों का उपहास करते दिखे उस सच को स्वीकार कर पश्चाताप करते।

 

हरदा के गोलज्यू मन्दिर मे अर्जी लगाने संबंधी बयान पर पलटवार करते हुए चौहान ने कहा कि हरदा कोई सिद्ध पुरुष नही है जो कहे और वह लकीर बने। राजनीति मे बेशक, उनके चौंकने वाले फैसले सनातनियों के लिए आहत करने वाले भी रहे, लेकिन गोलज्यू महाराज न्याय के देवता माने जाते है। गोलज्यू देवता गुण दोष के आधार पर ही न्याय करते हैं और अब तक करते भी आये हैं। हरदा जन अदालत के फैसले के बाद बिचलित हैं और देव अदालत मे भी खुद को निर्दोष ठहराने के लिए खुद ही वकालत कर रहे हैं।

 

चौहान ने कहा कि गंगा सम्मान यात्रा निकालने वाले हरदा ने अपने सीएम कार्यकाल मे कितना सम्मान गंगा मां का किया उससे पूरा सनातन समाज वाक़िफ़ है। गंगा को नाले का स्वरूप बताकर न केवल माँ गंगा ही नहीं बल्कि पूर्व सीएम हरीश रावत ने पुरखों का भी अपमान किया। हरदा के सहयोगी राज्य मे मुस्लिम यूनिवर्सिटी का दावा सार्वजनिक मंच और हरदा के अश्वासंन की बात करते रहे और हरदा इसके लिए भाजपा पर दोष मढ़ रहे हैं। वही जुम्मे की नमाज उनके ही कार्यकाल का विषय है, लेकिन वह इसके लिए भी भाजपा को दोषी ठहरा रहे हैं।

 

चौहान ने कहा कि यह भी अजीब संयोग है कि जिस विस क्षेत्र मे मुस्लिम यूनिवर्सिटी की बात सामने आयी है, उसी क्षेत्र मे बड़ी संख्या मे अल्प संख्यक आबादी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य मे लैंड जिहाद हो या लव जिहाद अथवा यूसीसी मे हरदा सुरक्षा कवच बनकर खड़े हो गए। राज्य मे बदल रहे डेमोग्राफी को भांप कर भाजपा और सीएम पुष्कर सिंह धामी सतर्क रहे तो इसके लिए कानून बनाया गया। एक बड़ा अभियान अतिक्रमण के खिलाफ चल रहा है और इसे मिल रहे जन समर्थन के विपरीत काग्रेस इसके खिलाफ है।

 

चौहान ने कहा कि भाजपा पर अपनी गलतियों के लिए दोष मढ़ने के बजाय कांग्रेस को यह मंथन की जरूरत है कि अल्पसंख्यकों की तुष्टिकरण के लिए बहुसंख्यकों का तिरस्कार अनुचित और अपराध भी है। हरदा देव दरवार मे अपनी कारगुजरियों के लिए पश्चाताप के भाव से क्षमा याचना करें तो शायद उन्हें कुछ शांति का अनुभव हो सकता है। वह अभी तक देव भूमि मे सनातन के अपमान का ही दंड भुगत रहे हैं और स्थिति यह है कि वह अंजुली भर कर गंगा जल के साथ सौगंध भी लें तो जनता विश्वास नही करने वाली है।